रोमियों 6:21 - नवीन हिंदी बाइबल इसलिए जिन बातों से अब तुम लज्जित होते हो, उनसे तुम्हें उस समय क्या फल मिला? क्योंकि उन बातों का अंत तो मृत्यु है। पवित्र बाइबल और देखो उस समय तुम्हें कैसा फल मिला? जिसके लिए आज तुम शर्मिन्दा हो, जिसका अंतिम परिणाम मृत्यु है। Hindi Holy Bible सो जिन बातों से अब तुम लज्ज़ित होते हो, उन से उस समय तुम क्या फल पाते थे? पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) उस समय आप को उन कर्मों से क्या लाभ हुआ? अब उनके कारण आप को लज्जा होती है; क्योंकि उनका परिणाम मृत्यु है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) अत: जिन बातों से अब तुम लज्जित होते हो, उनसे उस समय तुम क्या फल पाते थे? क्योंकि उनका अन्त तो मृत्यु है। सरल हिन्दी बाइबल इसलिये जिनके लिए तुम आज लज्जित हो, उन सारे कामों से तुम्हें कौन सा लाभांश उपलब्ध हुआ? क्योंकि उनका अंत तो मृत्यु है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तो जिन बातों से अब तुम लज्जित होते हो, उनसे उस समय तुम क्या फल पाते थे? क्योंकि उनका अन्त तो मृत्यु है। |
ऐसा मार्ग भी है जो मनुष्य को ठीक प्रतीत होता है, परंतु अंत में वह मृत्यु का मार्ग सिद्ध होता है।
ऐसा मार्ग भी है जो मनुष्य को ठीक प्रतीत होता है, परंतु अंत में वह मृत्यु का मार्ग सिद्ध होता है।
यद्यपि वे परमेश्वर की विधि जानते हैं कि ऐसे कार्य करनेवाले मृत्यु के योग्य हैं, फिर भी न केवल वे उन्हें करते हैं बल्कि ऐसा करनेवालों का समर्थन भी करते हैं।
अतः जिस प्रकार एक मनुष्य के द्वारा पाप ने जगत में प्रवेश किया और पाप के द्वारा मृत्यु आई, और इस प्रकार मृत्यु सब मनुष्यों में फैल गई, क्योंकि सब ने पाप किया।
क्या तुम नहीं जानते कि जिसकी आज्ञा मानने के लिए तुम अपने आपको दासों के समान सौंप देते हो, तो तुम उसी के दास बन जाते हो जिसकी तुम आज्ञा मानते हो—चाहे पाप के जिसका परिणाम मृत्यु है, या आज्ञाकारिता के जिसका परिणाम धार्मिकता है?
क्योंकि पाप की मज़दूरी तो मृत्यु है, परंतु परमेश्वर का वरदान हमारे प्रभु मसीह यीशु में अनंत जीवन है।
क्योंकि जब हम शारीरिक थे तो हमारी लालसाएँ जो व्यवस्था के अनुसार पापमय थीं, हमारे अंगों में मृत्यु का फल लाने के लिए कार्य करती थीं।
क्योंकि यदि तुम शरीर के अनुसार जीवन बिताते हो तो तुम्हें मरना ही है, परंतु यदि आत्मा के द्वारा देह के कार्यों को मार डालते हो तो जीवित रहोगे।
हमने लज्जा के गुप्त कार्यों को त्याग दिया; और हम न तो चतुराई से चलते हैं और न ही परमेश्वर के वचन में मिलावट करते हैं, बल्कि सत्य को प्रकट करने के द्वारा हम परमेश्वर के सामने प्रत्येक मनुष्य के विवेक में अपने आपको योग्य प्रस्तुत करते हैं।
अतः देखो, यह दुःख जो परमेश्वर की इच्छा के अनुसार हुआ उससे तुममें कितना उत्साह, अपने को निर्दोष सिद्ध करने की कितनी अभिलाषा, कितना रोष, कितना भय, कितनी लालसा, कितनी धुन और न्याय चुकाने की कितनी इच्छा उत्पन्न हुई है। तुमने हर बात में अपने आपको निर्दोष प्रस्तुत किया है।
उनका अंत विनाश है, उनका ईश्वर पेट है और उनकी महिमा उनकी निर्लज्जता में है; वे भौतिक वस्तुओं पर मन लगाए रखते हैं।
तो तुम्हीं सोचो कि वह कितने कठोर दंड के योग्य होगा, जिसने परमेश्वर के पुत्र को पैरों से रौंदा, और वाचा के उस लहू को अपवित्र समझा जिससे वह पवित्र किया गया था, और अनुग्रह के आत्मा का अपमान किया?
परंतु यदि वह भूमि काँटे और ऊँटकटारे उगाए, तो वह व्यर्थ है और शापित होने पर है, तथा उसका अंत जलाया जाना है।
तो वह यह जान ले कि जो किसी भटके हुए पापी को फेर लाएगा, वह उसके प्राण को मृत्यु से बचाएगा और अनेक पापों को ढक देगा।
क्योंकि समय आ पहुँचा है कि परमेश्वर के घराने से न्याय का आरंभ हो; और यदि यह हमसे आरंभ होगा, तो उनका परिणाम क्या होगा जो परमेश्वर के सुसमाचार को नहीं मानते?
अतः हे बच्चो, अब उसी में बने रहो ताकि जब वह प्रकट हो तो हमें साहस हो, और उसके आगमन पर हमें उसके सामने लज्जित न होना पड़े।
इन लोगों ने पवित्र जनों और भविष्यवक्ताओं का लहू बहाया था, और तूने इन्हें पीने के लिए लहू दिया। वे इसी के योग्य हैं।