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व्यवस्थाविवरण 33:2 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

2 मूसा ने कहा, ‘प्रभु सीनय पर्वत से आया, वह सेईर देश से हम पर उदित हुआ, वह पारन पर्वत से प्रकाशवान हुआ। वह लाखों पवित्र प्राणियों के मध्‍य से आया। उसके दाहिने हाथ में ज्‍वालामय अग्‍नि थी।

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पवित्र बाइबल

2 मूसा ने कहा: “यहोवा सीनै से आया, यहोवा सेईर पर प्रातःकालीन प्रकाश सा था। वह पारान पर्वत से ज्योतित प्रकाश—सम था। यहोवा दस सहस्त्र पवित्र लोगों (स्वर्गदूतों) के साथ आया। उसकी दांयी ओर बलिष्ठ सैनिक थे।

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Hindi Holy Bible

2 उसने कहा, यहोवा सीनै से आया, और सेईर से उनके लिये उदय हुआ; उसने पारान पर्वत पर से अपना तेज दिखाया, और लाखों पवित्रों के मध्य में से आया, उसके दाहिने हाथ से उनके लिये ज्वालामय विधियां निकलीं॥

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

2 उसने कहा, “यहोवा सीनै से आया, और सेईर से उनके लिये उदय हुआ; उसने पारान पर्वत पर से अपना तेज दिखाया, और लाखों पवित्रों के मध्य में से आया, उसके दाहिने हाथ से उनके लिये ज्वालामय विधियाँ निकलीं।

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सरल हिन्दी बाइबल

2 उन्होंने कहा: “याहवेह सीनायी से आ गए और सेईर से उन पर सूर्योदय के समान प्रकट हुए; पारान पर्वत से उन्होंने अपनी रोशनी बिखेरी, और वह दस हज़ार पवित्र प्राणियों के बीच में दिखाई दिए, उनके दाएं हाथ से उन पर बिजली कौंध गई.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

2 उसने कहा, “यहोवा सीनै से आया, और सेईर से उनके लिये उदय हुआ; उसने पारान पर्वत पर से अपना तेज दिखाया, और लाखों पवित्रों के मध्य में से आया, उसके दाहिने हाथ से उनके लिये ज्वालामय विधियाँ निकलीं। (यूह. 1:4)

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व्यवस्थाविवरण 33:2
24 क्रॉस रेफरेंस  

उन्‍होंने मिद्यान देश से प्रस्‍थान किया। वे परान देश में आए। उन्‍होंने वहाँ से कुछ लोगों को अपने साथ लिया, और वे मिस्र देश के राजा फरओ के पास पहुँचे। फरओ ने हदद को मकान, भोजन-व्‍यवस्‍था और भूमि प्रदान की।


साकार सौन्‍दर्य-सियोन से परमेश्‍वर प्रकाशमान हुआ।


परमेश्‍वर के रथ हजारों हैं, हजारों-हजार है; स्‍वामी सीनय पर्वत से पवित्र स्‍थान में आया।


वह ऊंचे स्‍थान पर चढ़ गया; और बन्‍दियों को पकड़कर ले गया; उसने लोगों से, विद्रोहियों से भी, उपहार लिया। प्रभु परमेश्‍वर वहां निवास करेगा।


‘सुन, जो स्‍थान मैंने तेरे लिए तैयार किया है, वहाँ तुझे पहुँचाने के उद्देश्‍य से तथा मार्ग में तेरी रक्षा के निमित्त मैं तेरे आगे-आगे एक दूत को भेज रहा हूं।


‘जब मैं पलंग पर लेटा हुआ अपने मन में यह दर्शन देख रहा था, तब मैंने दर्शन में एक प्रहरी को देखा। वह पवित्र दूत था, जो स्‍वर्ग से नीचे उतरा।


परमेश्‍वर तेमान क्षेत्र से आया, पवित्र परमेश्‍वर परान पर्वत से उतरा। (सेलाह) उसके तेज से आसमान ढक गया। उसके जयजयकार से पृथ्‍वी गूंज उठी।


