सोचो, परमेश्वर ने सृष्टि के लिए कोई सख़्त नियम नहीं बनाए, बल्कि प्रकृति के नियम बनाए जो उनकी इच्छा से चलते हैं। ये नियम, ये प्रकृति, खुद ही परमेश्वर के होने का प्रमाण है, जैसे भजन संहिता 19:1 में लिखा है, "आकाश परमेश्वर की महिमा का वर्णन करते हैं; और आकाशमण्डल उसकी हस्तकला को प्रगट करता है।"
परमेश्वर की शक्ति और महिमा जैसी अदृश्य चीज़ें, उनकी बनाई हुई इस दुनिया में साफ़ दिखाई देती हैं। परमेश्वर को खुशी होती है जब हम उनकी रचनाओं पर अचम्भा करते हैं। आस-पास की हर चीज़ इस बात का सबूत है कि वो हमसे कितना प्यार करते हैं और वो कितने महान हैं। यही तो हमें पूरे दिल से उनकी आराधना करने के लिए प्रेरित करता है।
हमें प्रकृति की कद्र करनी चाहिए, परमेश्वर के बारे में सोचना चाहिए और उनका शुक्रिया अदा करना चाहिए। हर सुबह सूरज उगने के साथ ही उनकी दया हम पर बरसती है।
जब उन्होंने यह सुना तो मिल कर ऊँचे स्वर में वे परमेश्वर को पुकारते हुए बोले, “स्वामी, तूने ही आकाश, धरती, समुद्र और उनके अन्दर जो कुछ है, उसकी रचना की है।
हे परमेश्वर, जो कुछ भी स्वर्ग और धरती पर जन्मी है तेरी ही है। तूने ही जगत और जगत में की हर वस्तु रची है।
सूर्य और चाँद, तुम यहोवा के गुण गाओ! अम्बर के तारों और ज्योतियों, उसकी प्रशंसा करो!
यहोवा के गुण सर्वोच्च अम्बर में गाओ। हे जल आकाश के ऊपर, उसका यशगान कर!
यहोवा के नाम का बखान करो। क्यों? क्योंकि परमेश्वर ने आदेश दिया, और हम सब उसके रचे थे।
हे यहोवा, जब मेरी दृष्टि गगन पर पड़ती है, जिसको तूने अपने हाथों से रचा है और जब मैं चाँद तारों को देखता हूँ जो तेरी रचना है, तो मैं अचरज से भर उठता हूँ।
अरे आकाश, प्रसन्न हो! हे धरती, आनन्द मना! हे सागर, और उसमें कि सब वस्तुओं आनन्द से ललकारो।
अरे ओ खेतों और उसमें उगने वाली हर वस्तु आनन्दित हो जाओ! हे वन के वृक्षो गाओ और आनन्द मनाओ!
हे यहोवा, तूने अचरज भरे बहुतेरे काम किये। धरती तेरी वस्तुओं से भरी पड़ी है। तू जो कुछ करता है, उसमें निज विवेक दर्शाता है।
“हे हमारे प्रभु और हमारे परमेश्वर! तू ही महिमा, आदर और शक्ति पाने को सुयोग्य है। क्योंकि तूने ही अपनी इच्छा से सभी वस्तु सृजी हैं। तेरी ही इच्छा से उनका अस्तित्व है। और तेरी ही इच्छा से हुई है उनकी सृष्टि।”
परमेश्वर ने अपने द्वारा बनाई हर चीज़ को देखा और परमेश्वर ने देखा कि हर चीज़ बहुत अच्छी है। शाम हुई और तब सवेरा हुआ। यह छठवाँ दिन था।
मैंने पृथ्वी और इस पर रहने वाले सभी लोगों को बनाया। मैंने पृथ्वी के सभी जानवरों को बनाया। मैंने यह अपनी बड़ी शक्ति और शक्तिशाली भुजा से किया। मैं यह पृथ्वी किसी को भी जिसे चाहूँ दे सकता हूँ।
अपने संसार के बारे में सोचने के लिये परमेश्वर ने हमें क्षमता प्रदान की है। परन्तु परमेश्वर जो करता है, उन बातों को पूरी तरह से हम कभी नहीं समझ सकते। फिर भी परमेश्वर हर बात, उचित और उपयुक्त समय पर करता है।
