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इफिसियों 5:5 - नवीन हिंदी बाइबल

5 क्योंकि तुम यह भली-भाँति जानते हो कि किसी व्यभिचारी या अशुद्ध या लोभी मनुष्य का, जो एक मूर्तिपूजक के समान है, मसीह और परमेश्‍वर के राज्य में कोई उत्तराधिकार नहीं है।

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पवित्र बाइबल

5 क्योंकि तुम निश्चय के साथ यह जानते हो कि ऐसा कोई भी व्यक्ति जो दुराचारी है, अपवित्र है अथवा लालची है, जो एक मूर्ति पूजक होने जैसा है। मसीह के और परमेश्वर के राज्य का उत्तराधिकार नहीं पा सकता।

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Hindi Holy Bible

5 क्योंकि तुम यह जानते हो, कि किसी व्यभिचारी, या अशुद्ध जन, या लोभी मनुष्य की, जो मूरत पूजने वाले के बराबर है, मसीह और परमेश्वर के राज्य में मीरास नहीं।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

5 आप लोग यह निश्‍चित रूप से जान लें कि कोई व्‍यभिचारी, लम्‍पट अथवा लोभी-जो मूर्तिपूजक के बराबर है-मसीह और परमेश्‍वर के राज्‍य का अधिकारी नहीं होगा।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

5 क्योंकि तुम यह जानते हो कि किसी व्यभिचारी, या अशुद्ध जन, या लोभी मनुष्य की, जो मूर्तिपूजक के बराबर है, मसीह और परमेश्‍वर के राज्य में मीरास नहीं।

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सरल हिन्दी बाइबल

5 क्योंकि तुम यह अच्छी तरह से जानते हो कि किसी भी व्यभिचारी, मलिन तथा लोभी व्यक्ति का, जो मूर्तिपूजक ही है, मसीह और परमेश्वर के राज्य में मीरास नहीं है.

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इफिसियों 5:5
15 क्रॉस रेफरेंस  

“तू किसी के घर का लालच न करना; न तो किसी की स्‍त्री का लालच करना, और न किसी के दास-दासी या बैल-गधे का, न किसी की वस्तु का लालच करना।”


और अब मैं तुम्हें परमेश्‍वर और उसके अनुग्रह के उस वचन के हाथ सौंपता हूँ, जो तुम्हारी उन्‍नति कर सकता है और सब पवित्र किए गए लोगों के साथ तुम्हें उत्तराधिकार दे सकता है।


इस बात में तेरा न कोई भाग है और न हिस्सा, क्योंकि परमेश्‍वर के सामने तेरा मन सीधा नहीं।


अब शरीर के कार्य तो स्पष्‍ट हैं, अर्थात् व्यभिचार, अशुद्धता, कामुकता,


डाह, मतवालापन, रंगरेलियाँ, तथा ऐसे और भी कार्य हैं जिनके विषय में मैं तुम्हें पहले ही कह देता हूँ, जैसा मैं पहले भी कह चुका हूँ कि ऐसे कार्य करनेवाले परमेश्‍वर के राज्य के उत्तराधिकारी नहीं होंगे।


जैसा कि पवित्र लोगों के लिए उचित है, तुम्हारे बीच व्यभिचार, किसी भी प्रकार की अशुद्धता या लालच का नाम तक न लिया जाए,


उसी ने हमें अंधकार के वश से छुड़ाया और अपने प्रिय पुत्र के राज्य में ले आया,


इसलिए जो कुछ तुममें सांसारिक है उसे मार डालो, जैसे व्यभिचार, अशुद्धता, कामुकता, बुरी लालसा, तथा लोभ को जो मूर्तिपूजा है।


क्योंकि धन का लोभ सब प्रकार की बुराइयों की जड़ है, जिसकी लालसा में कितने ही लोगों ने विश्‍वास से भटककर अपने आपको अनेक दुःखों से छलनी कर लिया है।


इस संसार के धनवानों को आज्ञा दे कि वे अहंकारी न बनें और अनिश्‍चित धन पर नहीं बल्कि परमेश्‍वर पर आशा रखें जो हमारे आनंद के लिए सब कुछ बहुतायत से देता है।


विवाह सब में आदर की बात समझी जाए, और विवाह-शय्या निष्कलंक रहे; क्योंकि परमेश्‍वर व्यभिचारियों और परस्‍त्रीगामियों को दंड देगा।


परंतु डरपोकों, अविश्‍वासियों, घृणितों, हत्यारों, व्यभिचारियों, जादू-टोना करनेवालों, मूर्तिपूजकों और सब झूठों का भाग आग और गंधक से जलती हुई झील में होगा, जो दूसरी मृत्यु है।”


परंतु कुत्ते, जादू-टोना करनेवाले, व्यभिचारी, हत्यारे, मूर्तिपूजक और वे सब जो झूठ को प्रिय जानते और उसका पालन करते हैं, बाहर रहेंगे।


हमारे पर का पालन करें:

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