प्रभु का आनंद मुझे सिर्फ़ ताकत ही नहीं देता, बल्कि हम सबको एक सूत्र में भी बाँधता है। ये ऐसी खुशी है जो सिर्फ़ मेरे पास नहीं रहनी चाहिए, इसे बाँटना ज़रूरी है। जैसे इस्राएलियों को आपस में मिल-जुलकर खुशियाँ मनाने और जो उनके पास था उसे बाँटने के लिए कहा गया था, वैसे ही हम भी प्रभु के आनंद को अपने जानने वालों तक पहुँचा सकते हैं।
प्रभु का आनंद मुझे अपने पड़ोसी से प्रेम करने और ज़्यादा से ज़्यादा लोगों तक सुसमाचार पहुँचाने के लिए प्रेरित करता है। जब मेरा हृदय प्रभु में आनंदित होता है, तो मैं मज़बूत होता हूँ और मुझमें ये शक्ति आती है कि मैं इस आनंद, इस खुशी को अपने समुदाय में फैला सकूँ।
ईश्वर का आनंद ही स्थायी है और इसे कोई मुझसे छीन नहीं सकता। भजन संहिता 98:4-6 कहती है, "हे सारी पृथ्वी, यहोवा के लिये जयजयकार करो! ऊँचे स्वर से गाओ, और उसकी स्तुति करो, और भजन गाओ! वीणा बजाकर यहोवा के लिये भजन गाओ! वीणा और स्वर मिलाकर भजन गाओ! राजा यहोवा के सामने तुरहियां और नरसिंगे बजाओ!" इसमें और भी बहुत से पद हैं जो हमारे परमेश्वर के आनंद के बारे में बताते हैं।
“मैं तुम्हें आशीर्वाद दूँगा। मैं तुझसे एक महान राष्ट्र बनाऊँगा। मैं तुम्हारे नाम को प्रसिद्ध करूँगा। लोग तुम्हारे नाम का प्रयोग दूसरों के कल्यान के लिए करेंगे।
इस्राएल का परमेश्वर सर्वशक्तिमान यहोवा कहता है: “मैं यहूदा के लोगों के लिये फिर अच्छा काम करूँगा। उस समय यहूदा देश और उसके नगरों के लोग इन शब्दों का उपयोग फिर करेंगे: ‘ऐ सच्ची निवास भूमि ये पवित्र पर्वत यहोवा तुम्हें आशीर्वाद दे।’
उस समय, इस्राएल, अश्शूर और मिस्र आपस में एक हो जायेंगे और पृथ्वी पर शासन करेंगे। यह शासन धरती के लिये वरदान होगा।
वह तुमसे प्रेम करेगा और तुम्हें आशीर्वाद देगा। तुम्हारे राष्ट्र में लोग बराबर बढ़ते जाएंगे। वह तुम्हें बच्चे होने का आशीर्वाद देगा। वह तुम्हारे खेतों में अच्छी फसल का आशीर्वाद देगा वह तुम्हें अन्न, नई दाखमधु और तेल देगा। वह तुम्हारी गायों को बछड़े और तुम्हारी भेड़ों को मेमने पैदा करने का आशीर्वाद देगा। तुम वे सभी आशीर्वाद उस देश में पाओगे जिसे तुम्हें देने का वचन यहोवा ने तुम्हारे पूर्वजों को दिया था।
तब हारून ने अपने हाथ लोगों की ओर उठाए और उन्हें आशीर्वाद दिया। हारून पापबलि, होमबलि और मेलबलि को चढ़ाने के बाद वेदी से नीचे उतर आया।
उसी देश में रहो और मैं तुम्हारे साथ रहूँगा। मैं तुम्हें आशीर्वाद दूँगा। मैं तुम्हें और तुम्हारे परिवार को यह सारा प्रदेश दूँगा। मैं वही करूँगा जो मैंने तुम्हारे पिता इब्राहीम को वचन दिया है।
इस प्रकार इस्राएल ने उस दिन उन्हें आशीर्वाद दिया। उसने कहा, “इस्राएल के लोग तुम्हारे नाम का प्रयोग आशीर्वाद देने के लिए करेंगे, तुम्हारे कारण कृपा प्राप्त करेंगे। लोग प्रार्थना करेंगे, ‘परमेश्वर तुम्हें एप्रैम और मनश्शे के समान बनाये।’” इस प्रकार इस्राएल ने एप्रैम को मनश्शे से बड़ा बनाया।
