कि वे अंत तक प्रभु की संविधि का पालन करें; उसकी व्यवस्था को मानते रहें। प्रभु की स्तुति करो!
व्यवस्थाविवरण 4:1 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) ‘अब, ओ इस्राएल, जो संविधि और न्याय-सिद्धान्त पालन करने के लिए आज मैं तुम्हें सिखाऊंगा, उनको तुम सुनना, जिससे तुम जीवित रह सको और उस देश में प्रवेश कर उस पर अधिकार कर सको, जो तुम्हारे पूर्वजों का प्रभु परमेश्वर तुम्हें दे रहा है। पवित्र बाइबल “इस्राएल, अब उन नियमों और आदेशों को सुनो जिनका उपदेश मैं दे रहा हूँ। उनका पालन करो। तब तुम जीवित रहोगे और जा सकोगे तथा उस प्रदेश को ले सकोगे जिसे यहोवा तुम्हारे पूर्वजों का परमेश्वर तुम्हें दे रहा है। Hindi Holy Bible अब, हे इस्राएल, जो जो विधि और नियम मैं तुम्हें सिखाना चाहता हूं उन्हें सुन लो, और उन पर चलो; जिस से तुम जीवित रहो, और जो देश तुम्हारे पितरों का परमेश्वर यहोवा तुम्हें देता है उस में जा कर उसके अधिकारी हो जाओ। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) “अब, हे इस्राएल, जो जो विधि और नियम मैं तुम्हें सिखाना चाहता हूँ उन्हें सुन लो, और उन पर चलो; जिस से तुम जीवित रहो, और जो देश तुम्हारे पितरों का परमेश्वर यहोवा तुम्हें देता है उसमें जाकर उसके अधिकारी हो जाओ। सरल हिन्दी बाइबल हे इस्राएल, उन विधियों और नियमों को ध्यान से सुन लो, जिनका पालन करने की शिक्षा मैं तुम्हें दे रहा हूं, कि तुम जीवित रहते हुए उस देश में प्रवेश कर उस पर अधिकार कर लो, जो तुम्हारे पूर्वजों के परमेश्वर याहवेह तुम्हें दे रहे हैं. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 “अब, हे इस्राएल, जो-जो विधि और नियम मैं तुम्हें सिखाना चाहता हूँ उन्हें सुन लो, और उन पर चलो; जिससे तुम जीवित रहो, और जो देश तुम्हारे पितरों का परमेश्वर यहोवा तुम्हें देता है उसमें जाकर उसके अधिकारी हो जाओ। |
कि वे अंत तक प्रभु की संविधि का पालन करें; उसकी व्यवस्था को मानते रहें। प्रभु की स्तुति करो!
तुम उन पर परमेश्वर की संविधि और व्यवस्था प्रकाशित करना। तुम उन्हें मार्ग बतलाना, जिस पर उन्हें चलना चाहिए; वे कार्य सिखाना, जो उन्हें करने चाहिए।
प्रभु ने मुझ से कहा, ‘यिर्मयाह, तू ये शब्द यहूदा प्रदेश के नगरों तथा यरूशलेम के गली-कूचों में घोषित कर: विधान के ये शब्द सुनो और उनके अनुसार आचरण करो।
ताकि वे मेरी संविधियों के अनुसार आचरण करें, मेरे न्याय-सिद्धान्तों का पालन करें और मेरी आज्ञाओं को मानें। तब वे मेरे निज लोग होंगे, और मैं उनका परमेश्वर हूंगा।
वहां मैंने उनको अपनी संविधियां प्रदान कीं। मैं उनको अपने न्याय-सिद्धान्त बताए, जिनके अनुसार आचरण करने पर मनुष्य जीवित रहता है।
