हम अपने पूर्वजों के समान तेरे सम्मुख विदेशी और प्रवासी हैं। पृथ्वी पर हमारी आयु छाया के समान है। हमारा यहां स्थायी निवास-स्थान नहीं है।
सभोपदेशक 6:12 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) मनुष्य अपना क्षणिक जीवन परछाँई के समान व्यतीत करता है; अत: कौन जानता है कि उसके लिए ऐसे जीवन में उत्तम क्या है? मनुष्य को कौन बता सकता है कि उसकी मृत्यु के पश्चात् सूर्य के नीचे धरती पर क्या होगा? पवित्र बाइबल कौन जानता है कि इस धरती पर मनुष्य के छोटे से जीवन में उसके लिये सबसे अच्छा क्या है? उसका जीवन तो छाया के समान ढल जाता है। बाद में क्या होगा कोई नहीं बता सकता। Hindi Holy Bible क्योंकि मनुष्य के क्षणिक व्यर्थ जीवन में जो वह परछाईं की नाईं बिताता है कौन जानता है कि उसके लिये अच्छा क्या है? क्योंकि मनुष्य को कौन बता सकता है कि उसके बाद दुनिया में क्या होगा? पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) क्योंकि मनुष्य के क्षणिक व्यर्थ जीवन में जो वह परछाईं के समान बिताता है कौन जानता है कि उसके लिये अच्छा क्या है? क्योंकि मनुष्य को कौन बता सकता है कि उसके बाद दुनिया में क्या होगा? नवीन हिंदी बाइबल कौन जानता है कि मनुष्य के व्यर्थ जीवन के थोड़े से दिनों में क्या अच्छा है? वह उसे छाया के समान बिता देगा। मनुष्य को कौन बता सकता है कि उसके बाद इस संसार में क्या होगा? सरल हिन्दी बाइबल जिसे यह मालूम है कि उसके पूरे जीवन में मनुष्य के लिए क्या अच्छा है, अपने उस व्यर्थ जीवन के थोड़े से सालों में. वह एक परछाई के समान उन्हें बिता देगा. मनुष्य को कौन बता सकता है कि सूरज के नीचे उसके बाद क्या होगा? इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 क्योंकि मनुष्य के क्षणिक व्यर्थ जीवन में जो वह परछाई के समान बिताता है कौन जानता है कि उसके लिये अच्छा क्या है? क्योंकि मनुष्य को कौन बता सकता है कि उसके बाद सूर्य के नीचे क्या होगा? |
हम अपने पूर्वजों के समान तेरे सम्मुख विदेशी और प्रवासी हैं। पृथ्वी पर हमारी आयु छाया के समान है। हमारा यहां स्थायी निवास-स्थान नहीं है।
वह फूल के समान खिलता है, और फिर मुरझा जाता है; वह छाया के समान ढलता है, और स्थिर नहीं रहता है।
उसके पुत्र-पुत्रियाँ धन-दौलत से सम्मानित होते हैं, पर वह यह नहीं जानता; वे गरीब होकर अपमानित होते हैं, लेकिन यह उसको अनुभव नहीं होता।
हम तो कल के लोग हैं, हमें कुछ भी अनुभव नहीं है। पृथ्वी पर हमारी उम्र छाया के समान ढलती है।
प्रभु, तू मेरा कटोरा है, तू मेरा अंश है, जो मुझे दिया गया है। तू ही मेरे भाग को सम्भालता है।
परन्तु मैं अपनी धार्मिकता के कारण तेरे मुख का दर्शन करूंगा; जब मैं जागूंगा तब मेरे स्वरूप को देखकर सन्तुष्ट होऊंगा।
अनेक मनुष्य यह कहते हैं, “काश! हम भलाई को देख पाते। प्रभु, अपने मुख की ज्योति हम पर प्रकाशित कर!”