मैं उन लोगों को आशीर्वाद दूँगा, जो तुम्हारा भला करेंगे। किन्तु उनको दण्ड दूँगा जो तुम्हारा बुरा करेंगे। पृथ्वी के सारे मनुष्यों को आशीर्वाद देने के लिए मैं तुम्हारा उपयोग करूँगा।”
सभी देशों का हर कोई व्यक्ति मेरे लोगों को जान जायेगा। मेरी जाति के वंशजों को हर कोई जान जायेगा। हर कोई व्यक्ति जो उन्हें देखेगा, जान जायेगा कि यहोवा उन्हें आशीर्वाद देता है।
और अपने पिता के परमेश्वर से शक्ति पाता है। “परमेश्वर तुम को आशीर्वाद दे। सर्वशक्तिमान परमेश्वर तुम को आशीर्वाद दे। वह तुम्हें ऊपर आकाश से आशीर्वाद दे और नीचे गहरे समुद्र से आशीर्वाद दे। वह तुम्हें स्तनों और गर्भ का आशीर्वाद दे।”
मैं आज तुम्हें आदेश देता हूँ कि यहोवा अपने परमेश्वर से प्रेम करो, उसके मार्ग पर चलो और उसके आदेशों, विधियों और नियमों का पालन करो। तब तुम जीवित रहोगे और तुम्हारा राष्ट्र अधिक बड़ा होगा। और यहोवा तुम्हारा परमेश्वर तुम्हें उस देश में आशीर्वाद देगा जिसे अपना बनाने के लिए तुम वहाँ जा रहे हो।
तुम यरूशलेम में शांति हेतू विनती करो। “ऐसे लोग जो तुझसे प्रेम रखते हैं, वहाँ शांति पावें यह मेरी कामना है।
तुम्हारा परमेश्वर कहता है, “चैन दे, चैन दे मेरे लोगों को!
मेरा स्वामी यहोवा शक्ति के साथ आ रहा है। वह अपनी शक्ति का उपयोग लोगों पर शासन करने में लगायेगा। यहोवा अपने लोगों को प्रतिफल देगा। उसके पास देने को उनकी मजदूरी होगी।
यहोवा अपने लोगों की वैसे ही अगुवाई करेगा जैसे कोई गड़ेरिया अपने भेड़ों की अगुवाई करता है। यहोवा अपने बाहु को काम में लायेगा और अपनी भेड़ों को इकट्ठा करेगा। यहोवा छोटी भेड़ों को उठाकर गोद में थामेगा, और उनकी माताऐं उसके साथ—साथ चलेंगी। संसार परमेश्वर ने रचा: वह इसका शासक है।
किसने अँजली में भर कर समुद्र को नाप दिया किसने हाथ से आकाश को नाप दिया किसने कटोरे में भर कर धरती की सारी धूल को नाप दिया किसने नापने के धागे से पर्वतों और चोटियों को नाप दिया यह यहोवा ने किया था!
यहोवा की आत्मा को किसी व्यक्ति ने यह नहीं बताया कि उसे क्या करना था। यहोवा को किसी ने यह नहीं बताया कि उसे जो उसने किया है, कैसे करना था।
क्या यहोवा ने किसी से सहायता माँगी? क्या यहोवा को किसी ने निष्पक्षता का पाठ पढ़ाया है? क्या किसी व्यक्ति ने यहोवा को ज्ञान सिखाया है? क्या किसी व्यक्ति ने यहोवा को बुद्धि से काम लेना सिखाया है? नहीं! इन सभी बातों का यहोवा को पहले ही से ज्ञान है!
देखो, जगत के सारे देश घड़े में एक छोटी बूंद जैसे हैं। यदि यहोवा सुदूरवर्ती देशों तक को लेकर अपनी तराजू पर धर दे, तो वे छोटे से रजकण जैसे लगेंगे।
लबानोन के सारे वृक्ष भी काफी नहीं है कि उन्हें यहोवा के लिये जलाया जाये। लबानोन के सारे पशु काफी नहीं हैं कि उनको उसकी एक बलि के लिये मारा जाये।
परमेश्वर की तुलना में विश्व के सभी राष्ट्र कुछ भी नहीं हैं। परमेश्वर की तुलना में विश्व के सभी राष्ट्र बिल्कुल मूल्यहीन हैं।
क्या तुम परमेश्वर की तुलना किसी भी वस्तु से कर सकते हो नहीं! क्या तुम परमेश्वर का चित्र बना सकते हो नहीं!
