यूसुफ अपने सम्मुख से व्यंजन उठाकर उनके पास भेजता था। बिन्यामिन के व्यंजन की मात्रा अन्य भाइयों की अपेक्षा पाँच गुना अधिक थी। यूसुफ के भाइयों ने खाया-पिया और उसके साथ आनन्द मनाया।
सभोपदेशक 10:19 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) भोज आमोद-प्रमोद के लिए किया जाता है, अंगूर-पान से जीवन आनन्दित होता है। रुपये से सब कुछ प्राप्त हो सकता है। पवित्र बाइबल लोग भोजन का आनन्द लेते हैं और दाखमधु जीवन को और अधिक खुशियों से भर देती हैं। किन्तु धन के चक्कर में सभी पड़े रहते हैं। Hindi Holy Bible भोज हंसी खुशी के लिये किया जाता है, और दाखमधु से जीवन को आनन्द मिलता है; और रूपयों से सब कुछ प्राप्त होता है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) भोज हँसी खुशी के लिये किया जाता है, और दाखमधु से जीवन को आनन्द मिलता है; और रुपयों से सब कुछ प्राप्त होता है। नवीन हिंदी बाइबल भोज हँसी खुशी के लिए किया जाता है, और दाखमधु जीवन को आनंद से भर देता है; और रुपयों से सब कुछ प्राप्त हो जाता है। सरल हिन्दी बाइबल लोग मनोरंजन के लिए भोजन करते हैं, दाखमधु जीवन में आनंद को भर देती है, और धन से हर एक समस्या का समाधान होता है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 भोज हँसी खुशी के लिये किया जाता है, और दाखमधु से जीवन को आनन्द मिलता है; और रुपयों से सब कुछ प्राप्त होता है। |
यूसुफ अपने सम्मुख से व्यंजन उठाकर उनके पास भेजता था। बिन्यामिन के व्यंजन की मात्रा अन्य भाइयों की अपेक्षा पाँच गुना अधिक थी। यूसुफ के भाइयों ने खाया-पिया और उसके साथ आनन्द मनाया।
अबशालोम ने राजभोज तैयार किया। उसने अपने सेवकों को यह आदेश दिया, ‘ध्यान से मेरी बात सुनो। जब अम्नोन शराब पीकर मदहोश हो जाएगा, और जब मैं तुम से यह कहूँगा : “अम्नोन पर वार करो,” तब तुम उसे मार डालना। मत डरना। मैंने तुम्हें इस बात का आदेश दिया है। साहसी बनो! शूरवीर बनो!’
किन्तु राजा दाऊद ने ओर्नान से कहा, ‘नहीं, मैं ये वस्तुएं रुपये देकर ही तुमसे खरीदूंगा। जो तुम्हारा है, वह मैं प्रभु के लिए नहीं लूंगा। मैं ऐसी अग्नि-बलि नहीं चढ़ाऊंगा, जिसका मैंने मूल्य नहीं चुकाया है।’
उनके पड़ोसियों ने चांदी के पात्रों, सोना, माल-असबाब, पशु और कीमती वस्तुओं से उनकी सहायता की। इनके अतिरिक्त उन्होंने स्वेच्छा से भेंट भी चढ़ाई।
और उनसे कहा, ‘हमने अपने सामर्थ्य के अनुसार अपने यहूदी भाई-बहिनों को, जो अन्य कौमों के पास गुलाम के रूप में बिके हुए थे, मूल्य चुकाकर उन्हें मुक्त किया। पर आज तुम अपने भाई-बहिनों को बेच रहे हो जिससे हम उनको फिर मूल्य चुकाकर वापस करें?’ वे चुप रहे, और कुछ न कह सके।
सातवें दिन, जब सम्राट क्षयर्ष शराब में मस्त था, उसने अपने सात सेवक-खोजों−महूमान, बिज्जता, हर्बोना, बिग्ता, अबग्ता, जेतेर और कर्कस−को आदेश दिया
तथा दाखरस, जो उसके हृदय को आनन्दित करता है, एवं मुख को चमकाने के लिए तेल, और रोटी, जो उसके हृदय को बल प्रदान करती है।
