मैंने उसे चुना है कि वह अपने पुत्रों और परिवार को, जो उसके पश्चात् रहेंगे, शिक्षा दे कि वे धार्मिकता और न्याय के कार्य करें और मुझ-प्रभु के मार्ग पर चलते रहें। तब मैं उस वचन को पूर्ण करूँगा जो मैंने अब्राहम को दिया है।’
व्यवस्थाविवरण 6:2 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) यदि तुम और तुम्हारे पुत्र-पुत्रियाँ तथा पौत्र-पौत्रियाँ अपने प्रभु परमेश्वर की जीवन-भर भक्ति करेंगे, यदि तुम उसकी सब संविधियों और आज्ञाओं का पालन करोगे, जिनका आदेश आज मैं तुम्हें दे रहा हूँ, तो तुम्हारे पुत्र-पुत्रियों और पौत्र-पौत्रियों की आयु लम्बी होगी। पवित्र बाइबल तुम और तुम्हारे वंशजों को जब तक जीवित रहो, यहोवा अपने परमेश्वर का सम्मान करना चाहिए। तुम्हें उन सभी नियमों और आदेशों का पालन करना चाहिए जिन्हें मैं तुम्हें दे रहा हूँ। यदि तुम ऐसा करोगे तो उस नये देश में लम्बी उम्र पाओगे। Hindi Holy Bible और तू और तेरा बेटा और तेरा पोता यहोवा का भय मानते हुए उसकी उन सब विधियों और आज्ञाओं पर, जो मैं तुझे सुनाता हूं, अपने जीवन भर चलते रहें, जिस से तू बहुत दिन तक बना रहे। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) और तू और तेरा बेटा और तेरा पोता यहोवा का भय मानते हुए उसकी उन सब विधियों और आज्ञाओं पर, जो मैं तुझे सुनाता हूँ, अपने जीवन भर चलते रहें, जिससे तू बहुत दिन तक बना रहे। सरल हिन्दी बाइबल यह इसलिये, कि तुम, तुम्हारी संतान और उनकी भी संतान, याहवेह तुम्हारे परमेश्वर के प्रति श्रद्धा और भय बनाए रखें, मेरे द्वारा लाए गए नियम और आदेशों का जीवन भर पालन करते रहें, और तुम लंबी आयु के हो जाओ. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 और तू और तेरा बेटा और तेरा पोता परमेश्वर यहोवा का भय मानते हुए उसकी उन सब विधियों और आज्ञाओं पर, जो मैं तुझे सुनाता हूँ, अपने जीवन भर चलते रहें, जिससे तू बहुत दिन तक बना रहे। |
मैंने उसे चुना है कि वह अपने पुत्रों और परिवार को, जो उसके पश्चात् रहेंगे, शिक्षा दे कि वे धार्मिकता और न्याय के कार्य करें और मुझ-प्रभु के मार्ग पर चलते रहें। तब मैं उस वचन को पूर्ण करूँगा जो मैंने अब्राहम को दिया है।’
दूत ने कहा, ‘बालक की ओर अपना हाथ मत बढ़ा और न उसे कुछ हानि पहुँचा। अब मैं जान गया हूँ कि तू परमेश्वर का सच्चा भक्त है। क्योंकि तूने मेरे लिए अपने पुत्र, अपने एकलौते पुत्र को भी नहीं रख छोड़ा।’
इस प्रकार वे जीवन-भर तेरी भक्ति करते हुए इस देश में निवास करेंगे, जो तूने हमारे पूर्वजों को दिया है।
परमेश्वर ने मनुष्य से कहा, “देखो, मुझ-प्रभु की भक्ति करना ही बुद्धिमानी है; और बुराई से दूर रहना ही समझदारी है!” ’
प्रभु की भक्ति करना बुद्धि का आरम्भ है; जो उसका पालन करते हैं, उनको उत्तम समझ प्राप्त होती है। प्रभु की स्तुति सदा की जाएगी!