कुन्तु कुछ लोग ऐसे हैं जो पत्थर और लकड़ी की मूर्तियाँ बनाते हैं और उन्हें देवता कहते हैं। एक कारीगर मूर्ति को बनाता है। फिर दूसरा कारीगर उस पर सोना मढ़ देता है और उसके लिये चाँदी की जंजीरे बनता है!
तू दया से बातें कर यरूशलेम से! यरूशलेम को बता दे, ‘तेरी दासता का समय अब पूरा हो चुका है। तूने अपने अपराधों की कीमत दे दी है।’ यहोवा ने यरूशलेम के किये हुए पापों का दुगना दण्ड उसे दिया है!”
तब यूसुफ घर का अधिकारी बना दिया गया तब यहोवा ने उस घर और पोतीपर की हर एक चीज़ को आशीर्वाद दिया। यहोवा ने यह यूसुफ के कारण किया और यहोवा ने पोतीपर के खेतों में उगने वाली हर चीज़ को आशीर्वाद दिया।
लाग अपने शापों में यरूशलेम और यहुदा का नाम लेने लगे हैं। किन्तु मैं इस्राइल और यहुदा को बचाऊँगा और उनके नाम वरदान के रूप मैं प्रमाणित होने लगेंगे। अत: डरो नही। शक्तिशाली बनो!”
जो लोग यहोवा के भरोसे रहते हैं, वे सिय्योन पर्वत के जैसे होंगे। उनको कभी कोई भी डिगा नहीं पाएगा। वे सदा ही अटल रहेंगे।
यहोवा ने निज भक्तों को वैसे ही अपनी ओट में लिया है, जैसे यरूशलेम चारों ओर पहाड़ों से घिरा है। यहोवा सदा और सर्वदा निज भक्तों की रक्षा करेगा।
और यहोवा तुमसे सभी बीमारियों को दूर करेगा। यहोवा तुमको उन भयंकर बीमारियों से बचायेगा तथा उन भयंकर बीमारियों को उन सभी लोगों को देगा जो तुमसे घृणा करते हैं।
यहोवा परमेश्वर के गुण गाओं, जो इस्राएल का परमेश्वर है! वही परमेश्वर ऐसे आश्चर्यकर्म कर सकता है।
उसके महिमामय नाम की प्रशंस सदा करों! उसकी महिमा समस्त संसार में भर जाये! आमीन और आमीन!
अनेक अज्ञात देशों में अनेक अनजानी जातियाँ हैं। तू उन सभी जातियों को बुलायेगा, जो जातियाँ तुझ से अपरिचित हैं किन्तु वे भागकर तेरे पास आयेंगी। ऐसा घटेगा क्योंकि तेरा परमेश्वर यहोवा ऐसा ही चाहता है। ऐसा घटेगा क्योंकि वह इस्राएल का पवित्र तुझको मान देता है।
“यहोवा तुम्हें उन शत्रुओं पर विजयी बनाएगा जो तुम्हारे विरुद्ध होंगे। तुम्हारे शत्रु तुम्हारे विरुद्ध एक रास्ते से आएंगे किन्तु वे तुम्हारे सामने सात मार्गों में भाग खड़ें होंगे।
हाँ, उनके प्रति उनका कर्तव्य भी बनता है क्योंकि यदि ग़ैर यहूदियों ने यहूदियों के आध्यात्मिक कार्यों में हिस्सा बटाया है तो ग़ैर यहूदियों को भी उनके लिये भौतिक सुख जुटाने चाहिये।
सर्वशक्तिमान यहोवा ने मेरे बारे में यह कहा, “उसने मुझे भेजा है, जिन्होंने उन राष्ट्रों में युद्ध में तुमसे चीज़ें छीनीं! उसने तुझे प्रतिष्ठा देने को मुझे भेजा है।” किन्तु उसके बाद, यहोवा मुझे उनके विरूद्ध भेजेगा। क्यों? क्योंकि यदि वे तुम्हें चोट पहुँचायेंगे तो वह यहोवा की आँख की पुतली को चोट पहुँचाना होगा।
