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गलातियों 5:19 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

19 शारीरिक स्‍वभाव के कर्म प्रत्‍यक्ष हैं, अर्थात् व्‍यभिचार, अशुद्धता, लम्‍पटता,

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पवित्र बाइबल

19 अब देखो! हमारे शरीर की पापपूर्ण प्रकृति के कामों को तो सब जानते हैं। वे हैं: व्यभिचार अपवित्रता, भोगविलास,

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Hindi Holy Bible

19 शरीर के काम तो प्रगट हैं, अर्थात व्यभिचार, गन्दे काम, लुचपन।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

19 शरीर के काम तो प्रगट हैं, अर्थात् व्यभिचार, गन्दे काम, लुचपन,

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नवीन हिंदी बाइबल

19 अब शरीर के कार्य तो स्पष्‍ट हैं, अर्थात् व्यभिचार, अशुद्धता, कामुकता,

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सरल हिन्दी बाइबल

19 शरीर द्वारा उत्पन्‍न काम स्पष्ट हैं: वेश्यागामी, अशुद्धता, भ्रष्टाचार,

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गलातियों 5:19
30 क्रॉस रेफरेंस  

जहाँ तक मेरे मानवीय कार्यों का संबंध है, तेरे ओंठों के ही शब्‍द द्वारा मैंने हिंसको के मार्ग से स्‍वयं को बचाया है।


जो शरीर से उत्‍पन्न होता है, वह शरीर है और जो आत्‍मा से उत्‍पन्न होता है, वह आत्‍मा है।


मैं जानता हूँ कि मुझ में, अर्थात् मेरे शारीरिक स्‍वभाव में, मसीह का निवास नहीं है; क्‍योंकि अच्‍छे कार्य करने की इच्‍छा तो मुझ में विद्यमान है, किन्‍तु उन्‍हें कार्यान्‍वित करने की शक्‍ति मुझमें नहीं है।


परमेश्‍वर ही! हमारे प्रभु येशु मसीह के द्वारा। परमेश्‍वर को धन्‍यवाद! सारांश यह, कि मैं अन्‍तर्मन से परमेश्‍वर के नियम का, किन्‍तु साथ ही साथ अपने शरीर से पाप के नियम का पालन करता हूँ।


जब हम अपने शारीरिक स्‍वाभाव के अधीन थे, तो व्‍यवस्‍था से बल पाकर पापमय वासनाएँ हमारे अंगों में क्रियाशील थीं और मृत्‍यु के फल उत्‍पन्न करती थीं।


यदि आप शारीरिक स्‍वभाव के अनुसार ही जीवन बितायेंगे, तो अवश्‍य मर जायेंगे। लेकिन यदि आप आत्‍मा की प्रेरणा से शरीर की प्रवृत्तियों का दमन करेंगे, तो आप को जीवन प्राप्‍त होगा।


मानव स्‍वभाव की दुर्बलता के कारण मूसा की व्‍यवस्‍था जो कार्य करने में असमर्थ थी, वह कार्य परमेश्‍वर ने कर दिया है। उसने पाप के प्रायश्‍चित्त के लिए अपने पुत्र को भेजा, जिसने पापी मनुष्‍य के सदृश शरीर धारण किया। इस प्रकार परमेश्‍वर ने मानव शरीर में पाप को दण्‍डित किया,


क्‍योंकि जो शारीरिक स्‍वभाव से संचालित हैं, वे शारीरिक आचरण की बातों की चिन्‍ता करते हैं और इसका परिणाम मृत्‍यु है; जो आत्‍मा से संचालित हैं, वे आत्‍मा की बातों की चिन्‍ता करते हैं और इसका परिणाम जीवन और शान्‍ति है।


यदि परमेश्‍वर का आत्‍मा सचमुच आप लोगों में निवास करता है, तो आप शारीरिक स्‍वभाव के वश में नहीं, बल्‍कि आत्‍मा से ही प्रभावित हैं। जिस मनुष्‍य में मसीह का आत्‍मा निवास नहीं करता, वह मसीह का नहीं।


आप इस समय भी इसे पचा नहीं सकते, क्‍योंकि आप अब तक शारीरिक स्‍वभाव के हैं। आप लोगों में ईष्‍र्या और झगड़ा होता है। क्‍या यह इस बात का प्रमाण नहीं कि आप शारीरिक स्‍वभाव के हैं और निरे मनुष्‍यों-जैसा आचरण करते हैं?


व्‍यभिचार से दूर रहें। मनुष्‍य के दूसरे सभी पाप उसके शरीर से बाहर हैं, किन्‍तु व्‍यभिचार करने वाला अपने ही शरीर के विरुद्ध पाप करता है।


भाइयो और बहिनो! आप जानते हैं कि आप लोग स्‍वतन्‍त्र होने के लिए बुलाये गये हैं। अत: आप इस स्‍वतन्‍त्रता को शारीरिक वासनाओं का साधन न बनाएं, वरन् प्रेम से एक दूसरे की सेवा करें,


शारीरिक स्‍वभाव तो पवित्र आत्‍मा के विरुद्ध इच्‍छा करता है, और पवित्र आत्‍मा शारीरिक स्‍वभाव के विरुद्ध। ये दोनों एक दूसरे के विरोधी हैं। इसलिए आप जो चाहते हैं, वही नहीं कर पाते हैं।


जो अपनी शारीरिक प्रवृत्ति के लिए बोता है, वह शरीर की भूमि में विनाश की फसल काटेगा; किन्‍तु जो पवित्र आत्‍मा के लिए बोता है, वह पवित्र आत्‍मा की भूमि में शाश्‍वत जीवन की फसल काटेगा।


क्‍योंकि हम भी तो पहले नासमझ, अवज्ञाकारी, भटके हुए, हर प्रकार की वासनाओं और भोगों के वशीभूत थे। हम विद्वेष और ईष्‍र्या में जीवन बिताते थे। हम घृणित थे और एक दूसरे से बैर करते थे।


आप लोगों में विवाह सम्‍मानित और दाम्‍पत्‍य जीवन अदूषित हो; क्‍योंकि परमेश्‍वर लम्‍पटों और व्‍यभिचारियों का न्‍याय करेगा।


लेकिन कायरों, अविश्‍वासियों, नीचों, हत्‍यारों, व्‍यभिचारियों, ओझों, मूर्तिपूजकों और हर प्रकार के मिथ्‍यावादियों का अंत यह होगा − धधकती आग और गन्‍धक के कुण्‍ड में द्वितीय मृत्‍यु!”


कुत्ते, ओझे, व्‍यभिचारी, हत्‍यारे, मूर्तिपूजक, असत्‍य से प्रेम करनेवाले और मिथ्‍याचारी बाहर ही रहेंगे।


हमारे पर का पालन करें:

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