बाइबिल के पद

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53 आध्यात्मिक युद्ध पर बाइबल के वचन

ज़िंदगी में आगे बढ़ने के लिए, दृढ़ता, विश्वास, प्रेम और समर्पण बहुत ज़रूरी है, खासकर जब हम दूसरों के लिए प्रार्थना करते हैं। प्रार्थना का मतलब है, परमात्मा के आगे अपने भाई-बहन की ज़रूरतों के लिए गिड़गिड़ाना। उनके दर्द को अपना दर्द समझना। ऐसा करने से परमात्मा की कृपा उन पर बरसती है। जब हम दूसरों के लिए प्रार्थना करते हैं, तो हम खुद को भूल जाते हैं और अपने दिल की गहराइयों से दुआ करते हैं कि जिसके लिए हम प्रार्थना कर रहे हैं, उसे परमात्मा का आशीर्वाद मिले, चाहे उसकी परेशानी कैसी भी हो। हमें यह विश्वास रखना चाहिए कि भले ही हम अपनी ज़रूरतों के बारे में प्रभु यीशु से ना कहें, फिर भी वो हमारा ख्याल रखेंगे और हमें थामे रहेंगे। क्योंकि जब हम दूसरों के लिए प्रार्थना करते हैं, तो असल में हम अपने लिए भी प्रार्थना कर रहे होते हैं।

इसलिए, अपने दिल में दया भाव भर लो और तब तक प्रार्थना करते रहो जब तक कि मुश्किलें दूर ना हो जाएं और तूफ़ान के बाद शांति ना छा जाए। दूसरों के लिए प्रार्थना करना, प्रेम और करुणा का काम है। यह परमात्मा के आगे विनती और गिड़गिड़ाना है, किसी की ज़िंदगी के लिए प्रार्थना करना है। जब आप किसी के लिए प्रार्थना करते हैं, तो आप उनके दर्द और उनकी ज़रूरत को महसूस कर सकते हैं।

जैसा कि 1 तीमुथियुस 2:1 में लिखा है, मैं सबसे पहले यह विनती करता हूँ कि सब मनुष्यों के लिये बिनती, और प्रार्थनाएँ, और निवेदन, और धन्यवाद किए जाएँ।


यिर्मयाह 29:12

तब तुम लोग मेरा नाम लोगे। तुम मेरे पास आओगे और मेरी प्रार्थना करोगे और मैं तुम्हारी बातों पर ध्यान दूँगा।

2 कुरिन्थियों 10:3-4

क्योंकि यद्यपि हम भी इस संसार में ही रहते हैं किन्तु हम संसारी लोगों की तरह नहीं लड़ते हैं।

क्योंकि जिन शास्त्रों से हम युद्ध लड़ते हैं, वे सांसारिक नहीं हैं, बल्कि उनमें गढ़ों को तहस-नहस कर डालने के लिए परमेश्वर की शक्ति निहित है।

इफिसियों 6:12

क्योंकि हमारा संघर्ष मनुष्यों से नहीं है, बल्कि शासकों, अधिकारियों इस अन्धकारपूर्ण युग की आकाशी शक्तियों और अम्बर की दुष्टात्मिक शक्तियों के साथ है।

रोमियों 8:26

ऐसे ही जैसे हम कराहते हैं, आत्मा हमारी दुर्बलता में हमारी सहायता करने आती है क्योंकि हम नहीं जानते कि हम किसके लिये प्रार्थना करें। किन्तु आत्मा स्वयं ऐसी आहें भर कर जिनकी शब्दों में अभिव्यक्ति नहीं की जा सकती, हमारे लिए विनती करती है।

मत्ती 18:20

क्योंकि जहाँ मेरे नाम पर दो या तीन लोग मेरे अनुयायी के रूप में इकट्ठे होते हैं, वहाँ मैं उनके साथ हूँ।”

यिर्मयाह 33:3

‘यहूदा, मुझसे प्रार्थना करो और मैं उसे पूरा करूँगा। मैं तुम्हें महत्वपूर्ण रहस्य बताऊँगा। तुमने उन्हें कभी पहले नहीं सुना है।’

2 कुरिन्थियों 10:4

क्योंकि जिन शास्त्रों से हम युद्ध लड़ते हैं, वे सांसारिक नहीं हैं, बल्कि उनमें गढ़ों को तहस-नहस कर डालने के लिए परमेश्वर की शक्ति निहित है।

