Biblia Todo Logo
ऑनलाइन बाइबिल

- विज्ञापनों -




फिलिप्पियों 2:13 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

13 परमेश्‍वर अपना प्रेमपूर्ण उद्देश्‍य पूरा करने के लिए आप लोगों में सद् इच्‍छा भी उत्‍पन्न करता और उसके अनुसार कार्य करने का बल भी प्रदान करता है।

अध्याय देखें प्रतिलिपि

पवित्र बाइबल

13 क्योंकि वह परमेश्वर ही है जो उन कामों की इच्छा और उन्हें पूरा करने का कर्म, जो परमेश्वर को भाते हैं, तुम में पैदा करता है।

अध्याय देखें प्रतिलिपि

Hindi Holy Bible

13 क्योंकि परमेश्वर ही है, जिस न अपनी सुइच्छा निमित्त तुम्हारे मन में इच्छा और काम, दोनों बातों के करने का प्रभाव डाला है।

अध्याय देखें प्रतिलिपि

पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

13 क्योंकि परमेश्‍वर ही है जिसने अपनी सुइच्छा निमित्त तुम्हारे मन में इच्छा और काम, दोनों बातों के करने का प्रभाव डाला है।

अध्याय देखें प्रतिलिपि

नवीन हिंदी बाइबल

13 क्योंकि परमेश्‍वर ही है जो तुम्हारे भीतर अपने भले उद्देश्य के लिए इच्छा रखने और कार्य करने दोनों का प्रभाव डालता है।

अध्याय देखें प्रतिलिपि

सरल हिन्दी बाइबल

13 क्योंकि परमेश्वर ही हैं, जिन्होंने अपनी सुइच्छा के लिए तुममें अभिलाषा और कार्य करने दोनो बातों के लिये प्रभाव डाला है.

अध्याय देखें प्रतिलिपि




फिलिप्पियों 2:13
39 क्रॉस रेफरेंस  

आप लोगों को समस्‍त गुणों से सम्‍पन्न करे, जिससे आप उसकी इच्‍छा पूरी करें, जो उसे प्रिय है। उसी परमेश्‍वर की स्‍तुति युगानुयुग होती रहे। आमेन!


इसका अर्थ यह नहीं है कि हमारी कोई अपनी योग्‍यता है। हम अपने को किसी बात का श्रेय नहीं दे सकते। हमारी योग्‍यता का स्रोत परमेश्‍वर है।


परमेश्‍वर ने हमारा उद्धार किया और हमें पवित्र जीवन बिताने के लिए बुलाया है। उसने हमारे किसी पुण्‍य के कारण नहीं, बल्‍कि अपने उद्देश्‍य तथा अपनी कृपा के कारण ऐसा किया है। वह कृपा अनादि काल से येशु मसीह द्वारा हमें प्राप्‍त थी,


इसलिए यह मनुष्‍य की इच्‍छा या उसके परिश्रम पर नहीं, बल्‍कि दया करने वाले परमेश्‍वर पर निर्भर रहता है।


मैं जो कुछ भी हूँ परमेश्‍वर की कृपा से हूँ और जो कृपा मुझे उससे मिली, वह व्‍यर्थ नहीं हुई। मैंने उन सबसे अधिक परिश्रम किया है-मैंने नहीं, बल्‍कि परमेश्‍वर की कृपा ने, जो मुझ में विद्यमान है।


योहन ने उत्तर दिया, “जब तक मनुष्‍य को स्‍वर्ग से न दिया जाए, वह कुछ भी प्राप्‍त नहीं कर सकता है।


परमेश्‍वर सब बातों में अपने मन की योजना पूरी करता है। अपने उद्देश्‍य के अनुसार उसने निर्धारित किया कि हम मसीह में विरासत प्राप्‍त करें और हम लोगों के कारण उसकी महिमा की स्‍तुति हो। हम लोगों ने तो सब से पहले मसीह पर भरोसा रखा था।


प्रभावशाली कार्य तो नाना प्रकार के होते हैं, किन्‍तु एक ही परमेश्‍वर द्वारा सब में सब कार्य सम्‍पन्न होते हैं।


अत: हम निरन्‍तर आप लोगों के लिए यह प्रार्थना करते हैं हमारा परमेश्‍वर आप को अपने बुलावे के योग्‍य बना दे और आपकी प्रत्‍येक सद्इच्‍छा तथा विश्‍वास से किया हुआ आपका प्रत्‍येक कार्य अपने सामर्थ्य से पूर्णता तक पहुँचा दे।


उसने प्रेम से प्रेरित हो कर आदि में ही निर्धारित किया कि हम येशु मसीह द्वारा उसकी दत्तक संतान बनें। यह परमेश्‍वर की मंगलमय इच्‍छा से हुआ


परमेश्‍वर की कृपा ने विश्‍वास द्वारा आप लोगों का उद्धार किया है। यह आपके किसी पुण्‍य का फल नहीं है। यह तो परमेश्‍वर का वरदान है।


वह हमारे हृदय को अपनी ओर प्रवृत करे जिससे हम उसके मार्ग पर चलें। जो आज्ञाएं, संविधियां और न्‍याय-सिद्धान्‍त उसने हमारे पूर्वजों को दिए थे, हम उनका पालन करें।


प्रभु, मेरे हृदय को लालच की ओर नहीं, किन्‍तु अपनी सािक्षयों की ओर झुका।


हे छोटे झुण्‍ड! मत डर; क्‍योंकि तुम्‍हारे पिता ने तुम्‍हें राज्‍य देने की कृपा की है।