उसने हमारे लिए पैतृक भूमि को, “याकूब की शोभा” को चुना है; वह इस्राएल से प्रेम करता है। सेलाह
हे स्वामी, स्मरण कर, जीवन-काल कितना अल्प है; तूने सब मनुष्यों को नश्वर उत्पन्न किया है।
मूर्ख मनुष्य एक बात की दो बातें बनाता है, यद्यपि कोई नहीं जानता है कि भविष्य में क्या होनेवाला है; उसे कौन बता सकता है कि उसकी मृत्यु के बाद क्या होगा।
जो कुछ तुमने सुना, उसका सार यह है : तुम परमेश्वर पर श्रद्धा रखो, और उसकी आज्ञाओं का पालन करो; क्योंकि मनुष्य का सम्पूर्ण धर्म यही है।
मनुष्य के लिए इससे अधिक अच्छी बात और कोई नहीं कि वह खाए-पीए और आनन्द के साथ परिश्रम करे। किन्तु मैंने देखा है कि यह भी परमेश्वर के हाथ से प्राप्त होता है।
मैंने मन लगाकर खोज-बीन की कि मदिरा से किस प्रकार अपने शरीर को सुखी करूं (मेरा मन अब तक बुद्धि के मार्ग पर मेरा पथ-प्रदर्शन कर रहा है), और मूढ़ता को मैं कैसे वश में करूं। मैंने यह भेद प्राप्त करने का प्रयत्न किया कि मनुष्यों की भलाई किस प्रकार का काम करने मैं है, ताकि वे जीवन के अल्पकाल में इस पृथ्वी पर उस काम को कर सकें।
अत: मुझे ज्ञात हुआ कि मनुष्य के लिए इससे अधिक अच्छी बात और कोई नहीं है कि वह आनन्दपूर्वक अपना काम करे, क्योंकि काम करना ही उसकी नियति है। कौन व्यक्ति किसी की मृत्यु के पश्चात् उसको वापस लाकर भविष्य की बातें दिखा सकता है?
जीवन के विषय में जितना विचार करो, उतना ही वह निस्सार लगता है, तो ऐसे जीवन से मनुष्य को क्या लाभ?
मैंने अपने निस्सार जीवन में यह देखा है: धार्मिक मनुष्य अपनी धार्मिकता में मरता है, किन्तु दुर्जन व्यक्ति दुष्कर्म करते हुए दीर्घायु प्राप्त करता है।
निस्सन्देह दुर्जन का अन्त में भला नहीं होगा, और न वह छाया के सदृश अपनी उम्र लम्बी कर सकेगा, क्योंकि वह परमेश्वर से नहीं डरता है।
मनुष्य यह नहीं जानता है कि क्या होने वाला है, क्योंकि कौन व्यक्ति उसे भविष्य में घटनेवाली बातें बता सकता है?
उनका प्रेम, उनकी घृणा, उनकी शत्रुता सब नष्ट हो गए। इस धरती के कार्य-व्यापार में अब उनका कोई भाग नहीं रहा।
परमेश्वर ने सूर्य के नीचे धरती पर निस्सार जीवन के जितने भी दिन दिए हैं, उनमें अपनी प्रिय पत्नी के साथ जीवन का आनन्द भोगो, क्योंकि जीवन में यही तुम्हारा भाग है। जो परिश्रम तुम धरती पर करते हो उसमें यही तुम्हारा हिस्सा है।
ओ मानव, प्रभु ने तुझे बताया है कि उचित क्या है, और वह तुझसे क्या चाहता है। यही न कि तू न्याय-सिद्धान्त का पालन करे करुणा से प्रेम करे, और नम्रतापूर्वक अपने परमेश्वर के मार्ग पर चले?
तुम नहीं जानते कि कल तुम्हारा क्या हाल होगा। तुम्हारा जीवन एक कुहरा मात्र है-वह एक क्षण दिखाई दे कर लुप्त हो जाता है।