31 अत: जब रथों के सेना-नायकों ने यहोशाफट को देखा तब उन्होंने कहा, ‘यह निश्चय ही इस्राएल प्रदेश का राजा है।’ वे उससे युद्ध करने के लिए उसकी ओर मुड़े। अत: यहोशाफट ने परमेश्वर को सहायता के लिए पुकारा, और प्रभु परमेश्वर ने उसकी सहायता की। परमेश्वर ने रथ के सेना-नायकों को उसके पास से हटा दिया।
31 जब रथपतियों ने यहोशापात को देखा उन्ह ने सोचा, “वही इस्राएल का राजा अहाब है!” वे यहोशापात पर आक्रमण करने के लिये उसकी ओर मुड़े। किन्तु यहोशापात ने उद्घोष किया और यहोवा ने उसकी सहायात की। परमेश्वर ने रथपतियों को यहोशापात के सामने से दूर मुड़ जाने दिया।
31 सो जब रथों के प्रधानों ने यहोशापात को देखा, तब कहा इस्राएल का राजा वही है, और वे उसी से लड़ने को मुड़े। इस पर यहोशापात चिल्ला उठा, तब यहोवा ने उसकी सहायता की। और परमेश्वर ने उन को उसके पास से फिर जाने की प्रेरणा की।
31 इसलिये जब रथों के प्रधानों ने यहोशापात को देखा, तब कहा, “इस्राएल का राजा वही है,” और वे उसी से लड़ने को मुड़े। इस पर यहोशापात चिल्ला उठा, तब यहोवा ने उसकी सहायता की। परमेश्वर ने उनको उसके पास से फिर जाने को प्रेरित किया।
31 जब रथों के सेनापतियों की नज़र यहोशाफ़ात पर पड़ी, वे समझे वह इस्राएल का राजा है. वे उसी पर वार करने आगे बढ़े. यहोशाफ़ात चिल्ला उठा. याहवेह ने उसकी सहायता की और परमेश्वर उन्हें यहोशाफ़ात से दूर ले गए.
31 इसलिए जब रथों के प्रधानों ने यहोशापात को देखा, तब कहा, “इस्राएल का राजा वही है,” और वे उसी से लड़ने को मुड़े। इस पर यहोशापात चिल्ला उठा, तब यहोवा ने उसकी सहायता की। परमेश्वर ने उनको उसके पास से फिर जाने को प्रेरित किया।
परन्तु हगारई आदि सेनाओं को इस्राएली सैनिकों के विरुद्ध सहायता प्राप्त हुई। तब इस्राएली सैनिकों ने परमेश्वर से प्रार्थना की। परमेश्वर ने उनकी विनती को सुना; क्योंकि उन्होंने परमेश्वर पर भरोसा किया था। अत: उसने हगारई सेना तथा उसके पक्ष की अन्य जातियों की सेनाओं को जो उसके साथ थीं, इस्राएलियों के हाथ में सौंप दिया।
यहूदा प्रदेश के सैनिकों ने पीछे देखा तो उन्हें पता चला कि आगे और पीछे से उन पर आक्रमण होगा। अत: उन्होंने प्रभु की दुहाई दी, और उनके पुरोहितों ने युद्ध की तुरहियां फूंकीं।
यहूदा के सैनिकों ने रणनाद दिया। जब यहूदा के सैनिकों ने रणनाद किया, उसी क्षण परमेश्वर ने यारोबआम और उसके इस्राएली सैनिकों को अबियाह और यहूदा प्रदेश के सैनिकों के सम्मुख पराजित कर दिया।
तब राजा आसा ने प्रभु परमेश्वर की दुहाई दी। उसने कहा, ‘हे प्रभु, निर्बल की सहायता करने वाला तेरे समान और कौन ईश्वर है? जब बलवान और निर्बल में लड़ाई होती है, तब तू निर्बल की सहायता करता है। हे प्रभु परमेश्वर, हमारी सहायता कर; क्योंकि हमने तुझ पर भरोसा किया है। हम तेरे नाम में ही शत्रु की इस विशाल सेना का सामना करने के लिए आए हैं। हे प्रभु, तू ही हमारा परमेश्वर है। कोई भी मनुष्य तुझ पर प्रबल न हो!’
सीरिया देश के राजा ने अपने रथ-सेना के सेना-नायकों को यह आदेश दिया था, ‘तुम इस्राएली सेना के छोटे-बड़े सैन्य-अधिकारियों से युद्ध मत करना, केवल इस्राएल प्रदेश के राजा से युद्ध करना।’
फारस देश के सम्राट कुस्रू के राज्यकाल का प्रथम वर्ष था। उस वर्ष प्रभु ने नबी यिर्मयाह के मुंह से कहे गए अपने वचन को पूरा करने के लिए सम्राट कुस्रू के हृदय को उत्प्रेरित किया कि वह अपने समस्त साम्राज्य में यह घोषणा करे, और उसको लिपिबद्ध कर ले :
हे प्रभु, अपने इस सेवक की प्रार्थना पर, अपने इन सेवकों की विनती पर ध्यान दे; क्योंकि ये प्रसन्नतापूर्वक तेरे नाम की आराधना करते हैं। आज अपने सेवक को सफलता प्रदान कर, ताकि सम्राट अर्तक्षत्र मुझ पर कृपादृष्टि करे।’