4 अत: प्रमुख नागरिकों ने अबीमेलक को बअल-बरीत के मन्दिर से चांदी के सत्तर सिक्के दिए। उसने इन सिक्कों से निकम्मों और गुण्डों को भाड़े पर लिया। ये उसके पीछे-पीछे गए।
4 इसलिए शकेम के प्रमुखों ने अबीमेलेक को सत्तर चाँदी के टुकड़े दिये। वह चाँदी बालबरोत देवता के मन्दिर की थी। अबीमेलेक ने चाँदी का उपयोग कुछ व्यक्तियों को काम पर लगाने के लिये किया। ये व्यक्ति खूँखार और बेकार थे। वे अबीमेलेक के पीछे, जहाँ कहीं वह गया, चलते रहे।
4 उन्होंने उसे बाल-बेरिथ के मंदिर में से चांदी के सत्तर सिक्के दे दीं, जिनसे अबीमेलेक ने नीच और लुच्चे लोगों को अपने पीछे होने के उद्देश्य से भाड़े पर ले लिया.
दाऊद अपने परिवार को आशिष देने के लिए महल को लौटा। शाऊल की पुत्री मीकल उससे भेंट करने के लिए महल से बाहर निकली। उसने कहा, ‘आज इस्राएल देश के महाराज ने स्वयं को कितना सम्मानित किया! जैसे गंवार व्यक्ति निर्लज्ज होकर अपने को नंगा करता है, वैसे ही आपने अपने सेवकों की दासियों के सामने स्वयं को नंगा किया!’
उसके आस-पास चन्द गुण्डे एकत्र हो गए। वे सुलेमान के पुत्र रहबआम पर प्रबल हो गए; क्योंकि उस समय रहबआम छोटा था, वह चंचल था। अत: वह उनका सामना न कर सका।
इस से यहूदी ईष्र्या से जलने लगे और उन्होंने बाजार के कुछ गुण्डों की सहायता से भीड़ एकत्र की और नगर में दंगा खड़ा कर दिया। वे पौलुस और सीलास को नगर-सभा के सामने पेश करने के उद्देश्य से यासोन के घर आ धमके।
गिद्ओन की मृत्यु के पश्चात् इस्राएली लोग पुन: भटक गए। वे लौटकर बअल देवता का अनुसरण करने लगे और यों प्रभु के प्रति वेश्या के सदृश विश्वासघात करने लगे। उन्होंने बअल-बरीत को अपना ईश्वर स्वीकार कर लिया।
वे खेतों में गए। उन्होंने अंगूर के उद्यानों के अंगूर तोड़े, उन्हें रौंद कर उनका रस निकाला और उत्सव मनाया। वे अपने देवता के मन्दिर में गए। उन्होंने वहाँ खाया-पीया, और अबीमेलक की निन्दा की।
जो पुरुष संकट में थे, कर्ज में डूबे थे और जिन्हें असन्तोष था, वे सब दाऊद के पास एकत्र हो गए। वह उनका नेता बन गया। ऐसे चार सौ पुरुष उसके साथ रहने लगे।