रोमियों 13:12-14

“रात” लगभग पूरी हो चुकी है, “दिन” पास ही है, इसलिए आओ हम उन कर्मो से छुटकारा पा लें जो अँधकार के हैं। आओ हम प्रकाश के अस्त्रों को धारण करें।

इसलिए हम वैसे ही उत्तम रीति से रहें जैसे दिन के समय रहते हैं। बहुत अधिक दावतों में जाते हुए खा पीकर धुत्त न हो जाओ। लुच्चेपन दुराचार व्यभिचार में न पड़ें। न झगड़ें और न ही डाह रखें।

बल्कि प्रभु यीशु मसीह को धारण करें। और अपनी मानव देह की इच्छाओं को पूरा करने में ही मत लगे रहो।

इफिसियों 6:10-12

मतलब यह कि प्रभु में स्थित होकर उसकी असीम शक्ति के साथ अपने आपको शक्तिशाली बनाओ।

परमेश्वर के सम्पूर्ण कवच को धारण करो। ताकि तुम शैतान की योजनाओं के सामने टिक सको।

क्योंकि हमारा संघर्ष मनुष्यों से नहीं है, बल्कि शासकों, अधिकारियों इस अन्धकारपूर्ण युग की आकाशी शक्तियों और अम्बर की दुष्टात्मिक शक्तियों के साथ है।

कुलुस्सियों 4:2

प्रार्थना में सदा लगे रहो। और जब तुम प्रार्थना करो तो सदा परमेश्वर का धन्यवाद करते रहो।

मत्ती 18:19

मैं तुझे यह भी बताता हूँ कि इस धरती पर यदि तुम में से कोई दो सहमत हो कर स्वर्ग में स्थित मेरे पिता से कुछ माँगेंगे तो वह तुम्हारे लिए उसे पूरा करेगा

निर्गमन 32:31-32

इसलिए मूसा वापस यहोवा के पास गया और उसने कहा, “कृपया सुन! इन लोगों ने बहुत बुरा पाप किया है और सोने का एक देवता बनाया है।

अब उन्हें इस पाप के लिये क्षमा कर। यदि तू क्षमा नहीं करेगा तो मेरा नाम उस किताब से मिटा दे जिसे तूने लिखा है।”

फिलिप्पियों 4:6

किसी बात कि चिंता मत करो, बल्कि हर परिस्थिति में धन्यवाद सहित प्रार्थना और विनय के साथ अपनी याचना परमेश्वर के सामने रखते जाओ।

2 कुरिन्थियों 10:3-5

क्योंकि यद्यपि हम भी इस संसार में ही रहते हैं किन्तु हम संसारी लोगों की तरह नहीं लड़ते हैं।

क्योंकि जिन शास्त्रों से हम युद्ध लड़ते हैं, वे सांसारिक नहीं हैं, बल्कि उनमें गढ़ों को तहस-नहस कर डालने के लिए परमेश्वर की शक्ति निहित है।

और उन्हीं शस्त्रों से हम लोगों के तर्को का और उस प्रत्येक अवरोध का, जो परमेश्वर के ज्ञान के विरुद्ध खड़ा है, खण्डन करते हैं।

मत्ती 21:22

और प्रार्थना करते हुए तुम जो कुछ माँगो, यदि तुम्हें विश्वास है तो तुम पाओगे।”

1 पतरस 5:8-9

अपने पर नियन्त्रण रखो। सावधान रहो। तुम्हारा शत्रु शैतान एक गरजते सिंह के समान इधर-उधर घूमते हुए इस ताक में रहता है कि जो मिले उसे फाड़ खाए।

उसका विरोध करो और अपने विश्वास पर डटे रहो क्योंकि तुम तो जानते ही हो कि समूचे संसार में तुम्हारे भाई बहन ऐसी ही यातनाएँ झेल रहे हैं।

भजन संहिता 145:18

जो लोग यहोवा की उपासना करते हैं, यहोवा उनके निकट रहता है। सचमुच जो उसकी उपासना करते है, यहोवा हर उस व्यक्ति के निकट रहता है।

1 तीमुथियुस 2:1

सबसे पहले मेरा विशेष रूप से यह निवेदन है कि सबके लिये आवेदन, प्रार्थनाएँ, अनुरोध और सब व्यक्तियों की ओर से धन्यवाद दिए जाएँ।

