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इब्रानियों 11:6 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

और विश्‍वास के बिना परमेश्‍वर को प्रसन्न करना, असंभव है। अत: जो परमेश्‍वर के निकट पहुँचना चाहता है, उसे विश्‍वास करना आवश्‍यक है कि परमेश्‍वर है और वह उन लोगों को प्रतिफल देता है, जो उसकी खोज में लगे रहते हैं।

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पवित्र बाइबल

और विश्वास के बिना तो परमेश्वर को प्रसन्न करना असम्भव है। क्योंकि हर एक वह जो उसके पास आता है, उसके लिए यह आवश्यक है कि वह इस बात का विश्वास करे कि परमेश्वर का अस्तित्व है और वे जो उसे सच्चाई के साथ खोजते हैं, वह उन्हें उसका प्रतिफल देता है।

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Hindi Holy Bible

और विश्वास बिना उसे प्रसन्न करना अनहोना है, क्योंकि परमेश्वर के पास आने वाले को विश्वास करना चाहिए, कि वह है; और अपने खोजने वालों को प्रतिफल देता है।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

और विश्‍वास बिना उसे प्रसन्न करना अनहोना है; क्योंकि परमेश्‍वर के पास आनेवाले को विश्‍वास करना चाहिए कि वह है, और अपने खोजनेवालों को प्रतिफल देता है।

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नवीन हिंदी बाइबल

विश्‍वास के बिना उसे प्रसन्‍न करना असंभव है, क्योंकि जो कोई परमेश्‍वर के पास आता है उसके लिए यह विश्‍वास करना आवश्यक है कि परमेश्‍वर है; और जो उसे खोजते हैं उनको वह प्रतिफल देता है।

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सरल हिन्दी बाइबल

विश्वास की कमी में परमेश्वर को प्रसन्‍न करना असंभव है क्योंकि परमेश्वर के पास आनेवाले व्यक्ति के लिए यह ज़रूरी है कि वह यह विश्वास करे कि परमेश्वर हैं और यह भी कि वह उन्हें प्रतिफल देते हैं, जो उनकी खोज करते हैं.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

और विश्वास बिना उसे प्रसन्न करना अनहोना है, क्योंकि परमेश्वर के पास आनेवाले को विश्वास करना चाहिए, कि वह है; और अपने खोजनेवालों को प्रतिफल देता है।

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इब्रानियों 11:6
47 क्रॉस रेफरेंस  

इन घटनाओं के पश्‍चात् अब्राम ने एक दर्शन देखा। उन्‍हें प्रभु का यह संदेश मिला, ‘अब्राम, मत डर, मैं तेरी ढाल हूं। तुझे बड़ा पुरस्‍कार प्राप्‍त होगा।’


‘ओ मेरे पुत्र सुलेमान, अपने पिता के परमेश्‍वर का अनुभव कर, और अपने सम्‍पूर्ण हृदय और प्रसन्न चित्त से उसकी सेवा कर। प्रभु हृदय को परखता है। वह हर एक योजना और विचार को जानता है। यदि तू उसको खोजेगा तो वह तुझको प्राप्‍त होगा। परन्‍तु यदि तू उसको त्‍याग देगा, तो वह तुझे सदा के लिए त्‍याग देगा।


ये ही लोग परमेश्‍वर से कहते हैं, “हम से दूर हो! हमें तेरे मार्ग का ज्ञान नहीं चाहिए।”


इस्राएलियों ने रमणीय देश को तुच्‍छ जाना; और प्रभु के वचन पर विश्‍वास नहीं किया।


मैं अपने सम्‍पूर्ण हृदय से तुझको खोजता हूं; मुझे अपनी आज्ञाओं से विमुख न होने देना!


