‘तू अपने पड़ोसी के घर का लालच न करना। तू अपने पड़ोसी की पत्नी, उसके सेवक-सेविका, बैल-गधे, तथा उसकी किसी भी वस्तु का लालच न करना।’
इफिसियों 5:5 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) आप लोग यह निश्चित रूप से जान लें कि कोई व्यभिचारी, लम्पट अथवा लोभी-जो मूर्तिपूजक के बराबर है-मसीह और परमेश्वर के राज्य का अधिकारी नहीं होगा। पवित्र बाइबल क्योंकि तुम निश्चय के साथ यह जानते हो कि ऐसा कोई भी व्यक्ति जो दुराचारी है, अपवित्र है अथवा लालची है, जो एक मूर्ति पूजक होने जैसा है। मसीह के और परमेश्वर के राज्य का उत्तराधिकार नहीं पा सकता। Hindi Holy Bible क्योंकि तुम यह जानते हो, कि किसी व्यभिचारी, या अशुद्ध जन, या लोभी मनुष्य की, जो मूरत पूजने वाले के बराबर है, मसीह और परमेश्वर के राज्य में मीरास नहीं। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) क्योंकि तुम यह जानते हो कि किसी व्यभिचारी, या अशुद्ध जन, या लोभी मनुष्य की, जो मूर्तिपूजक के बराबर है, मसीह और परमेश्वर के राज्य में मीरास नहीं। नवीन हिंदी बाइबल क्योंकि तुम यह भली-भाँति जानते हो कि किसी व्यभिचारी या अशुद्ध या लोभी मनुष्य का, जो एक मूर्तिपूजक के समान है, मसीह और परमेश्वर के राज्य में कोई उत्तराधिकार नहीं है। सरल हिन्दी बाइबल क्योंकि तुम यह अच्छी तरह से जानते हो कि किसी भी व्यभिचारी, मलिन तथा लोभी व्यक्ति का, जो मूर्तिपूजक ही है, मसीह और परमेश्वर के राज्य में मीरास नहीं है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 क्योंकि तुम यह जानते हो कि किसी व्यभिचारी, या अशुद्ध जन, या लोभी मनुष्य की, जो मूर्तिपूजक के बराबर है, मसीह और परमेश्वर के राज्य में विरासत नहीं। |
‘तू अपने पड़ोसी के घर का लालच न करना। तू अपने पड़ोसी की पत्नी, उसके सेवक-सेविका, बैल-गधे, तथा उसकी किसी भी वस्तु का लालच न करना।’
अब मैं आप लोगों को परमेश्वर के तथा उसके अनुग्रहपूर्ण वचन के संरक्षण में सौंपता हूं, जो आपका निर्माण करने तथा सब पवित्र किए हुए भक्तों के साथ आप को विरासत दिलाने में समर्थ है।
इस बात में तेरा न तो कोई भाग है और न कोई अधिकार; क्योंकि तेरा हृदय परमेश्वर की दृष्टि में निष्कपट नहीं है।
द्वेष, मतवालापन, रंगरलियाँ और इसी प्रकार की अन्य बातें। मैं आप लोगों से कहता हूँ, जैसा कि मैंने पहले भी कहा है, जो लोग इस प्रकार का आचरण करते हैं, वे परमेश्वर के राज्य के अधिकारी नहीं होंगे।
जैसा कि सन्तों के लिए उचित है, आप लोगों के बीच किसी प्रकार के व्यभिचार और अशुद्धता अथवा लोभ की चर्चा तक न हो,
इसलिए आप लोग अपने शरीर में इन बातों को निर्जीव करें जो संसार की हैं, अर्थात् व्यभिचार, अशुद्धता, कामुकता, विषयवासना और लोभ को जो मूर्तिपूजा के सदृश है।
क्योंकि धन का लालच सभी बुराइयों की जड़ है। इसी लालच में पड़ कर कई लोग विश्वस के मार्ग से भटक गये और उन्होंने अपने ह्रदय को अनेक दु:खों से छलनी बना दिया है।
इस वर्तमान संसार के धनवानों से अनुरोध करो कि वे घमण्ड न करें और नश्वर धन-सम्पत्ति पर नहीं, बल्कि परमेश्वर पर भरोसा रखें, जो हमारे उपभोग की सब वस्तुएं पर्याप्त मात्रा में देता है।
आप लोगों में विवाह सम्मानित और दाम्पत्य जीवन अदूषित हो; क्योंकि परमेश्वर लम्पटों और व्यभिचारियों का न्याय करेगा।
मैंने लूट में बाबुल देश का एक सुन्दर अंगरखा, दो किलो चांदी, और आधा किलो सोने की ईंट देखी थी। मैं उनको देखकर लालच में पड़ गया, और उनको चुरा लिया। ये वस्तुएँ मेरे तम्बू के भीतर भूमि में गड़ी हैं। सब वस्तुओं के नीचे चाँदी है।’
लेकिन कायरों, अविश्वासियों, नीचों, हत्यारों, व्यभिचारियों, ओझों, मूर्तिपूजकों और हर प्रकार के मिथ्यावादियों का अंत यह होगा − धधकती आग और गन्धक के कुण्ड में द्वितीय मृत्यु!”
कुत्ते, ओझे, व्यभिचारी, हत्यारे, मूर्तिपूजक, असत्य से प्रेम करनेवाले और मिथ्याचारी बाहर ही रहेंगे।