यूहन्ना 5:15

और यहूदियों से आकर उसने कहा कि उसे ठीक करने वाला यीशु था।

याकूब 4:7

इसलिए अपने आपको परमेश्वर के अधीन कर दो। शैतान का विरोध करो, वह तुम्हारे सामने से भाग खड़ा होगा।

इब्रानियों 4:16

तो फिर आओ, हम भरोसे के साथ अनुग्रह पाने परमेश्वर के सिंहासन की ओर बढ़ें ताकि आवश्यकता पड़ने पर हमारी सहायता के लिए हम दया और अनुग्रह को प्राप्त कर सकें।

रोमियों 8:37

तब भी उसके द्वारा जो हमें प्रेम करता है, इन सब बातों में हम एक शानदार विजय पा रहे हैं।

1 यूहन्ना 4:4

हे प्यारे बच्चों, तुम परमेश्वर के हो। इसलिए तुमने मसीह के शत्रुओं पर विजय पा ली है। क्योंकि वह परमेश्वर जो तुममें है, संसार में रहने वाले शैतान से महान है।

लूका 22:32

किन्तु मैंने तुम्हारे लिये प्रार्थना की है कि तुम्हारा विश्वास न डगमगाये और जब तू वापस आये तो तेरे बंधुओं की शक्ति बढ़े।”

इफिसियों 6:13-17

इसलिए परमेश्वर के सम्पूर्ण कवच को धारण करो ताकि जब बुरे दिन आयें तो जो कुछ सम्भव है, उसे कर चुकने के बाद तुम दृढ़तापूर्वक अडिग रह सको।

सो अपनी कमर पर सत्य का फेंटा कस कर धार्मिकता की झिलम पहन कर तथा पैरों में शांति के सुसमाचार सुनाने की तत्परता के जूते धारण करके तुम लोग अटल खड़े रहो।

इन सब से बड़ी बात यह है कि विश्वास को ढाल के रूप में ले लो। जिसके द्वारा तुम उन सभी जलते तीरों को बुझा सकोगे, जो बदी के द्वारा छोड़े गये हैं।

छुटकारे का शिरस्त्राण पहन लो और परमेश्वर के संदेश रूपी आत्मा की तलवार उठा लो।

इब्रानियों 4:12

परमेश्वर का वचन तो सजीव और क्रियाशील है, वह किसी दोधारी तलवार से भी अधिक पैना है। वह आत्मा और प्राण, सन्धियों और मज्जा तक में गहरा बेध जाता है। वह मन की वृत्तियों और विचारों को परख लेता है।

2 कुरिन्थियों 1:11

यदि तुम भी हमारी ओर से प्रार्थना करके सहयोग दोगे तो हमें बहुत से लोगों की प्रार्थनाओं द्वारा परमेश्वर का जो अनुग्रह मिला है, उसके लिये बहुत से लोगों को हमारी ओर से धन्यवाद देने का कारण मिल जायेगा।

प्रकाशितवाक्य 12:11

उन्होंने मेमने के बलिदान के रक्त और उनके द्वारा दी गई साक्षी से उसे हरा दिया है। उन्होंने अपने प्राणों का परित्याग करने तक अपने जीवन की परवाह नहीं की।

इफिसियों 6:18

हर प्रकार की प्रार्थना और निवेदन सहित आत्मा की सहायता से हर अवसर पर विनती करते रहो। इस लक्ष्य से सभी प्रकार का यत्न करते हुए सावधान रहो। तथा सभी संतों के लिये प्रार्थना करो।

गलातियों 5:17

क्योंकि शारीरिक भौतिक अभिलाषाएँ पवित्र आत्मा की अभिलाषाओं के और पवित्र आत्मा की अभिलाषाएँ शारीरिक भौतिक अभिलाषाओं के विपरीत होती हैं। इनका आपस में विरोध है। इसलिए तो जो तुम करना चाहते हो, वह कर नहीं सकते।

मत्ती 5:44

किन्तु मैं कहता हूँ अपने शत्रुओं से भी प्यार करो। जो तुम्हें यातनाएँ देते हैं, उनके लिये भी प्रार्थना करो।

गिनती 11:1-2

इस समय लोगों ने अपने कष्टों के लिए शिकायत की। यहोवा ने उनकी शिकायतें सुनी। जब यहोवा ने ये बातें सुनीं तो वह क्रोधित हुआ। यहोवा की तरफ से डेरे में आग लग गई। आग ने डेरे के छोर पर के कुछ हिस्से को जला दिया।

