1 बुद्धिमान स्त्री अपने घर को बनाती है, परंतु मूर्ख स्त्री उसे अपने ही हाथों से उजाड़ देती है। 2 जो खराई से चलता है, वह यहोवा का भय मानता है; परंतु जो टेढ़ी चाल चलता है, वह उसे तुच्छ जानता है। 3 मूर्ख की बातें उसकी पीठ पर छड़ी लगवाती हैं, परंतु बुद्धिमानों के शब्द उनकी रक्षा करते हैं। 4 जहाँ बैल नहीं, वहाँ चरनी साफ़ तो रहती है, परंतु बैल के बल से बहुतायत की उपज होती है। 5 सच्चा गवाह झूठ नहीं बोलता, परंतु झूठा गवाह झूठी बातें बोलता है। 6 ठट्ठा करनेवाला व्यक्ति बुद्धि को ढूँढ़ता है, पर नहीं पाता; परंतु समझदार व्यक्ति सहजता से ज्ञान प्राप्त करता है। 7 मूर्ख से अलग हो जा, नहीं तो तू ज्ञान की बातों को समझ नहीं पाएगा। 8 समझदार मनुष्य की बुद्धिमानी अपनी चाल को पहचानना है, परंतु मूर्खों की मूर्खता उन्हीं को धोखा देती है। 9 मूर्ख लोग पाप को ठट्ठों में उड़ाते हैं, परंतु सीधे लोगों के बीच आपस में सद्भाव पाया जाता है। 10 मन अपने दुःख को स्वयं जानता है, और कोई पराया उसके आनंद में सहभागी नहीं होता। 11 दुष्टों के घर नष्ट हो जाएँगे, परंतु सीधे लोगों का डेरा आबाद रहेगा। 12 ऐसा मार्ग भी है जो मनुष्य को ठीक प्रतीत होता है, परंतु अंत में वह मृत्यु का मार्ग सिद्ध होता है। 13 हँसी के समय मन उदास हो सकता है, और आनंद का अंत शोक भी हो सकता है। 14 जिसका मन परमेश्वर से हट जाता है, वह अपने आचरण का फल भोगता है, परंतु भला मनुष्य अपने अच्छे कार्यों के फल से तृप्त होता है। 15 भोला मनुष्य तो हर बात पर विश्वास करता है, परंतु समझदार मनुष्य समझ बूझकर कदम बढ़ाता है। 16 बुद्धिमान मनुष्य बुराई से डरता और उससे दूर रहता है, परंतु मूर्ख ढीठ और लापरवाह होता है। 17 शीघ्र क्रोध करनेवाला मनुष्य मूर्खतापूर्ण कार्य करता है, और जो बुरी युक्तियाँ रचता है उससे लोग बैर रखते हैं। 18 भोलों का भाग मूर्खता ही होता है, परंतु समझदार लोगों को ज्ञान का मुकुट पहनाया जाता है। 19 बुरे लोग भलों के सम्मुख, और दुष्ट लोग धर्मियों के फाटकों पर सिर झुकाएँगे। 20 निर्धन से उसका पड़ोसी भी घृणा करता है, परंतु धनवान के अनेक मित्र होते हैं। 21 जो अपने पड़ोसी को तुच्छ जानता है, वह पाप करता है; परंतु जो दीन लोगों पर दया करता है, वह धन्य है। 22 क्या बुरी युक्ति रचनेवाले भटक नहीं जाते? परंतु भली योजना बनानेवालों के साथ करुणा और सच्चाई का व्यवहार होता है। 23 परिश्रम से सदा लाभ होता है, परंतु कोरी बकबक से घटी ही होती है। 24 बुद्धिमानों का धन उनका मुकुट है, परंतु मूर्खों के गले की माला मूर्खता है। 25 सच्चा गवाह बहुतों के प्राण बचाता है, परंतु जो झूठ बोलता है, वह धोखेबाज़ होता है। 26 यहोवा का भय माननेवाले को दृढ़ भरोसा प्राप्त होता है, और उसकी संतान को शरणस्थान मिलता है। 27 यहोवा का भय मानना जीवन का सोता है, जिससे लोग मृत्यु के फंदों से बच जाते हैं। 28 प्रजा की बहुतायत ही राजा की महिमा है, परंतु प्रजा के बिना शासक बरबाद हो जाता है। 29 जो क्रोध करने में धीमा होता है, वह बहुत समझवाला है; परंतु जो क्रोध करने में उतावली करता है, वह मूर्खता को बढ़ाता है। 30 शांत मन, तन का जीवन है; परंतु ईर्ष्या हड्डियों को गला देती है। 31 जो कंगाल पर अंधेर करता है, वह उसके सृजनहार की निंदा करता है; परंतु जो दरिद्र पर दया करता है, वह परमेश्वर का आदर करता है। 32 दुष्ट मनुष्य अपने दुष्कर्मों के द्वारा नष्ट हो जाता है, परंतु धर्मी अपनी मृत्यु के समय भी शरण पाता है। 33 समझदार व्यक्ति के मन में बुद्धि का वास होता है, यहाँ तक कि वह तो मूर्खों के बीच भी प्रकट होती है। 34 धार्मिकता से राष्ट्र का उत्थान होता है, परंतु पाप देश के लिए कलंक है। 35 जो सेवक बुद्धिमानी से कार्य करता है, राजा उससे प्रसन्न होता है; परंतु जो लज्जाजनक कार्य करता है, उस पर उसका क्रोध भड़कता है। |