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रोमियों 5:12 - नवीन हिंदी बाइबल

12 अतः जिस प्रकार एक मनुष्य के द्वारा पाप ने जगत में प्रवेश किया और पाप के द्वारा मृत्यु आई, और इस प्रकार मृत्यु सब मनुष्यों में फैल गई, क्योंकि सब ने पाप किया।

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पवित्र बाइबल

12 इसलिए एक व्यक्ति (आदम) के द्वारा जैसे धरती पर पाप आया और पाप से मृत्यु और इस प्रकार मृत्यु सब लोगों के लिए आयी क्योंकि सभी ने पाप किये थे।

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Hindi Holy Bible

12 इसलिये जैसा एक मनुष्य के द्वारा पाप जगत में आया, और पाप के द्वारा मृत्यु आई, और इस रीति से मृत्यु सब मनुष्यों में फैल गई, इसलिये कि सब ने पाप किया।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

12 यह बात विचारणीय है कि एक ही मनुष्‍य द्वारा संसार में पाप का प्रवेश हुआ और पाप द्वारा मृत्‍यु का। इस प्रकार मृत्‍यु सब मनुष्‍यों में फैल गयी, क्‍योंकि सब पापी हैं।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

12 इसलिये जैसा एक मनुष्य के द्वारा पाप जगत में आया, और पाप के द्वारा मृत्यु आई, और इस रीति से मृत्यु सब मनुष्यों में फैल गई, क्योंकि सब ने पाप किया।

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सरल हिन्दी बाइबल

12 एक मनुष्य के कारण पाप ने संसार में प्रवेश किया तथा पाप के द्वारा मृत्यु ने और मृत्यु सभी मनुष्यों में समा गई—क्योंकि पाप सभी ने किया.

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रोमियों 5:12
20 क्रॉस रेफरेंस  

परंतु भले और बुरे के ज्ञान के वृक्ष का फल तू कभी न खाना, क्योंकि जिस दिन तू उसका फल खाएगा तू अवश्य मर जाएगा।”


तू तब तक अपने पसीने की रोटी खाया करेगा, जब तक कि मिट्टी में न मिल जाए, क्योंकि तू उसी में से निकाला गया है। तू तो मिट्टी है, और मिट्टी में फिर मिल जाएगा।”


जब स्‍त्री ने देखा कि उस वृक्ष का फल खाने के लिए अच्छा, और आँखों के लिए लुभावना, और बुद्धि प्राप्‍त करने के लिए मनभावना है; तब उसने उसका फल तोड़कर खाया और अपने साथ अपने पति को भी दिया, और उसने भी खाया।


देख, मैं अधर्म के साथ उत्पन्‍न‍ हुआ, और पाप के साथ अपनी माता के गर्भ में पड़ा।


इसलिए कि सब ने पाप किया है, वे परमेश्‍वर की महिमा से रहित हैं,


अतः जिस प्रकार एक अपराध का परिणाम सब मनुष्यों पर दंड की आज्ञा हुआ, उसी प्रकार धार्मिकता के एक कार्य का परिणाम भी सब मनुष्यों के लिए जीवन के निमित्त धर्मी ठहराया जाना हुआ;


क्योंकि जिस प्रकार एक मनुष्य के आज्ञा-उल्‍लंघन से सब पापी ठहराए गए, उसी प्रकार एक मनुष्य की आज्ञाकारिता से बहुत लोग धर्मी ठहराए जाएँगे।


ताकि जिस प्रकार पाप ने मृत्यु में राज्य किया, उसी प्रकार अनुग्रह भी धार्मिकता से हमारे प्रभु यीशु मसीह के द्वारा अनंत जीवन के लिए राज्य करे।


इसलिए जिन बातों से अब तुम लज्‍जित होते हो, उनसे तुम्हें उस समय क्या फल मिला? क्योंकि उन बातों का अंत तो मृत्यु है।


क्योंकि पाप की मज़दूरी तो मृत्यु है, परंतु परमेश्‍वर का वरदान हमारे प्रभु मसीह यीशु में अनंत जीवन है।


मृत्यु का डंक तो पाप है, और पाप की शक्‍ति व्यवस्था है;


हम सब भी पहले उन्हीं के बीच अपने शरीर की लालसाओं में जीते थे, और शरीर तथा मन की इच्छाएँ पूरी करते थे, और अन्य लोगों के समान ही स्वभाव से क्रोध के पात्र थे।


फिर अभिलाषा गर्भवती होकर पाप को जन्म देती है, और पाप बढ़कर मृत्यु को उत्पन्‍न‍ करता है।


क्योंकि हम सब बहुत सी बातों में चूक जाते हैं। यदि कोई अपनी बातों में नहीं चूकता तो वह सिद्ध मनुष्य है, और अपनी सारी देह पर भी नियंत्रण रख सकता है।


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