शास्त्र ने पहले ही बता दिया था, “परमेश्वर ग़ैर यहूदियों को भी उनके विश्वास के कारण धर्मी ठहरायेगा। और इन शब्दों के साथ पहले से ही इब्राहीम को परमेश्वर द्वारा सुसमाचार से अवगत करा दिया गया था।”
हे यरूशलेम, यदि मैं तुझे कभी भूलूँ। तो मेरी कामना है कि मैं फिर कभी कोई गीत न बजा पाऊँ।
हे यरूशलेम, यदि मैं तुझे कभी भूलूँ। तो मेरी कामना है कि मैं फिर कभी कोई गीत न गा पाऊँ। मैं तुझको कभी नहीं भूलूँगा।
जब मैं आया था, तुम्हारे पास थोड़ी सी थीं। अब तुम्हारे पास बहुत अधिक हैं। हर बार जब मैंने तुम्हारे लिए कुछ किया है यहोवा ने तुम पर कृपा की है। अब मेरे लिए समय आ गया है कि मैं अपने लिए काम करूँ, यह मेरे लिए अपना घर बनाने का समय है।”
यहोवा कहता है, “चाहे पर्वत लुप्त हो जाये और ये पहाड़ियाँ रेत में बदल जायें किन्तु मेरी करूणा तुझे कभी भी नहीं त्यागेगी। मैं तुझसे मेल करूँगा और उस मेल का कभी अन्त न होगा।” यहोवा तुझ पर करूणा दिखाता है और उस यहोवा ने ही ये बातें बतायी हैं।
यहोवा हमें याद रखता है। यहोवा हमें वरदान देगा, यहोवा इस्राएल को धन्य करेगा। यहोवा हारून के घराने को धन्य करेगा।
यहोवा अपने अनुयायिओं को, बड़ोंको और छोटों को धन्य करेगा।
संसार के सभी राष्ट्र तुम्हारे परिवार के द्वारा आशीर्वाद पाएंगे। मैं यह इसलिए करूँगा क्योंकि तुमने मेरी आज्ञा का पालन किया।”
तुम्हारे वंशज उतने होंगे जितने पृथ्वी पर मिट्टी के कण हैं। वे पूर्व, पश्चिम, उत्तर तथा दक्षिण में फैलेंगे। पृथ्वी के सभी परिवार तुम्हारे वंशजों के कारण वरदान पाएँगे।
“और यहोवा तुम्हारा परमेश्वर इन अभिशापों को तुम्हारे उन शत्रुओं पर उतारेगा जो तुमसे घृणा करते हैं तथा तुम्हें परेशान करते हैं
किन्तु तुम तो चुने हुए लोग हो याजकों का एक राज्य, एक पवित्र प्रजा एक ऐसा नर-समूह जो परमेश्वर का अपना है, ताकि तुम परमेश्वर के अद्भुत कर्मों की घोषणा कर सको। वह परमेश्वर जिसने तुम्हें अन्धकार से अद्भुत प्रकाश में बुलाया।
किन्तु तुम्हारे बीच कोई गरीब व्यक्ति नहीं रहना चाहिए। क्यों? क्योंकि यहोवा तुम्हारा परमेश्वर तुहें सभी चीजों का वरदान उस देश में देगा जिसे वह तुम्हें रहने को दे रहा है।
मेरा स्वामी यहोवा कहता है, “देखो, अपना हाथ उठाकर हाथ के इशारे से मैं सारे ही देशों को बुलावे का संकेत देता हूँ। मैं अपना झण्डा उठाऊँगा कि सब लोग उसे देखें। फिर वे तेरे बच्चों को तेरे पास लायेंगे। वे लोग तेरे बच्चों को अपने कन्धे पर उठायेंगे और वे उनको अपनी बाहों में उठा लेंगे।
अपने मन्दिर की जगह के लिए यहोवा ने सिय्योन को चुना था। यह वह जगह है जिसे वह अपने भवन के लिये चाहता था।
यहोवा ने कहा था, “यह मेरा स्थान सदा सदा के लिये होगा। मैंने इसे चुना है ऐसा स्थान बनने को जहाँ पर मैं रहूँगा।
जब यहोवा हमें पुन: मुक्त करेगा तो यह ऐसा होगा जैसे कोई सपना हो!