मूसा ने हर एक परिवार के लोगों को अपने खेमों के द्वारो पर खड़े शिकायत करते सुना। यहोवा बहुत क्रोधित हुआ। इससे मूसा बहुत परेशान हो गया।

मूसा ने यहोवा से पूछा, “यहोवा, तूने अपने सेवक मुझ पर यह आपत्ति क्यों डाली है मैंने क्या किया है जो बुरा है। मैंने तुझे अप्रसन्न करने के लिए क्या किया है तूने मेरे ऊपर इन सभी लोगों का उत्तरदायित्व क्यों सौंपा है?

तू जानता है कि मैं इन सभी लोगों का पिता नहीं हुँ। तू जानता है कि मैंने इनको पैदा नहीं किया है। किन्तु यह तो ऐसे हैं कि मैं इन्हें अपनी गोद में वैसे ही ले चलूँ जैले कोई धाय बच्चे को ले चलती है। तू हमें ऐसा करने को विवश क्यों करता है तू मुझे क्यों विवश करता है कि मैं इन्हें उस देश को ले जाऊँ जिसे देने का वचन तूने उनके पूर्वजों को दिया है

मेरे पास इन लोगों के लिए पर्याप्त माँस नहीं है, किन्तु वे लगातार मुझसे शिकायत कर रहे हैं। वे कहते हैं, ‘हमें खाने के लिए माँस दो!’

मैं अकेले इन सभी लोगों की देखभाल नहीं कर सकता। यह बोझ मेरी बरदाश्त के बाहर है।

यदि तू उनके कष्ट को मुझे देकर चलाते रहना चाहता है तो तू मुझे अभी मार डाल। यदि तू मुझे अपना सेवक मानता है तो अभी मुझे मर जाने दे। तब मेरे सभी कष्ट समाप्त हो जाएंगे!”

यहोवा ने मूसा से कहा, “मेरे पास इस्राएल के ऐसे सत्तर अग्रजों को लाओ, जो लोगों के अग्रज और अधिकारी हों। इन्हें मिलापवाले तम्बू में लाओ। वहाँ उन्हें अपने साथ खड़ा करो।

तब मैं आऊँगा और तुमसे बातें करूँगा। अब तुम पर आत्मा आई है। किन्तु मैं उन्हें भी आत्मा का कुछ अंश दूँगा। तब वे लोगों की देखभाल करने में तुम्हारी सहायता करेंगे। इस प्रकार, तुमको अकेले इन लोगों के लिए उत्तरदायी नहीं होना पड़ेगा।

“लोगों से कहोः कल के लिए अपने को तैयार करो। कल तुम लोग माँस खाओगे। यहोवा ने सुना है जब तुम लोग रोए—चिल्लाए। यहोवा ले तुम लोगों की बातें सुनीं जब तुम लोगों ने कहा, ‘हमें खाने के लिए माँस चाहिए! हम लोगों के लिए मिस्र में अच्छा था।’ अब यहोवा तुम लोगों को माँस देगा और तुम लोग उसे खाओगे।

तुम लोग उसे केवल एक दिन नहीं, दो, पाँच, दस या बीस दिन भी खा सकोगे।

इसलिए लोगों ने मूसा को सहायता के लिये पुकारा। मूसा ने यहोवा से प्रार्थना की और आग का जलना बन्द हो गया।

1 तीमुथियुस 6:12

हमारा विश्वास जिस उत्तम स्पर्द्धा की अपेक्षा करता है, तू उसी के लिए संघर्ष करता रह और अपने लिए अनन्त जीवन को अर्जित कर ले। तुझे उसी के लिए बुलाया गया है। तूने बहुत से साक्षियों के सामने उसे बहुत अच्छी तरह स्वीकारा है।

मत्ती 18:18

“मैं तुम्हें सत्य बताता हूँ जो कुछ तुम धरती पर बाँधोगे स्वर्ग में प्रभु के द्वारा बाँधा जायेगा और जिस किसी को तुम धरती पर छोड़ोगे स्वर्ग में परमेश्वर के द्वारा छोड़ दिया जायेगा।

