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इब्रानियों 13:4 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

4 आप लोगों में विवाह सम्‍मानित और दाम्‍पत्‍य जीवन अदूषित हो; क्‍योंकि परमेश्‍वर लम्‍पटों और व्‍यभिचारियों का न्‍याय करेगा।

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पवित्र बाइबल

4 विवाह का सब को आदर करना चाहिए। विवाह की सेज को पवित्र रखो। क्योंकि परमेश्वर व्यभिचारियों और दुराचारियों को दण्ड देगा।

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Hindi Holy Bible

4 विवाह सब में आदर की बात समझी जाए, और बिछौना निष्कलंक रहे; क्योंकि परमेश्वर व्यभिचारियों, और परस्त्रीगामियों का न्याय करेगा।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

4 विवाह सब में आदर की बात समझी जाए, और विवाह–बिछौना निष्कलंक रहे, क्योंकि परमेश्‍वर व्यभिचारियों, और परस्त्रीगामियों का न्याय करेगा।

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नवीन हिंदी बाइबल

4 विवाह सब में आदर की बात समझी जाए, और विवाह-शय्या निष्कलंक रहे; क्योंकि परमेश्‍वर व्यभिचारियों और परस्‍त्रीगामियों को दंड देगा।

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सरल हिन्दी बाइबल

4 विवाह की बात सम्मानित रहे तथा विवाह का बिछौना कभी अशुद्ध न होने पाए क्योंकि परमेश्वर व्यभिचारियों तथा परस्त्रीगामियों को दंडित करेंगे.

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इब्रानियों 13:4
33 क्रॉस रेफरेंस  

अत: प्रभु परमेश्‍वर ने मनुष्‍य को गहरी नींद में सुला दिया। जब वह सो रहा था तब उसकी पसलियों में से एक पसली निकाली और उस रिक्‍त स्‍थान को मांस से भर दिया।


इसलिए पुरुष अपने माता-पिता को छोड़कर अपनी पत्‍नी के साथ रहेगा, और वे एक देह होंगे।


पुरोहित हिल्‍कियाह, अहीकाम, अकबोर, शाफान और असायाह तुरन्‍त नबिया हूल्‍दाह के पास गए। वह हर्हस के पौत्र और तिक्‍वाह के पुत्र शल्‍लूम की पत्‍नी थी। उसका पति पुरोहितों की पोशाक का प्रबन्‍धक था। वह यरूशलेम की नई बस्‍ती में रहती थी। उन्‍होंने उससे बात की।


यह एक ऐसी आग है जो विनाश-लोक को भी भस्‍म कर देती है; यह मेरी समस्‍त समृद्धि को जड़ से खाक कर देती!


मैंने अपनी पत्‍नी से संभोग किया। वह गर्भवती हुई, और उसने एक पुत्र को जन्‍म दिया। तब प्रभु ने मुझसे यह कहा, ‘तू अपने पुत्र का नाम “महेर-शालाल-हाशबज” रख,


जब पुरुष स्‍त्री से सहवास करता है और उसका वीर्यपात होता है तब दोनों जल से स्‍नान करेंगे। वे सन्‍ध्‍या तक अशुद्ध रहेंगे।


तुम अपने देश-भाई की स्‍त्री के साथ कामुक होकर सहवास नहीं करना और उससे अपने को अशुद्ध मत करना।


स्‍वर्गिक सेनाओं का प्रभु यों कहता है, ‘तब मैं अदालत में तुम्‍हारे सम्‍मुख उपस्‍थित होऊंगा। मैं इन सब लोगों के विरुद्ध तुरन्‍त साक्षी दूंगा: झाड़-फूंक करनेवाले ओझा, व्‍यभिचारी, झूठी शपथ खानेवाले, मजदूर की मजदूरी दबानेवाले, विधवाओं और अनाथों पर अत्‍याचार करनेवाले, प्रवासी के अधिकारों को छीननेवाले और मुझसे न डरनेवाले।


व्‍यभिचार से दूर रहें। मनुष्‍य के दूसरे सभी पाप उसके शरीर से बाहर हैं, किन्‍तु व्‍यभिचार करने वाला अपने ही शरीर के विरुद्ध पाप करता है।


क्‍या आप यह नहीं जानते कि अन्‍याय करने वाले व्यक्‍ति परमेश्‍वर के राज्‍य के अधिकारी नहीं होंगे? धोखे में न रहें! व्‍यभिचारी, मूर्तिपूजक, परस्‍त्रीगामी, कामातुर और पुरुषगामी,


इस प्रकार जो अपनी मँगेतर युवती से विवाह करता है, वह अच्‍छा करता है और जो विवाह नहीं करता, वह और भी अच्‍छा करता है।


क्‍या अन्‍य प्रेरितों, प्रभु के भाइयों और कैफ़ा की भांति हमें अपनी मसीही पत्‍नी को अपने साथ ले चलने का अधिकार नहीं?