क्योंकि यह सृष्टि बड़ी आशा से उस समय का इंतज़ार कर रही है जब परमेश्वर की संतान को प्रकट किया जायेगा।
क्योंकि आत्मा की व्यवस्था ने जो यीशु मसीह में जीवन देती है, तुझे पाप की व्यवस्था से जो मृत्यु की ओर ले जाती है, स्वतन्त्र कर दिया है।
यह सृष्टि निःसार थी अपनी इच्छा से नहीं, बल्कि उसकी इच्छा से जिसने इसे इस आशा के अधीन किया
अम्बर परमेश्वर की महिमा बखानतें हैं, और आकाश परमेश्वर की उत्तम रचनाओं का प्रदर्शन करते हैं।
यहोवा के उपदेश उत्तम स्वर्ण और कुन्दन से भी बढ़ कर मनोहर है। वे उत्तम शहद से भी अधिक मधुर हैं, जो सीधे शहद के छते से टपक आता है।
हे यहोवा, तेरे उपदेश तेरे सेवक को आगाह करते है, और जो उनका पालन करते हैं उन्हें तो वरदान मिलते हैं।
हे यहोवा, अपने सभी दोषों को कोई नहीं देख पाता है। इसलिए तू मुझे उन पापों से बचा जो एकांत में छुप कर किये जाते हैं।
हे यहोवा, मुझे उन पापों को करने से बचा जिन्हें मैं करना चाहता हूँ। उन पापों को मुझ पर शासन न करने दे। यदि तू मुझे बचाये तो मैं पवित्र और अपने पापों से मुक्त हो सकता हूँ।
मुझको आशा है कि, मेरे वचन और चिंतन तुझको प्रसन्न करेंगे। हे यहोवा, तू मेरी चट्टान, और मेरा बचाने वाला है!
हर नया दिन उसकी नयी कथा कहता है, और हर रात परमेश्वर की नयी—नयी शक्तियों को प्रकट करता हैं।
न तो कोई बोली है, और न तो कोई भाषा, जहाँ उसका शब्द नहीं सुनाई पड़ता।
उसकी “वाणी” भूमण्डल में व्यापती है और उसके “शब्द” धरती के छोर तक पहुँचते हैं। उनमें उसने सूर्य के लिये एक घर सा तैयार किया है।
जब से संसार की रचना हुई उसकी अदृश्य विशेषताएँ अनन्त शक्ति और परमेश्वरत्व साफ साफ दिखाई देते हैं क्योंकि उन वस्तुओं से वे पूरी तरह जानी जा सकती हैं, जो परमेश्वर ने रचीं। इसलिए लोगों के पास कोई बहाना नहीं।
अम्बर परमेश्वर की महिमा बखानतें हैं, और आकाश परमेश्वर की उत्तम रचनाओं का प्रदर्शन करते हैं।
हे यहोवा, तूने अचरज भरे बहुतेरे काम किये। धरती तेरी वस्तुओं से भरी पड़ी है। तू जो कुछ करता है, उसमें निज विवेक दर्शाता है।
यह सागर देखे! यह कितना विशाल है! बहुतेरे वस्तुएँ सागर में रहती हैं! उनमें कुछ विशाल है और कुछ छोटी हैं! सागर में जो जीवजन्तु रहते हैं, वे अगणित असंख्य हैं।
यदि तुम ऐसा करोगे तो मैं जिस समय वर्षा आनी चाहिए, उसी समय वर्षा कराऊँगा। भूमि फ़सलें पैदा करेगी और पेड़ अपने फल देंगे।
हे यहोवा, जब मेरी दृष्टि गगन पर पड़ती है, जिसको तूने अपने हाथों से रचा है और जब मैं चाँद तारों को देखता हूँ जो तेरी रचना है, तो मैं अचरज से भर उठता हूँ।
लोग तेरे लिये क्यों इतने महत्वपूर्ण हो गये? तू उनको याद भी किस लिये करता है? मनुष्य का पुत्र तेरे लिये क्यों महत्वपूर्ण है? क्यों तू उन पर ध्यान तक देता है?
