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सभोपदेशक 9:9 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

9 परमेश्‍वर ने सूर्य के नीचे धरती पर निस्‍सार जीवन के जितने भी दिन दिए हैं, उनमें अपनी प्रिय पत्‍नी के साथ जीवन का आनन्‍द भोगो, क्‍योंकि जीवन में यही तुम्‍हारा भाग है। जो परिश्रम तुम धरती पर करते हो उसमें यही तुम्‍हारा हिस्‍सा है।

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पवित्र बाइबल

9 जिस पत्नी को तुम प्रम करते हो उसके साथ जीवन का भोग करो। अपने छोटे से जीवन के प्रत्येक दिन का आनन्द लो।

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Hindi Holy Bible

9 अपने व्यर्थ जीवन के सारे दिन जो उसने सूर्य के नीचे तेरे लिये ठहराए हैं अपनी प्यारी पत्नी के संग में बिताना, क्योंकि तेरे जीवन और तेरे परिश्रम में जो तू सूर्य के नीचे करता है तेरा यही भाग है।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

9 अपने व्यर्थ जीवन के सारे दिन जो उसने सूर्य के नीचे तेरे लिये ठहराए हैं, अपनी प्यारी पत्नी के संग में बिताना, क्योंकि तेरे जीवन और तेरे परिश्रम में जो तू सूर्य के नीचे करता है तेरा यही भाग है।

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नवीन हिंदी बाइबल

9 अपनी प्रिय पत्‍नी के साथ अपने जीवन का आनंद ले, अर्थात् उस व्यर्थ जीवन के दिनों का जो परमेश्‍वर ने संसार में तेरे लिए ठहराए हैं; क्योंकि तेरे जीवन में और तेरे उस परिश्रम में जो तू संसार में करता है, तेरा यही भाग है।

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सरल हिन्दी बाइबल

9 सूरज के नीचे परमेश्वर द्वारा दिए गए बेकार के जीवन में अपनी प्यारी पत्नी के साथ खुश रहो, क्योंकि तुम्हारे जीवन का और सूरज के नीचे की गई मेहनत का ईनाम यही है.

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सभोपदेशक 9:9
14 क्रॉस रेफरेंस  

जिन वस्‍तुओं को देखने की मुझे इच्‍छा हुई, मैंने उन्‍हें भरपूर नजर से देखा। मैं किसी भी प्रकार के आमोद-प्रमोद से अपना हृदय वंचित नहीं रखता था, क्‍योंकि मेरा हृदय मेरे परिश्रम के सब कामों में आनन्‍द लेता था और यही आनन्‍द मेरे सब परिश्रमों का पुरस्‍कार था।


क्‍या प्रभु ने पति और पत्‍नी को एक हो जाने के लिए नहीं बनाया? तो क्‍या आत्‍मा इस में सम्‍मिलित नहीं है? और पति-पत्‍नी के एक होने का क्‍या उद्देश्‍य है? यही कि वे धर्मपरायण सन्‍तान उत्‍पन्न करें। अत: अपने प्रति सावधान रहो। कोई भी पति अपनी युवावस्‍था की पत्‍नी के प्रति विश्‍वासघात न करे।


मनुष्‍य अपना क्षणिक जीवन परछाँई के समान व्‍यतीत करता है; अत: कौन जानता है कि उसके लिए ऐसे जीवन में उत्तम क्‍या है? मनुष्‍य को कौन बता सकता है कि उसकी मृत्‍यु के पश्‍चात् सूर्य के नीचे धरती पर क्‍या होगा?


वस्‍तुत: यह परमेश्‍वर का वरदान है कि प्रत्‍येक मनुष्‍य भरपेट खाए-पीए और आनन्‍दपूर्वक परिश्रम करे।


मैंने अपने निस्‍सार जीवन में यह देखा है: धार्मिक मनुष्‍य अपनी धार्मिकता में मरता है, किन्‍तु दुर्जन व्यक्‍ति दुष्‍कर्म करते हुए दीर्घायु प्राप्‍त करता है।


देखो, जो भली बात मैंने अनुभव की, और जो उचित भी है, वह यह है : “मनुष्‍य परमेश्‍वर द्वारा दिए गए अपने अल्‍पकाल के जीवन में सूर्य के नीचे धरती पर आनन्‍दपूर्वक परिश्रम करे, खाए और पीए, क्‍योंकि यही उसकी नियति है।”


अत: मुझे ज्ञात हुआ कि मनुष्‍य के लिए इससे अधिक अच्‍छी बात और कोई नहीं है कि वह आनन्‍दपूर्वक अपना काम करे, क्‍योंकि काम करना ही उसकी नियति है। कौन व्यक्‍ति किसी की मृत्‍यु के पश्‍चात् उसको वापस लाकर भविष्‍य की बातें दिखा सकता है?


मनुष्‍य के लिए इससे अधिक अच्‍छी बात और कोई नहीं कि वह खाए-पीए और आनन्‍द के साथ परिश्रम करे। किन्‍तु मैंने देखा है कि यह भी परमेश्‍वर के हाथ से प्राप्‍त होता है।


मकान और धन-सम्‍पत्ति पूर्वजों से प्राप्‍त होती है; किन्‍तु बुद्धिमति पत्‍नी केवल प्रभु ही देता है।


जिसने धर्मपत्‍नी पा ली उसको अनमोल वस्‍तु मिल गई। प्रभु उस मनुष्‍य पर कृपा करता है।


मानव श्‍वास के सदृश है, उसकी आयु के दिन ढलती छाया के समान हैं।


तूने मेरे जीवन-काल को बित्ता भर बनाया है। मेरी आयु तेरे सम्‍मुख कुछ भी नहीं है। वस्‍तुत: प्रत्‍येक मनुष्‍य की स्‍थिति श्‍वास मात्र है। सेलाह


जब इसहाक को वहाँ रहते हुए बहुत समय बीत गया तब एक दिन पलिश्‍तियों के राजा अबीमेलक ने खिड़की से झांक कर देखा कि इसहाक अपनी पत्‍नी के साथ क्रीड़ा कर रहे हैं।


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