अपनी उस मंगलमय इच्‍छा के अनुसार, जो उसने मसीह में पहले से ही निर्धारित की, परमेश्‍वर समय पूरा होने पर ऐसा प्रबंध करेगा कि वह सब कुछ, जो स्‍वर्ग तथा पृथ्‍वी में है, मसीह की अध्‍यक्षता में संयुक्‍त कर देगा। उसने अपने संकल्‍प का यह रहस्‍य हम पर प्रकट किया है।


उन्‍होंने कहा, “इसलिए मैंने तुम लोगों से कहा था कि जब तक पिता से यह वरदान न मिले, कोई मेरे पास नहीं आ सकता।”


वे मेरे निज लोग बनेंगे और मैं उनका परमेश्‍वर होऊंगा।


उसके दोनों बच्‍चों का जन्‍म भी नहीं हुआ था और उन्‍होंने उस समय तक कोई पाप या पुण्‍य का काम नहीं किया था, जब रिबका से यह कहा गया, “अग्रज अपने अनुज के अधीन रहेगा।” यह इसलिए हुआ कि परमेश्‍वर के निर्वाचन का उद्देश्‍य बना रहे, जो मनुष्‍य के कर्मों पर नहीं, बल्‍कि बुलाने वाले के निर्णय पर निर्भर है।


प्रभु यों कहता है : ‘उन दिनों के पश्‍चात् मैं इस्राएली जनता से यह विधान स्‍थापित करूंगा: मैं उनके मन में अपनी व्‍यवस्‍था प्रतिष्‍ठित करूंगा, और मैं उसको उनके हृदय पर लिखूंगा। मैं उनका परमेश्‍वर होऊंगा, और वे मेरे निज लोग होंगे।


राजा का हृदय नहर के सदृश है, जो प्रभु के हाथ में है; जहां वह चाहता है वहां वह उसको मोड़ देता है।


फारस देश के सम्राट कुस्रू के राज्‍यकाल का प्रथम वर्ष था। उस वर्ष प्रभु ने नबी यिर्मयाह के मुंह से कहे गए अपने वचन को पूरा करने के लिए सम्राट कुस्रू के हृदय को उत्‍प्रेरित किया कि वह अपने समस्‍त साम्राज्‍य में यह घोषणा करे, और उसको लिपिबद्ध कर ले :


हे हमारे पूर्वजों के प्रभु परमेश्‍वर, तू धन्‍य है! तूने यरूशलेम में स्‍थित अपने इस भवन की साज-सज्‍जा के लिए सम्राट के हृदय में इच्‍छा उत्‍पन्न की।


यहूदा और बिन्‍यामिन पितृ-कुलों के मुखिया, लेवी कुल के पुरोहित और उप-पुरोहित तथा वे सब लोग यहूदा प्रदेश जाने के लिए तैयार हुए जिनके हृदय को प्रभु परमेश्‍वर ने यरूशलेम नगर में स्‍थित अपने भवन के पुनर्निर्माण के लिए उत्‍प्रेरित किया था।


यहूदा प्रदेश में भी परमेश्‍वर ने अपना सामर्थ्य प्रकट किया और निवासियों को एकमत किया कि वे राजा हिजकियाह और उसके उच्‍चाधिकारियों की राजाज्ञा को मानें, जो उन्‍होंने प्रभु की वाणी के अनुसार दी थी।


नबी-ग्रन्‍थों में लिखा है ,‘वे सब परमेश्‍वर से शिक्षा पाएँगे।’ जिस किसी ने पिता से सुना और सीखा है, वह मेरे पास आता है।


प्रभु, तू ही हमारे लिए शान्‍ति स्‍थापित करेगा, जो कुछ हमने किया, उसका करनेवाला वस्‍तुत: तू ही था!


बुराई की ओर मेरे हृदय को न झुकने दे। मेरा हृदय कुकर्मी जनों के साथ बुर्रे कर्मों में संलग्‍न न हो; मैं उनके स्‍वादिष्‍ट भोजन को न खाऊं!


सम्राट ने मुझ से कहा, ‘तुम क्‍या चाहते हो?’ मैंने मन ही मन स्‍वर्गिक परमेश्‍वर से प्रार्थना की।


धन्‍य है परमेश्‍वर, हमारे प्रभु येशु मसीह का पिता! मृतकों में से येशु मसीह के पुनरुत्‍थान द्वारा उसने अपनी महती दया से हमें जीवन्‍त आशा से परिपूर्ण नवजीवन प्रदान किया।


प्रभु का हाथ उन पर था। अत: बहुत-से लोग विश्‍वास कर प्रभु की ओर अभिमुख हो गये।


जब आप युद्ध में विजय प्राप्‍त करते हैं, तब आपकी प्रजा स्‍वेच्‍छा से स्‍वयं को अर्पित करती है। आप पवित्रता से सुशोभित हैं। उषा कल के गर्भ से ओस की बूंद के सदृश तरुणाई आपको प्राप्‍त होती है।


‘अय्‍यूब, देखो, परमेश्‍वर मनुष्‍य की भलाई के लिए क्‍या करता है, एक बार नहीं, वरन् बार-बार!


“सर्वोच्‍च स्‍वर्ग में परमेश्‍वर की महिमा हो और पृथ्‍वी पर उन मनुष्‍यों को शान्‍ति मिले, जिनसे वह प्रसन्न है।”


उस कृपा के अधिकार से, जो मुझे प्राप्‍त हुई है, मैं आप लोगों में हर एक से यह कहता हूँ: अपने को औचित्‍य से अधिक महत्व मत दीजिए। परमेश्‍वर द्वारा प्रदत्त विश्‍वास की मात्रा के अनुरूप हर एक को अपने विषय में सन्‍तुलित विचार रखना चाहिए।


हमारे पर का पालन करें:

विज्ञापनों


विज्ञापनों