सोचो, क्या परमेश्वर चाहता है कि हम चिंताओं और बोझ तले दबे रहें? बिलकुल नहीं! पवित्र शास्त्र में, परमेश्वर हमसे कहता है कि हम अपनी सारी चिंताएँ और परेशानियाँ उसे सौंप दें ताकि हम सच्ची शांति पा सकें। "हे सब परिश्रम करनेवालो और बोझ से दबे हुए लोगो, मेरे पास आओ; मैं तुम्हें विश्राम दूँगा।" (मत्ती 11:28)
चलो, हम प्रार्थना में परमेश्वर के पास जाएँ और अपनी सारी ज़रूरतें और चिंताएँ उसके सामने रखें। बेचैन होने के बजाय, बेहतर है कि हम अपनी सारी चिंताओं को पवित्र आत्मा को सौंप दें और जो हमें परेशान कर रहा है उससे मुक्त हो जाएँ। यीशु हमें, अपने विश्वासियों के रूप में, उस पर और उसके वचन की शक्ति पर भरोसा करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।
वह हमें यह विश्वास दिलाता है कि उसके हाथों में हम सुरक्षित हैं और हमारी आत्मा कभी नष्ट नहीं होगी! वह हमें शांति बनाए रखने और अपने दिल से कपड़ों और भोजन जैसी भौतिक ज़रूरतों की सभी चिंताओं को दूर करने के लिए प्रोत्साहित करता है, क्योंकि जो आकाश के पक्षियों का ध्यान रखता है, वह तुम्हारा भी ध्यान रखेगा। उस पर भरोसा रखो और चिंतामुक्त रहो!
“मैं तुम्हारे लिये अपनी शांति छोड़ रहा हूँ। मैं तुम्हें स्वयं अपनी शांति दे रहा हूँ पर तुम्हें इसे मैं वैसे नहीं दे रहा हूँ जैसे जगत देता है। तुम्हारा मन व्याकुल नहीं होना चाहिये और न ही उसे डरना चाहिये।
“मैं तुमसे कहता हूँ अपने जीने के लिये खाने-पीने की चिंता छोड़ दो। अपने शरीर के लिये वस्त्रों की चिंता छोड़ दो। निश्चय ही जीवन भोजन से और शरीर कपड़ों से अधिक महत्वपूर्ण हैं।
कल की चिंता मत करो, क्योंकि कल की तो अपनी और चिंताएँ होंगी। हर दिन की अपनी ही परेशानियाँ होती हैं।
मैं मृत्यु की अंधेरी घाटी से गुजरते भी नहीं डरुँगा, क्योंकि यहोवा तू मेरे साथ है। तेरी छड़ी, तेरा दण्ड मुझको सुख देते हैं।
तू चिंता मत कर, मैं तेरे साथ हूँ। तू भयभीत मत हो, मैं तेरा परमेश्वर हूँ। मैं तुझे सुदृढ़ करुँगा। मैं तुझे अपने नेकी के दाहिने हाथ से सहारा दूँगा।
क्योंकि मैं मान चुका हूँ कि न मृत्यु और न जीवन, न स्वर्गदूत और न शासन करने वाली आत्माएँ, न वर्तमान की कोई वस्तु और न भविष्य की कोई वस्तु, न आत्मिक शक्तियाँ,
न कोई हमारे ऊपर का और न हमसे नीचे का, न सृष्टि की कोई और वस्तु हमें प्रभु के उस प्रेम से, जो हमारे भीतर प्रभु यीशु मसीह के प्रति है, हमें अलग कर सकेगी।
मैं यहोवा से विनती करता हूँ, “तू मेरा सुरक्षा स्थल है मेरा गढ़, हे परमेश्वर, मैं तेरे भरोसे हूँ।”
“हे थके-माँदे, बोझ से दबे लोगो, मेरे पास आओ; मैं तुम्हें सुख चैन दूँगा।
मेरा जुआ लो और उसे अपने ऊपर सँभालो। फिर मुझसे सीखो क्योंकि मैं सरल हूँ और मेरा मन कोमल है। तुम्हें भी अपने लिये सुख-चैन मिलेगा।
पूछा कि “क्या तू वही है ‘जो आने वाला था’ या हम किसी और आने वाले की बाट जोहें?”
क्योंकि वह जुआ जो मैं तुम्हें दे रहा हूँ बहुत सरल है। और वह बोझ जो मैं तुम पर डाल रहा हूँ, हल्का है।”
अपने पूर्ण मन से यहोवा पर भरोसा रख! तू अपनी समझ पर भरोसा मत रख।
उसको तू अपने सब कामों में याद रख। वही तेरी सब राहों को सीधी करेगा।
हे यहोवा, तू मेरी ज्योति और मेरा उद्धारकर्ता है। मुझे तो किसी से भी नहीं डरना चाहिए! यहोवा मेरे जीवन के लिए सुरक्षित स्थान है। सो मैं किसी भी व्यक्ति से नहीं डरुँगा।
यहोवा से सहायता की बाट जोहते रहो! साहसी और सुदृढ़ बने रहो और यहोवा की सहायता की प्रतीक्षा करते रहो।
हे यहोवा, तू हमें सच्ची शांति प्रदान करता है। तू उनको शान्ति दिया करता है, जो तेरे भरोसे हैं और तुझ पर विश्वास रखते हैं।
अत: सदैव यहोवा पर विश्वास करो। क्यों क्योंकि यहोवा याह ही तुम्हारा सदा सर्वदा के लिये शरणस्थल होगा!