हम हँस रहे होंगे और खुशी के गीत गा रहे होंगे! तब अन्य राष्ट्र के लोग कहेंगे, “यहोवा ने इनके लिए महान कार्य किये हैं।”
लोगों से कहो कि स्वामी यहोवा यह कहता है: ‘मैं इस्राएल के लोगों को उन राष्ट्रों से लाऊँगा, जहाँ वे गए हैं। मैं उन्हें चारों ओर से एकत्रित करूँगा और उनके अपने देश में लाऊँगा।
मैं उन्हें इस्राएल के पर्वतों के प्रदेश में एक राष्ट्र बनाऊँगा। उन सभी का केवल एक राजा होगा। वे दो राष्ट्र नहीं बने रहेंगे। वे भविष्य में राज्यों में नहीं बाँटे जा सकते।
यरूशलेम की चारदीवारी मैंने रखवाले (नबी) बैठा दिये हैं कि उसका ध्यान रखें। ये रखवाले मूक नहीं रहेंगे। यह रखवाले यहोवा को तुम्हारी जरूरतों की याद दिलाते हैं। हे रखवालों, तुम्हें चुप नहीं होना चाहिये। तुमको यहोवा से प्रार्थना करना बन्द नहीं करना चाहिये। तुमको सदा उसकी प्रार्थना करते ही रहना चाहिये।
जब तक वह फिर से यरूशलेम का निर्माण न कर दे, तब तक तुम उसकी प्रार्थना करते रहो। यरूशलेम एक ऐसा नगर है जिसका धरती के सभी लोग यश गायेंगे।
सभी लोग तुम्हारी सेवा करें। राष्ट्र तुम्हारे सामने झुकें। तुम अपने भाईयों के ऊपर शासक होगे। तुम्हारी माँ के पुत्र तुम्हारे सामने झुकेंगे और तुम्हारी आज्ञा मानेंगे। हर एक व्यक्ति जो तुम्हें शाप देगा, शाप पाएगा और हर एक व्यक्ति जो तुम्हें आशीर्वाद देगा, आशीर्वाद पाएगा।”
परमेश्वर ने कहा, “मैं तुम्हें उन राष्ट्रों से बाहर निकालूँगा, एक साथ इकट्ठा करूँगा और तुम्हें तुम्हारे अपने देश में लाऊँगा।
तब मैं तुम्हारे ऊपर शुद्ध जल छिड़कूँगा और तुम्हें शुद्ध करुँगा। मैं तुम्हारी सारी गन्दगियों को धो डालूँगा और उन घृणित देवमूर्तियों से उत्पन्न गन्दगी को धो डालूँगा।”
परमेश्वर ने कहा, “मैं तुम में नयी आत्मा भी भरूँगा और तुम्हारे सोचने के ढंग को बदलूँगा। मैं तुम्हारे शरीर से कठोर हृदय को बाहर करुंगा और तुम्हें एक कोमल मानवी हृदय दूँगा।
“अपने तम्बू विस्तृत कर, अपने द्वार पूरे खोल। अपने तम्बू को बढ़ने से मत रोक। अपने रस्सियाँ बढ़ा और खूंटे मजबूत कर।
क्यों क्योंकि तू अपनी वंश—बेल दायें और बायें फैलायेगी। तेरी सन्तानें अनेकानेक राष्ट्रों की धरती को ले लेंगी और वे सन्तानें उन नगरों में फिर बसेंगी जो बर्बाद हुए थे।
परमेश्वर ने यरूशलेम के पवित्र पहाड़ियों पर अपना मन्दिर बनाया।
यहोवा को इस्राएल के किसी भी स्थान से सिय्योन के द्वार अधिक भाते हैं।
हे परमेश्वर के नगर, तेरे विषय में लोग अद्भुत बातें बताते है।
मैं दाऊद के घर और यरूशलेम के निवासियों के हृदय में दया और करूणा की भावनाबरूंगा। वे मेरी ओर देखेंगे, जिसे उन्होंने छेद डाला था और वे बहुत दुखी होंगे वे इतने ही दुखी होंगे। वे इतने ही दुखी होंगे, जितना अपने इकलौते पुत्र की मृत्यु पर रोने वाला व्यक्ति, या अपने पहलौठे पुत्र की मृत्यु पर रोनेवाला व्यक्ति।
मैं भेड़ों को और अपनी पहाड़ी (यरूशलेम) के चारों ओर के स्थानों को आशीर्वाद दूँगा। मैं ठीक समय पर वर्षा करूँगा। वे आशीर्वाद सहित वर्षा करेंगे।
खेतों में उगने वाले वृक्ष अपने फल देंगे। भूमि अपनी फसल देगी। अत: भेड़ें अपने प्रदेश में सुरक्षित रहेंगी। मैं उनके ऊपर रखे जूवों को तोड़ दूँगा। मैं उन्हें उन लोगों की शक्ति से बचाऊँगा जिन्होंने उन्हें दास बनाया। तब वे जानेंगे कि मैं यहोवा हूँ।
मुझे आशा है यहोवा तुम्हारी बढ़ोतरी करेगा और मुझे आशा है, वह तुम्हारी संतानों को भी अधिकाधिक देगा।
यहोवा तुझको वरदान दिया करता है! यहोवा ने ही स्वर्ग और धरती बनाये हैं!