फिलिप्पियों 1:28

तथा मैं यह भी सुनना चाहता हूँ कि तुम अपने विरोधियों से किसी प्रकार भी नहीं डर रहे हो। तुम्हारा यह साहस उनके विनाश का प्रमाण है और यही प्रमाण है तुम्हारी मुक्ति का और परमेश्वर की ओर से ऐसा ही किया जायेगा।

फिलेमोन 1:22

मेरे लिए निवास का प्रबन्ध करते रहना क्योंकि मेरा विश्वास है कि तुम्हारी प्रार्थनाओं के परिणामस्वरूप मुझे सुरक्षित रूप से तुम्हें सौंप दिया जायेगा।

लूका 10:19

सुनो! साँपों और बिच्छुओं को पैरों तले रौंदने और शत्रु की समूची शक्ति पर प्रभावी होने का सामर्थ्य मैंने तुम्हें दे दिया है। तुम्हें कोई कुछ हानि नहीं पहुँचा पायेगा।

अय्यूब 42:10

इस प्रकार जब अय्यूब अपने मित्रों के लिये प्रार्थना कर चुका तो यहोवा ने अय्यूब की फिर सफलता प्रदान की। परमेश्वर ने जितना उसके पास पहले था, उससे भी दुगुना उसे दे दिया।

इफिसियों 6:13-18

इसलिए परमेश्वर के सम्पूर्ण कवच को धारण करो ताकि जब बुरे दिन आयें तो जो कुछ सम्भव है, उसे कर चुकने के बाद तुम दृढ़तापूर्वक अडिग रह सको।

सो अपनी कमर पर सत्य का फेंटा कस कर धार्मिकता की झिलम पहन कर तथा पैरों में शांति के सुसमाचार सुनाने की तत्परता के जूते धारण करके तुम लोग अटल खड़े रहो।

इन सब से बड़ी बात यह है कि विश्वास को ढाल के रूप में ले लो। जिसके द्वारा तुम उन सभी जलते तीरों को बुझा सकोगे, जो बदी के द्वारा छोड़े गये हैं।

छुटकारे का शिरस्त्राण पहन लो और परमेश्वर के संदेश रूपी आत्मा की तलवार उठा लो।

हर प्रकार की प्रार्थना और निवेदन सहित आत्मा की सहायता से हर अवसर पर विनती करते रहो। इस लक्ष्य से सभी प्रकार का यत्न करते हुए सावधान रहो। तथा सभी संतों के लिये प्रार्थना करो।

कुलुस्सियों 2:15

परमेश्वर ने क्रूस के द्वारा आध्यात्मिक शासकों और अधिकारियों को साधन विहीन कर दिया और अपने विजय अभियान में बंदियों के रूप में अपने पीछे-पीछे चलाया।

प्रेरितों के काम 7:60

फिर वह घुटनों के बल गिर पड़ा और ऊँचे स्वर में चिल्लाया, “प्रभु, इस पाप कोउनके विरुद्ध मत ले।” इतना कह कर वह चिर निद्रा में सो गया।

मत्ती 10:16

“सावधान! मैं तुम्हें ऐसे ही बाहर भेज रहा हूँ जैसे भेड़ों को भेड़ियों के बीच में भेजा जाये। सो साँपों की तरह चतुर और कबूतरों के समान भोले बनो।

2 तीमुथियुस 1:7

क्योंकि परमेश्वर ने हमें जो आत्मा दी है, वह हमें कायर नहीं बनाती बल्कि हमें प्रेम, संयम और शक्ति से भर देती है।

भजन संहिता 144:1

यहोवा मेरी चट्टान है। यहोवा को धन्य कहो! यहोवा मुझको लड़ाई के लिये प्रशिक्षित करता है। यहोवा मुझको युद्ध के लिये प्रशिक्षित करता है।

2 तीमुथियुस 2:3-4

यातनाएँ झेलने में मसीह यीशु के एक उत्तम सैनिक के समान मेरे साथ आ मिल।

ऐसा कोई भी, जो सैनिक के समान सेवा कर रहा है, अपने आपको साधारण जीवन के जंजाल में नहीं फँसाता क्योंकि वह अपने शासक अधिकारी को प्रसन्न करने के लिए यत्नशील रहता है।

