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लूका 4:18 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

18 “प्रभु का आत्‍मा मुझ पर है, क्‍योंकि उसने मेरा अभिषेक किया है कि मैं गरीबों को शुभ-समाचार सुनाऊं, उसने मुझे भेजा है जिससे मैं बन्‍दियों को मुक्‍ति का और अन्‍धों को दृष्‍टि-प्राप्‍ति का सन्‍देश दूँ, मैं दलितों को स्‍वतन्‍त्र करूँ

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पवित्र बाइबल

18 “प्रभु का आत्मा मुझमें समाया है उसने मेरा अभिषेक किया है ताकि मैं दीनों को सुसमाचार सुनाऊँ। उसने मुझे बंदियों को यह घोषित करने के लिए कि वे मुक्त हैं, अन्धों को यह सन्देश सुनाने को कि वे फिर दृष्टि पायेंगे, दलितो को छुटकारा दिलाने को और

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Hindi Holy Bible

18 कि प्रभु का आत्मा मुझ पर है, इसलिये कि उस ने कंगालों को सुसमाचार सुनाने के लिये मेरा अभिषेक किया है, और मुझे इसलिये भेजा है, कि बन्धुओं को छुटकारे का और अन्धों को दृष्टि पाने का सुसमाचार प्रचार करूं और कुचले हुओं को छुड़ाऊं।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

18 “प्रभु का आत्मा मुझ पर है, इसलिये कि उसने कंगालों को सुसमाचार सुनाने के लिये मेरा अभिषेक किया है, और मुझे इसलिये भेजा है कि बन्दियों को छुटकारे का और अंधों को दृष्‍टि पाने का सुसमाचार प्रचार करूँ और कुचले हुओं को छुड़ाऊँ,

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नवीन हिंदी बाइबल

18 प्रभु का आत्मा मुझ पर है, क्योंकि उसने कंगालों को सुसमाचार सुनाने के लिए मेरा अभिषेक किया है। उसने मुझे भेजा है कि मैं बंदियों को छुटकारे का और अंधों को दृष्‍टि पाने का समाचार दूँ और कुचले हुओं को छुड़ाऊँ

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सरल हिन्दी बाइबल

18 “प्रभु का आत्मा मुझ पर है, क्योंकि उन्होंने मेरा अभिषेक किया है, कंगालों को सुसमाचार देने के लिए, और बंदियों के लिए मुक्ति का प्रचार करने के लिए और अंधों को रोशनी, कुचले हुओं को कष्ट से छुड़ाने

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लूका 4:18
56 क्रॉस रेफरेंस  

मैं तेरे और स्‍त्री के बीच, तेरे वंश और स्‍त्री के वंश के मध्‍य शत्रुता उत्‍पन्न करूँगा। वह तेरा सिर कुचलेगा, और तू उसकी एड़ी डसेगा।’


तूने हृदय से पश्‍चात्ताप किया। तूने मेरे सम्‍मुख, अपने परमेश्‍वर के सम्‍मुख, स्‍वयं को विनम्र बनाया। तूने इस स्‍थान के विरुद्ध, इसके निवासियों के विरुद्ध मेरी वाणी सुनी और मेरे सम्‍मुख स्‍वयं को दीन बनाया। तूने पश्‍चात्ताप प्रकट करने के लिए अपने वस्‍त्र फाड़े, और मेरे सम्‍मुख रोया। सुन, मैं-प्रभु यह कहता हूँ : मैंने तेरी प्रार्थना सुनी।


जिससे वह बन्‍दियों का कराहना सुने, मृत्‍यु-दण्‍ड पाए हुओं को स्‍वतन्‍त्र करे;


वह विदीर्ण हृदय वालों का वैद्य है; वह उनके घावों पर पट्टी बांधता है।


प्रभु और उसके अभिषिक्‍त राजा के विरोध में, संसार के राजाओं ने संकल्‍प किया है, शासकों ने एक साथ मन्‍त्रणा की है।


