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2 शमूएल 13:28 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

28 अबशालोम ने राजभोज तैयार किया। उसने अपने सेवकों को यह आदेश दिया, ‘ध्‍यान से मेरी बात सुनो। जब अम्‍नोन शराब पीकर मदहोश हो जाएगा, और जब मैं तुम से यह कहूँगा : “अम्‍नोन पर वार करो,” तब तुम उसे मार डालना। मत डरना। मैंने तुम्‍हें इस बात का आदेश दिया है। साहसी बनो! शूरवीर बनो!’

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पवित्र बाइबल

28 तब अबशालोम ने अपने सवेकों को आदेश दिया। उसने उनसे कहा, “अम्नोन पर नजर रखो। जब वह नशे में धुत होगा तब मैं तुम्हें आदेश दूँगा अम्नोन को जान से मार डालो। सजा पाने से डरो नहीं। आखिरकार, तुम मेरे आदेश का पालन करोगे। अब शक्तिशाली और वीर बनों।”

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Hindi Holy Bible

28 और अबशालोम ने अपने सेवकों को आज्ञा दी, कि सावधान रहो और जब अम्नोन दाखमधु पीकर नशे में आ जाए, और मैं तुम से कहूं, अम्नोन को मार डालना। क्या इस आज्ञा का देनेवाला मैं नहीं हूं? हियाव बान्धकर पुरुषार्थ करना।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

28 तब अबशालोम ने अपने सेवकों को आज्ञा दी, “सावधान रहो और जब अम्नोन दाखमधु पीकर नशे में आ जाए, और मैं तुम से कहूँ, ‘अम्नोन को मारो,’ तब निडर होकर उसको मार डालना। क्या इस आज्ञा का देनेवाला मैं नहीं हूँ? हियाव बाँधकर पुरुषार्थ करना।”

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सरल हिन्दी बाइबल

28 अबशालोम ने अपने सेवकों को आदेश दे रखा था, “देखते रहना! जब अम्मोन दाखमधु से नशे में हो जाए, और जब मैं तुम्हें आदेश दूं, ‘अम्मोन पर वार करो,’ तब तुम उसे घात कर देना. ज़रा भी न झिझकना. स्वयं मैं तुम्हें यह आदेश दे रहा हूं; साहस बनाए रखना और वीरता दिखाना.”

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

28 तब अबशालोम ने अपने सेवकों को आज्ञा दी, “सावधान रहो और जब अम्नोन दाखमधु पीकर नशे में आ जाए, और मैं तुम से कहूँ, ‘अम्नोन को मार डालना।’ क्या इस आज्ञा का देनेवाला मैं नहीं हूँ? हियाव बाँधकर पुरुषार्थ करना।”

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2 शमूएल 13:28
30 क्रॉस रेफरेंस  

वह एक दिन अंगूर की मदिरा पीकर मतवाला हो गया और अपने तम्‍बू में नग्‍न होकर लेट गया।


दाऊद ने उसे भोजन के लिए निमन्‍त्रण दिया। उसने दाऊद के साथ भोजन किया। दाऊद ने उसको शराब पिलाई। वह सन्‍ध्‍या को राजमहल से बाहर निकला, और अपने स्‍वामी के सेवकों के पास खाट पर सो गया। वह अपने घर नहीं गया।


दाऊद ने पत्र में यह लिखा था : ‘जहाँ घमासान युद्ध हो रहा है, वहाँ सेना की अगली पंिक्‍त में ऊरियाह को भेज देना। तत्‍पश्‍चात् तुम्‍हारे सैनिक उसके पास से पीछे हट जाएँ, जिससे शत्रु उस पर प्रहार करें और वह मर जाए।’


तेरे इस कार्य के फलस्‍वरूप अब तलवार तेरे परिवार से कभी दूर न होगी। तूने मेरा तिरस्‍कार किया, और ऊरियाह हित्ती की पत्‍नी को छीनकर उसे अपनी पत्‍नी बनाया।”


किन्‍तु अबशालोम ने उस पर दबाव डाला। अत: उसने अम्‍नोन तथा अन्‍य राजकुमारों को उसके साथ भेज दिया।


आपकी सेविका के दो पुत्र थे। एक दिन वे खेत में परस्‍पर लड़ने लगे। वहाँ उन्‍हें छुड़ानेवाला कोई न था। मेरे एक पुत्र ने दूसरे पुत्र पर वार किया, और उसको मार डाला।


अहाब के ये सैनिक दोपहर को नगर से बाहर निकले। उस समय बेन-हदद अपने सहायक बत्तीस राजाओं के साथ खेमे में शराब पी रह था। वह बेसुध था।