मेरा स्वामी यहोवा कहता है, “देखो, अपना हाथ उठाकर हाथ के इशारे से मैं सारे ही देशों को बुलावे का संकेत देता हूँ। मैं अपना झण्डा उठाऊँगा कि सब लोग उसे देखें। फिर वे तेरे बच्चों को तेरे पास लायेंगे। वे लोग तेरे बच्चों को अपने कन्धे पर उठायेंगे और वे उनको अपनी बाहों में उठा लेंगे।
राजा तेरे बच्चों के शिक्षक होंगे और राजकन्याएँ उनका ध्यान रखेंगी। वे राजा और उनकी कन्याएँ दोनों तेरे सामने माथा नवायेंगे। वे तेरे पाँवों भी धूल का चुम्बन करेंगे। तभी तू जानेगा कि मैं यहोवा हूँ। तभी तुझको समझ में आयेगा कि हर ऐसा व्यक्ति जो मुझमें भरोसा रखता है, निराश नहीं होगा।”
“राष्ट्रों, यहोवा का यह सन्देश सुनो। सागर के किनारे के दूर देशों को यह सन्देश कहो: ‘जिसने इस्राएल के लोगों को बिखेरा, वही उन्हें एक साथ वापस लायेगा और वह गडेरिये की तरह अपनी झुंड (लोग) की देखभाल करेगा।’
हे परमेश्वर, उठ, अपने शत्रु को तितर बितर कर। उसके सभी शत्रु उसके पास से भाग जायें।
उसी धरती पर तेरे पशु वापस आ गये। हे परमेश्वर, वहाँ के दीन लोगों को तूने उत्तम वस्तुएँ दी।
परमेश्वर ने आदेश दिया और बहुत जन सुसन्देश को सुनाने गये;
“बलशाली राजाओं की सेनाएं इधर—उधर भाग गयी! युद्ध से जिन वस्तुओं को सैनिक लातें हैं, उनको घर पर रूकी स्त्रियाँ बाँट लेंगी। जो लोग घर में रूके हैं, वे उस धन को बाँट लेंगे।
वे चाँदी से मढ़े हुए कबुतर के पंख पायेंगे। वे सोने से चमकते हुए पंखों को पायेंगे।”
परमेश्वर ने जब सल्मूल पर्वत पर शत्रु राजाओं को बिखेरा, तो वे ऐसे छितराये जैसे हिम गिरता है।
बाशान पर्वत, महान पर्वत है, जिसकी चोटियाँ बहुत सी हैं।
बाशान पर्वत, तुम क्यों सिय्योन पर्वत को छोटा समझते हो परमेश्वर उससे प्रेम करता है। परमेश्वर ने उसे वहाँ सदा रहने के लिए चुना है।
यहोवा पवित्र पर्वत सिय्योन पर आ रहा है। और उसके पीछे उसके लाखों ही रथ हैं
वह ऊँचे पर चढ़ गया। उसने बंदियों कि अगुवाई की; उसने मनुष्यों से यहाँ तक कि अपने विरोधियों से भी भेंटे ली। यहोवा परमेश्वर वाहाँ रहने गया।
यहोवा के गुण गाओ! वह प्रति दिन हमारी, हमारे संग भार उठाने में सहायता करता है। परमेश्वर हमारी रक्षा करता है!
