उसके बाद तू मेरी रुचि के अनुसार मेरे लिए स्वादिष्ट भोजन पकाना और उसको मेरे पास लाना। मैं उसको खाऊंगा और मरने के पूर्व तुझे आशीर्वाद दूँगा।’
व्यवस्थाविवरण 33:1 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) जो आशीर्वाद परमेश्वर के प्रियजन मूसा ने अपनी मृत्यु के पूर्व इस्राएली समाज को दिया था, वह यह है। पवित्र बाइबल मरने के पहले परमेश्वर के व्यक्ति मूसा ने इस्राएल के लोगों को यह आशीर्वाद दिया। Hindi Holy Bible जो आशीर्वाद परमेश्वर के जन मूसा ने अपनी मृत्यु से पहिले इस्राएलियों को दिया वह यह है॥ पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) जो आशीर्वाद परमेश्वर के जन मूसा ने अपनी मृत्यु से पहले इस्राएलियों को दिया वह यह है। सरल हिन्दी बाइबल अपनी मृत्यु के पहले मोशेह ने, जो परमेश्वर के जन थे, इस्राएलियों को इन शब्दों में आशीर्वाद दिए. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 जो आशीर्वाद परमेश्वर के जन मूसा ने अपनी मृत्यु से पहले इस्राएलियों को दिया वह यह है। |
उसके बाद तू मेरी रुचि के अनुसार मेरे लिए स्वादिष्ट भोजन पकाना और उसको मेरे पास लाना। मैं उसको खाऊंगा और मरने के पूर्व तुझे आशीर्वाद दूँगा।’
तब याकूब ने अपने पुत्रों को बुलाकर उनसे कहा, ‘परस्पर एकत्र हो। मैं तुम्हें आगामी दिनों की बातें बताऊंगा जो तुम्हारे साथ घटेंगी।
ये इस्राएल के बारह कुल हैं। ये ही आशीर्वचन उनके पिता ने उच्चारे थे। उन्होंने प्रत्येक कुल को उसके उपयुक्त आशीर्वाद दिया था।
जब यारोबआम बेत-एल की वेदी पर सुगन्धित धूप-द्रव्य जलाने के लिए खड़ा था, तब प्रभु के वचन से उत्प्रेरित होकर यहूदा प्रदेश से ‘परमेश्वर का एक जन’ वहाँ आया।
अत: राजा ने परमेश्वर के जन से कहा, ‘कृपाकर, तुम अपने प्रभु परमेश्वर को शान्त करो और उससे मेरे लिए निवेदन करो कि मेरा हाथ ज्यों का त्यों हो जाए।’ परमेश्वर के जन ने प्रभु से निवेदन किया, और राजा का हाथ ज्यों का त्यों हो गया। जैसे वह पहले था, वैसा ही वह फिर हो गया।
उसके पिता दाऊद ने पुरोहितों और उप-पुरोहितों के सेवा-कार्य अलग-अलग बांट दिए थे। उसने अपने पिता के प्रबन्ध के अनुसार ऐसा ही किया: उसने पुरोहित-कार्य सम्पन्न करने के लिए पुरोहितों के दल बनाए, और उनकी बारी निश्चित कर दी। उसने उप-पुरोहितों का गायक-दल नियुक्त किया। ये उप-पुरोहित आराधना के समय न केवल वाद्य-यन्त्र बजाते थे, बल्कि वे दैनिक आराधना में पुरोहितों की सहायता भी करते थे। राजा सुलेमान ने मन्दिर के प्रवेश-द्वारों पर पहरा देने के लिए उप-पुरोहितों के अनेक दल बना दिए थे। इस प्रकार उप-पुरोहित द्वारपाल भी थे; क्योंकि परमेश्वर के जन दाऊद ने ऐसा ही आदेश दिया था।
मैं उनको प्रभु के भवन के एक कमरे में ले गया। इस कमरे में परमेश्वर के जन, नबी हानान बेन-यिग्दल्याह के पुत्र रहते थे। इसी कमरे के पास उच्चाधिकारी का कक्ष था। इस कमरे के ऊपर राजभवन के आंगन के पहरेदार मासेयाह बेन-शल्लूम का कमरा था।
“शान्ति मैं तुम को दिए जाता हूँ। अपनी शान्ति मैं तुम्हें प्रदान करता हूँ− जैसे संसार देता वैसे मैं तुम्हें नहीं देता। तुम्हारा मन व्याकुल और भयभीत न हो।
मैंने तुम से यह सब इसलिए कहा है कि तुम मुझ में शान्ति प्राप्त कर सको। संसार में तुम्हें क्लेश सहना पड़ेगा। परन्तु धैर्य रखो; मैंने संसार पर विजय पायी है।”
परमेश्वर का सेवक होने के नाते तुम इन सब बातों से अलग रह कर धार्मिकता, भक्ति, विश्वास, प्रेम, धैर्य तथा विनम्रता की साधना करो।
यहूदा कुल के लोग गिलगाल में यहोशुअ के पास आए। यपून्ने के पुत्र और कनिज्जी गोत्र के कालेब ने उससे कहा, ‘जो बातें प्रभु ने मेरे और तुम्हारे सम्बन्ध में अपने सेवक मूसा से कादेश-बर्नेअ नगर में की थीं, उन्हें तुम जानते हो।
क्योंकि मनुष्य की इच्छा से कभी नबूवत मुखरित नहीं हुई, बल्कि पवित्र आत्मा से प्रेरित हो कर मनुष्य परमेश्वर की ओर से बोले।
तब पत्नी अपने पति के पास आई। उसने यह कहा, ‘परमेश्वर का एक प्रियजन मेरे पास आया था। परमेश्वर के दूत के सदृश उसका तेज था; अत्यन्त आतंकमय तेज था! मैंने उससे नहीं पूछा कि वह कहाँ से आया है। उसने मुझे अपना नाम भी नहीं बताया।
एक दिन परमेश्वर का एक प्रियजन एली के पास आया। उसने एली से कहा, ‘प्रभु ने यह कहा है: “जब तेरा पितृ-कुल मिस्र देश में फरओ राजाओं का गुलाम था तब मैंने उस पर स्वयं को प्रकट किया था।