फिलिप्पियों 4:13

जो मुझे शक्ति देता है, उसके द्वारा मैं सभी परिस्थितियों का सामना कर सकता हूँ।

इब्रानियों 12:1-2

क्योंकि हम साक्षियों की ऐसी इतनी बड़ी भीड़ से घिरे हुए हैं, जो हमें विश्वास का अर्थ क्या है इस की साक्षी देती है। इसलिए आओ बाधा पहुँचाने वाली प्रत्येक वस्तु को और उस पाप को जो सहज में ही हमें उलझा लेता है झटक फेंके और वह दौड़ जो हमें दौड़नी है, आओ धीरज के साथ उसे दौड़ें।

हमारे पिताओं ने थोड़े से समय के लिए जैसा उन्होंने उत्तम समझा, हमें ताड़ना दी, किन्तु परमेश्वर हमें हमारी भलाई के लिये ताड़ना दी है, जिससे हम उसकी पवित्रता के सहभागी हो सकें।

जिस समय ताड़ना दी जा रही होती है, उस समय ताड़ना अच्छी नहीं लगती, बल्कि वह दुखद लगती है किन्तु कुछ भी हो, वे जो ताड़ना का अनुभव करते हैं, उनके लिए यह आगे चलकर नेकी और शांति का सुफल प्रदान करता है।

इसलिए अपनी दुर्बल बाहों और निर्बल घुटनों को सबल बनाओ।

अपने पैरों के लिए मार्ग बना ताकि जो लँगड़ा है, वह अपंग नहीं, वरन चंगा हो जाए।

सभी के साथ शांति के साथ रहने और पवित्र होने के लिए हर प्रकार से प्रयत्नशील रहो; बिना पवित्रता के कोई भी प्रभु का दर्शन नहीं कर पायेगा।

इस बात का ध्यान रखो कि परमेश्वर के अनुग्रह से कोई भी विमुख न हो जाए और तुम्हें कष्ट पहुँचाने तथा बहुत लोगों को विकृत करने के लिए कोई झगड़े की जड़ न फूट पड़े।

देखो कि कोई भी व्यभिचार न करे अथवा उस एसाव के समान परमेश्वर विहीन न हो जाये जिसे सबसे बड़ा पुत्र होने के नाते उत्तराधिकार पाने का अधिकार था किन्तु जिसने उसे बस एक निवाला भर खाना के लिए बेच दिया।

जैसा कि तुम जानते ही हो बाद में जब उसने इस वरदान को प्राप्त करना चाहा तो उसे अयोग्य ठहराया गया। यद्यपि उसने रो-रो कर वरदान पाना चाहा किन्तु वह अपने किये का पश्चाताप नहीं कर पाया।

तुम अग्नि से जलते हुए इस पर्वत के पास नहीं आये जिसे छुआ जा सकता था और न ही अंधकार, विषाद और बवंडर के निकट आये हो।

और न ही तुरही की तीव्र ध्वनि अथवा किसी ऐसे स्वर के सम्पर्क में आये जो वचनों का उच्चारण कर रही हो, जिससे जिन्होंने उसे सुना, प्रार्थना की कि उनके लिए किसी और वचन का उच्चारण न किया जाये।

हमारे विश्वास के अगुआ और उसे सम्पूर्ण सिद्ध करने वाले यीशु पर आओ हम दृष्टि लगायें। जिसने अपने सामने उपस्थित आनन्द के लिए क्रूस की यातना झेली, उसकी लज्जा की कोई चिंता नहीं की और परमेश्वर के सिंहासन के दाहिने हाथ विराजमान हो गया।

यशायाह 54:17

“तुझे हराने के लिए लोग हथियार बनायेंगे किन्तु वे हथियार तुझे कभी हरा नहीं पायेंगे। कुछ लोग तेरे विरोध में बोलेंगे। किन्तु हर ऐसे व्यक्ति को बुरा प्रमाणित किया जायेगा जो तेरे विरोध में बोलेगा।” यहोवा कहता है, “यहोवा के सेवकों को क्या मिलता है उन्हें न्यायिक विजय मिलती है। यह उन्हें मुझसे मिलती हैं।”

भजन संहिता 18:39

हे परमेश्वर, तूने मुझे युद्ध में शक्ति दी, और मेरे सब शत्रुओं को मेरे सामने झुका दिया।

रोमियों 13:12

“रात” लगभग पूरी हो चुकी है, “दिन” पास ही है, इसलिए आओ हम उन कर्मो से छुटकारा पा लें जो अँधकार के हैं। आओ हम प्रकाश के अस्त्रों को धारण करें।

