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1 तीमुथियुस 6:11 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

11 परमेश्‍वर का सेवक होने के नाते तुम इन सब बातों से अलग रह कर धार्मिकता, भक्‍ति, विश्‍वास, प्रेम, धैर्य तथा विनम्रता की साधना करो।

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पवित्र बाइबल

11 किन्तु हे परमेश्वर के जन, तू इन बातों से दूर रह तथा धार्मिकता, भक्तिपूर्ण सेवा, विश्वास, प्रेम, धैर्य और सज्जनता में लगा रह।

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Hindi Holy Bible

11 पर हे परमेश्वर के जन, तू इन बातों से भाग; और धर्म, भक्ति, विश्वास, प्रेम, धीरज, और नम्रता का पीछा कर।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

11 पर हे परमेश्‍वर के जन, तू इन बातों से भाग, और धर्म, भक्‍ति, विश्‍वास, प्रेम, धीरज और नम्रता का पीछा कर।

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नवीन हिंदी बाइबल

11 परंतु हे परमेश्‍वर के जन, तू इन बातों से भाग; और धार्मिकता, भक्‍ति, विश्‍वास, प्रेम, धीरज और नम्रता का पीछा कर।

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सरल हिन्दी बाइबल

11 परंतु तुम, जो परमेश्वर के सेवक हो, इन सबसे दूर भागो तथा सच्चाई, परमेश्वर भक्ति, विश्वास, प्रेम, धीरज तथा विनम्रता का पीछा करो.

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1 तीमुथियुस 6:11
40 क्रॉस रेफरेंस  

जब यारोबआम बेत-एल की वेदी पर सुगन्‍धित धूप-द्रव्‍य जलाने के लिए खड़ा था, तब प्रभु के वचन से उत्‍प्रेरित होकर यहूदा प्रदेश से ‘परमेश्‍वर का एक जन’ वहाँ आया।


जब नबी ने, जो परमेश्‍वर के जन को मार्ग से लौटा लाया था, यह बात सुनी तब उसने कहा, ‘वह परमेश्‍वर का जन है। उसने प्रभु के आदेश से विद्रोह किया था। अत: प्रभु ने उसको सिंह के हवाले कर दिया, जिसने उसको चीर-फाड़ दिया, और उसको मार डाला। ऐसा ही प्रभु ने उससे कहा था।’


विधवा ने एलियाह से कहा, ‘परमेश्‍वर के जन, मैंने आपका क्‍या अपराध किया था? क्‍या आप मेरे घर में इसलिए आए थे कि परमेश्‍वर मेरे अधर्म का स्‍मरण कराए और इस कारण मेरे पुत्र का देहान्‍त हो जाए।’


स्‍त्री ने एलियाह को उत्तर दिया, ‘अब मैं जान गई कि आप निश्‍चय ही परमेश्‍वर के जन हैं। आपके मुख का प्रभु-वचन सत्‍य है।’


परमेश्‍वर का वही जन समीप आया। उसने इस्राएल प्रदेश के राजा से यह कहा, ‘प्रभु यह कहता है ‘ सीरियाई लोगों ने यह कहा है, “प्रभु पहाड़ों का ईश्‍वर है, वह घाटियों का ईश्‍वर नहीं है।” इसलिए मैं इस विशाल सेना को तेरे हाथ में सौंप दूंगा। तब तुझे ज्ञात होगा कि मैं निश्‍चय ही प्रभु हूं।’


राजा ने एलियाह के पास पुन: पचास सैनिकों के तीसरे दल को तथा उनके सेना-नायक को भेजा। तीसरा सेना-नायक पहाड़ पर चढ़ा। वह एलियाह के समीप आया। उसने एलियाह के सम्‍मुख घुटने टेके, और उनसे यह निवेदन किया, “हे परमेश्‍वर के जन! कृपाकर, मेरे प्राण को और अपने पचास सेवकों के प्राण को अपनी दृष्‍टि में तुच्‍छ मत समझिए।


राजा ने एलियाह के पास पचास सैनिकों तथा उनके सेना-नायक को भेजा। सेना-नायक गया। उस समय एलियाह पहाड़ की चोटी पर बैठे हुए थे। सेना-नायक ने एलियाह को पुकारा, ‘ओ परमेश्‍वर के जन! महाराज ने यह कहा है: “नीचे उतरो!” ’


