Biblia Todo Logo
ऑनलाइन बाइबिल
- विज्ञापनों -




निर्गमन 20:17 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

17 ‘तू अपने पड़ोसी के घर का लालच न करना। तू अपने पड़ोसी की पत्‍नी, उसके सेवक-सेविका, बैल-गधे, तथा उसकी किसी भी वस्‍तु का लालच न करना।’

अध्याय देखें प्रतिलिपि

पवित्र बाइबल

17 “दूसरे लोगों की चीज़ों को लेने की इच्छा तुम्हें नहीं करनी चाहिए। तुम्हें अपने पड़ोसी का घर, उसकी पत्नी, उसके सेवक और सेविकाओं, उसकी गायों, उसके गधों को लेने की इच्छा नहीं करनी चाहिए। तुम्हें किसी की भी चीज़ को लेने की इच्छा नहीं करनी चाहिए।”

अध्याय देखें प्रतिलिपि

Hindi Holy Bible

17 तू किसी के घर का लालच न करना; न तो किसी की स्त्री का लालच करना, और न किसी के दास-दासी, वा बैल गदहे का, न किसी की किसी वस्तु का लालच करना॥

अध्याय देखें प्रतिलिपि

पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

17 “तू किसी के घर का लालच न करना; न तो किसी की स्त्री का लालच करना, और न किसी के दास–दासी या बैल–गदहे का, न किसी की किसी वस्तु का लालच करना।”

अध्याय देखें प्रतिलिपि

नवीन हिंदी बाइबल

17 “तू किसी के घर का लालच न करना; न तो किसी की स्‍त्री का लालच करना, और न किसी के दास-दासी या बैल-गधे का, न किसी की वस्तु का लालच करना।”

अध्याय देखें प्रतिलिपि

सरल हिन्दी बाइबल

17 तुम अपने पड़ोसी के घर का लालच नहीं करना; तुम अपने पड़ोसी की पत्नी का लालच नहीं करना; न किसी सेवक, सेविका का; अथवा उसके बैल अथवा गधे का—उसकी किसी भी वस्तु का लालच नहीं करना.”

अध्याय देखें प्रतिलिपि




निर्गमन 20:17
41 क्रॉस रेफरेंस  

कि मैं आपकी कोई वस्‍तु, न तो सूत और न जूती का बन्‍धन ही, ग्रहण करूँगा। ऐसा न हो कि आप कहें, “मैंने अब्राम को धनी बनाया है।”


स्‍त्री ने देखा कि आहार के लिए वृक्ष उत्तम है। वह आंखों को लुभाता है, और बुद्धिमान बनने के लिए वांछनीय है। अत: उसने उसका फल तोड़ा, और उस को खाया। उसने अपने पति को भी दिया, जो उसके साथ था, और उसने भी खाया।


तब इनके पालतू पशु, इनकी धन-सम्‍पत्ति और वन पशु हमारे हो जाएंगे। हम केवल इनकी शर्त को स्‍वीकार कर लें। तब ये हमारे साथ रहने लगेंगे।’


‘मैंने अपनी आंखों के साथ समझौता किया है कि मैं किसी कुंवारी को बुरी नजर से नहीं देखूंगा।


‘यदि मेरा हृदय पड़ोसी की पत्‍नी पर मोहित हो गया था; और मैं उसके द्वार पर घात में बैठता था


दुर्जन अपनी अभिलाषा की डींग मारता है; वह स्‍वयं की प्रशंसा करता, पर प्रभु की निन्‍दा करता है।


प्रभु, मेरे हृदय को लालच की ओर नहीं, किन्‍तु अपनी सािक्षयों की ओर झुका।


मेरे पुत्र, सबसे अधिक अपने हृदय की रक्षा कर; क्‍योंकि जीवन के स्रोत उससे ही फूटते हैं।


अत: जो पुरुष परायी स्‍त्री के पास जाता है, वह भी ऐसे ही जलेगा; जो पुरुष परायी स्‍त्री का स्‍पर्श करेगा, वह दण्‍ड से नहीं बचेगा।