अपनी चिंताये तुम यहोवा को सौंप दो। फिर वह तुम्हारी रखवाली करेगा। यहोव सज्जन को कभी हारने नहीं देगा।
अब शांति का प्रभु स्वयं तुम्हें हर समय, हर प्रकार से शांति दे। प्रभु तुम सब के साथ रहे।
तुम्हारे मन पर मसीह से प्राप्त होने वाली शांति का शासन हो। इसी के लिये तुम्हें उसी एक देह में बुलाया गया है। सदा धन्यवाद करते रहो।
मैं परमेश्वर के पास सहायता माँगने गया। उसने मेरी सुनी। उसने मुझे उन सभी बातों से बचाया जिनसे मैं डरता हूँ।
जो तुझ पर भरोसा रखते, तेरा नाम जानते हैं। हे यहोवा, यदि कोई जन तेरे द्वार पर आ जाये तो बिना सहायता पाये कोई नहीं लौटता।
नहेमायाह ने कहा, “जाओ, और जाकर उत्तम भोजन और शर्बत का आनन्द लो। और थोड़ा खाना और शर्बत उन लोगों को भी दो जो कोई खाना नहीं बनाते हैं। आज यहोवा का विशेष दिन है। दु:खी मत रहो! क्यों? क्योंकि परमेश्वर का आनन्द तुम्हें सुदृढ़ बनायेगा।”
यहोवा से विनती करो, वह तुम्हारी सुनेगा। वह तुम्हें तुम्हारी सब विपत्तियों से बचा लेगा।
लोगों को विपत्तियाँ आ सकती है और वे अभिमानी होना छोड़ते हैं। यहोवा उन लोगों के निकट रहता है। जिनके टूटे मन हैं उनको वह बचा लेगा।
अपने जीवन को धन के लालच से मुक्त रखो। जो कुछ तुम्हारे पास है, उसी में संतोष करो क्योंकि परमेश्वर ने कहा है: “मैं तुझको कभी नहीं छोड़ूँगा; मैं तुझे कभी नहीं तजूँगा।”
इसलिए हम विश्वास के साथ कहते हैं: “प्रभु मेरी सहाय करता है; मैं कभी भयभीत न बनूँगा। कोई मनुष्य मेरा क्या कर सकता है?”
किसी बात कि चिंता मत करो, बल्कि हर परिस्थिति में धन्यवाद सहित प्रार्थना और विनय के साथ अपनी याचना परमेश्वर के सामने रखते जाओ।
इसी से परमेश्वर की ओर से मिलने वाली शांति, जो समझ से परे है तुम्हारे हृदय और तुम्हारी बुद्धि को मसीह यीशु में सुरक्षित बनाये रखेगी।
यहोवा पर भरोसा रख और उसके सहारे की बाट जोह। तू दुष्टों की सफलता देखकर घबराया मत कर। तू दुष्टों की दुष्ट योजनाओं को सफल होते देख कर मत घबरा।
यहोवा, सैनिक की सावधानी से चलने में सहायता करता है। और वह उसको पतन से बचाता है।
सैनिक यदि दौड़ कर शत्रु पर प्रहार करें, तो उसके हाथ को यहोवा सहारा देता है, और उसको गिरने से बचाता है।
मैं इतना दुखी क्यों हूँ? मैं इतना व्याकुल क्यों हूँ? मुझे परमेश्वर के सहारे की बाट जोहनी चाहिए। मुझे अब भी उसकी स्तुति का अवसर मिलेगा। वह मुझे बचाएगा। हे मेरे परमेश्वर, मैं अति दुखी हूँ। इसलिए मैंने तुझे यरदन की घाटी में, हेर्मोन की पहाड़ी पर और मिसगार के पर्वत पर से पुकारा।
जब भी डरता हूँ, तो मैं तेरा ही भरोसा करता हूँ।
मैं परमेश्वर के भरोसे हूँ, सो मैं भयभीत नहीं हूँ। लोग मुझको हानि नहीं पहुँचा सकते! मैं परमेश्वर के वचनों के लिए उसकी प्रशंसा करता हूँ जो उसने मुझे दिये।
मैं धीरज के साथ अपने उद्धार के लिए यहोवा का बाट जोहता हूँ।
तुम बल पर भरोसा मत रखो की तुम शक्ति के साथ वस्तुओं को छीन लोगे। मत सोचो तुम्हें चोरी करने से कोई लाभ होगा। और यदि धनवान भी हो जाये तो कभी दौलत पर भरोसा मत करो, कि वह तुमको बचा लेगी।
एक बात ऐसी है जो परमेश्वर कहता है, जिसके भरोसे तुम सचमुच रह सकते हो: “शक्ति परमेश्वर से आती है!”