मनुष्‍य यह कहेंगे, “निश्‍चय, धार्मिकों के लिए पुरस्‍कार है, निस्‍सन्‍देह, परमेश्‍वर है, जो पृथ्‍वी पर न्‍याय करता है।”


पर मेरे लिए परमेश्‍वर की निकटता उत्तम है; मैं ने प्रभु-स्‍वामी को अपना आश्रय स्‍थल माना है; प्रभु, मैं तेरे सब कार्यों का वर्णन करूंगा।


क्‍योंकि उन्‍होंने परमेश्‍वर पर विश्‍वास नहीं किया, उसकी मुक्‍तिप्रद शक्‍ति पर भरोसा नहीं किया।


यह होने पर भी वे पाप करते रहे; उन्‍होंने परमेश्‍वर के आश्‍चर्यपूर्ण कार्यों पर विश्‍वास नहीं किया।


दुर्जन की कमाई मिथ्‍या है; पर धार्मिकता का बीज बोनेवाला मनुष्‍य निश्‍चय ही सच्‍चा फल प्राप्‍त करता है।


जो मुझसे प्रेम करते हैं, मैं उनसे प्रेम करती हूं; जो मुझे ढूंढ़ने में जमीन-आसमान एक कर देते हैं, वे मुझे पाते हैं।


मेरी ओर कान दो, और मेरे पास आओ। मेरी बात सुनो, ताकि तुम्‍हारा प्राण जीवित रहे। तब मैं दाऊद के प्रति अपनी अटूट करुणा के कारण तुम्‍हारे साथ शाश्‍वत विधान स्‍थापित करूंगा।


एफ्रइम राज्‍य की राजधानी सामरी नगर है, और सामरी नगर का राजा बेन-रमल्‍याह है। मुझ-प्रभु पर दृढ़ विश्‍वास करो, अन्‍यथा तुम लोग उसके सामने दृढ़ नहीं रह सकोगे।’ ”


ओ लोगो, मुझ-प्रभु के वचन पर ध्‍यान दो। क्‍या मैं इस्राएली कौम के लिए निर्जन प्रदेश के सदृश अथवा घोर अन्‍धकारमय क्षेत्र के सदृश भटकाने वाला था? तब मेरे निज लोग यह क्‍यों कहते हैं, “हम स्‍वतन्‍त्र हैं, हम तेरे पास नहीं आएंगे” ?


प्रभु ने मूसा से कहा, ‘ये लोग कब तक मेरा तिरस्‍कार करते रहेंगे? जो अद्भुत कार्य मैंने इनके मध्‍य किए, उनको देखकर भी ये कब तक मुझ पर विश्‍वास नहीं करेंगे?


परन्‍तु प्रभु ने मूसा और हारून से कहा, ‘तुम दोनों ने मुझ पर विश्‍वास नहीं किया! मुझे इस्राएली समाज की दृष्‍टि में पवित्र सिद्ध नहीं किया, इसलिए तुम इस धर्मसभा को उस देश में नहीं ले जा सकोगे जिसे मैंने उन्‍हें प्रदान किया है।’


हाँ, पिता! यही तुझे अच्‍छा लगा।”


खुश हो और आनन्‍द मनाओ; क्‍योंकि स्‍वर्ग में तुम्‍हें महान पुरस्‍कार प्राप्‍त होगा। तुम्‍हारे पहले के नबियों पर भी उन्‍होंने इसी तरह अत्‍याचार किया था।


“जब तुम उपवास करते हो तब ढोंगियों की तरह मुँह उदास बनाकर उपवास नहीं करो। वे अपना मुँह मलिन बना लेते हैं, जिस से लोग यह समझें कि वे उपवास कर रहे हैं। मैं तुम लोगों से सच कहता हूँ, वे अपना पुरस्‍कार पा चुके हैं।


तुम सब से पहले परमेश्‍वर के राज्‍य और उसकी धार्मिकता की खोज करो तो ये सब वस्‍तुएँ भी तुम्‍हें मिल जाएँगी।


“जब तुम प्रार्थना करते हो तब ढोंगियों की तरह प्रार्थना नहीं करो। वे सभागृहों में और चौकों पर खड़ा हो कर प्रार्थना करना पसन्‍द करते हैं, जिससे लोग उन्‍हें देखें। मैं तुम लोगों से सच कहता हूँ, वे अपना पुरस्‍कार पा चुके हैं।


विश्‍वास करने वालों के साथ ये चिह्‍न होंगे : वे मेरा नाम ले कर भूतों को निकालेंगे, वे नई-नई भाषा बोलेंगे


इसलिए उसके राज्‍य की खोज में लगे रहो और ये वस्‍तुएँ भी तुम्‍हें मिल जाएँगी।


परन्‍तु तुम अपने शत्रुओं से प्रेम करो, उनकी भलाई करो और वापस पाने की आशा न रख कर उधार दो। तभी तुम्‍हारा पुरस्‍कार महान् होगा और तुम सर्वोच्‍च परमेश्‍वर की संतान बन जाओगे, क्‍योंकि वह भी कृतघ्‍नों और दुष्‍टों पर कृपा करता है।