यद्यपि मनुष्‍य अकेला है, उसका पुत्र नहीं, भाई नहीं, तथापि वह निरन्‍तर कमाता ही जाता है, उसके परिश्रम का कोई अन्‍त नहीं। उसकी आंखें धन-सम्‍पत्ति से तृप्‍त नहीं होतीं। वह अपने आपसे कभी पूछता नहीं, “मैं यह सब परिश्रम किसके लिए कर रहा हूं, और क्‍यों स्‍वयं को सुख-चैन से वंचित कर रहा हूं?” यह भी व्‍यर्थ है, और एक दु:खद कार्य-व्‍यापार है।


वह व्यक्‍ति जिसका आचरण धर्ममय है, जो हृदय से सीधी-सच्‍ची बातें बोलता है, जो शोषण से घृणा करता है, जो घूस से अपना हाथ सिकोड़ लेता है, जो हिंसा की बातें सुनने से, अपने कान बन्‍द कर लेता है, जो बुराई को देखने से अपनी आंखें बन्‍द कर लेता है।


मैं उसके लोभ के पाप के कारण उससे क्रुद्ध हुआ था; मैंने उसको मारा, मैंने उससे अपना मुंह छिपा लिया, मैं उससे नाराज था। किन्‍तु वह अपने हृदय के अनुसार अपने मार्ग पर चलता गया, और धर्म-भ्रष्‍ट बना रहा।


किन्‍तु तेरी आंखें किस लिए हैं? तेरे पास हृदय है ... पर किस लिए? अन्‍याय से लाभ कमाने के लिए, निर्दोष की हत्‍या करने के लिए, जनता पर अत्‍याचार और दमन करने के लिए?’


वे स्‍वस्‍थ, मोटे-ताजे घोड़ों की तरह हो गये, और अपने-अपने पड़ोसी की स्‍त्री पर हिनहिनाने लगे!


वे झुण्‍ड के झुण्‍ड तेरे पास आते हैं। वे मेरे निज लोगों के समान तेरे सामने बैठते हैं। वे तेरी बातें सुनते हैं, पर मेरे सन्‍देश के अनुसार आचरण नहीं करते। “वाह! कितने सुन्‍दर वचन हैं!” , वे मुंह से यह कहते हैं, किन्‍तु उनका हृदय स्‍वार्थ में डूबा हुआ है।


वे पराए खेतों का लालच करते हैं, और उन्‍हें हड़प लेते हैं; वे दूसरे के मकानों की लालसा करते हैं, और उन्‍हें हथिया लेते हैं। वे पड़ोसी और उसके परिवार पर अत्‍याचार करते हैं, वे अन्‍य व्यक्‍ति और उसकी पैतृक सम्‍पत्ति का शोषण करते हैं।


‘धिक्‍कार है तुझे! तू अपने परिवार के लिए पाप की कमाई करता है। तू पाप की पकड़ से बचने के लिए पहाड़ पर गुप्‍त निवास-स्‍थान बनाता है।


जो मेरा है, क्‍या मैं अपनी इच्‍छा के अनुसार उस का उपयोग नहीं कर सकता? क्‍या मेरा उदार होना तुम्‍हारी आँखों में खटकता है?’


परन्‍तु मैं तुम से कहता हूँ : जो कोई बुरी इच्‍छा से किसी स्‍त्री पर दृष्‍टि डालता है, वह अपने मन में उसके साथ व्‍यभिचार कर चुका है।


तब येशु ने लोगों से कहा, “सावधान! हर प्रकार के लोभ से बचो; क्‍योंकि किसी के पास कितनी ही सम्‍पत्ति क्‍यों न हो, उस सम्‍पत्ति की प्रचुरता में उस का जीवन नहीं है।”


फरीसी, जो धन-दौलत को प्‍यार करते थे, ये सब बातें सुन कर येशु की हँसी उड़ाने लगे।


“मैंने कभी किसी की चाँदी, सोना अथवा वस्‍त्र का लोभ नहीं किया।


बेचे जाने से पहले क्‍या वह जमीन तुम्‍हारी अपनी नहीं थी? और इसके बाद भी क्‍या उसकी धनराशि तुम्‍हारे अधिकार में नहीं थी? तुमने ऐसा काम करने का विचार अपने हृदय में क्‍यों किया? तुम मनुष्‍यों से नहीं, बल्‍कि परमेश्‍वर से झूठ बोले हो।”