उसने उदारता से दरिद्रों को दान दिया है, उसकी धार्मिकता सदा बनी रहेगी; सम्मान से उसका सिर ऊंचा रहता है।
मैंने मन लगाकर खोज-बीन की कि मदिरा से किस प्रकार अपने शरीर को सुखी करूं (मेरा मन अब तक बुद्धि के मार्ग पर मेरा पथ-प्रदर्शन कर रहा है), और मूढ़ता को मैं कैसे वश में करूं। मैंने यह भेद प्राप्त करने का प्रयत्न किया कि मनुष्यों की भलाई किस प्रकार का काम करने मैं है, ताकि वे जीवन के अल्पकाल में इस पृथ्वी पर उस काम को कर सकें।
अपने घर जाओ, आनन्द से रोटी खाओ, और हृदय की उमंग से अंगूर-रस पीओ, क्योंकि जो तुम करते हो, उसको परमेश्वर पहले से अपनी स्वीकृति दे चुका है।
उसके व्यापार का लाभ, उसकी आय प्रभु को अर्पित की जायेगी। अर्पण का यह धन न भण्डारगृह में संचय किया जाएगा, और न व्यर्थ उसको जमा किया जाएगा, वरन् वह प्रभु के सम्मुख रहनेवालों के प्रचुर भोजन और भव्य वस्त्रों पर व्यय होगा।
अंगूर का रस उपलब्ध न होने के कारण गलियों में चीत्कार मचा है; आनन्द को पाला मार गया! देश से हर्ष विदा हो गया!
फिर भी हम उन लोगों के लिए बुरा उदाहरण न बनें; इसलिए तुम झील के किनारे जा कर बंसी डालो। जो मछली पहले फँसेगी, उसे पकड़ लेना और उसका मुँह खोलना। उसमें तुम्हें चाँदी का एक सिक्का मिलेगा। उसे ले लेना और मेरे तथा अपने लिए उन को दे देना।”
येशु ने उसे उत्तर दिया, “यदि तुम पूर्ण होना चाहते हो, तो जाओ, अपनी सम्पत्ति बेच कर गरीबों को दे दो और स्वर्ग में तुम्हारा धन होगा। तब आ कर मेरा अनुसरण करो।”
और अपने प्राण से कहूँगा−ओ मेरे प्राण! तेरे पास बरसों के लिए बहुत-सी सम्पत्ति रखी है, इसलिए विश्राम कर, खा-पी और मौज उड़ा।’
“इसलिए मैं तुम से कहता हूँ, सांसारिक धन से अपने लिए मित्र बना लो, जिससे उसके समाप्त हो जाने पर वे शाश्वत निवास में तुम्हारा स्वागत करें।
हेरोदेस के गृह-प्रबन्धक खूजा की पत्नी योअन्ना; सूसन्नाह और अनेक अन्य स्त्रियाँ भी, जो अपनी सम्पत्ति से येशु और उनके शिष्यों की सेवा-परिचर्या करती थीं।
शिष्यों ने निश्चय किया कि यहूदा प्रदेश में रहने वाले विश्वासी भाई-बहिनों की सहायता के लिए उन में से प्रत्येक अपने-अपने सामर्थ्य के अनुसार कुछ भेजेगा।
वे अपनी चल-अचल सम्पत्ति बेच देते और उससे प्राप्त धनराशि हर एक की जरूरत के अनुसार सब को बांट देते थे।
आप लोगों ने पहले सांसारिक लोगों की जीवनचर्या के अनुसार व्यभिचार, भोग-विलास, मदिरापान, रंगरलियों, मादकता और घृणित मूर्तिपूजा में जो समय बिताया, वही बहुत हुआ।
अंगूर की बेल ने उनसे कहा, “क्या मैं अपने रस को त्याग दूँ जो देवताओं और मनुष्यों को आनन्द देता है, और जाकर पेड़ों पर राज्य करूँ? कदापि नहीं।”
अबीगइल नाबाल के पास लौटी। उसने देखा कि उसका पति घर में भव्य भोज कर रहा है, जैसे राजकीय भोज हो। उसका हृदय आनन्दमग्न है। वह नशे में चूर है। अत: अबीगइल ने उसे सबेरे तक कोई भी बात नहीं बतायी।