“मैंने अपने पवित्र पर्वत सियोन के सिंहासन पर अपने राजा को प्रतिष्‍ठित किया है।”


प्रभु पश्‍चात्ताप करने वाले हृदय के निकट है; वह विदीर्ण आत्‍मा का उद्धार करता है।


आप धार्मिकता से प्रेम करते हैं और दुराचार से घृणा। इसलिए परमेश्‍वर ने, आपके परमेश्‍वर ने, आपके साथियों से आपको पृथक कर, हर्ष के तेल से आपका अभिषेक किया है।


विदीर्ण आत्‍मा की बलि परमेश्‍वर को प्रिय है, हे परमेश्‍वर, तू विदीर्ण और भग्‍न हृदय की उपेक्षा नहीं करता।


उनके राज्‍य-काल में लोग, जो अपनी आंखों से देख सकते हैं, वे ध्‍यान से देखेंगे; जो अपने कानों से सुन सकते हैं, वे प्रभु का सन्‍देश ध्‍यान से सुनेंगे।


तब अन्‍धों की आंखें खुल जाएंगी, बहरों को कानों से सुनाई देने लगेगा!


ताकि तू अंधी आंखों को दृष्‍टि प्रदान करे, बन्‍दियों को बन्‍दीगृह से बाहर निकाले, कारागार के अंधकार में बैठे हुओं को बाहर प्रकाश में लाए।


मैंने ही राजा कुस्रू को सत्‍कार्य के लिए उभाड़ा है; मैं उसके सब मार्गों को सफल बनाऊंगा। वह मेरे नगर का पुनर्निर्माण करेगा, और मेरे निर्वासितों को मुक्‍त करेगा।’ स्‍वर्गिक सेनाओं का प्रभु यह कहता है, ‘कुस्रू अपने इस कार्य के लिए कोई कीमत या पुरस्‍कार नहीं लेगा।’


तू बन्‍दियों को यह सन्‍देश सुनाए, “बाहर निकलो” ; जो अन्‍धकार में बैठे हैं उनसे यह कहे, “अन्‍धकार से प्रकाश में आओ।” वे भेड़ों के समान स्‍वदेश लौटते समय मार्ग के किनारे चरेंगे; मुण्‍डे पठारों पर भी उन्‍हें चारा मिलेगा।


स्‍वामी-प्रभु ने मुझे शििक्षत जन की वाणी दी है ताकि मैं थके-मांदे लोगों को शांति के वचन बोलकर संभाल सकूं। वह प्रतिदिन सबेरे मुझे जगाता है; मेरे कान खोलता है, जिससे मैं शिष्‍य की तरह ध्‍यान दे सकूं।


सर्वोच्‍च और महान परमेश्‍वर, जिसका नाम पवित्र है, जो अनन्‍तकाल तक जीवित है, यह कहता है : ‘मैं उच्‍च और पवित्र स्‍थान में निवास करता हूं, पर मैं उसके साथ भी विद्यमान रहता हूं जिसकी आत्‍मा विदीर्ण और विनम्र है। मैं उस विनम्र व्यक्‍ति की आत्‍मा को संजीव करता हूं, और उसके विदीर्ण हृदय को पुनर्जीवित।


प्रभु कहता है, ‘जहाँ तक मेरा प्रश्‍न है, मैंने तेरे साथ यह विधान स्‍थापित किया है : मेरा आत्‍मा, जो तुझ पर है, तथा मेरे वचन, जो मैंने तेरे मुंह में प्रतिष्‍ठित किए हैं, वे तेरे मुंह से, तेरी सन्‍तान के मुंह से तथा आनेवाली पीढ़ी से पीढ़ी के मुंह से आज से युग-युगान्‍त तक कभी अलग न होंगे’ − प्रभु की यही वाणी है।