यहोवा ने मनुष्य को अदन के बाग में रखा। मनुष्य का काम पेड़—पौधे लगाना और बाग की देख—भाल करना था।
“जब तुम्हें आनन्द से भरकर शांति और एकता के साथ में उस धरती से छुड़ाकर ले जाया जा रहा होगा जिसमें तुम बन्दी थे, तो तुम्हारे सामने खुशी में पहाड़ फट पड़ेंगे और थिरकने लगेंगे। पहाड़ियाँ नृत्य में फूट पड़ेंगी। तुम्हारे सामने जंगल के सभी पेड़ ऐसे हिलने लगेंगे जैसे तालियाँ पीट रहे हो।
जहाँ कंटीली झाड़ियाँ उगा करती हैं वहाँ देवदार के विशाल वृक्ष उगेंगे। जहाँ खरपतवार उगा करते थे, वहाँ हिना के पेड़ उगेंगे। ये बातें उस यहोवा को प्रसिद्ध करेंगी। ये बातें प्रमाणित करेंगी कि यहोवा शक्तिपूर्णहै। यह प्रमाण कभी नष्ट नहीं होगा।”
परमेश्वर का पवित्र नगर एक सुन्दर नगर है। धरती पर वह नगर सर्वाधिक प्रसन्न है। सिय्योन पर्वत सबसे अधिक ऊँचा और सर्वाधिक पवित्र है। यह नगर महा सम्राट का है।
देखो! आकाश के पक्षी न तो बुआई करते हैं और न कटाई, न ही वे कोठारों में अनाज भरते हैं किन्तु तुम्हारा स्वर्गीय पिता उनका भी पेट भरता है। क्या तुम उनसे कहीं अधिक महत्वपूर्ण नहीं हो?
तुम में से क्या कोई ऐसा है जो चिंता करके अपने जीवन काल में एक घड़ी भी और बढ़ा सकता है?
“और तुम अपने वस्त्रों की क्यों सोचते हो? सोचो जंगल के फूलों की वे कैसे खिलते हैं। वे न कोई काम करते हैं और न अपने लिए कपड़े बनाते हैं।
मैं तुमसे कहता हूँ कि सुलेमान भी अपने सारे वैभव के साथ उनमें से किसी एक के समान भी नहीं सज सका।
यह धरती और उस पर की सब वस्तुएँ यहोवा की है। यह जगत और इसके सब व्यक्ति उसी के हैं।
वह प्रतापी राजा कौन है? यहोवा सर्वशक्तिमान ही वह राजा है। वह प्रतापी राजा वही है।
यहोवा ने इस धरती को जल पर रचा है। उसने इसको जल—धारों पर बनाया।
नेकी और निष्पक्षता परमेश्वर को भाती है। यहोवा ने अपने निज करुणा से इस धरती को भर दिया है।
“हर एक चीज, यहोवा तुम्हारे परमेश्वर की है। स्वर्ग, सबसे ऊँचा भी उसी का है। पृथ्वी और उस पर की सार चीजें यहोवा तुम्हारे परमेश्वर की हैं।
तुम अच्छी भूमि पर उगी घास खा सकते हो। अत: तुम उस घास को क्यों कुचलते हो जिसे दूसरी भेड़ें खाना चाहती हैं। तुम पर्याप्त स्वच्छ जल पी सकते हो। अत: तुम उस जल को हिलाकर गन्दा क्यों करते हो, जिसे अन्य भेड़ें पीना चाहती हैं।
तू तो परमेश्वर है! यहोवा, बस तू ही परमेश्वर है! आकाश को तूने बनाया है! सर्वोच्च आकाशों की रचना की तूने, और जो कुछ है उनमें सब तेरा बनाया है! धरती की रचना की तूने ही, और जो कुछ धरती पर है! सागर को, और जो कुछ है सागर में! तूने बनाया है हर किसी वस्तु को जीवन तू देता है! सितारे सारे आकाश के, झुकते हैं सामने तेरे और उपासना करते हैं तेरी!