मेरे स्वामी, तेरा प्रेम सच्चा है। तू किसी जन को उसके उन कामों का प्रतिफल अथवा दण्ड देता है, जिन्हें वह करता है।
परमेश्वर मेरा गढ़ है। परमेश्वर मुझको बचाता है। ऊँचे पर्वत पर, परमेश्वर मेरा सुरक्षा स्थान है। मुझको महा सेनायें भी पराजित नहीं कर सकतीं।
लोगों, परमेश्वर पर हर घड़ी भरोसा रखो! अपनी सब समस्यायें परमेश्वर से कहो। परमेश्वर हमारा सुरक्षा स्थल है।
तुम परम परमेश्वर की शरण में छिपने के लिये जा सकते हो। तुम सर्वशक्तिमान परमेश्वर की शरण में संरक्षण पाने को जा सकते हो।
तेरे साथ कोई भी बुरी बात नहीं घटेगी। कोई भी रोग तेरे घर में नहीं होगा।
क्योंकि परमेश्वर स्वर्गदूतों को तेरी रक्षा करने का आदेश देगा। तू जहाँ भी जाएगा वे तेरी रक्षा करेंगे।
परमेश्वर के दूत तुझको अपने हाथों पर ऊपर उठायेंगे। ताकि तेरा पैर चट्टान से न टकराए।
तुझमें वह शक्ति होगी जिससे तू सिंहों को पछाडेगा और विष नागों को कुचल देगा।
यहोवा कहता है, “यदि कोई जन मुझ में भरोसा रखता है तो मैं उसकी रक्षा करूँगा। मैं उन भक्तों को जो मेरे नाम की आराधना करते हैं, संरक्षण दूँगा।”
मेरे भक्त मुझको सहारा पाने को पुकरेंगे और मैं उनकी सुनूँगा। वे जब कष्ट में होंगे मैं उनके साथ रहूँगा। मैं उनका उद्धार करूँगा और उन्हें आदर दूँगा।
मैं अपने अनुयायियों को एक लम्बी आयु दूँगा और मैं उनकीरक्षा करूँगा।
मैं यहोवा से विनती करता हूँ, “तू मेरा सुरक्षा स्थल है मेरा गढ़, हे परमेश्वर, मैं तेरे भरोसे हूँ।”
मैं बहुत चिंतित और व्याकुल था, किन्तु यहोवा तूने मुझको चैन दिया और मुझको आनन्दित किया।
अपने भक्तों पर यहोवा वैसे ही दयालु है, जैसे पिता अपने पुत्रों पर दया करता है।
परमेश्वर हमारा सब कुछ जानता है। परमेश्वर जानता है कि हम मिट्टी से बने हैं।
मैं ऊपर पर्वतों को देखता हूँ। किन्तु सचमुच मेरी सहायता कहाँ से आएगी
मुझको तो सहारा यहोवा से मिलेगा जो स्वर्ग और धरती का बनाने वाला है।
हे परमेश्वर, यदि मैं संकट में पडूँ तो मुझको जीवित रख। यदि मेरे शत्रु मुझ पर कभी क्रोध करे तो उन से मुझे बचा ले।
हे यहोवा, मुझ पर दृष्टि कर और मेरा मन जान ले। मुझ को परख ले और मेरा इरादा जान ले।
मुझ पर दृष्टि कर और देख कि मेरे विचार बुरे नहीं है। तू मुझको उस पथ पर ले चल जो सदा बना रहता है।
तुझको सोने पर कभी भय नहीं व्यापेगा और सो जाने पर तेरी नींद मधुर होगी।
आकस्मिक नाश से तू कभी मत डर, या उस विनाश से जो दृष्टों पर आ पड़ता है।
क्योंकि तेरा विश्वास यहोवा बन जायेगा और वह ही तेरे पैर को फंदे में फँसने से बचायेगा।
लोग डरे हुए हैं और असमंजस में पड़े हैं। उन लोगों से कहो, “शक्तिशाली बनो! डरो मत!” देखो, तुम्हारा परमेश्वर आयेगा और तुम्हारे शत्रुओं को जो उन्होंने किया है, उसका दण्ड देगा। वह आयेगा और तुम्हें तुम्हारा प्रतिफल देगा और तुम्हारी रक्षा करेगा।
यहोवा शक्तिहीनों को शक्तिशाली बनने में सहायता देता है। वह ऐसे उन लोगों को जिनके पास शक्ति नहीं है, प्रेरित करता है कि वह शक्तिशाली बने।
सुनो! एक व्यक्ति का जोर से पुकारता हुआ स्वर: “यहोवा के लिये बियाबान में एक राह बनाओ! हमारे परमेश्वर के लिये बियाबान में एक रास्ता चौरस करो!
