स्त्री ने देखा कि आहार के लिए वृक्ष उत्तम है। वह आंखों को लुभाता है, और बुद्धिमान बनने के लिए वांछनीय है। अत: उसने उसका फल तोड़ा, और उस को खाया। उसने अपने पति को भी दिया, जो उसके साथ था, और उसने भी खाया।
सभोपदेशक 11:9 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) ओ जवान, अपनी जवानी भर आनन्द मना, अपनी जवानी के दिनों में अपना हृदय आनन्द से भर ले। जिस मार्ग पर तेरा दिल तुझे ले जाए, जो मार्ग तेरी आंखों में उचित लगे, उस पर चल। किन्तु यह बात जान ले, तेरे सब कामों के विषय में स्पष्टीकरण के लिए परमेश्वर तुझे कटघरे में खड़ा करेगा। पवित्र बाइबल सो हे युवकों! जब तक तुम जवान हो, आनन्द मनाओ। प्रसन्न रहो! और जो तुम्हारा मन चाहे, वही करो। जो तुम्हारी इच्छा हो वह करो। किन्तु याद रखो तुम्हारे प्रत्येक कार्य के लिये परमेश्वर तुम्हारा न्याय करेगा। Hindi Holy Bible हे जवान, अपनी जवानी में आनन्द कर, और अपनी जवानी के दिनों के मगन रह; अपनी मनमानी कर और अपनी आंखों की दृष्टि के अनुसार चल। परन्तु यह जान रख कि इन सब बातों के विषय में परमेश्वर तेरा न्याय करेगा॥ पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) हे जवान, अपनी जवानी में आनन्द कर, और अपनी जवानी के दिनों में मगन रह; अपनी मनमानी कर और अपनी आँखों की दृष्टि के अनुसार चल। परन्तु यह जान रख कि इन सब बातों के विषय परमेश्वर तेरा न्याय करेगा। नवीन हिंदी बाइबल हे जवान, अपनी जवानी में आनंद कर, और तेरी जवानी के दिनों में तेरा हृदय तुझे प्रसन्न रखे; अपने मन और अपनी आँखों की अभिलाषा के अनुसार चल। परंतु स्मरण रख कि इन सब बातों के विषय परमेश्वर तेरा न्याय करेगा। सरल हिन्दी बाइबल हे जवान! अपनी जवानी में आनंदित रहो, इसमें तुम्हारा हृदय तुम्हें आनंदित करे. अपने हृदय और अपनी आंखों की इच्छा पूरी करो. किंतु तुम्हें यह याद रहे कि परमेश्वर इन सभी कामों के बारे में तुम पर न्याय और दंड लाएंगे. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 हे जवान, अपनी जवानी में आनन्द कर, और अपनी जवानी के दिनों में मगन रह; अपनी मनमानी कर और अपनी आँखों की दृष्टि के अनुसार चल। परन्तु यह जान रख कि इन सब बातों के विषय में परमेश्वर तेरा न्याय करेगा। |
स्त्री ने देखा कि आहार के लिए वृक्ष उत्तम है। वह आंखों को लुभाता है, और बुद्धिमान बनने के लिए वांछनीय है। अत: उसने उसका फल तोड़ा, और उस को खाया। उसने अपने पति को भी दिया, जो उसके साथ था, और उसने भी खाया।
तब ईश-पुत्रों ने मनुष्य की पुत्रियों को देखा कि वे सुन्दर हैं। उन्होंने उनमें से जिन कन्याओं को पसन्द किया, उनको पत्नी बना लिया।
स्वामी, जैसे ही मैं आपके पास से प्रस्थान करूंगा, प्रभु का आत्मा आपको अनजान स्थान में ले जाएगा, जिस को मैं नहीं जानता। जब मैं महाराज अहाब के पास पहुँचूंगा, उनको आपके विषय में बताऊंगा और आप उन्हें नहीं मिलेंगे, तब क्या वह मुझे जीवित छोड़ देंगे? आप का यह सेवक बचपन से ही प्रभु का भक्त है।
एलियाह ने दोपहर को उनकी हंसी उड़ाई और यह कहा, ‘और जोर से पुकारो। वह तो ईश्वर है, मनन-चिन्तन कर रहा होगा, अथवा नित्यक्रिया में लगा होगा। सम्भवत: वह यात्रा पर गया है। कदाचित वह सो रहा है, उसको जगाना चाहिए।’
मीकायाह राजा अहाब के पास आया। राजा ने उससे पूछा, ‘मीकायाह, क्या मुझे रामोत-गिलआद नगर से युद्ध करने के लिए जाना चाहिए? अथवा मुझे युद्ध नहीं करना चाहिए?’ मीकायाह ने उसको उत्तर दिया, ‘आप चढ़ाई कीजिए, और विजय प्राप्त कीजिए। प्रभु उसको महाराज के हाथ में सौंप देगा।’
यदि मेरे पैर सन्मार्ग से भटक गए थे और मेरा हृदय आंखों के बताए हुए कुमार्ग पर चला था; यदि मेरे हाथ किसी दुष्कर्म से कलंकित हुए
अपनी जवानी के दिनों में अपने सृष्टिकर्ता परमेश्वर को स्मरण रख, अन्यथा इन दिनों के बाद वे दिन और वर्ष आएंगे जब तू यह कहेगा, ‘अब जीवन में मुझे आनन्द नहीं मिलता।’
परमेश्वर मनुष्य के प्रत्येक कर्म को, उसकी सब गुप्त बातों को, चाहे वे भली हों या बुरी, न्याय के समय प्रस्तुत करेगा।