तब उसने पूछा, ‘यह समाधि, जो मैं देख रहा हूं, किसकी है?’ नगर के लोगों ने उसको बताया, ‘यह परमेश्‍वर के जन की कबर है। वह यहूदा प्रदेश से यहां आए थे। उन्‍होंने बेत-एल की वेदी के सम्‍बन्‍ध में वे ही बातें कहीं थीं, जो आपने अभी की हैं।’


तब परमेश्‍वर के जन एलीशा के सेवक गेहजी ने यह सोचा, ‘मेरे गुरु ने इस सीरियाई नामान को यों ही छोड़ दिया। जो भेंट वह लाया था, उसको उन्‍होंने अपने हाथ से स्‍वीकार नहीं किया। जीवन्‍त प्रभु की सौगन्‍ध! मैं उसके पीछे दौड़कर जाऊंगा, और उससे कुछ भेंट लूंगा।’


परमेश्‍वर के जन मूसा के वंशजों को लेवी कुल के अन्‍तर्गत गिना गया।


उसके पिता दाऊद ने पुरोहितों और उप-पुरोहितों के सेवा-कार्य अलग-अलग बांट दिए थे। उसने अपने पिता के प्रबन्‍ध के अनुसार ऐसा ही किया: उसने पुरोहित-कार्य सम्‍पन्न करने के लिए पुरोहितों के दल बनाए, और उनकी बारी निश्‍चित कर दी। उसने उप-पुरोहितों का गायक-दल नियुक्‍त किया। ये उप-पुरोहित आराधना के समय न केवल वाद्य-यन्‍त्र बजाते थे, बल्‍कि वे दैनिक आराधना में पुरोहितों की सहायता भी करते थे। राजा सुलेमान ने मन्‍दिर के प्रवेश-द्वारों पर पहरा देने के लिए उप-पुरोहितों के अनेक दल बना दिए थे। इस प्रकार उप-पुरोहित द्वारपाल भी थे; क्‍योंकि परमेश्‍वर के जन दाऊद ने ऐसा ही आदेश दिया था।


लेवी वंशजों के मुखिया ये थे : हशब्‍याह, शेरेब्‍याह, और येशुअ बेन-कदमीएल। उनके साथ उनके भाई थे जो आराधना में स्‍तुति और भजन-कीर्तन गाते समय परमेश्‍वर के जन दाऊद के आदेश के अनुसार निर्धारित दलों में बंटकर उनके सम्‍मुख खड़े रहते थे।


जकर्याह के भाई-बन्‍धु जो पुरोहित थे− शमायाह, अजरेल, मिललई, गिललई, माए, नतनेल, यहूदा और हनानी− परमेश्‍वर के जन दाऊद के वाद्य-यन्‍त्र बजा रहे थे। उनके आगे-आगे शास्‍त्री एज्रा चल रहा था।


बुराई को छोड़ों, और भलाई करो; शांति को खोजो, और उसका अनुसरण करो।


जो भलाई का प्रतिकार बुराई से करते हैं, वे मेरे बैरी हैं- क्‍योंकि मैं भलाई का अनुसरण करता हूँ।


प्रभु दुर्जन के दुराचरण से घृणा करता है, किन्‍तु वह धर्म के मार्ग पर चलनेवाले व्यक्‍ति से प्रेम करता है।


ओ धर्म पर आचरण करनेवालो! प्रभु को ढूंढ़नेवालो, मेरी बात सुनो! जिस चट्टान से तुम काटे गए, जिस खदान से तुम निकाले गए, उस पर ध्‍यान दो।


मैं उनको प्रभु के भवन के एक कमरे में ले गया। इस कमरे में परमेश्‍वर के जन, नबी हानान बेन-यिग्‍दल्‍याह के पुत्र रहते थे। इसी कमरे के पास उच्‍चाधिकारी का कक्ष था। इस कमरे के ऊपर राजभवन के आंगन के पहरेदार मासेयाह बेन-शल्‍लूम का कमरा था।


हम ऐसी बातों में लगे रहें, जिन से शान्‍ति को बढ़ावा मिलता है और जिनके द्वारा हम एक-दूसरे का निर्माण कर सकें।