“भूमि वस्तुत: मेरी है। इसलइए तुम इसे स्थायी रूप में नहीं बेच सकते। तुम मेरे साथ मेरी भूमि पर केवल विदेशी और यात्री के रूप में रह रहे हो।
कोई व्यक्ति अपनी भूमि बेच सकता है, किन्तु उसका परिवार सदैव अपनी भूमि वापस पाएगा।
हे परमेश्वर, तूने ही जल बहाया। सोतों से नदियों से नीचे पहाड़ी नदियों से पानी बह चला।
सभी वन्य पशुओं को धाराएँ जल देती हैं, जिनमें जंगली गधे तक आकर के प्यास बुझाते हैं।
वन के परिंदे तालाबों के किनारे रहने को आते हैं और पास खड़े पेड़ों की डालियों में गाते हैं।
परमेश्वर पहाड़ों के ऊपर नीचे वर्षा भेजता है। परमेश्वर ने जो कुछ रचा है, धरती को वह सब देता है जो उसे चाहिए।
परमेश्वर, पशुओं को खाने के लिये घास उपजाई, हम श्रम करते हैं और वह हमें पौधे देता है। ये पौधे वह भोजन है जिसे हम धरती से पाते हैं।
घास मर जाती है और जंगली फूल नष्ट हो जाता है। किन्तु हमारे परमेश्वर के वचन सदा बने रहते हैं।”
“अय्यूब, तू क्षण भर के लिये रुक और सुन। रुक जा और सोच उन अद्भुत कार्यो के बारे में जिन्हें परमेश्वर किया करता हैं।
अय्यूब, क्या तू जानता है कि परमेश्वर बादलों पर कैसे काबू रखता है क्या तू जानता है कि परमेश्वर अपनी बिजली को क्यों चमकाता है
क्या तू यह जानता है कि आकाश में बादल कैसे लटके रहते हैं। ये एक उदाहरण मात्र हैं। परमेश्वर का ज्ञान सम्पूर्ण है और ये बादल परमेश्वर की अद्भुत कृति हैं।
धर्मी अपने पशु तक की जरूरतों का ध्यान रखता है, किन्तु दुष्ट के सर्वाधिक दया भरे काम भी कठोर क्रूर रहते हैं।
परमेश्वर मेघों से अम्बर को भरता है। परमेश्वर धरती के लिये वर्षा करता है। परमेश्वर पहाड़ों पर घास उगाता है।
परमेश्वर पशुओं को चारा देता है, छोटी चिड़ियों को चुग्गा देता है।
उसके समय में, भेड़ और भेड़िये शांति से साथ—साथ रहेंगे, सिंह और बकरी के बच्चों के साथ शांति से पड़े रहेंगे। बछड़े, सिंह और बैल आपस में शांति के साथ रहेंगे। एक छोटा सा बच्चा उनकी अगुवाई करेगा।
गायें और रीछनियां शांति से साथ—साथ अपना खाना खाएंगी। उनके बच्चे साथ—साथ बैठा करेंगे और आपस में एक दूसरे को हानि नहीं पहुँचायेंगे। सिंह गायों के समान घास चरेंगे
और यहाँ तक कि साँप भी लोगों को हानि नहीं पहुँचायेंगे। काले नाग के बिल के पास एक बच्चा तक खेल सकेगा। कोई भी बच्चा विषधर नाग के बिल में हाथ डाल सकेगा।
ये सब बातें दिखाती हैं कि वहाँ सब कहीं शांति होगी। कोई व्यक्ति किसी दूसरे को हानि नहीं पहुँचायेगा। मेरे पवित्र पर्वत के लोग वस्तुओं को नष्ट नहीं करना चाहेंगे। क्यों क्योंकि लोग यहोवा को सचमुच जान लेंगे। वे उसके ज्ञान से ऐसे परिपूर्ण होंगे जैसे सागर जल से परिपूर्ण होता है।
परमेश्वर ने सागर के बीच में सूखी धरती को स्थापित किया। उसका सच्चा प्रेम सदा ही बना रहता है।
परमेश्वर ने महान ज्योतियाँ रची। उसका सच्चा प्रेम सदा ही बना रहता है।
