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इफिसियों 4:28 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

28 जो चोरी किया करता था, वह अब से चोरी नहीं करे, बल्‍कि किसी अच्‍छे व्‍यवसाय में अपने हाथों से परिश्रम करे। इस प्रकार वह दरिद्रों की भी कुछ सहायता कर सकेगा।

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पवित्र बाइबल

28 जो चोरी करता आ रहा है, वह आगे चोरी न करे। बल्कि उसे काम करना चाहिए, स्वयं अपने हाथों से कोई उपयोगी काम। ताकि उसके पास, जिसे आवश्यकता है, उसके साथ बाँटने को कुछ हो सके।

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Hindi Holy Bible

28 चोरी करनेवाला फिर चोरी न करे; वरन भले काम करने में अपने हाथों से परिश्रम करे; इसलिये कि जिसे प्रयोजन हो, उसे देने को उसके पास कुछ हो।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

28 चोरी करनेवाला फिर चोरी न करे, वरन् भले काम करने में अपने हाथों से परिश्रम करे, इसलिये कि जिसे प्रयोजन हो उसे देने को उसके पास कुछ हो।

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नवीन हिंदी बाइबल

28 चोरी करनेवाला अब चोरी न करे, बल्कि कोई अच्छा कार्य करने के लिए अपने हाथों से परिश्रम करे ताकि आवश्यकता में पड़े हुए को देने के लिए उसके पास कुछ हो।

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सरल हिन्दी बाइबल

28 वह, जो चोरी करता रहा है, अब चोरी न करे किंतु परिश्रम करे कि वह अपने हाथों से किए गए उपयोगी कामों के द्वारा अन्य लोगों की भी सहायता कर सके, जिन्हें किसी प्रकार की ज़रूरत है.

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इफिसियों 4:28
33 क्रॉस रेफरेंस  

वे भलाई करते रहें, सत्‍कर्मों के धनी बनें, दानशील हों और परस्‍पर सहयोग दें।


इसलिए जब तक हमें अवसर मिल रहा है, हम सब की भलाई करते रहें, विशेष रूप से उन लोगों की, जो विश्‍वास के कारण हमारे परिवार के हैं।


तब उसने मुझे यह बताया, ‘इस पर उस श्राप के विषय में लिखा है, जो सारे देश पर पड़ने वाला है। इसकी एक ओर लिखे विवरण के अनुसार वह व्यक्‍ति जो चोरी करता है, दूध की मक्‍खी के समान निकाल कर फेंक दिया जाएगा। इसकी दूसरी ओर लिखे हुए विवरण के अनुसार वह व्यक्‍ति जो झूठी शपथ खाता है, वह भी दूध की मक्‍खी के समान निकाल कर फेंक दिया जाएगा।


उसने यह इसलिए नहीं कहा कि उसे गरीबों की चिन्‍ता थी, बल्‍कि इसलिए कि वह चोर था। उसके पास थैली रहती थी और उस में जो डाला जाता था, वह उसे निकाल लेता था।


जक्‍कई सबके सामने खड़ा हुआ और उसने प्रभु से कहा, “प्रभु! देखिए, मैं अपनी आधी सम्‍पत्ति गरीबों को दिए देता हूँ और यदि मैंने किसी से अन्‍यायपूर्वक कुछ लिया है, तो उसे चौगुना लौटाए देता हूँ।”


यहाँ लोग झूठी शपथ खाते हैं। वे धोखा देते हैं। वे हत्‍यारे, चोर और व्‍यभिचारी हैं। वे व्‍यवस्‍था की सीमा का उल्‍लंघन करते हैं, यहाँ हत्‍या के बाद हत्‍या होती है।


तुम चोरी करते हो, हत्‍या करते हो, व्‍यभिचार करते हो, झूठी शपथ खाते हो, बअल देवता की मूर्ति के सामने लोबान जलाते हो; अनजान देवताओं का अनुसरण करते हो।