मेरे प्रिय भाइयो और बहिनो! आप मूर्तिपूजा से दूर रहें।


आप प्रेम की साधना करते रहें। आप आध्‍यात्‍मिक वरदानों की धुन में रहें; किन्‍तु विशेष रूप से नबूवत के वरदान की अभिलाषा किया करें।


व्‍यभिचार से दूर रहें। मनुष्‍य के दूसरे सभी पाप उसके शरीर से बाहर हैं, किन्‍तु व्‍यभिचार करने वाला अपने ही शरीर के विरुद्ध पाप करता है।


तू न्‍याय, केवल न्‍याय का अनुसरण करना, जिससे तू उस देश में, जिसको तेरा प्रभु परमेश्‍वर तुझे दे रहा है, जीवित रहे और उस पर अधिकार करे।


जो आशीर्वाद परमेश्‍वर के प्रियजन मूसा ने अपनी मृत्‍यु के पूर्व इस्राएली समाज को दिया था, वह यह है।


हमारे प्रभु का अनुग्रह प्रचुर मात्रा में मुझे प्राप्‍त हुआ और साथ ही वह विश्‍वास और प्रेम भी, जो हमें येशु मसीह द्वारा मिलता है।


तुम्‍हारी युवावस्‍था के कारण कोई तुम्‍हारा तिरस्‍कार न करे। तुम वचन, कर्म, प्रेम, विश्‍वास और शुद्धता में विश्‍वासियों के आदर्श बनो।


और अपने भले कामों के कारण नेकनाम हो, जिसने अपने बच्‍चों का अच्‍छा पालन-पोषण किया हो, अतिथियों की सेवा की हो, सन्‍तों के पैर धोये हों, दीन-दुखियों की सहायता की हो, अर्थात् हर प्रकार के परोपकार में लगी रही हो।


तिमोथी! जो निधि तुम्‍हें सौपी गयी है, उसे सुरक्षित रखो। अधार्मिक शब्‍द-आडम्‍बर और मिथ्‍या ‘ज्ञान’ के वाद-प्रतिवादों से दूर रहो।


जो मनुष्‍य सब प्रकार के दूषण अपने से दूर करेगा, वह एक ऐसा पात्र बनेगा, जो ऊंचे प्रयोजन के लिए है, अर्थात् जो पवित्र है, गृह-स्‍वामी के योग्‍य और हर प्रकार के सत्‍कार्य के लिए उपयुक्‍त है।


तुम युवावस्‍था की वासनाओं से दूर रहो और उन सब के साथ, जो शुद्ध हृदय से प्रभु का नाम लेते हैं, धार्मिकता, विश्‍वास, प्रेम तथा शान्‍ति की साधना करते रहो।


तुमने मेरी शिक्षा, मेरे आचरण, मेरे उद्देश्‍य, मेरे विश्‍वास, सहनशीलता, प्रेम और धैर्य का अनुकरण किया है।


जिससे परमेश्‍वर का भक्‍त सुयोग्‍य और हर-प्रकार के सत्‍कार्य के लिए उपयुक्‍त बन जाये।


सब के साथ शान्‍ति बनायें रखें और पवित्रता की साधना करें। इसके बिना कोई व्यक्‍ति प्रभु के दर्शन नहीं कर पायेगा।


वह बुराई से दूर रहे और भलाई करे; वह शान्‍ति को ढूंढ़े तथा उसके लिए प्रयत्‍न करे।


एक दिन परमेश्‍वर का एक प्रियजन एली के पास आया। उसने एली से कहा, ‘प्रभु ने यह कहा है: “जब तेरा पितृ-कुल मिस्र देश में फरओ राजाओं का गुलाम था तब मैंने उस पर स्‍वयं को प्रकट किया था।


सेवक ने उससे कहा, ‘देखिए, इस नगर में परमेश्‍वर का एक प्रियजन है। वह आदरणीय पुरुष है। जो बात वह कहता है, वह सच सिद्ध होती है। आइए, हम वहाँ चलें। जिस मार्ग पर हम जा रहे हैं, शायद वह उसके फल के विषय में हमें बता सके।’


हमारे पर का पालन करें:

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