क्‍योंकि हम-सब को मसीह के न्‍यायासन के सामने प्रस्‍तुत किया जायेगा। प्रत्‍येक व्यक्‍ति ने शरीर में रहते समय जो कुछ किया है, चाहे वह भलाई हो या बुराई, उसे उसका प्रतिफल मिलेगा।


शारीरिक स्‍वभाव के कर्म प्रत्‍यक्ष हैं, अर्थात् व्‍यभिचार, अशुद्धता, लम्‍पटता,


द्वेष, मतवालापन, रंगरलियाँ और इसी प्रकार की अन्‍य बातें। मैं आप लोगों से कहता हूँ, जैसा कि मैंने पहले भी कहा है, जो लोग इस प्रकार का आचरण करते हैं, वे परमेश्‍वर के राज्‍य के अधिकारी नहीं होंगे।


आप लोग यह निश्‍चित रूप से जान लें कि कोई व्‍यभिचारी, लम्‍पट अथवा लोभी-जो मूर्तिपूजक के बराबर है-मसीह और परमेश्‍वर के राज्‍य का अधिकारी नहीं होगा।


‘यदि कोई पुरुष दूसरे पुरुष की पत्‍नी के साथ सहवास करता हुआ पकड़ा जाएगा, तो दूसरे की पत्‍नी के साथ सहवास करने वाले तथा उस स्‍त्री दोनों को मृत्‍यु-दण्‍ड दिया जाएगा। यों तू इस्राएल के मध्‍य से इस बुराई को दूर करना।


कोई भी मर्यादा का उल्‍लंघन न करे और इस सम्‍बन्‍ध में अपने भाई अथवा बहिन के प्रति अन्‍याय नहीं करे; क्‍योंकि प्रभु इन सब बातों का बदला लेता है, जैसा कि हम आप लोगों को स्‍पष्‍ट श्‍ब्‍दों में समझा चुके हैं।


धर्मसेवक पत्‍नीव्रती हों और अपने बच्‍चों तथा घर का अच्‍छा प्रबन्‍ध करने वाले हों।


धर्माध्‍यक्ष को चाहिए कि वह अनिन्‍दनीय, पत्‍नीव्रती, संयमी, समझदार, भद्र, अतिथिप्रेमी और कुशल शिक्षक हो।


वह अपने घर का अच्‍छा प्रबन्‍ध करे और गम्‍भीरतापूर्वक अपने बच्‍चों को अनुशासन में रखे।


जो विवाह का निषेध करते हैं और कुछ भोज्‍य वस्‍तुओं से परहेज करने का आदेश देते हैं−यद्यपि परमेश्‍वर ने उन व‍स्‍तुओं की सृष्‍टि इसलिए की है कि सत्‍य जानने वाले विश्‍वासी धन्‍यवाद देते हुए उन्‍हें ग्रहण करें।


इसलिए मैं चाहता हूँ कि कम उम्र की विधवाएँ विवाह करें, माता बनें, अपने घर का प्रबन्‍ध करें और विरोधी को हमारी निन्‍दा करने का अवसर न दें;


उन में से प्रत्‍येक अनिन्‍दनीय और पत्‍नीव्रती हो। उसके पुत्र-पुत्रियाँ विश्‍वासी हों, लम्‍पटता और अनुशासनहीनता के दोष से मुक्‍त हों।


आप लोगों में न तो कोई व्‍यभिचारी हो और न एसाव के सदृश कोई अधर्मी, जिसने एक ही बार के भोजन के लिए अपना पहलौठे का अधिकार बेच दिया।


कुत्ते, ओझे, व्‍यभिचारी, हत्‍यारे, मूर्तिपूजक, असत्‍य से प्रेम करनेवाले और मिथ्‍याचारी बाहर ही रहेंगे।


हमारे पर का पालन करें:

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