परमेश्वर ने सूर्य को दिन पर शासन करने के लिये बनाया। उसका सच्चा प्रेम सदा ही बना रहता है।
परमेश्वर ने चाँद तारों को बनाया कि वे रात पर शासन करें। उसका सच्चा प्रेम सदा ही बना रहता है।
और परमेश्वर ने कहा, “यह प्रमाणित करने के लिए कि मैंने तुमको वचन दिया है कि मैं तुमको कुछ दूँगा। यह प्रमाण बतायेगा कि मैंने तुम से और पृथ्वी के सभी जीवित प्राणियों से एक वाचा बाँधी है। यह वाचा भविष्य में सदा बनी रहेगी जिसका प्रमाण यह है
कि मैंने बादलों में मेघधनुष बनाया है। यह मेघधनुष मेरे और पृथ्वी के बीच हुए वाचा का प्रमाण है।
यहोवा ही परमेश्वर है। उसने आकाश रचे हैं, और उसी ने धरती बनायी है। यहोवा ही ने धरती को अपने स्थान पर स्थापित किया है। जब यहोवा ने धरती बनाई उसने ये नहीं चाहा कि धरती खाली रहे। उसने इसको रचा ताकि इसमें जीवन रहे। मैं यहोवा हूँ। मेरे सिवा कोई दूसरा परमेश्वर नहीं है।
यदि तू उस पौधे के लिए व्याकुल हो सकता है, तो देख नीनवे जैसे बड़े नगर के लिये जिसमें बहुत से लोग और बहुत से पशु रहते हैं, जहाँ एक लाख बीस हजार से भी अधिक लोग रहते हैं और जो यह भी नहीं जानते कि वे कोई गलत काम कर रहे हैं, उनके लिये क्या मैं तरस न खाऊँ!”
“यहोवा कहता है, मैं तुम्हें अनेक अच्छी चीज़ों से भरे उत्तम देश में लाया। मैंने यह किया जिससे तुम वहाँ उगे हुये फल और पैदावार को खा सके। किन्तु तुम आए और मेरे देश को तुमने ‘गन्दा’ किया। मैंने वह देश तुम्हें दिया था, किन्तु तुमने उसे बुरा स्थान बनाया।”
क्योंकि जो कुछ स्वर्ग में है और धरती पर है, उसी की शक्ति से उत्पन्न हुआ है। कुछ भी चाहे दृश्यमान हो और चाहे अदृश्य, चाहे सिंहासन हो चाहे राज्य, चाहे कोई शासक हो और चाहे अधिकारी, सब कुछ उसी के द्वारा रचा गया है और उसी के लिए रचा गया है।
सबसे पहले उसी का अस्तित्व था, उसी की शक्ति से सब वस्तुएँ बनी रहती हैं।
मुझे तुम्हारे उन पशुओं की आवश्यकता नहीं। मैं ही तो वन के सभी पशुओं का स्वामी हूँ। हजारों पहाड़ों पर जो पशु विचरते हैं, उन सब का मैं स्वामी हूँ।
जिन पक्षियों का बसेरा उच्चतम पहाड़ पर है, उन सब को मैं जानता हूँ। अचलों पर जो भी सचल है वे सब मेरे ही हैं।
“छः वर्ष तक बीज बोओ, अपनी फ़सलों को काटो और खेत को तैयार करो।
किन्तु सातवें वर्ष अपनी भूमि का उपयोग न करो। सातवाँ वर्ष भूमि के विश्राम का विशेष समय होगा। अपने खेतों में कुछ भी न बोओ। यदि कोई फ़सल वहाँ उगती है तो उसे गरीब लोगों को ले लेने दो। जो भी खाने की चीज़ें बच जाएं उन्हें जंगली जानवरों को खा लेने दो। यही बात तुम्हें अपने अंगूर और जैतून के बागों के सम्बन्ध में भी करनी चाहिए।
गहरी गुफाएँ और ऊँचे पर्वत यहोवा के हैं।
सागर उसका है, उसने उसे बनाया है। परमेश्वर ने स्वयं अपने हाथों से धरती को बनाया है।
देश उजड़ जायेगा और दु:खी होगा। दुनिया ख़ाली हो जायेगी और वह दुर्बल हो जायेगी। इस धरती के महान नेता शक्तिहीन हो जायेंगे।
