‘जा, और मेरे सेवक दाऊद से यह कह, “प्रभु यों कहता है : क्या तू मेरे निवास के लिए भवन बनाएगा?
नीतिवचन 16:1 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) मनुष्य मन में योजनाएं बनाता है, परन्तु उनको सफल करना− यह प्रभु की इच्छा पर निर्भर है। पवित्र बाइबल मनुष्य तो निज योजना को रचता है, किन्तु उन्हें यहोवा ही कार्य रूप देता है। Hindi Holy Bible मन की युक्ति मनुष्य के वश में रहती है, परन्तु मुंह से कहना यहोवा की ओर से होता है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) मन की युक्ति मनुष्य के वश में रहती है, परन्तु मुँह से कहना यहोवा की ओर से होता है। नवीन हिंदी बाइबल मनुष्य के मन में विचार उत्पन्न होते हैं, परंतु मुँह के बोल यहोवा की ओर से होते हैं। सरल हिन्दी बाइबल मनुष्य के मन में योजना अवश्य होती हैं, किंतु कार्य का आदेश याहवेह के द्वारा ही किया जाता है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 मन की युक्ति मनुष्य के वश में रहती है, परन्तु मुँह से कहना यहोवा की ओर से होता है। |
‘जा, और मेरे सेवक दाऊद से यह कह, “प्रभु यों कहता है : क्या तू मेरे निवास के लिए भवन बनाएगा?
अत: जब रथों के सेना-नायकों ने यहोशाफट को देखा तब उन्होंने कहा, ‘यह निश्चय ही इस्राएल प्रदेश का राजा है।’ वे उससे युद्ध करने के लिए उसकी ओर मुड़े। अत: यहोशाफट ने परमेश्वर को सहायता के लिए पुकारा, और प्रभु परमेश्वर ने उसकी सहायता की। परमेश्वर ने रथ के सेना-नायकों को उसके पास से हटा दिया।
हे हमारे पूर्वजों के प्रभु परमेश्वर, तू धन्य है! तूने यरूशलेम में स्थित अपने इस भवन की साज-सज्जा के लिए सम्राट के हृदय में इच्छा उत्पन्न की।
हे प्रभु, अपने इस सेवक की प्रार्थना पर, अपने इन सेवकों की विनती पर ध्यान दे; क्योंकि ये प्रसन्नतापूर्वक तेरे नाम की आराधना करते हैं। आज अपने सेवक को सफलता प्रदान कर, ताकि सम्राट अर्तक्षत्र मुझ पर कृपादृष्टि करे।’
अनाथ और दलित के न्याय के लिए, प्रभु तू पीड़ित मनुष्य की पुकार सुनता है; तू उनके हृदय को आश्वस्त करेगा, तू उनकी पुकार ध्यान से सुनेगा, जिससे मनुष्य, जो मिट्टी से रचा गया है, फिर कभी दूसरों को भयभीत न करे।
तू उससे बात करना। तू अपने शब्द उसके मुंह में डालना। मैं तेरी और उसकी वाणी पर निवास करूंगा। जो कार्य तुम्हें करना है, वह मैं तुम्हें सिखाऊंगा।
प्रभु की भक्ति करना बुद्धि से शिक्षा प्राप्त करना है; आदर पाने के पूर्व विनम्र बनना आवश्यक है।
मनुष्य मन में अपना मार्ग तो निश्चित करता है पर उस पर चलना, यह प्रभु के हाथ में होता है।
राजा का हृदय नहर के सदृश है, जो प्रभु के हाथ में है; जहां वह चाहता है वहां वह उसको मोड़ देता है।
हे प्रभु, मैं यह जानता हूं कि मनुष्य का आचरण उसके वश में नहीं है; मनुष्य के कदम उसकी इच्छा से नहीं उठते।
परमेश्वर को धन्यवाद, जिसने तीतुस के हृदय में आप लोगों के प्रति मेरे जैसा उत्साह उत्पन्न किया है।
परमेश्वर अपना प्रेमपूर्ण उद्देश्य पूरा करने के लिए आप लोगों में सद् इच्छा भी उत्पन्न करता और उसके अनुसार कार्य करने का बल भी प्रदान करता है।