‘किन्तु इस्राएलियों की नई पीढ़ी ने भी मुझसे विद्रोह किया। उन्होंने मेरी संविधियों के अनुरूप आचरण नहीं किया। मेरे न्याय-सिद्धान्तों का पालन करने में तत्परता नहीं दिखाई, जिनका पालन करके मनुष्य जीवित रहता है। उन्होंने मेरे विश्राम-दिवस को अपवित्र किया। ‘अत: मैंने निश्चय किया कि मैं उनको दण्ड देने के लिए निर्जन प्रदेश में उन पर अपनी क्रोधाग्नि की वर्षा करूंगा, मैं उन पर घातक प्रहार करूंगा।
मैं तुम्हारे भीतर अपना आत्मा प्रतिष्ठित करूंगा। तब तुम मेरी संविधियों के अनुसार आचरण करोगे, और मेरे आदेशों का तत्परतापूर्वक पालन करोगे।
‘मेरा सेवक दाऊद उनका राजा होगा, और उन-सब का एक ही चरवाहा होगा। वे मेरे आदेशों के अनुसार जीवन व्यतीत करेंगे, और मेरी संविधियों के अनुरूप आचरण करेंगे।
तुम मेरी संविधियों एवं न्याय-सिद्धान्तों का पालन करना; क्योंकि उनको मानने से मनुष्य जीवित रहेगा। मैं प्रभु हूँ।
‘तुम मेरी संविधियों का पालन करना। तुम अपने पशुओं को विजातीय पशुओं से गर्भाधान मत कराना। तुम अपने खेतों में दो जाति के बीज नहीं बोना, और न सूती-ऊनी धागे के सम्मिश्रण से बुने हुए वस्त्र अपने ऊपर धारण करना।
तुम मेरी सब संविधियों और न्याय-सिद्धान्तों का पालन करना, और उन्हें व्यवहार में लाना। मैं प्रभु हूँ।’
मेरी संविधियों का पालन करो और उनको व्यवहार में लाओ। तुम्हें पवित्र करने वाला मैं, प्रभु हूँ।
मैंने तुम्हें जो-जो आदेश दिये हैं, उन सबका पालन करना उन्हें सिखाओ। देखो, मैं संसार के अन्त तक सदा तुम्हारे साथ हूँ।”
वे दोनों परमेश्वर की दृष्टि में धार्मिक थे। वे प्रभु की सब आज्ञाओं और नियमों का निर्दोष अनुसरण करते थे।
मूसा व्यवस्था पर आधारित धार्मिकता के विषय में लिखते हैं, “जो मनुष्य इन बातों का पालन करेगा, उसे इनके द्वारा जीवन प्राप्त होगा।”
जो बातें इस्राएली समाज से कहने की आज्ञा प्रभु ने मूसा को दी थी, उसके अनुसार मूसा ने वे बातें उनसे चालीसवें वर्ष के ग्यारहवें महीने के पहले दिन कहीं।
देखो, मैंने तुम्हारे सम्मुख यह देश प्रस्तुत किया है। जो देश देने की शपथ, मैं-प्रभु ने तुम्हारे पूर्वज अब्राहम, इसहाक और याकूब से खाई थी कि मैं उन्हें तथा उनके पश्चात् उनके वंशजों को वह देश दूंगा, उसमें जाओ और उस पर अधिकार करो।”
‘तुम आज इस बात को समझ लो कि तुम्हारे बच्चों ने नहीं, वरन् तुमने शिक्षा प्राप्त की है।
तब प्रभु परमेश्वर की समस्त संविधियों और आदेशों क पालन करना, और उनके अनुसार कार्य करना, जो आज मैं तुम्हारे सम्मुख प्रस्तुत कर रहा हूँ।
‘यदि तेरे मध्य में किसी नबी अथवा स्वप्न-द्रष्टा का जन्म हो, वह तुझे चिह्न अथवा आश्चर्यपूर्ण कार्य दिखाए
तू न्याय, केवल न्याय का अनुसरण करना, जिससे तू उस देश में, जिसको तेरा प्रभु परमेश्वर तुझे दे रहा है, जीवित रहे और उस पर अधिकार करे।
यदि तू अपने प्रभु परमेश्वर की आज्ञाओं का पालन करेगा, जिनका आदेश आज मैं तुझे दे रहा हूँ, यदि तू अपने प्रभु परमेश्वर से प्रेम करेगा और उसके मार्ग पर चलेगा, यदि तू उसकी आज्ञाओं, संविधियों और न्याय-सिद्धान्तों का पालन करेगा, तो तू जीवित रहेगा, और असंख्य होगा। प्रभु परमेश्वर तुझ को उस देश में, जिस पर अधिकार करने के लिए तू वहाँ जा रहा है, आशिष देगा।