इफिसियों 2:1-3

एक समय था जब तुम लोग उन अपराधों और पापों के कारण आध्यात्मिक रूप से मरे हुए थे

क्योंकि परमेश्वर हमारा सृजनहार है। उसने मसीह यीशु में हमारी सृष्टि इसलिए की है कि हम नेक काम करें जिन्हें परमेश्वर ने पहले से ही इसलिए तैयार किया हुआ है कि हम उन्हीं को करते हुए अपना जीवन बितायें।

इसलिए याद रखो, वे लोग, जो अपने शरीर में मानव हाथों द्वारा किये गये ख़तने के कारण अपने आपको “ख़तना युक्त” बताते हैं, विधर्मी के रूप में जन्मे तुम लोगों को “ख़तना रहित” कहते थे।

उस समय तुम बिना मसीह के थे, तुम इस्राएल की बिरादरी से बाहर थे। परमेश्वर ने अपने भक्तों को जो वचन दिए थे उन पर आधारित वाचा से अनजाने थे। तथा इस संसार में बिना परमेश्वर के निराश जीवन जीते थे।

किन्तु अब तुम्हें, जो कभी परमेश्वर से बहुत दूर थे, मसीह के बलिदान के द्वारा मसीह यीशु में तुम्हारी स्थिति के कारण, परमेश्वर के निकट ले आया गया है।

यहूदी और ग़ैर यहूदी आपस में एक दूसरे से नफ़रत करते थे और अलग हो गये थे। ठीक ऐसे जैसे उन के बीच कोई दीवार खड़ी हो। किन्तु मसीह ने स्वयं अपनी देह का बलिदान देकर नफ़रत की उस दीवार को गिरा दिया।

उसने ऐसा तब किया जब अपने समूचे नियमों और व्यवस्थाओं के विधान को समाप्त कर दिया। उसने ऐसा इसलिए किया कि वह अपने में इन दोनों को ही एक में मिला सकें। और इस प्रकार मिलाप करा दे। क्रूस पर अपनी मृत्यु के द्वारा उसने उस घृणा का अंत कर दिया। और उन दोनों को परमेश्वर के साथ उस एक देह में मिला दिया।

और क्रूस पर अपनी मृत्यु के द्वारा बैर भाव का नाश करके एक ही देह में उन दोनों को संयुक्त करके परमेश्वर से फिर मिला दे।

सो आकर उसने तुम्हें, जो परमेश्वर से बहुत दूर थे और जो उसके निकट थे, उन्हें शांति का सुसमाचार सुनाया।

क्योंकि उसी के द्वारा एक ही आत्मा से परम पिता के पास तक हम दोनों की पहुँच हुई।

परिणामस्वरूप अब तुम न अनजान रहे और न ही पराये। बल्कि अब तो तुम संत जनों के स्वदेशी संगी-साथी हो गये हो।

जिनमें तुम पहले, संसार के बुरे रास्तों पर चलते हुए और उस आत्मा का अनुसरण करते हुए जीते थे जो इस धरती के ऊपर की आत्मिक शक्तियों का स्वामी है। वही आत्मा अब उन व्यक्तियों में काम कर रही है जो परमेश्वर की आज्ञा नहीं मानते।

तुम एक ऐसा भवन हो जो प्रेरितों और नबियों की नींव पर खड़ा है। तथा स्वयं मसीह यीशु जिसका अत्यन्त महत्त्वपूर्ण कोने का पत्थर है।

मसीह में स्थित एक ऐसे स्थान की रचना के रूप में दूसरे लोगों के साथ तुम्हारा भी निर्माण किया जा रहा है, जहाँ आत्मा के द्वारा स्वयं परमेश्वर निवास करता है।

एक समय हम भी उन्हीं के बीच जीते थे और अपनी पापपूर्ण प्रकृति की भौतिक इच्छाओं को तृप्त करते हुए अपने हृदयों और पापपूर्ण प्रकृति की आवश्यकताओं को पूरा करते हुए संसार के दूसरे लोगों के समान परमेश्वर के क्रोध के पात्र थे।

इफिसियों 2:2

जिनमें तुम पहले, संसार के बुरे रास्तों पर चलते हुए और उस आत्मा का अनुसरण करते हुए जीते थे जो इस धरती के ऊपर की आत्मिक शक्तियों का स्वामी है। वही आत्मा अब उन व्यक्तियों में काम कर रही है जो परमेश्वर की आज्ञा नहीं मानते।

