याह की स्तुति करो! क्या ही धन्य है वह मनुष्य जो यहोवा का भय मानता है, और उसकी आज्ञाओं से अति प्रसन्न रहता है।
नीतिवचन 28:14 - नवीन हिंदी बाइबल क्या ही धन्य है वह जो सदा प्रभु का भय मानता है, परंतु जो अपने मन को कठोर करता है वह विपत्ति में पड़ता है। पवित्र बाइबल धन्य है, वह पुरुष जो यहोवा से सदा डरता है, किन्तु जो अपना मन कठोर कर लेता है, विपत्ति में गिरता है। Hindi Holy Bible जो मनुष्य निरन्तर प्रभु का भय मानता रहता है वह धन्य है; परन्तु जो अपना मन कठोर कर लेता है वह विपत्ति में पड़ता है। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) धन्य है वह मनुष्य जो प्रभु की भक्ति सदा करता है; पर प्रभु के प्रति अपने हृदय को कठोर बनानेवाला मनुष्य विपत्ति के गड्ढे में गिरता है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) जो मनुष्य निरन्तर प्रभु का भय मानता रहता है वह धन्य है; परन्तु जो अपना मन कठोर कर लेता है वह विपत्ति में पड़ता है। सरल हिन्दी बाइबल धन्य होता है वह व्यक्ति जिसके हृदय में याहवेह के प्रति श्रद्धा सर्वदा रहती है, किंतु जो अपने हृदय को कठोर बनाए रखता है, विपदा में जा पड़ता है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 जो मनुष्य निरन्तर प्रभु का भय मानता रहता है वह धन्य है; परन्तु जो अपना मन कठोर कर लेता है वह विपत्ति में पड़ता है। |
याह की स्तुति करो! क्या ही धन्य है वह मनुष्य जो यहोवा का भय मानता है, और उसकी आज्ञाओं से अति प्रसन्न रहता है।
मैं यहोवा को निरंतर अपने सामने रखता हूँ; वह मेरे दाहिने हाथ रहता है, इसलिए मैं कभी न डगमगाऊँगा।
यदि आज तुम उसकी बात सुनो तो अपना हृदय ऐसा कठोर न करना, जैसा उस दिन जंगल में मरीबा और मस्सा में किया था,
तब मिस्रियों ने उनका पीछा किया, और वे फ़िरौन के सब घोड़ों, रथों और घुड़सवारों सहित उनके पीछे-पीछे समुद्र के बीच चले गए।
तब मिस्र के जादूगरों ने भी अपने तंत्र-मंत्र से वैसा ही किया; और जैसा यहोवा ने कहा था फ़िरौन का मन कठोर ही रहा, तथा उसने उनकी न सुनी।
जो मनुष्य डाँट खा खाकर भी हठ नहीं छोड़ता, वह अचानक नष्ट हो जाएगा और फिर कोई उपाय न रहेगा।
पापी चाहे सौ बार पाप करे और बहुत समय तक जीवित रहे, फिर भी मैं जानता हूँ कि जो परमेश्वर का भय मानते हैं और उसकी उपस्थिति में भय से चलते हैं, उनका भला ही होगा।
ठीक है! वे अपने अविश्वास के कारण तोड़ी गईं, परंतु तू अपने विश्वास के कारण स्थिर है। अभिमानी न हो, परंतु भय मान;
अथवा क्या तू यह नहीं समझता कि परमेश्वर की कृपा तुझे पश्चात्ताप की ओर ले जाती है? और क्या तू उसकी कृपा और सहनशीलता और धैर्य के धन को तुच्छ जानता है?
परंतु तू अपनी कठोरता और अपश्चात्तापी मन के कारण प्रकोप के दिन के लिए, जब परमेश्वर का सच्चा न्याय प्रकट होगा, अपने प्रति प्रकोप इकट्ठा कर रहा है।
इसलिए जब उसके विश्राम में प्रवेश करने की प्रतिज्ञा अब तक बनी हुई है, तो हम सतर्क रहें, कहीं ऐसा न हो कि तुममें से कोई उससे वंचित रह जाए।
यदि तुम “हे पिता” कहकर उससे प्रार्थना करते हो, जो बिना पक्षपात प्रत्येक का न्याय उसके कार्य के अनुसार करता है, तो तुम पृथ्वी पर अपने रहने का समय भय सहित बिताओ।