इन बातों के बाद ऐसा हुआ कि परमेश्वर ने यह कहकर अब्राहम की परीक्षा ली, “हे अब्राहम!” उसने कहा, “क्या आज्ञा।”
मत्ती 6:13 - नवीन हिंदी बाइबल हमें परीक्षा में न पड़ने दे, बल्कि बुराई से बचा। [क्योंकि राज्य और सामर्थ्य और महिमा सदा तेरे ही हैं। आमीन।] पवित्र बाइबल हमें परीक्षा में न ला परन्तु बुराई से बचा।’ Hindi Holy Bible और हमें परीक्षा में न ला, परन्तु बुराई से बचा; क्योंकि राज्य और पराक्रम और महिमा सदा तेरे ही हैं।” आमीन। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) और हमें परीक्षा में न डाल, बल्कि बुराई से हमें बचा। [क्योंकि राज्य, सामर्थ्य और महिमा सदा तेरे हैं। आमेन।] पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) ‘और हमें परीक्षा में न ला, परन्तु बुराई से बचा; (क्योंकि राज्य और पराक्रम और महिमा सदा तेरे ही हैं।’ आमीन।) सरल हिन्दी बाइबल हमें परीक्षा से बचाकर उस दुष्ट से हमारी रक्षा कीजिए क्योंकि राज्य, सामर्थ्य तथा प्रताप सदा-सर्वदा आप ही का है, आमेन. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 ‘और हमें परीक्षा में न ला, परन्तु बुराई से बचा; [क्योंकि राज्य और पराक्रम और महिमा सदा तेरे ही हैं।’ आमीन।] |
इन बातों के बाद ऐसा हुआ कि परमेश्वर ने यह कहकर अब्राहम की परीक्षा ली, “हे अब्राहम!” उसने कहा, “क्या आज्ञा।”
इस्राएल का परमेश्वर यहोवा आदि से अनंतकाल तक धन्य है! सब लोग कहें, “आमीन।” याह की स्तुति करो!
उसका महिमामय नाम सर्वदा धन्य रहे; और सारी पृथ्वी उसकी महिमा से परिपूर्ण हो। आमीन, फिर आमीन।
धोखे और झूठ को मुझसे दूर कर दे; मुझे न तो निर्धन कर और न धनी बना। मेरे प्रतिदिन का भोजन मुझे दिया कर।
जागते और प्रार्थना करते रहो कि तुम परीक्षा में न पड़ो; आत्मा तो तैयार है परंतु देह दुर्बल है।”
और उन्हें उन सब बातों का पालन करना सिखाओ, जिनकी आज्ञा मैंने तुम्हें दी है; और देखो, मैं जगत के अंत तक सदा तुम्हारे साथ हूँ।”
परंतु तुम्हारी बात ‘हाँ’ की ‘हाँ’ या ‘न’ की ‘न’ हो; और इससे अधिक बात उस दुष्ट की ओर से होती है।
मैं यह विनती नहीं करता कि तू उन्हें संसार से उठा ले बल्कि यह कि तू उन्हें उस दुष्ट से बचाए रख।
तुम किसी ऐसी परीक्षा में नहीं पड़े हो जो मनुष्य के सहने से बाहर है। परमेश्वर विश्वासयोग्य है और वह तुम्हें सामर्थ्य से बाहर परीक्षा में पड़ने नहीं देगा, बल्कि परीक्षा के साथ-साथ बचने का उपाय भी करेगा कि तुम उसे सह सको।
नहीं तो यदि तू आत्मा से धन्यवाद करे तो वहाँ उपस्थित अनजान व्यक्ति तेरे धन्यवाद पर कैसे “आमीन” कहेगा, क्योंकि वह तो नहीं जानता कि तू क्या कहता है?
क्योंकि परमेश्वर की जितनी भी प्रतिज्ञाएँ हैं, वे उसमें “हाँ” ही “हाँ” हैं। इसलिए उसमें हमारे द्वारा “आमीन” भी परमेश्वर की महिमा के लिए होती है।
जिसने हमारे परमेश्वर और पिता की इच्छा के अनुसार अपने आपको हमारे पापों के लिए दे दिया कि हमें इस वर्तमान बुरे संसार से छुड़ा ले।
और उसके पुत्र अर्थात् यीशु के स्वर्ग से आने की प्रतीक्षा करो, जिसे उसने मृतकों में से जिलाया और जो हमें आने वाले प्रकोप से बचाता है।
अब सनातन राजा, अर्थात् अविनाशी, अदृश्य और एकमात्र परमेश्वर का आदर और महिमा युगानुयुग होती रहे। आमीन।
अन्य कई लोग उपहास और कोड़ों की मार सहने, और यहाँ तक कि बेड़ियों में जकड़े जाने और बंदीगृह में डाले जाने के द्वारा परखे गए।
सचेत और जागते रहो। तुम्हारा विरोधी शैतान, गरजनेवाले सिंह के समान इस ताक में रहता है कि किसको फाड़ खाए।
तो स्पष्ट है कि प्रभु धर्मियों को परीक्षा में से निकालना और अधर्मियों को न्याय के दिन तक दंड की दशा में रखना भी जानता है,
जो पाप करता है वह शैतान से है क्योंकि शैतान आरंभ ही से पाप करता आया है। परमेश्वर का पुत्र इसलिए प्रकट हुआ कि वह शैतान के कार्यों का नाश करे।
मैं मर गया था और देख, मैं युगानुयुग जीवित हूँ। मृत्यु तथा अधोलोक की कुंजियाँ मेरे पास हैं।
इन बातों के बाद मैंने स्वर्ग में एक बड़ी भीड़ को ऊँची आवाज़ से यह कहते हुए सुना: हाल्लेलूय्याह! उद्धार, महिमा और सामर्थ्य हमारे परमेश्वर ही के हैं,
तब चौबीसों प्रवरों और चारों प्राणियों ने परमेश्वर को, जो सिंहासन पर विराजमान था, गिरकर दंडवत् किया और कहा: आमीन! हाल्लेलूय्याह!
जिन दुःखों को तू भोगने वाला है उनसे मत डर। देख, शैतान तुममें से कुछ को बंदीगृह में डालने पर है कि तुम परखे जाओ; और तुम्हें दस दिन तक क्लेश उठाना होगा। मृत्यु तक विश्वासयोग्य बना रह, तो मैं तुझे जीवन का मुकुट दूँगा।
वह उनकी आँखों से सब आँसुओं को पोंछ डालेगा, और फिर न मृत्यु रहेगी और न शोक, न विलाप, न पीड़ा रहेगी; क्योंकि पहली बातें बीत गईं।”
क्योंकि तूने मेरे धीरज के वचन का पालन किया है, इसलिए मैं भी तुझे परीक्षा की उस घड़ी से बचाऊँगा जो पृथ्वी पर रहनेवालों को परखने के लिए समस्त संसार पर आने वाली है।
“लौदीकिया की कलीसिया के दूत को यह लिख : “जो आमीन, विश्वासयोग्य और सच्चा साक्षी है तथा परमेश्वर की सृष्टि का मूल कारण है, वह यह कहता है :
फिर मैंने स्वर्ग में, और पृथ्वी पर, और पृथ्वी के नीचे, और समुद्र में, प्रत्येक प्राणी को अर्थात् उनमें के सब प्राणियों को यह कहते हुए सुना : जो सिंहासन पर विराजमान है उसकी और मेमने की प्रशंसा, आदर, महिमा और पराक्रम युगानुयुग रहे।