‘अपने माता-पिता का आदर कर जिससे तेरी आयु उस भूमि पर दीर्घ हो सके जिसे तेरा प्रभु परमेश्वर तुझे प्रदान कर रहा है।
मूसा लोगों से बोले। ‘मत डरो; क्योंकि परमेश्वर तुम्हें परखने आया है कि उसका भय तुम्हारी आंखों के सम्मुख बना रहे और तुम पाप न करो।’
दुष्कर्म का प्रायश्चित्त करुणा और सच्चाई है; प्रभु की भक्ति करने से मनुष्य बुराई से बचा रहता है।
जो कुछ तुमने सुना, उसका सार यह है : तुम परमेश्वर पर श्रद्धा रखो, और उसकी आज्ञाओं का पालन करो; क्योंकि मनुष्य का सम्पूर्ण धर्म यही है।
मैं उन को एक हृदय और एक मार्ग दूंगा कि वे अपने, और अपने बाद अपने बच्चों के, कल्याण के लिए सदा-सर्वदा मेरी भक्ति करते रहें।
किन्तु मैं तुम्हारा प्रभु परमेश्वर हूं। मेरी संविधियों पर चलो, मेरे न्याय-सिद्धान्तों का पालन करने के लिए तत्पर रहो।
मैं तुम्हें बताता हूँ कि किस से डरना चाहिए। उस से डरो, जिसमें तुम्हें मारने के बाद नरक में डालने की शक्ति है। हाँ, मैं तुम से कहता हूँ, उसी से डरो।
‘तू प्रभु परमेश्वर की भक्ति करना। तू उसकी आराधना करना, और उससे ही सम्बद्ध रहना। तू केवल उसके नाम की शपथ खाना।
प्रभु की आज्ञाओं का पालन करने से उस देश में तुम्हारी आयु लम्बी होगी। प्रभु ने शपथ खाई थी कि वह दूध और शहद की नदियों वाला देश तुम्हारे पूर्वजों और उनके वंशजों को प्रदान करेगा।
तू केवल अपने प्रभु परमेश्वर का अनुसरण करना, उसकी भक्ति करना, उसकी आज्ञाओं का पालन करना, और उसकी वाणी को सुनना। तू उसकी आराधना करना, और उससे सम्बद्ध रहना।
यह तभी होगा यदि तू अपने प्रभु परमेश्वर की वाणी ध्यानपूर्वक सुनेगा, समस्त आज्ञाओं के अनुसार, जिनका आदेश आज मैं तुझे दे रहा हूँ, कार्य करने के लिए तत्पर रहेगा।
तू बच्चों को अपने लिए पकड़ सकता है, पर उनकी मां को अवश्य छोड़ देना, जिससे तेरा भला हो, और तू दीर्घ जीवन व्यतीत करे।
मैं आज आकाश और पृथ्वी को तेरे विरुद्ध साक्षी देने के लिए बुलाऊंगा कि मैंने तेरे सम्मुख जीवन और मृत्यु, आशिष और अभिशाप रख दिए हैं! इसलिए जीवन को चुन, जिससे तू और तेरे वंशज जीवित रहें,
अपने प्रभु परमेश्वर से प्रेम करें, उसकी वाणी सुनें और उससे चिपके रहें। यही तेरे जीवन का अभिप्राय है। इस पर ही तेरी दीर्घायु निर्भर है। तब तू उस भूमि पर निवास कर सकेगा, जिसकी शपथ प्रभु ने तेरे पूर्वजों से, अब्राहम, इसहाक और याकूब से खाई थी कि वह उनको प्रदान करेगा।’
जिस दिन तुम अपने प्रभु परमेश्वर के सम्मुख होरेब पर्वत पर खड़े थे तब प्रभु ने मुझसे यह कहा था, “लोगों को मेरे पास एकत्र कर कि मैं उन्हें अपनी बात सुना सकूं, जिससे वे पृथ्वी पर जीवन-भर मेरी भक्ति करना सीखें और अपनी सन्तान को भी यह बात सिखाएं।”
इसलिए तू उसकी संविधियों और आज्ञाओं का पालन करना, जिनका आदेश आज मैं तुझे दे रहा हूं, जिससे तेरा और तेरे पश्चात् तेरी सन्तान का भला हो, और तू उस देश में दीर्घ जीवन व्यतीत करे, जिसको तेरा प्रभु परमेश्वर सदा के लिए तुझे प्रदान कर रहा है।’
‘तुम सावधान रहना! अपने प्रति सतर्क रहना! ऐसा न हो कि जो बातें तुम्हारी आंखों ने देखी हैं, उनको तुम भूल जाओ। ऐसा न हो कि वे जीवन भर के लिए तुम्हारे हृदय से दूर हो जाएं। वरन् तुम उन्हें अपने पुत्र-पुत्रियों और पौत्र-पौत्रियों को बताना।
‘अपने माता-पिता का आदर कर, जैसी तेरे प्रभु परमेश्वर ने तुझे आज्ञा दी है, जिससे तेरी आयु दीर्घ हो सके, और उस भूमि पर तेरा भला हो जिसे तेरा प्रभु परमेश्वर तुझे प्रदान कर रहा है।
जिस मार्ग पर चलने की आज्ञा तुम्हारे प्रभु परमेश्वर ने दी है, तुम उस पर चलना। तब तुम जीवित रहोगे, तुम्हारा भला होगा, और जिस देश पर तुम अधिकार करने जा रहे हो, उसमें तुम बहुत दिन तक जीवित रह सकोगे।
‘जो आज्ञाएं, संविधियाँ और न्याय-सिद्धान्त तुम्हें सिखाने के लिए तुम्हारे प्रभु परमेश्वर ने मुझे आज्ञा दी थी, वे ये ही हैं। तुम उस देश में इनके अनुसार कार्य करना, जिसको तुम अपने अधिकार में करने के लिए वहाँ जा रहे हो।
प्रभु ने हमें आज्ञा दी है कि हम इन संविधियों के अनुसार कार्य करें, अपने प्रभु परमेश्वर से डरें और उसकी भक्ति करें। तब सदा हमारा भला होगा, और हम जीवित रहेंगे, जैसा आज भी हम हैं।
तू इन्हें अपने बच्चों के हृदय में बैठा देना। जब तू अपने घर में बैठता है, अथवा मार्ग पर चलता है, जब तू लेटता है अथवा उठता है, तब तू इन्हीं की चर्चा करना।
इस कारण पृथ्वी के सब लोगों को ज्ञात होगा कि प्रभु के हाथ में सामर्थ्य है, और तुम जीवन-भर अपने प्रभु परमेश्वर की भक्ति करते रहोगे।’
यदि आप उसे “पिता” कह कर पुकारते हैं, जो पक्षपात किये बिना प्रत्येक मनुष्य का उसके कर्मों के अनुसार न्याय करता है, तो जब तक आप यहाँ परदेश में रहते हैं, तब तक उस पर श्रद्धा रखते हुए जीवन बितायें।