युवक थकते हैं और उन्हें विश्राम की जरुरत पड़ जाती है। यहाँ तक कि किशोर भी ठोकर खाते हैं और गिरते हैं।
किन्तु वे लोग जो यहोवा के भरोसे हैं फिर से शक्तिशाली बन जाते हैं। जैसे किसी गरुड़ के फिर से पंख उग आते हैं। ये लोग बिना विश्राम चाहे निरंतर दौड़ते रहते हैं। ये लोग बिना थके चलते रहते हैं।
मैं तेरा परमेश्वर यहोवा हूँ। मैंने तेरा सीधा हाथ थाम रखा है। मैं तुझ से कहता हूँ कि मत डर! मैं तुझे सहारा दूँगा।
याकूब, तुझको यहोवा ने बनाया था! इस्राएल, तेरी रचना यहोवा ने की थी और अब यहोवा का कहना है: “भयभीत मत हो! मैंने तुझे बचा लिया है। मैंने तुझे नाम दिया है। तू मेरा है।
यहोवा कहता है, “तुम ही लोग तो मेरे साक्षी हो। तू मेरा वह सेवक है जिसे मैंने चुना है। मैंने तुझे इसलिए चुना है ताकि तू समझ ले कि ‘वह मैं ही हूँ’ और मुझ में विश्वास करे। मैं सच्चा परमेश्वर हूँ। मुझसे पहले कोई परमेश्वर नहीं था और मेरे बाद भी कोई परमेश्वर नहीं होगा।
मैं स्वयं ही यहोवा हूँ। मेरे अतिरिक्त और कोई दूसरा उद्धारकर्ता नहीं है, बस केवल मैं ही हूँ।
वह मैं ही हूँ जिसने तुझसे बात की थी। तुझे मैंने बचाया है। वे बातें तुझे मैंने बतायी थीं। जो तेरे साथ था, वह कोई अनजाना देवता नहीं था। तू मेरा साक्षी है और मैं परमेश्वर हूँ।” (ये बातें स्वयं यहोवा ने कही थीं)
“मैं तो सदा से ही परमेश्वर रहा हूँ। जब मैं कुछ करता हूँ तो मेरे किये को कोई भी व्यक्ति नहीं बदल सकता और मेरी शक्ति से कोई भी व्यक्ति किसी को बचा नहीं सकता।”
इस्राएल का पवित्र यहोवा तुझे छुड़ाता है। यहोवा कहता है, “मैं तेरे लिये बाबुल में सेनाएँ भेजूँगा। सभी ताले लगे दरवाजों को मैं तोड़ दूँगा। कसदियों के विजय के नारे दु:खभरी चीखों में बदल जाएँगे।
मैं तेरा पवित्र यहोवा हूँ। इस्राएल को मैंने रचा है। मैं तेरा राजा हूँ।”
यहोवा सागर में राहें बनायेगा। यहाँ तक कि पछाड़ें खाते हुए पानी के बीच भी वह अपने लोगों के लिए राह बनायेगा। यहोवा कहता है,
“वे लोग जो अपने रथों, घोड़ों और सेनाओं को लेकर मुझसे युद्ध करेंगे, पराजित हो जायेंगे। वे फिर कभी नहीं उठ पायेंगे। वे नष्ट हो जायेंगे। वे दीये की लौ की तरह बुझ जायेंगे।
सो उन बातों को याद मत करो जो प्रारम्भ में घटी थीं। उन बातों को मत सोचो जो कभी बहुत पहले घटी थीं।
क्यों क्योंकि मैं नयी बातें करने वाला हूँ! अब एक नये वृक्ष के समान तुम्हारा विकास होगा। तुम जानते हो कि यह सत्य है। मैं मरूभूमि में सचमुच एक मार्ग बनाऊँगा। मैं सचमुच सूखी धरती पर नदियाँ बहा दूँगा।
जब तुझ पर विपत्तियाँ पड़ती हैं, मैं तेरे साथ रहता हूँ। जब तू नदी पार करेगा, तू बहेगा नहीं। तू जब आग से होकर गुज़रेगा, तो तू जलेगा नहीं। लपटें तुझे हानि नहीं पहुँचायेंगी।
किन्तु यहोवा कहता है, “क्या कोई स्त्री अपने ही बच्चों को भूल सकती है नहीं! क्या कोई स्त्री उस बच्चे को जो उसकी ही कोख से जन्मा है, भूल सकती है नहीं! सम्भव है कोई स्त्री अपनी सन्तान को भूल जाये। परन्तु मैं (यहोवा) तुझको नहीं भूल सकता हूँ।
देखो जरा, मैंने अपनी हथेली पर तेरा नाम खोद लिया है। मैं सदा तेरे विषय में सोचा करता हूँ।
यहोवा कहता है, “मैं वही हूँ जो तुमको चैन दिया करता है। इसलिए तुमको दूसरे लोगों से क्यों डरना चाहिए वे तो बस मनुष्य है जो जिया करते हैं और मर जाते हैं। वे बस मानवमात्र हैं। वे वैसे मर जाते हैं जैसे घास मर जाती है।”
सो तुम यहोवा को खोजो। कहीं बहुत देर न हो जाये। अब तुम उसको पुकार लो जब तक वह तुम्हारे पास है।
हे पापियों! अपने पापपूर्ण जीवन को त्यागो। तुमको चाहिये कि तुम बुरी बातें सोचना त्याग दो। तुमको चाहिये कि तुम यहोवा के पास लौट आओ। जब तुम ऐसा करोगे तो यहोवा तुम्हें सुख देगा। उन सभी को चाहिये कि वे यहोवा की शरण में आयें क्योंकि परमेश्वर हमें क्षमा करता है।
यहोवा कहता है, “तुम्हारे विचार वैसे नहीं, जैसे मेरे हैं। तुम्हारी राहें वैसी नहीं जैसी मेरी राहें हैं।
जैसे धरती से ऊँचे स्वर्ग हैं वैसे ही तुम्हारी राहों से मेरी राहें ऊँची हैं और मेरे विचार तुम्हारे विचारों से ऊँचे हैं।” ये बातें स्वयं यहोवा ने ही कहीं हैं।
