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सभोपदेशक 9:6 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

6 उनका प्रेम, उनकी घृणा, उनकी शत्रुता सब नष्‍ट हो गए। इस धरती के कार्य-व्‍यापार में अब उनका कोई भाग नहीं रहा।

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पवित्र बाइबल

6 किसी व्यक्ति के मर जाने के बाद उसका प्रेम, घृणा और ईर्ष्या सब समाप्त हो जाते हैं। मरा हुआ व्यक्ति संसार में जो कुछ हो रहा है, उसमें कभी हिस्सा नहीं बँटाता।

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Hindi Holy Bible

6 उनका प्रेम और उनका बैर और उनकी डाह नाश हो चुकी, और अब जो कुछ सूर्य के नीचे किया जाता है उस में सदा के लिये उनका और कोई भाग न होगा॥

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

6 उनका प्रेम और उनका बैर और उनकी डाह नष्‍ट हो चुकी, और अब जो कुछ सूर्य के नीचे किया जाता है उसमें सदा के लिये उनका और कोई भाग न होगा।

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नवीन हिंदी बाइबल

6 सचमुच उनका प्रेम, उनका बैर और उनका उत्साह सब नष्‍ट हो चुका है, और संसार के सारे क्रियाकलाप में अब उनका कोई भाग नहीं रहा।

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सरल हिन्दी बाइबल

6 इस तरह उनका प्रेम, घृणा और उत्साह खत्म हो गया, और सूरज के नीचे किए गए किसी भी काम में उनका कोई भाग न होगा.

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सभोपदेशक 9:6
11 क्रॉस रेफरेंस  

यह बोला, “उठिए! बालक और उसकी माता को ले कर इस्राएल देश चले जाइए, क्‍योंकि जो बालक के प्राण लेना चाहते थे, वे अब मर चुके हैं।”


मनुष्‍य अपना क्षणिक जीवन परछाँई के समान व्‍यतीत करता है; अत: कौन जानता है कि उसके लिए ऐसे जीवन में उत्तम क्‍या है? मनुष्‍य को कौन बता सकता है कि उसकी मृत्‍यु के पश्‍चात् सूर्य के नीचे धरती पर क्‍या होगा?


धार्मिक मनुष्‍य की आशाएं पूर्ण होती हैं, और वह आनन्‍दित होता है, पर दुर्जन की आशा निराशा में बदल जाती है।


मिस्र देश में एक नया राजा हुआ, जो यूसुफ को नहीं जानता था।


जिन वस्‍तुओं को देखने की मुझे इच्‍छा हुई, मैंने उन्‍हें भरपूर नजर से देखा। मैं किसी भी प्रकार के आमोद-प्रमोद से अपना हृदय वंचित नहीं रखता था, क्‍योंकि मेरा हृदय मेरे परिश्रम के सब कामों में आनन्‍द लेता था और यही आनन्‍द मेरे सब परिश्रमों का पुरस्‍कार था।


अत: मुझे ज्ञात हुआ कि मनुष्‍य के लिए इससे अधिक अच्‍छी बात और कोई नहीं है कि वह आनन्‍दपूर्वक अपना काम करे, क्‍योंकि काम करना ही उसकी नियति है। कौन व्यक्‍ति किसी की मृत्‍यु के पश्‍चात् उसको वापस लाकर भविष्‍य की बातें दिखा सकता है?


मैंने इन सब बातों को जांचा-परखा और मन से गम्‍भीरतापूर्वक विचार किया। तब मुझे ज्ञात हुआ कि धार्मिक और बुद्धिमान व्यक्‍ति और उनके सत्‍कर्मों का फल परमेश्‍वर के हाथों में है। मनुष्‍य यह नहीं जानते कि परमेश्‍वर उनके कार्य से प्रसन्न है अथवा उसे उनके कार्य से घृणा है। अत: उनके सम्‍मुख सब व्‍यर्थ है।


मैंने यह सोचा था : अब मैं जीव-लोक में प्रभु के दर्शन नहीं कर सकूंगा; मैं पृथ्‍वी के लोगों को फिर नहीं देख पाऊंगा।


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