प्रभु का आत्‍मा मुझ पर है; क्‍योंकि उसने पीड़ित व्यक्‍तियों को शुभ-सन्‍देश सुनाने के लिए मेरा अभिषेक किया है; स्‍वामी प्रभु ने मुझे इस कार्य के लिए भेजा है कि मैं घायल हृदयवालों को स्‍वस्‍थ करूं, बन्‍दियों को स्‍वतंत्रता का सन्‍देश सुनाऊं, और जो कारागार में हैं उनके लिए कारागार के द्वार खोल दूं।


प्रभु कहता है : ‘इन सबको स्‍वयं मेरे हाथों ने बनाया है, अत: ये सब वस्‍तुएँ मेरी ही हैं। पर मैं उस मनुष्‍य पर ध्‍यान दूंगा, जो विनम्र है जो आत्‍मा में पीड़ित है जो मेरे वचन में श्रद्धा रखता है।


प्रभु ने उससे कहा, ‘यरूशलेम नगर में जाओ, और उन-सब मनुष्‍यों के माथे पर चिह्‍न लगाओ, जो नगर में किए जा रहे घृणित कार्यों के लिए दु:ख मनाते और शोक करते हैं।’


“तेरी कौम और तेरे पवित्र नगर के लिए वर्षों के सत्तर सप्‍ताह निश्‍चित किए गए हैं। इन वर्षों के व्‍यतीत होने में सब प्रकार के अपराध समाप्‍त हो जाएँगे, पाप का अन्‍त हो जाएगा, अधर्म का प्रायश्‍चित कराया जाएगा, धार्मिकता शाश्‍वत बना दी जाएगी, दर्शन और नबूवत सत्‍य प्रमाणित होगी और “परम पवित्र’ को अभ्‍यंजित किया जाएगा।


मैं तेरे मध्‍य में विनम्र और विनीत लोगों का एक समूह छोड़ूंगा। वे मुझ-प्रभु के नाम का आश्रय खोजेंगे।


उस दिन विधान† तोड़ा गया। भेड़-बकरियों के व्‍यापारी मुझे ताकते रहे। वे यह बात जानते थे कि यह प्रभु का आदेश है।


पर तुम मेरे नाम के प्रति श्रद्धा-भक्‍ति रखते हो, इसलिए तुम पर धार्मिकता का सूर्य उदय होगा, उसके पंखों में रोग-निवारण की किरणें होंगी, जिनके स्‍पर्श से तुम स्‍वस्‍थ होगे। जैसे पशुशाला से छूटकर बछड़ा आनन्‍द से कूदता-फांदता है, वैसे ही तुम मुक्‍त होकर आनन्‍द से विचरण करोगे।


अन्‍धे देखते हैं और लंगड़े चलते हैं, कुष्‍ठरोगी शुद्ध किये जाते हैं और बहरे सुनते हैं, मुरदे जिलाये जाते हैं और गरीबों को शुभसमाचार सुनाया जाता है।


“यह मेरा सेवक है, इसे मैंने चुना है; यह मेरा परमप्रिय है, मैं इस पर अति प्रसन्न हूँ। मैं इसे अपना आत्‍मा प्रदान करूँगा और यह गैर-यहूदियों को मेरा न्‍याय- सिद्धान्‍त घोषित करेगा।


यह न तो कुचला हुआ सरकण्‍डा ही तोड़ेगा। और न बुझता हुआ दीपक ही बुझाएगा, जब तक वह न्‍याय को विजयी न बनाए।


अन्‍धकार में रहने वाले लोगों ने एक महती ज्‍योति देखी; मृत्‍यु के अन्‍धकारमय प्रदेश में रहने वालों पर ज्‍योति का उदय हुआ।”


“धन्‍य हैं वे, जो मन के दीन हैं; क्‍योंकि स्‍वर्ग का राज्‍य उन्‍हीं का है।


तो उन्‍हें नबी यशायाह की पुस्‍तक दी गयी। पुस्‍तक खोल कर येशु ने वह स्‍थल निकाला, “जहाँ लिखा है :