वह जो ऊँचा है और जिसको ऊपर उठाया गया है, वह जो अमर है, वह जिसका नाम पवित्र है, वह यह कहता है, “एक ऊँचे और पवित्र स्थान पर रहा करता हूँ, किन्तु मैं उन लोगों के बीच भी रहता हूँ जो दु:खी और विनम्र हैं। ऐसे उन लोगों को मैं नया जीवन दूँगा जो मन से विनम्र हैं। ऐसे उन लोगों को मैं नया जीवन दूँगा जो मन से विनम्र हैं। ऐसे उन लोगों को मैं नया जीवन दूँगा जो हृदय से दु:खी हैं।
यहोवा सदा तुम्हारी अगुवाई करेगा। मरूस्थल में भी वह तेरे मन की प्यास बुझायेगा। यहोवा तेरी हड्डियों को मज़बूत बनायेगा। तू एक ऐसे बाग़ के समान होगा जिसमें पानी की बहुतायत है। तू एक ऐसे झरने के समान होगा जिसमें सदा पानी रहता है।
“किन्तु जो व्यक्ति यहोवा में विश्वास करता है, आशीर्वाद पाएगा। क्यों क्योंकि यहोवा उसको ऐसा दिखायेगा कि उन पर विश्वास किया जा सके।
वह व्यक्ति उस पेड़ की तरह शक्तिशाली होगा जो पानी के पास लगाया गया हो। उस पेड़ की लम्बी जड़ें होती हैं जो पानी पाती हैं। वह पेड़ गर्मी के दिनों से नहीं डरता इसकी पत्तियाँ सदा हरी रहती हैं। यह वर्ष के उन दिनों में परेशान नहीं होता जब वर्षा नहीं होती। उस पेड़ में सदा फल आते हैं।
मैं यह इसलिये कहता हूँ क्योंकि मैं उन अपनी योजनाओं को जानता हूँ जो तुम्हारे लिये हैं।” यह सन्देश यहोवा का है। “तुम्हारे लिये मेरी अच्छी योजनाएं हैं। मैं तुम्हें चोट पहुँचाने की योजना नहीं बना रहा हूँ। मैं तुम्हें आशा और उज्जवल भविष्य देने की योजना बना रहा हूँ।
यहोवा के प्रेम और करुणा का तो अत कभी नहीं होता। यहोवा की कृपाएं कभी समाप्त नहीं होती।
हर सुबह वे नये हो जाते हैं! हे यहोवा, तेरी सच्चाई महान है!
यहोवा उनके लिये उत्तम है जो उसकी बाट जोहते हैं। यहोवा उनके लिये उत्तम है जो उसकी खोज में रहा करते हैं।
यह उत्तम है कि कोई व्यक्ति चुपचाप यहोवा की प्रतिक्षा करे कि वह उसकी रक्षा करेगा।
यहोवा संकट के काल में उत्तम है। वह सुरक्षित शरण ऐसे उन लोगों का है जो उसके भरोसे हैं। वह उनकी देख रेख करता है।
“मैं तुमसे कहता हूँ अपने जीने के लिये खाने-पीने की चिंता छोड़ दो। अपने शरीर के लिये वस्त्रों की चिंता छोड़ दो। निश्चय ही जीवन भोजन से और शरीर कपड़ों से अधिक महत्वपूर्ण हैं।
देखो! आकाश के पक्षी न तो बुआई करते हैं और न कटाई, न ही वे कोठारों में अनाज भरते हैं किन्तु तुम्हारा स्वर्गीय पिता उनका भी पेट भरता है। क्या तुम उनसे कहीं अधिक महत्वपूर्ण नहीं हो?
तुम में से क्या कोई ऐसा है जो चिंता करके अपने जीवन काल में एक घड़ी भी और बढ़ा सकता है?
“इसलिये चिंता करते हुए यह मत कहो कि ‘हम क्या खायेंगे या हम क्या पीयेंगे या क्या पहनेंगे?’
विधर्मी लोग इन सब वस्तुओं के पीछे दौड़ते रहते हैं किन्तु स्वर्ग धाम में रहने वाला तुम्हारा पिता जानता है कि तुम्हें इन सब वस्तुओं की आवश्यकता है।
इसलिये सबसे पहले परमेश्वर के राज्य और तुमसे जो धर्म भावना वह चाहता है, उसकी चिंता करो। तो ये सब वस्तुएँ तुम्हें दे दी जायेंगी।
कल की चिंता मत करो, क्योंकि कल की तो अपनी और चिंताएँ होंगी। हर दिन की अपनी ही परेशानियाँ होती हैं।
एक पैसे की दो चिड़ियाओं में से भी एक तुम्हारे परम पिता के जाने बिना और उसकी इच्छा के बिना धरती पर नहीं गिर सकती।
फिलिप्पुस, बरतुल्मै, थोमा, कर वसूलने वाला मत्ती, हलफै का बेटा याकूब और तद्दै,
अरे तुम्हारे तो सिर का एक एक बाल तक गिना हुआ है।
इसलिये डरो मत तुम्हारा मूल्य तो वैसी अनेक चिड़ियाओं से कहीं अधिक है।
वे सभी आदेश जो मैंने तुम्हें दिये हैं, उन्हें उन पर चलना सिखाओ। और याद रखो इस सृष्टि के अंत तक मैं सदा तुम्हारे साथ रहूँगा।”
यीशु खड़ा हुआ। उसने हवा को डाँटा और लहरों से कहा, “शान्त हो जाओ। थम जाओ।” तभी बवंडर थम गया और चारों तरफ असीम शांति छा गयी।
तब ऐसा हुआ कि जब उसने बीज बोये तो कुछ मार्ग के किनारे गिरे। पक्षी आये और उन्हें चुग गये।
फिर यीशु ने उनसे कहा, “तुम डरते क्यों हो? क्या तुम्हें अब तक विश्वास नहीं है?”
