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सभोपदेशक 12:1 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

1 अपनी जवानी के दिनों में अपने सृष्‍टिकर्ता परमेश्‍वर को स्‍मरण रख, अन्‍यथा इन दिनों के बाद वे दिन और वर्ष आएंगे जब तू यह कहेगा, ‘अब जीवन में मुझे आनन्‍द नहीं मिलता।’

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पवित्र बाइबल

1 बचपन से ही अपने बनाने वाले का स्मरण करो। इससे पहले कि बुढ़ापे के बुरे दिन तुम्हें आ घेरें। पहले इसके कि तुम्हें यह कहना पड़े कि “हाय, में जीवन का रस नहीं ले सका।”

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Hindi Holy Bible

1 अपनी जवानी के दिनों में अपने सृजनहार को स्मरण रख, इस से पहिले कि विपत्ति के दिन और वे वर्ष आएं, जिन में तू कहे कि मेरा मन इन में नहीं लगाता।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

1 अपनी जवानी के दिनों में अपने सृजनहार को स्मरण रख, इससे पहले कि विपत्ति के दिन और वे वर्ष आएँ, जिन में तू कहे कि मेरा मन इन में नहीं लगता।

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नवीन हिंदी बाइबल

1 अपनी जवानी के दिनों में अपने सृजनहार को स्मरण रख : इससे पहले कि विपत्ति के दिन आएँ और ऐसे वर्ष आ पहुँचें जिनमें तू कहे कि मेरा मन इनमें नहीं लगता;

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सरल हिन्दी बाइबल

1 जवानी में अपने बनानेवाले को याद रख: अपनी जवानी में अपने बनानेवाले को याद रखो, इससे पहले कि बुराई और वह समय आए जिनमें तुम्हारा कहना यह हो, “मुझे इनमें ज़रा सी भी खुशी नहीं,”

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सभोपदेशक 12:1
40 क्रॉस रेफरेंस  

यह मनुष्‍य के लिए हितकर है कि वह बचपन से अपना जूआ उठाए!


यदि मनुष्‍य अनेक वर्षों तक जीवित रहता है तो उसे चाहिए कि वह अपनी आयु के सब वर्षों में जीवन का आनन्‍द ले, किन्‍तु वह स्‍मरण रखे कि अन्‍धकार के दिन भी कम नहीं होंगे। अत: जो कुछ होता है, वह व्‍यर्थ है।


बच्‍चे को उस मार्ग की शिक्षा दो जिस पर उसको चलना चाहिए; और वह बुढ़ापे में भी उससे नहीं हटेगा।


किन्‍तु येशु ने बच्‍चों को अपने पास बुलाया और कहा, “बच्‍चों को मेरे पास आने दो, उन्‍हें मत रोको; क्‍योंकि परमेश्‍वर का राज्‍य उन जैसे लोगों का ही है।


ओ पुत्र-पुत्रियों! आओ! मेरी बात सुनो; मैं तुम्‍हें प्रभु की भक्‍ति करना सिखाऊंगा।


और यह कि तुम बचपन से पवित्र आलेखों से परिचित हो। ये पवित्र आलेख तुम्‍हें उस मुक्‍ति का ज्ञान दे सकते हैं, जो येशु मसीह में विश्‍वास करने से प्राप्‍त होती है।


हमारी आयु के वर्ष सत्तर हैं; यदि वे बल के कारण अस्‍सी भी हो जाएं, तोभी उनकी अवधि दु:ख और कष्‍ट में बीतती है। वे अविलम्‍ब व्‍यतीत हो जाते हैं और हमारे प्राण-पखेरू उड़ जाते हैं।


ओ तरुण! अपने हृदय से परेशानी को निकाल दे, शरीर में दर्द न होने दे; क्‍योंकि तेरी तरुणाई, जीवन की यह उषा, व्‍यर्थ है।


जो मुझसे प्रेम करते हैं, मैं उनसे प्रेम करती हूं; जो मुझे ढूंढ़ने में जमीन-आसमान एक कर देते हैं, वे मुझे पाते हैं।


आज मैं अस्‍सी वर्ष का हूँ। क्‍या मैं इस उम्र में भले और बुरे की पहचान कर सकता हूँ? अब क्‍या मुझमें खाने-पीने की रुचि रह गई है? अब क्‍या मैं गायक-गायिकाओं का मधुर गीत सुन सकता हूँ? ऐसी स्‍थिति में आपका यह सेवक अपने स्‍वामी पर, महाराज पर भार क्‍यों बने?