मैं आज आकाश और पृथ्वी को तेरे विरुद्ध साक्षी देने के लिए बुलाऊंगा कि मैंने तेरे सम्मुख जीवन और मृत्यु, आशिष और अभिशाप रख दिए हैं! इसलिए जीवन को चुन, जिससे तू और तेरे वंशज जीवित रहें,
अपने प्रभु परमेश्वर से प्रेम करें, उसकी वाणी सुनें और उससे चिपके रहें। यही तेरे जीवन का अभिप्राय है। इस पर ही तेरी दीर्घायु निर्भर है। तब तू उस भूमि पर निवास कर सकेगा, जिसकी शपथ प्रभु ने तेरे पूर्वजों से, अब्राहम, इसहाक और याकूब से खाई थी कि वह उनको प्रदान करेगा।’
इसलिए तू उसकी संविधियों और आज्ञाओं का पालन करना, जिनका आदेश आज मैं तुझे दे रहा हूं, जिससे तेरा और तेरे पश्चात् तेरी सन्तान का भला हो, और तू उस देश में दीर्घ जीवन व्यतीत करे, जिसको तेरा प्रभु परमेश्वर सदा के लिए तुझे प्रदान कर रहा है।’
ये साक्षी, संविधि और न्याय-सिद्धान्त मूसा ने इस्राएली लोगों से उस समय कहे थे, जब वे मिस्र देश से निकल आए थे,
ऐसा कौन महान् राष्ट्र है जिस की संविधि और न्याय-सिद्धान्त इस व्यवस्था के सदृश धार्मिक हैं, जिसको मैं आज तुम्हारे सम्मुख प्रस्तुत कर रहा हूं?
मूसा ने समस्त इस्राएली समाज को बुलाया, और उनसे यह कहा, ‘ओ इस्राएल! जो संविधियाँ और न्याय-सिद्धान्त आज मैं तुम्हारे कान में डाल रहा हूँ, उनको सुनो। तुम उन्हें सीखना, और उनको व्यवहार में लाने के लिए सदा तत्पर रहना।
जिस मार्ग पर चलने की आज्ञा तुम्हारे प्रभु परमेश्वर ने दी है, तुम उस पर चलना। तब तुम जीवित रहोगे, तुम्हारा भला होगा, और जिस देश पर तुम अधिकार करने जा रहे हो, उसमें तुम बहुत दिन तक जीवित रह सकोगे।
‘जो आज्ञाएं, संविधियाँ और न्याय-सिद्धान्त तुम्हें सिखाने के लिए तुम्हारे प्रभु परमेश्वर ने मुझे आज्ञा दी थी, वे ये ही हैं। तुम उस देश में इनके अनुसार कार्य करना, जिसको तुम अपने अधिकार में करने के लिए वहाँ जा रहे हो।
प्रभु ने हमें आज्ञा दी है कि हम इन संविधियों के अनुसार कार्य करें, अपने प्रभु परमेश्वर से डरें और उसकी भक्ति करें। तब सदा हमारा भला होगा, और हम जीवित रहेंगे, जैसा आज भी हम हैं।
इसलिए ओ इस्राएल, तू प्रभु की समस्त आज्ञाओं, संविधियों और आदेशों का पालन करना, जिनको व्यवहार में लाने की आज्ञा मैं आज तुझे दे रहा हूँ।
‘समस्त आज्ञाओं के अनुसार, जिनका आदेश मैं तुझे आज दे रहा हूँ, कार्य करने के लिए तू तत्पर रहना, जिससे तू जीवित रहे और अधिक शक्तिशाली बने, और उस देश में जाकर उसको अपने अधिकार में करे, जिसको प्रदान करने की शपथ प्रभु ने तेरे पूर्वजों से खाई थी।
‘सावधान! ऐसा न हो कि तू अपने प्रभु परमेश्वर की आज्ञाओं, न्याय-सिद्धान्तों और संविधियों को भूल जाए, जिनका आदेश आज मैं तुझे दे रहा हूँ और तू उनका पालन न करे।
‘ओ इस्राएल, सुन! आज तू अपने से अधिक महान और शक्तिशाली रष्ट्रों को निकालने के लिए यर्दन नदी पार करेगा। तू विशाल और गगन-चुम्बी परकोटे वाले नगरों को,