“क्या दो पैसे की पाँच चिड़ियाएँ नहीं बिकतीं? फिर भी परमेश्वर उनमें से एक को भी नहीं भूलता।
और देखो तुम्हारे सिर का एक एक बाल तक गिना हुआ है। डरो मत तुम तो बहुत सी चिड़ियाओं से कहीं अधिक मूल्यवान हो।
फिर उसने अपने शिष्यों से कहा, “इसीलिये मैं तुमसे कहता हूँ, अपने जीवन की चिंता मत करो कि तुम क्या खाओगे अथवा अपने शरीर की चिंता मत करो कि तुम क्या पहनोगे?
क्योंकि जीवन भोजन से और शरीर वस्त्रों से अधिक महत्त्वपूर्ण है।
कौवों को देखो, न वे बोते हैं, न ही वे काटते है। न उनके पास भंडार है और न अनाज के कोठे। फिर भी परमेश्वर उन्हें भोजन देता है। तुम तो कौवों से कितने अधिक मूल्यवान हो।
चिन्ता करके, तुम में से कौन ऐसा हे, जो अपनी आयु में एक घड़ी भी और जोड़ सकता है।
क्योंकि यदि तुम इस छोटे से काम को भी नहीं कर सकते तो शेष के लिये चिन्ता क्यों करते हो?
“तुम्हारे हृदय दुःखी नहीं होने चाहिये। परमेश्वर में विश्वास रखो और मुझमें भी विश्वास बनाये रखो।
“मैंने ये बातें तुमसे इसलिये कहीं कि मेरे द्वारा तुम्हें शांति मिले। जगत में तुम्हें यातना मिली है किन्तु साहस रखो, मैंने जगत को जीत लिया है।”
क्योंकि हम अपने विश्वास के कारण परमेश्वर के लिए धर्मी हो गये है, सो अपने प्रभु यीशु मसीह के द्वारा हमारा परमेश्वर से मेल हो गया है।
भौतिक मानव स्वभाब के बस में रहने वाले मन का अन्त मृत्यु है, किन्तु आत्मा के वश में रहने वाली बुद्धि का परिणाम है जीवन और शान्ति।
क्योंकि वह आत्मा जो तुम्हें मिली है, तुम्हें फिरसे दास बनाने या डराने के लिए नहींहै, बल्कि वह आत्मा जो तुमने पाया है तुम्हें परमेश्वर की संपालित संतान बनाती है। जिस से हम पुकार उठते हैं, “हे अब्बा, हे पिता!”
क्योंकि मेरे विचार में इस समय की हमारी यातनाएँ प्रकट होने वाली भावी महिमा के आगे कुछ भी नहीं है।
ऐसे ही जैसे हम कराहते हैं, आत्मा हमारी दुर्बलता में हमारी सहायता करने आती है क्योंकि हम नहीं जानते कि हम किसके लिये प्रार्थना करें। किन्तु आत्मा स्वयं ऐसी आहें भर कर जिनकी शब्दों में अभिव्यक्ति नहीं की जा सकती, हमारे लिए विनती करती है।
किन्तु वह अन्तर्यामी जानता है कि आत्मा की मनसा क्या है। क्योंकि परमेश्वर की इच्छा से ही वह परमेश्वर के पवित्र जनों के लिए मध्यस्थता करती है।
और हम जानते हैं कि हर परिस्थिति में वह आत्मा परमेश्वर के भक्तों के साथ मिल कर वह काम करता है जो भलाई ही लाते हैं उन सब के लिए जिन्हें उसके प्रयोजन के अनुसार ही बुलाया गया है।
तो इसे देखते हुए हम क्या कहें? यदि परमेश्वर हमारे पक्ष में है तो हमारे विरोध में कौन हो सकता है?
कौन है जो हमें मसीह के प्यार से अलग करेगा? यातना या कठिनाई या अत्याचार या अकाल या नंगापन या जोख़िम या तलवार?
जैसा कि शास्त्र कहता है: “तेरे लिये (मसीह) सारे दिन हमें मौत को सौंपा जाता है। हम काटी जाने वाली भेड़ जैसे समझे जाते हैं।”
तब भी उसके द्वारा जो हमें प्रेम करता है, इन सब बातों में हम एक शानदार विजय पा रहे हैं।
क्योंकि मैं मान चुका हूँ कि न मृत्यु और न जीवन, न स्वर्गदूत और न शासन करने वाली आत्माएँ, न वर्तमान की कोई वस्तु और न भविष्य की कोई वस्तु, न आत्मिक शक्तियाँ,
न कोई हमारे ऊपर का और न हमसे नीचे का, न सृष्टि की कोई और वस्तु हमें प्रभु के उस प्रेम से, जो हमारे भीतर प्रभु यीशु मसीह के प्रति है, हमें अलग कर सकेगी।
अब और आगे इस दुनिया की रीति पर मत चलो बल्कि अपने मनों को नया करके अपने आप को बदल डालो ताकि तुम्हें पता चल जाये कि परमेश्वर तुम्हारे लिए क्या चाहता है। यानी जो उत्तम है, जो उसे भाता है और जो सम्पूर्ण है।
सभी आशाओं का स्रोत परमेश्वर, तुम्हें सम्पूर्ण आनन्द और शांति से भर दे जैसा कि उसमें तुम्हारा विश्वास है। ताकि पवित्र आत्मा की शक्ति से तुम आशा से भरपूर हो जाओ।
