मैं उनकी आँखें खोलने के लिए, उन्हें अन्धकार से ज्योति की ओर उन्मुख करने के लिए, अर्थात् शैतान की शक्ति से विमुख हो परमेश्वर की ओर अभिमुख करने के लिए, तुझे उनके पास भेज रहा हूं, जिससे वे मुझ में विश्वास करने के कारण अपने पापों की क्षमा पाएं और पवित्र किए हुए भक्तों के बीच स्थान प्राप्त कर सकें।’
परन्तु आप लोग चुने हुए वंश, राजकीय पुरोहित-वर्ग, पवित्र राष्ट्र तथा परमेश्वर की अपनी निजी प्रजा हैं, जिससे आप उसी के महान् कार्यों की घोषणा करें, जो आप लोगों को अन्धकार में से निकाल कर अपनी अलौकिक ज्योति में बुला लाया है।
क्योंकि हमें निरे मनुष्यों से नहीं, बल्कि वर्तमान अन्धकार के अधिपतियों, अधिकारियों तथा महाशासकों से, स्वर्गिक क्षेत्र के दुष्ट आत्माओं से ही संघर्ष करना पड़ता है।
हम जानते हैं कि हमने मृत्यु से निकल कर जीवन में प्रवेश किया है; क्योंकि हम अपने भाई-बहिनों से प्रेम करते हैं। जो प्रेम नहीं करता, वह मृत्यु में बना रहता है।
इस युग-संसार के देवता ने अविश्वासियों का मन इतना अन्धा कर दिया है कि वे परमेश्वर के प्रतिरूप, अर्थात् मसीह के तेजोमय शुभ समाचार की ज्योति को देखने में असमर्थ हैं।
“मैं तुम से सच-सच कहता हूँ : जो मेरा वचन सुनता और जिसने मुझे भेजा, उस में विश्वास करता है, उसे शाश्वत जीवन प्राप्त है। वह दोषी नहीं ठहराया जाएगा। वह तो मृत्यु को पार कर जीवन में प्रवेश कर चुका है।
फिर भी जो आज्ञा मैं तुम्हें लिख रहा हूँ, वह नयी है। वह नयी इसलिए है कि वह मसीह में चरितार्थ हुई और तुम में भी चरितार्थ हो रही है; क्योंकि अन्धकार हट रहा है और सत्य की ज्योति अब चमकने लगी है।
यह है मेरा सेवक! इसको मैं सम्भाले हुए हूं। यह मेरा मनोनीत है! इससे मैं प्रसन्न हूं। मैंने इसको अपना आत्मा प्रदान किया है, जिससे वह राष्ट्रों में न्याय की स्थापना करे।
परिवार की समस्त सन्तति का रक्त-मांस एक ही होता है, इसलिए येशु ने भी हमारा रक्त-मांस धारण किया, जिससे वह अपनी मृत्यु द्वारा मृत्यु पर अधिकार रखने वाले शैतान को परास्त करें
“पिता! मैं चाहता हूँ कि तूने जिन्हें मुझे सौंपा है, वे, जहाँ मैं हूँ, मेरे साथ रहें, जिससे वे मेरी महिमा देख सकें, जो तूने मुझे प्रदान की है; क्योंकि तूने संसार की नींव रखी जाने से पूर्व मुझ से प्रेम किया है।
“तब राजा अपनी दाहिनी ओर के लोगों से कहेगा, ‘मेरे पिता के कृपापात्रो! आओ और उस राज्य के अधिकारी बनो, जो सृष्टि के आरम्भ से तुम्हारे लिए तैयार किया गया है;
ओ सियोन के निवासियो, अत्यधिक आनन्द मनाओ! ओ यरूशलेम के निवासियो, जय-जयकार करो! देखो, तुम्हारा राजा तुम्हारे पास आ रहा है, वह धार्मिक है, उसने विजय प्राप्त की है। वह विनम्र है, और विनम्रता के प्रतीक गदहे पर, उसके बछेरू पर, नहीं, वह लद्दू के बछेरू पर बैठा है।
अत: मैं महान व्यक्तियों के साथ उसका भाग बांटूंगा, और वह बलवानों के साथ “लूट” बांटेगा। उसने मृत्यु की वेदी पर अपना प्राण अर्पित कर दिया; और वह अपराधियों के साथ गिना गया। फिर भी उसने अनेक लोगों के पाप का बोझ उठाया, और अपराधियों के लिए प्रार्थना की।’
वह बोल ही रहा था कि उन सब पर एक चमकीला बादल छा गया और उस बादल में से यह वाणी सुनाई पड़ी, “यह मेरा प्रिय पुत्र है। मैं इस पर अत्यन्त प्रसन्न हूँ। इसकी बात सुनो।”