परमेश्वर के रथ हजारों हैं, हजारों-हजार है; स्वामी सीनय पर्वत से पवित्र स्थान में आया।
इब्रानियों 2:2 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) यदि स्वर्गदूतों द्वारा दिये हुए सन्देश का इतना महत्व था कि उसके प्रत्येक अतिक्रमण अथवा तिरस्कार को उचित दण्ड मिला, पवित्र बाइबल क्योंकि यदि स्वर्गदूतों द्वारा दिया गया संदेश प्रभावशाली था तथा उसके प्रत्येक उल्लंघन और अवज्ञा के लिए उचित दण्ड दिया गया तो यदि हम ऐसे महान् उद्धार की उपेक्षा कर देते हैं, Hindi Holy Bible क्योंकि जो वचन स्वर्गदूतों के द्वारा कहा गया था जब वह स्थिर रहा और हर एक अपराध और आज्ञा न मानने का ठीक ठीक बदला मिला। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) क्योंकि जो वचन स्वर्गदूतों के द्वारा कहा गया था जब वह स्थिर रहा और हर एक अपराध और आज्ञा न मानने का ठीक–ठीक बदला मिला, नवीन हिंदी बाइबल क्योंकि यदि स्वर्गदूतों के द्वारा कहा गया वचन अटल प्रमाणित हुआ, और प्रत्येक अपराध तथा आज्ञा-उल्लंघन का उचित दंड मिला, सरल हिन्दी बाइबल क्योंकि यदि स्वर्गदूतों द्वारा दिया गया संदेश स्थिर साबित हुआ तथा हर एक अपराध तथा अनाज्ञाकारिता ने सही न्याय-दंड पाया, इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 क्योंकि जो वचन स्वर्गदूतों के द्वारा कहा गया था, जब वह स्थिर रहा और हर एक अपराध और आज्ञा न मानने का ठीक-ठीक बदला मिला। |
परमेश्वर के रथ हजारों हैं, हजारों-हजार है; स्वामी सीनय पर्वत से पवित्र स्थान में आया।
मांस अभी उनके दांतों के मध्य फंसा ही था, वे उसको चबा ही न पाए थे कि प्रभु का क्रोध उनके प्रति भड़क उठा। प्रभु ने उन्हें एक व्यापक महामारी से मार डाला।
जो मनुष्य कोरह-काण्ड में मर चुके थे, उनके अतिरिक्त इस महामारी में मरने वालों की संख्या चौदह हजार सात सौ थी।
तब प्रभु ने लोगों के मध्य आग्नेय सर्प भेजे जिन्होंने उनको डस लिया। अत: अनेक इस्राएली मर गए।
तब व्यवस्था का प्रयोजन क्या है? जिस वंशज को प्रतिज्ञा दी गयी थी, उसके आने के समय तक व्यवस्था अपराधों के कारण जोड़ दी गयी थी। वह स्वर्गदूतों द्वारा मध्यस्थ के माध्यम से घोषित की गयी है।
जो व्यक्ति ढिठाई करके तेरे प्रभु परमेश्वर की सेवा में प्रस्तुत पुरोहित की अथवा उस शासक की आज्ञा का उल्लंघन करेगा, उसे निश्चय ही मृत्यु-दण्ड दिया जाएगा। यों तू इस्राएल से इस बुराई को अवश्य दूर करना।
‘यदि तेरे किसी नगर में, जिसको तेरा प्रभु परमेश्वर तुझे दे रहा है, तेरे मध्य ऐसी स्त्री या पुरुष पाया जाएगा, जिसने तेरे प्रभु परमेश्वर के विधान का उल्लंघन करके उसकी दृष्टि में बुरा कार्य किया है,
तो तू उस स्त्री या पुरुष को जिसने ऐसा घृणित कार्य किया है पकड़कर अपने नगर-द्वार पर लाना। तब तू उस स्त्री या पुरुष को पत्थरों से मार डालना।
“जो व्यक्ति इस व्यवस्था के वचनों के अनुसार आचरण नहीं करता और इस प्रकार उसको पूरा नहीं करता, वह शापित है।” सब लोग प्रत्युत्तर में कहेंगे, “ऐसा ही हो!” ’
मेरी शिक्षाएँ वर्षा के सदृश बरसें, मेरे शब्द ओस के सदृश टपकें, जैसे हरी घास पर रिमझिम वर्षा, जैसे वनस्पति पर बौछार!
प्राचीन काल में परमेश्वर बारम्बार और विविध रूपों में हमारे पूर्वजों से नबियों द्वारा बोला था।
जो व्यक्ति मूसा की व्यवस्था का उल्लंघन करता है, यदि उसे दो या तीन गवाहों के आधार पर निर्ममता से प्राण-दण्ड दिया जाता है,
उन्होंने मिस्र की धन-सम्पत्ति की अपेक्षा मसीह का अपयश अधिक मूल्यवान् समझा, क्योंकि उनकी दृष्टि भविष्य में प्राप्त होने वाले पुरस्कार पर लगी हुई थी।
और विश्वास के बिना परमेश्वर को प्रसन्न करना, असंभव है। अत: जो परमेश्वर के निकट पहुँचना चाहता है, उसे विश्वास करना आवश्यक है कि परमेश्वर है और वह उन लोगों को प्रतिफल देता है, जो उसकी खोज में लगे रहते हैं।
आप लोग सावधान रहें। आप बोलने वाले की बात सुनना अस्वीकार नहीं करें। जिन लोगों ने पृथ्वी पर चेतावनी देने वाले की वाणी को अनसुना कर दिया था, यदि वे नहीं बच सके, तो हम कैसे बच सकेंगे, यदि हम स्वर्ग से चेतावनी देनेवाले की वाणी अनसुनी कर देंगे?
इस घटना द्वारा नबियों की वाणी हमारे लिए और भी विश्वसनीय सिद्ध हुई। इस पर ध्यान देने में आप लोगों का कल्याण है, क्योंकि जब तक पौ नहीं फटती और आपके हृदय में प्रभात का तारा उदित नहीं होता, तब तक नबियों की वाणी अंधेरे में चमकते हुए दीपक के सदृश है।
यद्यपि आप लोग यह सब जानते हैं, फिर भी मैं आप को याद दिलाना चाहता हूँ कि प्रभु ने मिस्र देश से इस्राएली प्रजा का अद्वितीय उद्धार करने के बाद भी उन लोगों का विनाश किया, जो विश्वास करने से इनकार करते हैं।