तुम किसी ऐसी परीक्षा में नहीं पड़े हो, जो मनुष्यों के लिये सामान्य नहीं है। परमेश्वर विश्वसनीय है। वह तुम्हारी सहन शक्ति से अधिक तुम्हें परीक्षा में नहीं पड़ने देगा। परीक्षा के साथ साथ उससे बचने का मार्ग भी वह तुम्हें देगा ताकि तुम परीक्षा को उत्तीर्ण कर सको।
हमारे प्रभु यीशु मसीह का परमपिता परमेश्वर धन्य है। वह करुणा का स्वामी है और आनन्द का स्रोत है।
हमारी हर विपत्ति में वह हमें शांति देता है ताकि हम भी हर प्रकार की विपत्ति में पड़े लोगों को वैसे ही शांति दे सकें, जैसे परमेश्वर ने हमें दी है।
हम हर समय हर किसी प्रकार से कठिन दबावों में जीते हैं, किन्तु हम कुचले नहीं गये हैं। हम घबराये हुए हैं किन्तु निराश नहीं हैं।
हमें यातनाएँ दी जाती हैं किन्तु हम छोड़े नहीं गये हैं। हम झुका दिये गये हैं, पर नष्ट नहीं हुए हैं।
इसलिए हम निराश नहीं होते। यद्यपि हमारे भौतिक शरीर क्षीण होते जा रहे हैं, तो भी हमारी अंतरात्मा प्रतिदिन नयी से नयी होती जा रही है।
हमारा पल भर का यह छोटा-मोटा दुःख एक अनन्त अतुलनीय महिमा पैदा कर रहा है।
जो कुछ देखा जा सकता है, हमारी आँखें उस पर नहीं टिकी हैं, बल्कि अदृश्य पर टिकी हैं। क्योंकि जो देखा जा सकता है, वह विनाशी है, जबकि जिसे नहीं देखा जा सकता, वह अविनाशी है।
जबकि पवित्र आत्मा, प्रेम, प्रसन्नता, शांति, धीरज, दयालुता, नेकी, विश्वास,
नम्रता और आत्म-संयम उपजाता है। ऐसी बातों के विरोध में कोई व्यवस्था का विधान नहीं है।
अब उस परमेश्वर के लिये जो अपनी उस शक्ति से जो हममें काम कर रही है, जितना हम माँग सकते हैं या जहाँ तक हम सोच सकते हैं, उससे भी कहीं अधिक कर सकता है,
मतलब यह कि प्रभु में स्थित होकर उसकी असीम शक्ति के साथ अपने आपको शक्तिशाली बनाओ।
परमेश्वर के सम्पूर्ण कवच को धारण करो। ताकि तुम शैतान की योजनाओं के सामने टिक सको।
मुझे इस बात का पूरा भरोसा है कि वह परमेश्वर जिसने तुम्हारे बीच ऐसा उत्तम कार्य प्रारम्भ किया है, वही उसे उसी दिन तक बनाए रखेगा, जब मसीह यीशु फिर आकर उसे पूरा करेगा।
हे भाईयों, उन बातों का ध्यान करो जो सत्य हैं, जो भव्य है, जो उचित है, जो पवित्र है, जो आनन्द दायी है, जो सराहने योग्य है या कोई भी अन्य गुण या कोई प्रशंसा
जिसे तुमने मुझसे सीखा है, पाया है या सुना है या जिसे करते मुझे देखा है। उन बातों का अभ्यास करते रहो। शांति का स्रोत परमेश्वर तुम्हारे साथ रहेगा।
वह तुम्हें अपनी महिमापूर्ण शक्ति से सुदृढ़ बनाता जाये ताकि विपत्ति के काल खुशी से महाधैर्य से तुम सब सह लो।
सदा प्रसन्न रहो।
प्रार्थना करना कभी न छोड़ो।
हर परिस्थिति में परमेश्वर का धन्यवाद करो।
किन्तु प्रभु तो विश्वासपूर्ण है। वह तुम्हारी शक्ति बढ़ाएगा और तुम्हें उस दुष्ट से बचाए रखेगा।
क्योंकि परमेश्वर ने हमें जो आत्मा दी है, वह हमें कायर नहीं बनाती बल्कि हमें प्रेम, संयम और शक्ति से भर देती है।
क्योंकि हमारे पास जो महायाजक है, वह ऐसा नहीं है जो हमारी दुर्बलताओं के साथ सहानुभूति न रख सके। उसे हर प्रकार से वैसे ही परखा गया है जैसे हमें फिर भी वह सर्वथा पाप रहित है।
तो फिर आओ, हम भरोसे के साथ अनुग्रह पाने परमेश्वर के सिंहासन की ओर बढ़ें ताकि आवश्यकता पड़ने पर हमारी सहायता के लिए हम दया और अनुग्रह को प्राप्त कर सकें।
तो आओ जिस आशा को हमने अंगीकार किया है, हम अडिग भाव से उस पर डटे रहें क्योंकि जिसने हमें वचन दिया है, वह विश्वासपूर्ण है।
हे मेरे भाईयों, जब कभी तुम तरह तरह की परीक्षाओं में पड़ो तो इसे बड़े आनन्द की बात समझो।
क्योंकि मनुष्य के क्रोध से परमेश्वर की धार्मिकता नहीं उपजती।
हर घिनौने आचरण और चारो ओर फैली दुष्टता से दूर रहो। तथा नम्रता के साथ तुम्हारे हृदयों में रोपे गए परमेश्वर के वचन को ग्रहण करो जो तुम्हारी आत्माओं को उद्धार दिला सकता है।
परमेश्वर की शिक्षा पर चलने वाले बनो, न कि केवल उसे सुनने वाले। यदि तुम केवल उसे सुनते भर हो तो तुम अपने आपको छल रहे हो।
