तू तब तक अपने पसीने की रोटी खाएगा, जब तक उस भूमि में न लौटे जिससे तू बनाया गया था। तू तो मिट्टी है, और मिट्टी में ही मिल जाएगा।’
नीतिवचन 12:11 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) जो किसान अपनी भूमि को स्वयं जोतता-गोड़ता है, उसको रोटी का अभाव नहीं होता! पर जो मनुष्य व्यर्थ की योजनाओं में समय गुजारता है, वह नासमझ है! पवित्र बाइबल जो अपने खेत में काम करता है उसके पास खाने की बहुतायत होंगी; किन्तु पीछे भागता रहता जो ना समझ के उसके पास विवेक का अभाव रहता है। Hindi Holy Bible जो अपनी भूमि को जोतता, वह पेट भर खाता है, परन्तु जो निकम्मों की संगति करता, वह निर्बुद्धि ठहरता है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) जो अपनी भूमि को जोतता, वह पेट भर खाता है, परन्तु जो निकम्मों की संगति करता वह निर्बुद्धि ठहरता है। नवीन हिंदी बाइबल जो अपनी भूमि को जोतेगा, उसके पास भरपूर भोजन होगा; परंतु जो व्यर्थ कामों में लगा रहता है, वह निर्बुद्धि ठहरता है। सरल हिन्दी बाइबल जो किसान अपनी भूमि की जुताई-गुड़ाई करता रहता है, उसे भोजन का अभाव नहीं होता, किंतु जो व्यर्थ कार्यों में समय नष्ट करता है, निर्बुद्धि प्रमाणित होता है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 जो अपनी भूमि को जोतता, वह पेट भर खाता है, परन्तु जो निकम्मों की संगति करता, वह निर्बुद्धि ठहरता है। |
तू तब तक अपने पसीने की रोटी खाएगा, जब तक उस भूमि में न लौटे जिससे तू बनाया गया था। तू तो मिट्टी है, और मिट्टी में ही मिल जाएगा।’
जो मनुष्य बुद्धिमानों का सत्संग करता है, वह स्वयं बुद्धिमान बनता है; पर मूर्खों का साथी विपत्ति में पड़ता है।
गरीब किसान की परती भूमि भी भरपूर फसल उत्पन्न करती है, पर अन्यायी मालगुजार उसको हड़प जाते हैं।
जहाँ हल के लिए बैल नहीं वहां अनाज पैदा नहीं होता। बैल के बल से ही प्रचुर अन्न उत्पन्न होता है।
नींद को प्यार मत करो, अन्यथा तुम गरीब हो जाओगे; आंखें खोलकर कठोर परिश्रम करो तो तुम्हें रोटी का अभाव न होगा।
बकरियों को इतना दूध होता है कि उससे तेरे और तेरे परिवार का पेट भरता है; उससे तेरी दासियों का भी जीवन निर्वाह होता है।
अपने खेत में खून-पसीना बहानेवाला किसान समृद्ध होता है; किन्तु व्यर्थ की बातों में समय बितानेवाला किसान घोर गरीबी में जीवन बिताता है।
व्यभिचार करनेवाला व्यक्ति निरा मूर्ख होता है, जो पुरुष व्यभिचार करता है, वह स्वयं को नष्ट करता है।
जो चोरी किया करता था, वह अब से चोरी नहीं करे, बल्कि किसी अच्छे व्यवसाय में अपने हाथों से परिश्रम करे। इस प्रकार वह दरिद्रों की भी कुछ सहायता कर सकेगा।
हमने किसी के यहाँ मुफ्त में रोटी नहीं खायी, बल्कि हम कठोर परिश्रम से रात-दिन काम करते रहे ताकि आप लोगों में से किसी के लिए भी भार न बनें।
अत: प्रमुख नागरिकों ने अबीमेलक को बअल-बरीत के मन्दिर से चांदी के सत्तर सिक्के दिए। उसने इन सिक्कों से निकम्मों और गुण्डों को भाड़े पर लिया। ये उसके पीछे-पीछे गए।