सातवें दिन, जब सम्राट क्षयर्ष शराब में मस्‍त था, उसने अपने सात सेवक-खोजों−महूमान, बिज्‍जता, हर्बोना, बिग्‍ता, अबग्‍ता, जेतेर और कर्कस−को आदेश दिया


तथा दाखरस, जो उसके हृदय को आनन्‍दित करता है, एवं मुख को चमकाने के लिए तेल, और रोटी, जो उसके हृदय को बल प्रदान करती है।


मिस्र देश के राजा ने दाइयों को बुलाकर उनसे पूछा, ‘तुमने यह कार्य क्‍यों किया? क्‍यों लड़कों को जीवित रहने दिया?’


भोज आमोद-प्रमोद के लिए किया जाता है, अंगूर-पान से जीवन आनन्‍दित होता है। रुपये से सब कुछ प्राप्‍त हो सकता है।


अपने घर जाओ, आनन्‍द से रोटी खाओ, और हृदय की उमंग से अंगूर-रस पीओ, क्‍योंकि जो तुम करते हो, उसको परमेश्‍वर पहले से अपनी स्‍वीकृति दे चुका है।


किसी ने उसी रात को कसदी कौम के राजा बेलशस्‍सर की हत्‍या कर दी,


वे अपनी रंगरलियों में उलझे हुए कांटों की तरह, सूखे भूसे की तरह भस्‍म हो जाएंगे।


“अपने विषय में सावधान रहो। कहीं ऐसा न हो कि भोग-विलास, नशे और इस संसार की चिन्‍ताओं से तुम्‍हारा मन कुण्‍ठित हो जाए और वह दिन फन्‍दे की तरह अचानक तुम पर आ गिरे;


इस पर पतरस और अन्‍य प्रेरितों ने यह उत्तर दिया, “हमें मनुष्‍यों की आज्ञा की अपेक्षा परमेश्‍वर की आज्ञा का पालन करना चाहिए।


स्‍मरण रख, मैंने तुझे यह आज्ञा दी है: “शक्‍तिशाली और साहसी बन! भयभीत मत हो! निराश मत हो!” जहाँ-जहाँ तू जाएगा, वहाँ-वहाँ मैं, तेरा प्रभु परमेश्‍वर, तेरे साथ रहूँगा।’


जब वे आनन्‍द मना रहे थे तब नगर के गुण्‍डों-बदमाशों ने घर को घेर लिया। वे दरवाजे को जोर-जोर से खटखटाने लगे। उन्‍होंने घर के स्‍वामी, बूढ़े मनुष्‍य से कहा, ‘उस पुरुष को घर से बाहर निकालो, जो तुम्‍हारे घर में आया है। हम उससे सम्‍भोग करेंगे।’


अत: दोनों पुरुष बैठ गए। उन्‍होंने एक साथ खाया-पिया। लड़की के पिता ने लेवीय युवक से निवेदन किया, ‘आज की रात यहीं व्‍यतीत करो और आनन्‍द मनाओ।’


जब लेवीय पुरुष अपनी रखेल और सेवक के साथ जाने को तैयार हुआ तब लड़की के पिता, उसके ससुर ने, उससे कहा, ‘देखो, सूर्यास्‍त हो रहा है। दिन ढल रहा है। अब रात यहीं व्‍यतीत करो। देखो, दिन ढलने पर है। रात यहीं व्‍यतीत करो और आनन्‍द मनाओ। यात्रा पर जाने के लिए कल सबेरे उठना, और अपने घर चले जाना।’


बोअज खा-पी चुका था। उसका हृदय आनन्‍दमग्‍न था। वह सोने के लिए अनाज के ढेर के किनारे आया। रूत चुपचाप आई। वह बोअज के पैरों की चादर उठाकर वहीं लेट गई।


शाऊल ने अपने कर्मचारियों को यह आदेश दिया, ‘तुम दाऊद से एकान्‍त में बातचीत करो। उससे यह कहो, “राजा तुमसे प्रसन्न हैं। उसके सब कर्मचारी तुमसे प्रेम करते हैं। अब तुम राजा के दामाद बन जाओ।” ’


शाऊल ने प्रभु के नाम से शपथ खाई, ‘जीवन्‍त प्रभु की सौगन्‍ध! तुम्‍हारे इस कार्य के लिए तुम्‍हें दण्‍ड नहीं मिलेगा।’


राजा शाऊल ने कहा, ‘मत डरो! तुम्‍हें क्‍या दिखाई दे रहा है?’ स्‍त्री ने शाऊल से कहा, ‘मैं एक देवता को धरती से ऊपर आते देख रही हूं’


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