जैसे वायु से उड़ाया हुआ धुँआ बिखर जाता है, वैसे ही तेरे शत्रु बिखर जायें। जैसे अग्नि में मोम पिघल जाती है, वैसे ही तेरे शत्रुओं का नाश हो जाये।
“संसार में सर्वत्र लोग मेरे नाम का सम्मान करते हैं। संसार में सर्वत्र लोग मेरे लिये अच्छी भेंट लाते हैं। वे अच्छी सुगन्धि मेरी भेंट के रप में जलाते हैं। क्यों क्योंकि मेरा नाम उन सभी लोगों के लिये महत्वपूर्ण है।” सर्वशक्तिमान यहोवा ने यह सब कहा।
यहोवा का मन्दिर पर्वत पर है। भविष्य में, उस पर्वत को अन्य सभी पर्वतों में सबसे ऊँचा बनाया जायेगा। उस पर्वत को सभी पहाड़ियों से ऊँचा बनाया जायेगा। सभी देशों के लोग वहाँ जाया करेंगे।
उस समय, लोग अपनी सोने चाँदी की मूर्तियों को दूर फेंक देंगे। (इन मूर्तियों को लोगों ने इसलिये बनाया था कि लोग उनको पूज सकें।) लोग उन मूर्तियों को धरती के उन बिलों में फेंक देंगे जहाँ चमगादड़ और छछूंदर रहते हैं।
फिर लोग चट्टानों की गुफाओं में छुप जायेंगे। वे यहोवा और उसकी महान शक्ति से डरकर ऐसा करेंगे। ऐसा उस समय घटित होगा जब यहोवा धरती को हिलाने के लिये खड़ा होगा। इस्राएल को परमेश्वर का विश्वास करना चाहिये।
ओ इस्राएल के लोगों तुम्हें अपनी रक्षा के लिये अन्य लोगों पर निर्भर रहना छोड़ देना चाहिये। वे तो मनुष्य़ मात्र है और मनुष्य मर जाता है। इसलिये, तुझे यह नहीं सोचना चाहिये कि वे परमेश्वर के समान शक्तिशाली है।
बहुत से लोग वहाँ जाया करेंगे। वे कहा करेंगे, “हमे यहोवा के पर्वत पर जाना चाहिये। हमें याकूब के परमेश्वर के मन्दिर में जाना चाहिये। तभी परमेश्वर हमें अपनी जीवन विधि की शिक्षा देगा और हम उसका अनुसरण करेंगे।” सिय्योन पर्वत पर यरूशलेम में, परमेश्वर यहोवा के उपदेशों का सन्देश का आरम्भ होगा और वहाँ से वह समूचे संसार में फैलेगा।
और इस तरह समूचे इस्राएल का उद्धार होगा। जैसा कि शास्त्र कहता है: “उद्धार करने वाला सिय्योन से आयेगा; वह याकूब के परिवार से सभी बुराइयाँ दूर करेगा।
“आज मैं तुम्हें दो मार्ग को चुनने की छूट दे रहा हूँ। मैं धरती—आकाश को तुम्हारे चुनाव का साक्षी बना रहा हूँ। तुम जीवन को चुन सकते हो, या तुम मृत्यु को चुन सकते हो। जीवन का चुनना वरदान लाएगा और मृत्यु को चुनना अभिशाप। इसलिए जीवन को चुनो। तब तुम और तुम्हारे बच्चे जीवित रहेंगे।
उस समय तुम और तुम्हारे वंशज यहोवा, अपने परमेश्वर के पास लौटेंगे। तुम पूरे हृदय और आत्मा से उन आदेशों का पालन करोगे जो आज हम ने दिये हैं उनका पूरा पालन करोगे।
तुम्हें यहोवा अपने परमेश्वर को प्रेम करना चाहिए और उसकी आज्ञा माननी चाहिए। उससे कभी विमुख न हो। क्यों? क्योंकि यहोवा तुम्हारा जीवन है, और यहोवा तुम्हें उस देश में लम्बा जीवन देगा जिसे उसने तुम्हारे पूर्वजों इब्राहीम, इसहाक और याकूब को देने का वचन दिया था।”
जो लोग तेरे मन्दिर में रहते हैं, अति प्रसन्न रहते हैं। वे तो सदा ही तेरा गुण गाते हैं।
इस्राएल का परमेश्वर तुम्हारे किसी भी देवों से अधिक बलशाली है। वह जो निज भक्तों को सुदृढ़ बनाता।
परमेश्वर अपने मन्दिर में अदृभुत है। इस्राएल का परमेश्वर भक्तों को शक्ति और सामर्थ्य देता है। परमेश्वर के गुण गाओ!