क्योंकि यदि कोई परमेश्वर की शिक्षा को सुनता तो है और उस पर चलता नहीं है, तो वह उस पुरुष के समान ही है जो अपने भौतिक मुख को दर्पण में देखता भर है।
वह स्वयं को अच्छी तरह देखता है, पर जब वहाँ से चला जाता है तो तुरंत भूल जाता है कि वह कैसा दिख रहा था।
किन्तु जो परमेश्वर की उस सम्पूर्ण व्यवस्था को निकटता से देखता है, जिससे स्वतन्त्रता प्राप्त होती है और उसी पर आचरण भी करता रहता है, और सुन कर उसे भूले बिना अपने आचरण में उतारता रहता है, वही अपने कर्मों के लिए धन्य होगा।
यदि कोई सोचता है कि वह भक्त है और अपनी जीभ पर कस कर लगाम नहीं लगाता तो वह धोखे में है। उसकी भक्ति निरर्थक है।
परम पिता परमेश्वर के सामने सच्ची और शुद्ध भक्ति वही है जिसमें अनाथों और विधवाओं की उनके दुःख दर्द में सुधि ली जाए और स्वयं को कोई सांसारिक कलंक न लगने दिया जाए।
क्योंकि तुम यह जानते हो कि तुम्हारा विश्वास जब परीक्षा में सफल होता है तो उससे धैर्यपूर्ण सहन शक्ति उत्पन्न होती है।
सो यदि तुममें से किसी में विवेक की कमी है तो वह उसे परमेश्वर से माँग सकता है। वह सभी को प्रसन्नता पूर्वक उदारता के साथ देता है।
परमेश्वर के पास आओ, वह भी तुम्हारे पास आएगा। अरे पापियों! अपने हाथ शुद्ध करो और अरे सन्देह करने वालों, अपने हृदयों को पवित्र करो।
इस पर तुम बहुत प्रसन्न हो। यद्यपि अब तुमको थोड़े समय के लिए तरह तरह की परीक्षाओं में पड़कर दुखी होना बहुत आवश्यक है।
ताकि तुम्हारा परखा हुआ विश्वास जो आग में परखे हुए सोने से भी अधिक मूल्यवान है, उसे जब यीशु मसीह प्रकट होगा तब परमेश्वर से प्रशंसा, महिमा और आदर प्राप्त हो।
किन्तु यदि तुम्हें भले के लिए दुःख उठाना ही पड़े तो तुम धन्य हो। “इसलिए उनके किसी भी भय से न तो भयभीत होवो और न ही विचलित।”
किन्तु सम्पूर्ण अनुग्रह का स्रोत परमेश्वर जिसने तुम्हें यीशु मसीह में अनन्त महिमा का सहभागी होने के लिए बुलाया है, तुम्हारे थोड़े समय यातनाएँ झेलने के बाद स्वयं ही तुम्हें फिर से स्थापित करेगा, समर्थ बनाएगा और स्थिरता प्रदान करेगा।
बुरे कामों के लिए हमारा मन जब भी हमारा निषेध करता है तो यह इसलिए होता है कि परमेश्वर हमारे मनों से बड़ा है और वह सब कुछ को जानता है।
हे प्यारे बच्चो, यदि कोई बुरा काम करते समय हमारा मन हमें दोषी ठहराता तो परमेश्वर के सामने हमें विश्वास बना रहता है।
हे प्यारे बच्चों, तुम परमेश्वर के हो। इसलिए तुमने मसीह के शत्रुओं पर विजय पा ली है। क्योंकि वह परमेश्वर जो तुममें है, संसार में रहने वाले शैतान से महान है।
प्रेम में कोई भय नहीं होता बल्कि सम्पूर्ण प्रेम तो भय को भगा देता है। भय का संबन्ध तो दण्ड से है। सो जिसमें भय है, उसके प्रेम को अभी पूर्णता नहीं मिली है।
हमारा परमेश्वर में यह विश्वास है कि यदि हम उसकी इच्छा के अनुसार उससे विनती करें तो वह हमारी सुनता है
और जब हम यह जानते हैं कि वह हमारी सुनता है चाहे हम उससे कुछ भी माँगे तो हम यह भी जानते हैं कि जो हमने माँगा है, वह हमारा हो चुका है।
परमेश्वर की शक्ति पूर्ण है। यहोवा के वचन की जाँच हो चुकी है। यहोवा रक्षा के लिये, अपने पास भागने वाले हर व्यक्ति की ढाल है।
चखो और समझो कि यहोवा कितना भला है। वह व्यक्ति जो यहोवा के भरोसे है सचमुच प्रसन्न रहेगा।
जहाँ भी मैं कितनी ही निर्बलता में होऊँ, मैं सहायता पाने को तुझको पुकारूँगा! जब मेरा मन भारी हो और बहुत दु:खी हो, तू मुझको बहुत ऊँचे सुरक्षित स्थान पर ले चल।
जो लोग यहोवा के भरोसे रहते हैं, वे सिय्योन पर्वत के जैसे होंगे। उनको कभी कोई भी डिगा नहीं पाएगा। वे सदा ही अटल रहेंगे।
उनकी आँख से वह हर आँसू पोंछ डालेगा। और वहाँ अब न कभी मृत्यु होगी, न शोक के कारण कोई रोना-धोना और नहीं कोई पीड़ा। क्योंकि ये सब पुरानी बातें अब समाप्त हो चुकी हैं।”