व्यवस्थाविवरण 17:12 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)
12 जो व्यक्ति ढिठाई करके तेरे प्रभु परमेश्वर की सेवा में प्रस्तुत पुरोहित की अथवा उस शासक की आज्ञा का उल्लंघन करेगा, उसे निश्चय ही मृत्यु-दण्ड दिया जाएगा। यों तू इस्राएल से इस बुराई को अवश्य दूर करना।
12 “तुम्हें यहोवा अपने परमेश्वर की सेवा करने वाले उस समय के याजक और न्यायाधीश की आज्ञा का पालन करने से इन्कार करने वाले किसी व्यक्ति को भी दण्ड देना चाहिए। उस व्यक्ति को मरना चाहिए। तुम्हें इस्राएल से इस बुरे व्यक्ति को हटाना चाहिए।
12 और जो मनुष्य अभिमान करके उस याजक की, जो वहां तेरे परमेश्वर यहोवा की सेवा टहल करने को उपस्थित रहेगा, न माने, वा उस न्यायी की न सुने, तो वह मनुष्य मार डाला जाए; इस प्रकार तू इस्राएल में से ऐसी बुराई को दूर कर देना।
12 और जो मनुष्य अभिमान करके उस याजक की, जो वहाँ तेरे परमेश्वर यहोवा की सेवा टहल करने को उपस्थित रहेगा, न माने, या उस न्यायी की न सुने, तो वह मनुष्य मार डाला जाए; इस प्रकार तू इस्राएल में से ऐसी बुराई को दूर कर देना।
12 वह व्यक्ति, जो दुराग्रह में न तो उस पुरोहित के आदेश की अनसुनी करता है, जो याहवेह, तुम्हारे परमेश्वर के द्वारा उनकी सेवा के लक्ष्य से उस पद पर नियुक्त किया गया है और न ही उस न्यायाध्यक्ष की, उस व्यक्ति को प्राण-दंड दिया जाए. तुम इस्राएल से इस बुराई को खत्म करोगे.
12 और जो मनुष्य अभिमान करके उस याजक की, जो वहाँ तेरे परमेश्वर यहोवा की सेवा टहल करने को उपस्थित रहेगा, न माने, या उस न्यायी की न सुने, तो वह मनुष्य मार डाला जाए; इस प्रकार तू इस्राएल में से ऐसी बुराई को दूर कर देना।
किन्तु उस नबी अथवा स्वप्न-द्रष्टा को मृत्यु-दण्ड देना; क्योंकि उसने तुझे उस प्रभु परमेश्वर से विमुख करने वाले वचन कहे थे, जिसने तुझे मिस्र देश से बाहर निकाला और तुझे दासत्व के घर से मुक्त किया है। उस नबी अथवा स्वप्न-द्रष्टा ने तुझे उस मार्ग से खींचा था, जिस पर चलने की आज्ञा तेरे प्रभु परमेश्वर ने तुझे दी है। तू अपने मध्य से इस बुराई को अवश्य दूर करना।
यदि कोई व्यक्ति तीन दिन के भीतर यरूशलेम में नहीं पहुंचेगा, तो अधिकारियों और धर्मवृद्धों के आदेश से उसकी समस्त सम्पत्ति जब्त कर ली जाएगी, और उसको निष्कासन से लौटे हुए यहूदियों के धर्म-समाज से बहिष्कृत कर दिया जाएगा।
क्योंकि तेरे प्रभु परमेश्वर ने, अपने सम्मुख प्रस्तुत रहने और अपने नाम से सेवा करने के लिए, सब कुलों में से उसको और उसके वंशजों को सदा के लिए चुना है।
उस समय प्रभु ने लेवी कुल को पृथक किया कि वे प्रभु की विधान-मंजूषा को वहन करें। वे प्रभु के सम्मुख प्रस्तुत रहकर उसकी सेवा करें और उसके नाम से आशिष दें, जैसा वे आज भी करते हैं।
जो मेरा तिरस्कार करता और मेरी शिक्षा ग्रहण करने से इन्कार करता है, उसको दोषी ठहराने वाला एक है : जो वचन मैंने कहा है, वही उसे अन्तिम दिन दोषी ठहराएगा।
“जो तुम्हारी सुनता है, वह मेरी सुनता है और जो तुम्हारा तिरस्कार करता है, वह मेरा तिरस्कार करता है। जो मेरा तिरस्कार करता है, वह उसका तिरस्कार करता है जिसने मुझे भेजा है।”
जब ज्ञान की निन्दा करनेवाले को दण्ड मिलता है, तब सीधा-सादा व्यक्ति बुद्धिमान बनता है, और जब बुद्धिमान को शिक्षा दी जाती है, तब वह ज्ञान प्राप्त करता है।
परन्तु जो नबी ढिठाई से मेरे नाम से ऐसे वचन कहेगा जिनको बोलने की आज्ञा मैंने नहीं दी है, अथवा जो दूसरे देवताओं के नाम से बोलेगा, उस नबी का वध किया जाएगा।”
अब तुम गिबआह नगर के गुण्डों-बदमाशों को हमारे हाथ में सौंप दो। हम उन्हें मृत्युदण्ड देंगे और इस प्रकार इस्राएली समाज से इस बुराई को दूर करेंगे।’ परन्तु बिन्यामिन कुल के लोगों ने अपने जाति-भाई इस्राएलियों की बात नहीं स्वीकार की।
तू उसे यह बात बताएगा कि मैं उसके परिवार को स्थाई रूप से दण्डित कर रहा हूँ; क्योंकि वह अपने पुत्रों के अधर्म को जानता था कि वे परमेश्वर की निन्दा कर रहे हैं, फिर भी उसने उन्हें नहीं रोका!
‘स्वर्गिक सेनाओं का प्रभु यों कहता है: यदि तू मेरे मार्ग पर चलेगा, जो दायित्व मैंने तुझे सौंपा है, उसको पूरा करेगा, तब तू मेरे मन्दिर का व्यवस्थापक होगा, मेरे मन्दिर के आंगनों का दायित्व संभालेगा। तब मैं तुझे इन सेवकों के मध्य, जो यहाँ खड़े हैं, आने-जाने का अधिकार दूंगा।
उसने मुझ-प्रभु के वचन का तिरस्कार किया है, उसने मेरी आज्ञा का उल्लंघन किया है। ऐसा व्यक्ति अपने लोगों में से अवश्य नष्ट किया जाएगा। उसका अधर्म उसी पर होगा।’
‘यदि तेरा सगा भाई, अथवा तेरा पुत्र, या पुत्री अथवा तेरी प्राण-प्रिय पत्नी या तेरा अंतरंग मित्र तुझे गुप्त रूप से फुसलाए और कहे, “आओ, हम चलें और दूसरे देवताओं की पूजा करें” , जिनको न तू जानता है और न तेरे पूर्वज ही जानते थे,
जो व्यक्ति आप के आदेश से विद्रोह करेगा, आपकी बातों को नहीं मानेगा, आपकी आज्ञा का उल्लंघन करेगा, उसको मृत्यु-दण्ड दिया जाएगा। केवल आप शक्तिशाली और साहसी हों!’