प्रकाशितवाक्य 19:11-16

फिर मैंने स्वर्ग को खुलते देखा और वहाँ मेरे सामने एक सफेद घोड़ा था। घोड़े का सवार विश्वसनीय और सत्य कहलाता था क्योंकि न्याय के साथ वह निर्णय करता है और युद्ध करता है।

उसकी आँखें ऐसी थीं मानों अग्नि की लपट हो। उसके सिर पर बहुत से मुकुट थे। उस पर एक नाम लिखा था, जिसे उसके अतिरिक्त कोई और नहीं जानता।

उसने ऐसा वस्त्र पहना था जिसे लहू में डुबाया गया था। उसे नाम दिया गया था, “परमेश्वर का वचन।”

सफेद घोड़ों पर बैठी स्वर्ग की सेनाएँ उसके पीछे पीछे चल रही थीं। उन्होंने शुद्ध श्वेत मलमल के वस्त्र पहने थे।

अधर्मियों पर प्रहार करने के लिए उसके मुख से एक तेज धार की तलवार बाहर निकल रही थी। वह उन पर लोहे के दण्ड से शासन करेगा और सर्वशक्ति सम्पन्न परमेश्वर के प्रचण्ड क्रोध की धानी में वह अंगूरों का रस निचोड़ेगा।

उसके वस्त्र तथा उसकी जाँघ पर लिखा था: राजाओं का राजा और प्रभुओं का प्रभु

ईश्वर से प्रार्थना

हे परम पवित्र आत्मा, मैं आपकी आराधना करता/करती हूँ। मुझे पूरा विश्वास है कि आप मेरी मददगार हैं और आप भली-भांति जानते हैं कि मेरे जीवन के लिए क्या अच्छा है। मैं इस समय आपसे प्रार्थना करता/करती हूँ कि आपका अटूट प्रेम मुझे पूरी सच्चाई की ओर ले जाए। मैं एक उत्तम प्रार्थी बनना चाहता/चाहती हूँ, लेकिन ऐसा करने के लिए मुझे आपके पूर्ण मार्गदर्शन की आवश्यकता है। मेरे प्रभु यीशु, मैं अपनी भावनाओं या विचारों के आधार पर प्रार्थना नहीं करना चाहता/चाहती हूँ। मैं आपकी पूर्ण इच्छा के अनुसार प्रार्थना करना चाहता/चाहती हूँ ताकि मेरी प्रार्थना प्रभावी हो सके। आज मैं अपने सारे ज्ञान और अनुभव को त्याग देता/देती हूँ और आपके स्वर द्वारा निर्देशित होने को तैयार हूँ, क्योंकि आप सबसे महान प्रार्थी हैं जिनसे मैं सीख सकता/सकती हूँ। आप अच्छी तरह जानते हैं कि हर एक जीवन के लिए परमपिता के हृदय में क्या है, इसलिए मैं आपसे प्रार्थना करता/करती हूँ कि आप मुझे परमेश्वर की इच्छा के अनुसार प्रार्थना करने में मदद करें। प्रभु, अपने राज्य के स्त्री-पुरुषों में एक जागृति लाइए, ताकि उन पर आपकी उपस्थिति की भूख और प्यास उमड़ पड़े, और उनका हृदय कलीसिया, परिवारों और राष्ट्रों के लिए प्रार्थना करने को तैयार हो जाए। आपका वचन कहता है: "हर समय आत्मा में प्रार्थना और विनती करते रहो, और इसी के लिये जागते रहो, और सब पवित्र लोगों के लिये लगातार विनती करते रहो।" हे प्रभु, नहेमायाह की तरह प्रार्थी उठाइए, जो उपवास, प्रार्थना और विनती में आपका मुख ढूंढें, और प्रेम के कारण दूसरों की जगह खुद को रखने का साहस रखें, और शत्रु के हर आक्रमण को रोकने के लिए दीवार खड़ी करने की चुनौती स्वीकार करें। प्रभु, ऐसे उत्साही और समर्पित प्रार्थी उठाइए, जो एक ही आत्मा में एक व्यक्ति की तरह एकजुट होकर, दूसरों के लिए कराहें, प्रार्थना करें और घुटने टेकें, और दूसरों के दर्द और बोझ के प्रति दयालु और संवेदनशील हों। यीशु के नाम में, आमीन।