जिन वस्तुओं को देखने की मुझे इच्छा हुई, मैंने उन्हें भरपूर नजर से देखा। मैं किसी भी प्रकार के आमोद-प्रमोद से अपना हृदय वंचित नहीं रखता था, क्योंकि मेरा हृदय मेरे परिश्रम के सब कामों में आनन्द लेता था और यही आनन्द मेरे सब परिश्रमों का पुरस्कार था।
अत: मुझे यह अनुभव हुआ कि मनुष्य के लिए इससे अच्छी और कोई बात नहीं है कि वह जीवन-भर सुख से रहे और आनन्द मनाता रहे।
मैंने अपने हृदय में कहा, “परमेश्वर ने प्रत्येक बात और हर एक कार्य का समय निश्चित कर रखा है; अत: वह धार्मिक मनुष्य और दुर्जन दोनों का न्याय करेगा।”
आंखों से देख लेना मन की चंचल कामनाओं से उत्तम है। अत: पेट के लिए परिश्रम करना भी निस्सार है, यह मानो हवा को पकड़ना है।
सुख के दिनों में आनन्द मनाओ, किन्तु दु:ख के दिनों में विचार करो, क्योंकि परमेश्वर ने सुख और दु:ख दोनों को बनाया है, ताकि मनुष्य इस बात का भेद न पा सके कि उसकी मृत्यु के बाद क्या होनेवाला है।
ये मुझ-प्रभु के वचन से घृणा करनेवालों से निरंतर कहते रहते हैं: “मत घबराओ! तुम्हारा भला होगा।” जो आदमी अपने हठी हृदय के अनुसार आचरण करता है, उससे ये कहते हैं, “मत डर, तेरा अनिष्ट नहीं होगा।” ’
परन्तु उन्होंने मेरी आज्ञा का पालन नहीं किया, और न ही उस पर कान दिया। वे मनचाहे मार्ग पर चलते रहे, अपने हठीले हृदय के अनुरूप दुराचरण करते रहे। उनके कदम मेरी ओर आगे नहीं बढ़े, बल्कि पीछे हट गए।
यदि कोई व्यक्ति, चाहे वह देशी हो अथवा प्रवासी, जान-बूझकर पाप करता है, तो वह मुझ-प्रभु की निन्दा करता है। वह अपने लोगों में से नष्ट किया जाएगा।
ये तुम्हारे लिए ऐसे फुंदने बनेंगे, जिनको देखकर तुम मुझ-प्रभु की आज्ञाओं का स्मरण तथा उनका पालन कर सकोगे। तब तुम अपने हृदय और आंखों का अनुसरण करके व्यभिचारिणी के सदृश विश्वासघात नहीं करोगे, जैसा तुम अब तक करते आए हो।
प्रभु के दूत ने उससे कहा, ‘तूने क्यों अपनी गदही को तीन बार मारा? देख, मैं स्वयं तेरा विरोध करने के लिए आया हूं; क्योंकि मेरे सम्मुख तेरा मार्ग उलटा हो गया है।
परन्तु मैं तुम से कहता हूँ : जो कोई बुरी इच्छा से किसी स्त्री पर दृष्टि डालता है, वह अपने मन में उसके साथ व्यभिचार कर चुका है।
और अपने प्राण से कहूँगा−ओ मेरे प्राण! तेरे पास बरसों के लिए बहुत-सी सम्पत्ति रखी है, इसलिए विश्राम कर, खा-पी और मौज उड़ा।’
जब पौलुस धार्मिकता, आत्मसंयम और अंतिम न्याय के विषय में बोलने लगे, तो फ़ेलिक्स पर भय छा गया और उसने कहा, “तुम इस समय जा सकते हो। अवसर मिलने पर मैं तुमको फिर बुलाऊंगा।”
तो तुम क्यों अपने भाई अथवा बहिन का न्याय करते हो? तुम क्यों अपने भाई अथवा बहिन को तुच्छ समझते हो? हम-सब परमेश्वर के न्यायासन के सामने खड़े होंगे,
इसलिए समय से पूर्व, प्रभु के आने तक, आप किसी बात का न्याय मत कीजिए। वही अन्धकार में छिपी हुई बातों को प्रकाश में लायेंगे और मनुष्यों के हृदय के गुप्त अभिप्राय प्रकट करेंगे। उस समय हर एक को परमेश्वर की ओर से यथायोग्य श्रेय दिया जायेगा।
क्योंकि हम-सब को मसीह के न्यायासन के सामने प्रस्तुत किया जायेगा। प्रत्येक व्यक्ति ने शरीर में रहते समय जो कुछ किया है, चाहे वह भलाई हो या बुराई, उसे उसका प्रतिफल मिलेगा।
यदि कोई व्यक्ति इस शपथपूर्ण व्यवस्था के वचन सुनने के पश्चात् मन ही मन अपने को सौभाग्यशाली मानता है, और यह कहता है, “यद्यपि मैं अपने हृदय के हठ के अनुसार चलूंगा, तो भी मेरा कुशल-मंगल होगा” , तो ऐसा विचार गेहूं के साथ घुन को भी पीस डालता है।
मैंने लूट में बाबुल देश का एक सुन्दर अंगरखा, दो किलो चांदी, और आधा किलो सोने की ईंट देखी थी। मैं उनको देखकर लालच में पड़ गया, और उनको चुरा लिया। ये वस्तुएँ मेरे तम्बू के भीतर भूमि में गड़ी हैं। सब वस्तुओं के नीचे चाँदी है।’
परमेश्वर के शब्द ने वर्तमान आकाश और पृथ्वी को आग के लिए रख छोड़ा है। उन्हें न्याय-दिवस तक के लिए रख छोड़ा गया है। उस दिन विधर्मी मनुष्यों का विनाश किया जायेगा।