अनेक देशों से लोग सुलेमान की ज्ञान-चर्चा सुनने के लिए आते थे। उसे विश्व के राजाओं से, जिन्होंने उसकी ज्ञान-चर्चा सुनी थी, उपहार प्राप्त होते थे।
व्यवस्थाविवरण 4:6 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) तुम उनका पालन करना और उनके अनुसार कार्य करना, क्योंकि इनके द्वारा ही दूसरी जातियों की दृष्टि में तुम्हारी बुद्धि और समझ प्रकट होगी। जब वे इन संविधियों के विषय में सुनेंगी तब कहेंगी, “निस्सन्देह, इस महान् राष्ट्र के लोग बुद्धिमान और समझदार हैं।” पवित्र बाइबल इन नियमों का सावधानी से पालन करो। यह अन्य राष्ट्रों को सूचित करेगा कि तुम बुद्धि और समझ रखते हो। जब उन देशों के लोग इन नियमों के बारे में सुनेंगे तो वे कहेंगे कि, ‘सचमुच इस महान राष्ट्र (इस्राएल) के लोग बुद्धिमान और समझदार हैं।’ Hindi Holy Bible सो तुम उन को धारण करना और मानना; क्योंकि और देशों के लोगों के साम्हने तुम्हारी बुद्धि और समझ इसी से प्रगट होगी, अर्थात वे इन सब विधियों को सुनकर कहेंगे, कि निश्चय यह बड़ी जाति बुद्धिमान और समझदार है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) इसलिये तुम उनको धारण करना और मानना; क्योंकि और देशों के लोगों के सामने तुम्हारी बुद्धि और समझ इसी से प्रगट होगी, अर्थात् वे इन सब विधियों को सुनकर कहेंगे, कि निश्चय यह बड़ी जाति बुद्धिमान और समझदार है। सरल हिन्दी बाइबल तब इनका पालन करो; क्योंकि इनका पालन करना और इन पर चलना ही उन लोगों की दृष्टि में तुम्हारी समझ और बुद्धिमानी होगी, जो इन विधियों का वर्णन सुनेंगे और तब उनके शब्द होंगे, “निश्चय यह सम्पन्न राष्ट्र एक बुद्धिमान और ज्ञानवान राष्ट्र है.” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 इसलिए तुम उनको धारण करना और मानना; क्योंकि और देशों के लोगों के सामने तुम्हारी बुद्धि और समझ इसी से प्रगट होगी, अर्थात् वे इन सब विधियों को सुनकर कहेंगे, कि निश्चय यह बड़ी जाति बुद्धिमान और समझदार है। |
अनेक देशों से लोग सुलेमान की ज्ञान-चर्चा सुनने के लिए आते थे। उसे विश्व के राजाओं से, जिन्होंने उसकी ज्ञान-चर्चा सुनी थी, उपहार प्राप्त होते थे।
परमेश्वर ने मनुष्य से कहा, “देखो, मुझ-प्रभु की भक्ति करना ही बुद्धिमानी है; और बुराई से दूर रहना ही समझदारी है!” ’
प्रभु की भक्ति करना बुद्धि का आरम्भ है; जो उसका पालन करते हैं, उनको उत्तम समझ प्राप्त होती है। प्रभु की स्तुति सदा की जाएगी!
प्रभु की व्यवस्था सिद्ध है, आत्मा को संजीवन देनेवाली; प्रभु की साक्षी विश्वसनीय है, बुद्धिहीन को बुद्धि देने वाली;
प्रभु के आदेश न्याय-संगत हैं, हृदय को हर्षाने वाले; प्रभु की आज्ञा निर्मल है, आंखों को आलोकित करने वाली;
बुद्धिमान भी इन वचनों को सुने, और वह अपनी विद्या को बढ़ाए; समझदार व्यक्ति जीवन-रूपी नौका को खेने की कुशलता प्राप्त करे।
प्रभु के प्रति भय-भाव ही बुद्धि का मूल है, जो मूर्ख हैं; वे ही बुद्धि और शिक्षा को तुच्छ समझते हैं।
विवेकी मनुष्य की बुद्धि क्या है? अपने मार्ग को पहचानना; परन्तु मूर्खो की मूर्खता केवल धोखा देना है।
अपनी धार्मिकता के कारण अपनी व्यवस्था को महिमा देने के लिए, उसको गौरव प्रदान करने के लिए प्रभु अपने सेवक इस्राएल से प्रसन्न हुआ था।
बुद्धिमान लोग अपमानित होंगे; वे विस्मित होंगे, और अपने ही जाल में फंस जाएंगे। उन्होंने भी प्रभु के वचन को अस्वीकार कर दिया, तो क्या उनमें बुद्धि रहेगी?
‘मैं, स्वामी-प्रभु यों कहता हूँ: यही स्थिति यरूशलेम नगर की है। मैंने उसको राष्ट्रों के मध्य स्थित किया था। उसके चारों ओर अन्य देश बसे हुए थे।
वे चारों राजा की सेवा में उपस्थित होने लगे। जब कभी राजा बुद्धि और समझ के विषय में उनसे कोई प्रश्न पूछता, तब उनका उत्तर सुनकर राजा को यह अनुभव होता कि वे उसके राज्य भर के सब ज्योतिषियों और तांत्रिकों से दस गुना अधिक प्रवीण हैं।
“ओ ज्योतिषियों के अगुए, बेलतशस्सर! मैं जनता हूं कि तुममें पवित्र परमेश्वर का आत्मा निवास करता है, और तुम्हारे लिए किसी भी रहस्य का भेद बताना कठिन नहीं है। सुनो, मैंने यह स्वप्न देखा है। मुझे इसका अर्थ बताओ।
तब सब राष्ट्र तुम्हें सुखी राष्ट्र कहेंगे, क्योंकि तुम्हारा देश एक मनोहर देश होगा।’ स्वर्गिक सेनाओं के प्रभु ने यह कहा है।
इसलिए तुम इस विधान के वचनों का पालन करो, और उनके अनुसार कार्य करो, जिससे तुम अपने समस्त कार्यों को सफलतापूर्वक सम्पन्न कर सकोगे।
तब उन्होंने उनसे यह कहा, ‘जो शब्द मैं आज गम्भीर साक्षी के रूप में तुमसे कह रहा हूँ, उन्हें अपने हृदय में बैठा लो, और अपने बच्चों को सिखाओ, जिससे वे इस व्यवस्था के सब वचनों के अनुसार कार्य कर सकें।
क्योंकि व्यवस्था के ये शब्द खोखले नहीं हैं, वरन् ये तुम्हारा जीवन हैं। इन शब्दों के अनुसार कार्य करने से तुम्हारी आयु उस देश में लम्बी होगी, जहाँ तुम यर्दन नदी को पार कर अधिकार करने के लिए जा रहे हो।’
और यह कि तुम बचपन से पवित्र आलेखों से परिचित हो। ये पवित्र आलेख तुम्हें उस मुक्ति का ज्ञान दे सकते हैं, जो येशु मसीह में विश्वास करने से प्राप्त होती है।
आप लोगों में जो ज्ञानी और समझदार होने का दावा करता है, वह अपने सदाचरण द्वारा, अपने नम्र तथा बुद्धिमान व्यवहार द्वारा इस बात का प्रमाण दे।