और इस्राएलियों ने सीनय के निर्जन प्रदेश से अपने-अपने क्रम में प्रस्‍थान किया। पारन के निर्जन प्रदेश पर मेघ ठहर गया।


यदि मृत्‍यु-जनक व्‍यवस्‍था का सेवाकार्य, जो पत्‍थरों पर अक्षर अंकित करने में संपन्न हुआ, इतना तेजस्‍वी था कि इस्राएली लोग मूसा के मुख के तेज के कारण-जो क्रमश: क्षीण हो रहा था-उनके मुख पर दृष्‍टि स्‍थिर नहीं कर सके,


यदि दोषी ठहराने की प्रक्रिया में सेवाकार्य इतना तेजस्‍वी था, तो दोषमुक्‍त करने की प्रक्रिया में सेवाकार्य कहीं अधिक तेजोमय होगा।


परन्‍तु जो व्‍यवस्‍था के कर्मकाण्‍ड पर निर्भर रहते हैं, वे शाप के अधीन हैं; क्‍योंकि लिखा है: “जो व्यक्‍ति व्‍यवस्‍था-ग्रन्‍थ में लिखी हुई सभी बातों का पालन नहीं करता रहता है, वह शापित है।”


तब व्‍यवस्‍था का प्रयोजन क्‍या है? जिस वंशज को प्रतिज्ञा दी गयी थी, उसके आने के समय तक व्‍यवस्‍था अपराधों के कारण जोड़ दी गयी थी। वह स्‍वर्गदूतों द्वारा मध्‍यस्‍थ के माध्‍यम से घोषित की गयी है।


इन बातों का एक लाक्षणिक अर्थ है। वे दो स्‍त्रियाँ दो विधानों की प्रतीक हैं। एक विधान, अर्थात् सीनय पर्वत का विधान, दासता के लिए सन्‍तति उत्‍पन्न करता है। यह हागार है।


‘प्रभु ने ये ही वचन पहाड़ पर तुम्‍हारी समस्‍त धर्म-महासभा से कहे थे। वह अग्‍नि के मध्‍य, मेघ और सघन अन्‍धकार में से उच्‍च स्‍वर में बोला था। तत्‍पश्‍चात् उसने कुछ नहीं कहा वरन् उन्‍हें पत्‍थर की दो पट्टियों पर लिखा और उनको मुझे दे दिया।


और आप को, जो कष्‍ट सह रहे हैं, और हम को, उस समय विश्राम दे, जब प्रभु येशु प्रकट होंगे और अपने शक्‍तिशाली दूतों के साथ प्रज्‍वलित अग्‍नि में आकाश से उतरेंगे। तब वह उन लोगों को दण्‍डित करेंगे, जो परमेश्‍वर को स्‍वीकार नहीं करते और हमारे प्रभु येशु का शुभ समाचार सुनने से इन्‍कार करते हैं।


क्‍योंकि वे इस आदेश से घबरा गये थे, “यदि पशु भी इस पर्वत का स्‍पर्श करेगा, तो वह पत्‍थरों से मारा जायेगा।”


यदि स्‍वर्गदूतों द्वारा दिये हुए सन्‍देश का इतना महत्व था कि उसके प्रत्‍येक अतिक्रमण अथवा तिरस्‍कार को उचित दण्‍ड मिला,


आदम की सातवीं पीढ़ी में हनोक ने इन लोगों के विषय में यह कहते हुए भविष्‍यवाणी की, “देखो, प्रभु अपने सहस्रों पवित्र दूतों के साथ आ कर


मैंने पुन: देखा, और सिंहासन, प्राणियों और धर्मवृद्धों के चारों ओर खड़े बहुत-से स्‍वर्गदूतों की आवाज सुनी − उनकी संख्‍या लाखों और करोड़ों में थी।


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