इस धरती के लोगों ने इस धरती को गंदा कर दिया है। ऐसा कैसा हो गया लोगों ने परमेश्वर की शिक्षा के विरोध में गलत काम किये। (इसलिये ऐसा हुआ) लोगों ने परमेश्वर के नियमों का पालन नहीं किया। बहुत पहले लोगों ने परमेश्वर के साथ एक वाचा की थी। किन्तु परमेश्वर के साथ किये उस वाचा को लोगों ने तोड़ दिया।
यहोवा तुम्हारा परमेश्वर उस देश की देख—रेख करता है! यहोवा तुम्हारा परमेश्वर वर्ष के आरम्भ से अन्त तक उसकी गेख—रेख करता है।
बनैले बकरों के घर ऊँचे पहाड़ में बने हैं। बिच्छुओं के छिपने के स्थान बड़ी चट्टान है।
हे परमेश्वर, तूने हमें चाँद दिया जिससे हम जान पायें कि छुट्टियाँ कब है। सूरज सदा जानता है कि उसको कहाँ छिपना है।
तू प्रकाश से मण्डित है जैसे कोई व्यक्ति चोंगा पहने। तूने व्योम जैसे फैलाये चंदोबा हो।
तूने अंधेरा बनाया जिससे रात हो जाये और देखो रात में बनैले पशु बाहर आ जाते और इधर—उधर घूमते हैं।
वे झपटते सिंह जब दहाड़ते हैं तब ऐसा लगता जैसे वे यहोवा को पुकारते हों, जिसे माँगने से वह उनको आहार देता।
और पौ फटने पर जीवजन्तु वापस घरों को लौटते और आराम करते हैं।
फिर लोग अपना काम करने को बाहर निकलते हैं। साँझ तक वे काम में लगे रहते हैं।
हे यहोवा, तूने अचरज भरे बहुतेरे काम किये। धरती तेरी वस्तुओं से भरी पड़ी है। तू जो कुछ करता है, उसमें निज विवेक दर्शाता है।
अपने रेवड़ की हालत तू निश्चित जानता है। अपने रेवड़ की ध्यान से देखभाल कर।
क्योंकि धन दौलत तो टिकाऊ नहीं होते हैं। यह राजमुकुट पीढ़ी—पीढ़ी तक बना नहीं रहता है।
जब चारा कट जाता है, तो नई घास उग आती है। वह घास पहाड़ियों पर से फिर इकट्ठी कर ली जाती है।
तब तब ये मेमनें ही तुझे वस्त्र देंगे और ये बकरियाँ खेतों की खरीद का मूल्य बनेगीं।
तेरे परिवार को, तेरे दास दासियों को और तेरे अपने लिये भरपूर बकरी का दूध होगा।
“छः दिन तक काम करो। तब सातवें दिन विश्राम करो। इससे तुम्हारे दासों और तुम्हारे दूसरे मजदूरों को भी विश्राम का समय मिलेगा। और तुम्हारे बैल और गधे भी आराम कर सकेंगे।”
यहोवा के गुण गाओ! स्वर्ग के स्वर्गदूतों, यहोवा की प्रशंसा स्वर्ग से करो!
परमेश्वर ने सारे बनैले पशु और सब मवेशी रचे हैं। रेंगने वाले जीव और पक्षियों को उसने बनाया।
परमेश्वर ने राजा और राष्ट्रों की रचना धरती पर की। परमेश्वर ने प्रमुखों और न्यायधीशों को बनाया।
परमेश्वर ने युवक और युवतियों को बनाया। परमेश्वर ने बूढ़ों और बच्चों को रचा है।
यहोवा के नाम का गुण गाओ! सदा उसके नाम का आदर करो! हर वस्तु ओर धरती और व्योम, उसका गुणगान करो!
परमेश्वर अपने भक्तों को दृढ़ करेगा। लोग परमेश्वर के भक्तों की प्रशंसा करेंगे। लोग इस्राएल के गुण गायेंगे, वे लोग है जिनके लिये परमेश्वर युद्ध करता है, यहोवा की प्रशंसा करो।
हे सभी स्वर्गदूतों, यहोवा का यश गाओ! ग्रहों और नक्षत्रों, उसका गुण गान करो!