बालक शमूएल बड़ा होता जा रहा था; न केवल कद में, वरन् प्रभु और लोगों की कृपा-दृष्‍टि में भी।


प्रभु यूसुफ के साथ था। अत: वह सफल व्यक्‍ति बना। वह अपने मिस्र-निवासी स्‍वामी के घर में रहता था।


क्‍योंकि वह प्रभु की दृष्‍टि में महान् होगा। वह दाखरस और मदिरा नहीं पिएगा, वरन् अपनी माता के गर्भ से ही पवित्र आत्‍मा से परिपूर्ण होगा।


परन्‍तु प्रभु ने शमूएल से कहा, ‘तू उसके बाहरी रूप-रंग और ऊंचे कद पर ध्‍यान मत दे। मैंने उसे अस्‍वीकार किया है। जिस दृष्‍टि से मनुष्‍य देखता है, उस दृष्‍टि से मैं नहीं देखता। मनुष्‍य व्यक्‍ति के बाहरी रूप-रंग को देखता है, पर मैं उसके हृदय को देखता हूँ।’


कारागार का मुख्‍याधिकारी यूसुफ के हाथ में सौंपी गई किसी भी वस्‍तु को देखता तक न था; क्‍योंकि प्रभु यूसुफ के साथ था। जो कुछ भी यूसुफ करता था, प्रभु उसे सफल बनाता था।


आप, जो पिता हैं, अपने बच्‍चों का क्रोध नहीं भड़काएं; बल्‍कि प्रभु के अनुरूप शिक्षा और उपदेश द्वारा उनका पालन-पोषण करें।


परमेश्‍वर ने इन चार इस्राएली जवानों को सब प्रकार के शास्‍त्रों और सब प्रकार की विद्याओं को समझने के लिए बुद्धि और प्रवीणता प्रदान की। दानिएल प्रत्‍येक प्रकार के दिव्‍य-दर्शन और स्‍वप्‍न का अर्थ समझने लगा। उसमें यह समझ आ गई।


प्रभु, हम भी तेरे न्‍याय-मार्ग पर तेरी प्रतीक्षा करते हैं। तेरा स्‍मरणीय नाम लेने के लिए हमारे प्राण उत्‍सुक हैं।


बालक शमूएल प्रभु के सम्‍मुख सेवा करता था। वह कमर में सूती लुंगी पहनता था।


स्‍वामी, जैसे ही मैं आपके पास से प्रस्‍थान करूंगा, प्रभु का आत्‍मा आपको अनजान स्‍थान में ले जाएगा, जिस को मैं नहीं जानता। जब मैं महाराज अहाब के पास पहुँचूंगा, उनको आपके विषय में बताऊंगा और आप उन्‍हें नहीं मिलेंगे, तब क्‍या वह मुझे जीवित छोड़ देंगे? आप का यह सेवक बचपन से ही प्रभु का भक्‍त है।


इसलिए मैं इसे प्रभु को अर्पित करती हूँ कि जब तक यह जीवित रहेगा, तब तक प्रभु को समर्पित रहेगा।’ तब हन्नाह ने वहाँ प्रभु की वंदना की।


ये विदेशी राष्‍ट्र उसकी शक्‍ति चूस रहे हैं; पर एफ्रइम यह बात नहीं जानता। उसके सिर के बाल सफेद हो गए, पर वह इससे अनजान है।


उनके बाहुबल से मुझे क्‍या लाभ होता, क्‍योंकि उनका पौरुष तो खत्‍म हो गया है!


समस्‍त इस्राएल प्रदेश उसके लिए शोक मनाएगा। तब उसको कबर में गाड़ना। यारोबआम के परिवार का केवल यही पुत्र धार्मिक विधि के अनुसार कबर में गाड़ा जाएगा, अन्‍य नहीं; क्‍योंकि इस्राएली राष्‍ट्र के प्रभु परमेश्‍वर ने यारोबआम के परिवार में केवल इसी में अच्‍छाई पाई है।


तू अपने प्रभु परमेश्‍वर का स्‍मरण रखना; क्‍योंकि प्रभु परमेश्‍वर ही सम्‍पत्ति अर्जित करने के लिए तुझे शक्‍ति देता है, जिससे वह अपने विधान को, जिसकी शपथ उसने तेरे पूर्वजों से खाई थी, पूरा करे, जैसा आज भी है।


तब मैं उनको भयभीत देखकर उठा, और प्रतिष्‍ठित नागरिकों, अधिकारियों और अन्‍य लोगों से कहा, ‘अपने शत्रुओं से मत डरो। प्रभु को स्‍मरण रखो, वह महान और आतंकमय है, और तब अपने भाई-बन्‍धुओं, पुत्र-पुत्रियों, पत्‍नियों और घरों की रक्षा के लिए युद्ध करो।’


मैं अपनी शैया पर तुझ को स्‍मरण करता हूँ। और रात्रि जागरण में तेरा ही ध्‍यान करता हूँ।


प्रभु, मैं रात में तेरा नाम स्‍मरण करता हूं, मैं तेरी व्‍यवस्‍था का पालन करता हूं।


सात, नहीं आठ व्यक्‍तियों को भाग दो, क्‍योंकि तू नहीं जानता, कि इस पृथ्‍वी में कब तुझपर विपत्ति आ पड़े।


आपका यह सेवक महाराज के साथ यर्दन नदी के उस पार तक जाएगा। महाराज मुझे इतना बड़ा पुरस्‍कार क्‍यों देना चाहते हैं?


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