येशु ने अपने शिष्‍यों की ओर देखा और यह कहा, “धन्‍य हो तुम, जो गरीब हो; क्‍योंकि परमेश्‍वर का राज्‍य तुम्‍हारा है।


उन्‍होंने योहन के शिष्‍यों से कहा, “जाओ, तुम जो सुनते और देखते हो, उसे योहन को बता दो कि अन्‍धे देखते हैं, लंगड़े चलते हैं, कुष्‍ठ-रोगी शुद्ध किये जाते हैं, बहरे सुनते हैं, मुरदे जिलाये जाते हैं, और गरीबों को शुभ समाचार सुनाया जाता है।


वह पहले अपने भाई सिमोन से मिला और उससे कहा, “हमें मसीह (अर्थात् परमेश्‍वर के अभिषिक्‍त जन) मिल गये हैं।”


मैं ज्‍योति-जैसा संसार में आया हूँ, जिससे जो कोई मुझ में विश्‍वास करे, वह अन्‍धकार में नहीं रहे।


जिसे परमेश्‍वर ने भेजा है, वह परमेश्‍वर के ही शब्‍द बोलता है; क्‍योंकि परमेश्‍वर नाप-तौल कर पवित्र आत्‍मा प्रदान नहीं करता।


परमेश्‍वर ने उन्‍हीं येशु को पवित्र आत्‍मा और सामर्थ्य से अभिषिक्‍त किया था और वह चारों ओर घूम-घूम कर भलाई करते रहे और शैतान के वश में आये हुए लोगों को स्‍वस्‍थ करते रहे, क्‍योंकि परमेश्‍वर उनके साथ था।


मैं उनकी आँखें खोलने के लिए, उन्‍हें अन्‍धकार से ज्‍योति की ओर उन्‍मुख करने के लिए, अर्थात् शैतान की शक्‍ति से विमुख हो परमेश्‍वर की ओर अभिमुख करने के लिए, तुझे उनके पास भेज रहा हूं, जिससे वे मुझ में विश्‍वास करने के कारण अपने पापों की क्षमा पाएं और पवित्र किए हुए भक्‍तों के बीच स्‍थान प्राप्‍त कर सकें।’


प्रभु के विरुद्ध और उसके मसीह के विरुद्ध पृथ्‍वी के राजा उठ खड़े हुए हैं, और शासकगण परस्‍पर मिल गए हैं।’


“वास्‍तव में शासक हेरोदेस और राज्‍यपाल पोंतियुस पिलातुस ने, अन्‍य-जातियों तथा इस्राएल की जनता के साथ, इस नगर में तेरे परमपावन सेवक येशु के विरुद्ध, जिनका तूने अभिषेक किया, षड्‍यन्‍त्र रचा था


परमेश्‍वर हमें अन्‍धकार की अधीनता से निकाल कर अपने प्रिय पुत्र के राज्‍य में ले आया।


मेरे प्रिय भाइयो और बहिनो! सुन लीजिए। क्‍या परमेश्‍वर ने उन लोगों को नहीं चुना है, जो संसार की दृष्‍टि में दरिद्र हैं, ताकि वे विश्‍वास के धनी हो जायें और उस राज्‍य के उत्तराधिकारी बनें, जिसे उसने अपने भक्‍तों को प्रदान करने की प्रतिज्ञा की है?


परन्‍तु आप लोग चुने हुए वंश, राजकीय पुरोहित-वर्ग, पवित्र राष्‍ट्र तथा परमेश्‍वर की अपनी निजी प्रजा हैं, जिससे आप उसी के महान् कार्यों की घोषणा करें, जो आप लोगों को अन्‍धकार में से निकाल कर अपनी अलौकिक ज्‍योति में बुला लाया है।


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