सूर्य और चाँद, तुम यहोवा के गुण गाओ! अम्बर के तारों और ज्योतियों, उसकी प्रशंसा करो!
यहोवा के गुण सर्वोच्च अम्बर में गाओ। हे जल आकाश के ऊपर, उसका यशगान कर!
यहोवा के नाम का बखान करो। क्यों? क्योंकि परमेश्वर ने आदेश दिया, और हम सब उसके रचे थे।
“देखो, मैं एक नये स्वर्ग और नयी धरती की रचना करूँगा। लोग मेरे लोगों की पिछली बात याद नहीं रखेंगे। उनमें से कोई बात याद में नहीं रहेगी।
मेरे लोग दु:खी नहीं रहेंगे। नहीं, वे आनन्द में रहेंगे और वे सदा खुश रहेंगे। मैं जो बातें रचूँगा, वे उनसे प्रसन्न रहेंगे। मैं ऐसा यरूशलेम रचूँगा जो आनन्द से परिपूर्ण होगा और मैं उनको एक प्रसन्न जाति बनाऊँगा।
फिर मैंने एक नया स्वर्ग और नयी धरती देखी। क्योंकि पहला स्वर्ग और पहली धरती लुप्त हो चुके थे। और वह सागर भी अब नहीं रहा था।
मैं ऊपर पर्वतों को देखता हूँ। किन्तु सचमुच मेरी सहायता कहाँ से आएगी
मुझको तो सहारा यहोवा से मिलेगा जो स्वर्ग और धरती का बनाने वाला है।
“परमेश्वर, जिसने इस जगत की और इस जगत के भीतर जो कुछ है, उसकी रचना की वही धरती और आकाश का प्रभु है। वह हाथों से बनाये मन्दिरों में नहीं रहता।
उसे किसी वस्तु का अभाव नहीं है सो मनुष्य के हाथों से उसकी सेवा नहीं हो सकती। वही सब को जीवन, साँसें और अन्य सभी कुछ दिया करता है।
तुम जान लो कि वह यहोवा ही परमेश्वर है। उसने हमें रचा है और हम उसके भक्त हैं। हम उसकी भेड़ हैं।
एक पैसे की दो चिड़ियाओं में से भी एक तुम्हारे परम पिता के जाने बिना और उसकी इच्छा के बिना धरती पर नहीं गिर सकती।
फिलिप्पुस, बरतुल्मै, थोमा, कर वसूलने वाला मत्ती, हलफै का बेटा याकूब और तद्दै,
अरे तुम्हारे तो सिर का एक एक बाल तक गिना हुआ है।
इसलिये डरो मत तुम्हारा मूल्य तो वैसी अनेक चिड़ियाओं से कहीं अधिक है।
इस धरती के लोग सचमुच बड़े नहीं हैं। परमेश्वर लोगों के साथ जो कुछ चाहता है वह करता है। स्वर्ग की शक्तियों को कोई भी रोक नहीं पाता है। उसका सशक्त हाथ जो कुछ करता है उस पर कोई प्रश्न नहीं कर सकता है।
हे यहोवा, तूने मेरी समूची देह को बनाया। तू मेरे विषय में सबकुछ जानता था जब मैं अभी माता की कोख ही में था।
हे यहोवा, तुझको उन सभी अचरज भरे कामों के लिये मेरा धन्यवाद, और मैं सचमुच जानता हूँ कि तू जो कुछ करता है वह आश्चर्यपूर्ण है।
मेरे विषय में तू सब कुछ जानता है। जब मैं अपनी माता की कोख में छिपा था, जब मेरी देह रूप ले रही थी तभी तूने मेरी हड्डियों को देखा।
हे यहोवा, तूने मेरी देह को मेरी माता के गर्भ में विकसते देखा। ये सभी बातें तेरी पुस्तक में लिखीं हैं। हर दिन तूने मुझ पर दृष्टी की। एक दिन भी तुझसे नहीं छूटा।