उदाहरणार्थ, ‘व्‍यभिचार मत करो, हत्‍या मत करो, चोरी मत करो, लालच मत करो’—इनका तथा अन्‍य सभी दूसरी आज्ञाओं का सारांश यह है : अपने पड़ोसी से अपने समान प्रेम करो।


क्‍या इसका अर्थ यह है कि व्‍यवस्‍था पाप है? कदापि नहीं! फिर भी व्‍यवस्‍था के द्वारा ही पाप का पता चला। यदि व्‍यवस्‍था ने नहीं कहा होता : “लालच मत करो” तो मैं यह नहीं जानता कि लालच क्‍या है।


चोर, लोभी, शराबी, निन्‍दक और धोखेबाज परमेश्‍वर के राज्‍य के अधिकारी नहीं होंगे।


जैसा कि सन्‍तों के लिए उचित है, आप लोगों के बीच किसी प्रकार के व्‍यभिचार और अशुद्धता अथवा लोभ की चर्चा तक न हो,


आप लोग यह निश्‍चित रूप से जान लें कि कोई व्‍यभिचारी, लम्‍पट अथवा लोभी-जो मूर्तिपूजक के बराबर है-मसीह और परमेश्‍वर के राज्‍य का अधिकारी नहीं होगा।


‘तू अपने पड़ोसी की पत्‍नी का लालच न करना। तू अपने पड़ोसी के घर, उसके खेत, सेवक-सेविका, बैल-गधे तथा उसकी किसी भी वस्‍तु का लोभ न करना।


‘तू उनके देवताओं की मूर्तियाँ आग में जला डालना। मूर्तियों पर मढ़े हुए सोना-चांदी का लालच मत करना, और न उसको लेना। ऐसा न हो कि तू मूर्तियों के फन्‍दे में फंस जाए, क्‍योंकि यह तेरे प्रभु परमेश्‍वर के लिए घृणित बात है।


उन लोगों का अन्‍त सर्वनाश है। वे भोजन को अपना ईश्‍वर बना लेते हैं और ऐसी बातों पर गर्व करते हैं, जिन पर लज्‍जा करनी चाहिए। उनका मन संसार की वस्‍तुओं में लगा हुआ है।


इसलिए आप लोग अपने शरीर में इन बातों को निर्जीव करें जो संसार की हैं, अर्थात् व्‍यभिचार, अशुद्धता, कामुकता, विषयवासना और लोभ को जो मूर्तिपूजा के सदृश है।


आप लोग धन का लालच न करें। जो आपके पास है, उस से सन्‍तुष्‍ट रहें; क्‍योंकि परमेश्‍वर ने स्‍वयं कहा है, “मैं तुझको नहीं छोड़ूँगा। मैं तुझको कभी नहीं त्‍यागूँगा।”


मैंने लूट में बाबुल देश का एक सुन्‍दर अंगरखा, दो किलो चांदी, और आधा किलो सोने की ईंट देखी थी। मैं उनको देखकर लालच में पड़ गया, और उनको चुरा लिया। ये वस्‍तुएँ मेरे तम्‍बू के भीतर भूमि में गड़ी हैं। सब वस्‍तुओं के नीचे चाँदी है।’


मैं तुम्‍हारे सामने प्रस्‍तुत हूँ : प्रभु और उसके अभिषिक्‍त राजा के सम्‍मुख साक्षी दो। मैंने किस व्यक्‍ति का बैल लिया? मैंने किस व्यक्‍ति का गधा लिया? मैंने किस व्यक्‍ति का दमन अथवा उस पर अत्‍याचार किया? क्‍या मैंने कभी किसी के हाथ से घूस ली? यदि तुम्‍हारी साक्षी सच होगी तो मैं उसको तुम्‍हें लौटा दूँगा।’


तब क्‍यों तूने प्रभु की आज्ञा नहीं मानी? क्‍यों तू लूट पर झपट्टा मार कर टूट पड़ा? जो कार्य प्रभु की दृष्‍टि में बुरा है, वह तूने क्‍यों किया?’


हमारे पर का पालन करें:

विज्ञापनों


विज्ञापनों