येशु ने कहा, “मार्ग, सत्‍य और जीवन मैं हूँ। मुझ से हो कर गये बिना कोई पिता के पास नहीं आ सकता।


इसलिए मैंने तुम से कहा कि तुम अपने पापों में मर जाओगे। यदि तुम विश्‍वास नहीं करते कि ‘मैं वह हूँ’ तो तुम अपने पापों में मर जाओगे।”


परन्‍तु यदि लोगों को उस में विश्‍वास नहीं, तो वे उसकी दुहाई कैसे दे सकते हैं? यदि उन्‍होंने उसके विषय में कभी सुना नहीं, तो उस में विश्‍वास कैसे कर सकते हैं? यदि कोई प्रचारक न हो, तो वे उसके विषय में कैसे सुन सकते हैं?


यदि हम येशु मसीह से संयुक्‍त हैं, तो न तो खतने का कोई महत्व है और न उसके अभाव का। महत्‍व विश्‍वास का है, जो प्रेम द्वारा क्रियाशील होता है।


उन्‍होंने मिस्र की धन-सम्‍पत्ति की अपेक्षा मसीह का अपयश अधिक मूल्‍यवान् समझा, क्‍योंकि उनकी दृष्‍टि भविष्‍य में प्राप्‍त होने वाले पुरस्‍कार पर लगी हुई थी।


भाइयो और बहिनो! आप सावधान रहें। आप लोगों में से किसी के मन में इतनी बुराई और अविश्‍वास न हो कि वह जीवन्‍त परमेश्‍वर से विमुख हो जाये।


हम को उन लोगों की तरह एक मंगलमय समाचार सुनाया गया है। परन्‍तु उन लोगों ने जो सन्‍देश सुना, उन्‍हें उससे कोई लाभ नहीं हुआ; क्‍योंकि संदेश सुनने वालों ने विश्‍वासपूर्वक उसको ग्रहण नहीं किया।


यह निश्‍चित है कि कुछ लोगों को प्रवेश करना है; किन्‍तु जिन लोगों को पहले वह मंगलमय समाचार सुनाया गया था, वे अवज्ञा करने के कारण प्रवेश नहीं कर पाये।


क्‍योंकि व्‍यवस्‍था कुछ भी पूर्णता तक नहीं पहुँचा सकी। हमें इस से श्रेष्‍ठ आशा प्रदान की गयी है और इसके माध्‍यम से हम परमेश्‍वर के निकट पहुँचते हैं।


यही कारण है कि जो लोग उनके द्वारा परमेश्‍वर की शरण लेते हैं, वह उन्‍हें पूर्णत: बचाने में समर्थ हैं; क्‍योंकि वह उनकी ओर से निवेदन करने के लिए सदा जीवित हैं।


इसलिए भाइयो और बहिनो! आप अपना बुलावा और चुनाव सुदृढ़ बनाने का पूरा-पूरा प्रयत्‍न करते रहें। यदि आप ऐसा करेंगे, तो निश्‍चय ही कभी विचलित नहीं होंगे


इसलिए आप पूरी लगन से प्रयत्‍न करते रहें कि आपका विश्‍वास सद्गुण से, आपका सद्गुण ज्ञान से,


इसलिए, प्रिय भाइयो एवं बहिनो! इन बातों की प्रतीक्षा करते हुए इस प्रकार प्रयत्‍न करते रहें कि आप लोग प्रभु की दृष्‍टि में निष्‍कलंक और निर्दोष प्रमाणित हों, और शांति प्राप्‍त करें।


लेकिन कायरों, अविश्‍वासियों, नीचों, हत्‍यारों, व्‍यभिचारियों, ओझों, मूर्तिपूजकों और हर प्रकार के मिथ्‍यावादियों का अंत यह होगा − धधकती आग और गन्‍धक के कुण्‍ड में द्वितीय मृत्‍यु!”


प्रभु तुम्‍हारे कार्य का पुरस्‍कार तुम्‍हें दे। इस्राएलियों का प्रभु परमेश्वर, जिसकी छत्रछाया में तुम आई हो, तुम्‍हें पूर्ण प्रतिफल दे।’