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प्रकाशितवाक्य 22:2 - पवित्र बाइबल

2 नगर की गलियों के बीच से होती हुई बह रही थी। नदी के दोनों तटों पर जीवन वृक्ष उगे थे। उन पर हर साल बारह फसलें लगा करतीं थीं। इसके प्रत्येक वृक्ष पर प्रतिमास एक फसल लगती थी तथा इन वृक्षों की पत्तियाँ अनेक जातियों को निरोग करने के लिए थीं।

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Hindi Holy Bible

2 और नदी के इस पार; और उस पार, जीवन का पेड़ था: उस में बारह प्रकार के फल लगते थे, और वह हर महीने फलता था; और उस पेड़ के पत्तों से जाति जाति के लोग चंगे होते थे।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

2 नगर चौक के बीचों-बीच बहती हुई नदी के तट पर, दोनों ओर एक जीवन-वृक्ष था, जो बारह प्रकार के फल, हर महीने एक बार फल, देता था। उस पेड़ के पत्तों से राष्‍ट्रों की चिकित्‍सा होती है।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

2 उस नगर की सड़क के बीचों बीच बहती थी। नदी के इस पार और उस पार जीवन का वृक्ष था; उसमें बारह प्रकार के फल लगते थे, और वह हर महीने फलता था; और उस वृक्ष के पत्तों से जाति–जाति के लोग चंगे होते थे।

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नवीन हिंदी बाइबल

2 वह सड़क के बीचों-बीच बहती थी। नदी के इस ओर और उस ओर जीवन का वृक्ष था, जिसमें बारह प्रकार के फल लगते थे, और वह हर महीने फलता था, और उस वृक्ष की पत्तियों से जाति-जाति के लोग स्वस्थ होते थे।

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सरल हिन्दी बाइबल

2 यह नदी नगर के प्रधान मार्ग से होती हुई बह रही है. नदी के दोनों ओर जीवन के पेड़ है, जिसमें बारह प्रकार के फल उत्पन्‍न होते हैं. यह पेड़ हर महीने फल देता है. इस पेड़ की पत्तियों में राष्ट्रों को चंगा करने की क्षमता है.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

2 उस नगर की सड़क के बीचों बीच बहती थी। नदी के इस पार और उस पार जीवन का पेड़ था; उसमें बारह प्रकार के फल लगते थे, और वह हर महीने फलता था; और उस पेड़ के पत्तों से जाति-जाति के लोग चंगे होते थे। (यहे. 47:7)

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प्रकाशितवाक्य 22:2
20 क्रॉस रेफरेंस  

यहोवा परमेश्वर ने हर एक सुन्दर पेड़ और भोजन के लिए सभी अच्छे पेड़ों को उस बाग में उगाया। बाग के बीच में परमेश्वर ने जीवन के पेड़ को रखा और उस पेड़ को भी रखा जो अच्छे और बुरे की जानकारी देता है।


परमेश्वर उनके टूटे मनों को चँगा किया करता और उनके घावों पर पट्टी बांधता है।


बुद्धि उनके लिये जीवन वृक्ष है जो इसे अपनाते हैं, वे सदा धन्य रहेंगे जो दृढ़ता से बुद्धि को थामे रहते हैं!


लोगों को उलझन में डाल दे। लोगों की जो बातें वे सुनें और देखें, वे समझ न सके। यदि तू ऐसा नहीं करेगा तो लोग उन बातों को जिन्हें वे अपने कानों से सुनते हैं सचमुच समझ जायेंगे। हो सकता है लोग अपने—अपने मन में सचमुच समझ जायें। यदि उन्होंने ऐसा किया तो सम्भव है लोग मेरी ओर मुड़े और चंगे हो जायें (क्षमा पा जायें)!”


हे यहोवा, यदि तू मुझे स्वस्थ करता है, मैं सचमुच स्वस्थ हो जाऊँगा। मेरी रक्षा कर, और मेरी सचमुच रक्षा हो जायेगी। हे यहोवा, मैं तेरी स्तुति करता हूँ!


वह व्यक्ति मन्दिर के द्वार पर मुझे वापस ले गया। मैंने मन्दिर की पूर्वी देहली के नीचे से पानी आते देखा। (मन्दिर का सामना मन्दिर की पूर्वी ओर है।) पानी मन्दिर के दक्षिणी छोर के नीचे से वेदी के दक्षिण में बहता था।


यहोवा कहता है, “उन्होंने मुझे त्याग दिया। मैं उन्हें इसके लिये क्षमा कर दूँगा। मैं उन्हें मुक्त भाव से प्रेम करुँगा। मैं अब उन पर क्रोधित नहीं हूँ।


उस समय, यरूशलेम से लगातार पानी बहेगा। वह धारा बट जाएंगी और एक भाग पूर्व को बहेगा और एक भाग पश्चिम को भूमध्य सागर तक जाएगा और यह पूरे वर्ष ग्रीष्म और शीत ऋतु दोनों में बहेगा


“किन्तु, मेरे भक्तों, तुम पर अच्छाई उगते सूरज के समान चमकेगी और यह सूरज की किरणों की तरह स्वास्थ्यवर्धक शक्ति देगी। तुम ऐसे ही स्वतन्त्र और प्रसन्न होओगे जैसे अपने बाड़े से स्वतन्त्र हुए बछड़े।


“प्रभु का आत्मा मुझमें समाया है उसने मेरा अभिषेक किया है ताकि मैं दीनों को सुसमाचार सुनाऊँ। उसने मुझे बंदियों को यह घोषित करने के लिए कि वे मुक्त हैं, अन्धों को यह सन्देश सुनाने को कि वे फिर दृष्टि पायेंगे, दलितो को छुटकारा दिलाने को और


उसने क्रूस पर अपनी देह में हमारे पापों को ओढ़ लिया। ताकि अपने पापों के प्रति हमारी मृत्यु हो जाये और जो कुछ नेक है उसके लिए हम जीयें। यह उसके उन घावों के कारण ही हुआ जिनसे तुम चंगे किये गये हो।


“जिसके पास कान हैं, वह उसे सुने जो आत्मा कलीसियाओं से कह रहा है। जो विजय पाएगा मैं उसे परमेश्वर के उपवन में लगे जीवन के वृक्ष से फल खाने का अधिकार दूँगा।


बारहों द्वार बारह मोतियों से बने थे, हर द्वार एक-एक मोती से बना था। नगर की गलियाँ स्वच्छ काँच जैसे शुद्ध सोने की बनी थीं।


सभी जातियों के लोग इसी दीपक के प्रकाश के सहारे आगे बढ़ेंगे। और इस धरती के राजा अपनी भव्यता को इस नगर में लायेंगे।


इसके पश्चात् उस स्वर्गदूत ने मुझे जीवन देने वाले जल की एक नदी दिखाई। वह नदी स्फटिक की तरह उज्ज्वल थी। वह परमेश्वर और मेमने के सिंहासन से निकलती हुई


“धन्य हैं वह जो अपने वस्त्रों को धो लेते हैं। उन्हें जीवन-वृक्ष के फल खाने का अधिकार होगा। वे द्वार से होकर नगर में प्रवेश करने के अधिकारी होंगे।


और यदि नबियों की इस पुस्तक में लिखे वचनों में से कोई कुछ घटायेगा तो परमेश्वर इस पुस्तक में लिखे जीवन-वृक्ष और पवित्र नगरी में से उसका भाग उससे छीन लेगा।


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