‘तू अपने पड़ोसी के घर का लालच न करना। तू अपने पड़ोसी की पत्‍नी, उसके सेवक-सेविका, बैल-गधे, तथा उसकी किसी भी वस्‍तु का लालच न करना।’


यदि दान देने की उत्‍सुकता है, तो सामर्थ्य के अनुसार जो कुछ भी दिया जाए, वह परमेश्‍वर को ग्राह्य है। किसी से यह आशा नहीं की जाती है कि वह अपने सामर्थ्य से अधिक दान दे।


कष्‍टों की अग्‍निपरीक्षा में भी उनका आनन्‍द अपार रहा और घोर दरिद्रता की दशा में रहते हुए भी उन्‍होंने बड़ी उदारता का परिचय दिया है।


सन्‍तों की आवश्‍यकताओं के लिए दान दिया करें और अतिथियों की सेवा करें।


यूदस के पास बटुआ रहता था, इसलिए कुछ शिष्‍य यह समझे कि येशु ने उससे कहा, “हमें पर्व के लिए जो कुछ चाहिए, वह खरीद लो” अथवा “गरीबों को कुछ दान दे दो।”


पश्‍चात्ताप के उचित फल उत्‍पन्न करो और अपने मन में यह न कहो कि ‘हम अब्राहम की सन्‍तान हैं।’ मैं तुम से कहता हूँ, परमेश्‍वर इन पत्‍थरों से अब्राहम के लिए सन्‍तान उत्‍पन्न कर सकता है।


अन्‍यथा मैं भरपेट खाने पर तेरी महिमा से इन्‍कार कर दूंगा, और गर्व से कहूंगा, ‘प्रभु है कौन?’ अथवा गरीब होने पर मैं चोरी करने लगूंगा; और यों तेरे पवित्र नाम को कलंकित करूंगा।


जो मनुष्‍य अपने अपराध छिपाता है वह जीवन में उन्नति नहीं करता; परन्‍तु अपने अपराध को स्‍वीकार करनेवाले और उसको पुन: न करनेवाले मनुष्‍य पर परमेश्‍वर दया करता है।


परिश्रम से सदा लाभ होता है, पर कोरी बक-बक से गरीबी आती है।


अचानक प्राप्‍त हुआ धन घर में टिकता नहीं; पर अपने परिश्रम से थोड़ा-थोड़ा धन एकत्र करनेवाला मनुष्‍य उसको और बढ़ाता है।


जो मैं देख नहीं पाता, वह मुझे सिखा; यदि मैंने अधर्म किया है, तो मैं वह पुन: नहीं करूंगा” ?


‘जो कोई किसी व्यक्‍ति का अपहरण करे, और उसको बेच दे अथवा अपहृत व्यक्‍ति उसके अधिकार में पाया जाए, तो उसे निश्‍चय ही मृत्‍यु-दण्‍ड दिया जाएगा।


दुर्जन दिन भर लालच के जाल में फंसा रहता है; परन्‍तु धार्मिक मनुष्‍य उदारता से दान देता है, और कंजूसी नहीं करता है।


गरीबों के लिए उसकी मुट्ठी खुली रहती है, वह दीन-दरिद्रों को संभालती है।


और अपने हाथों से परिश्रम करते-करते थक जाते हैं। लोग हमारा अपमान करते हैं और हम आशीर्वाद देते हैं। वे हम पर अत्‍याचार करते हैं और हम सहते जाते हैं।


यह बात विश्‍वसनीय है और मैं चाहता हूँ कि तुम इस पर बल देते रहो। जो लोग परमेश्‍वर में विश्‍वास कर चुके हैं, वे भले कामों में लगे रहने के लिए उत्‍सुक हों। यह उत्तम है और मनुष्‍यों के लिए लाभदायक भी।


हमारे अपने लोग भी कोई अच्‍छा व्‍यवसाय करना सीखें। इस प्रकार वे अपनी मूल आवश्‍यकताएं पूरी कर सकेंगे और उनका जीवन निष्‍फल न होगा।


हमारे पर का पालन करें:

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