उनके द्वारा सताए गए गरीबों की दुहाई परमेश्वर तक पहुँची, और उसने पीड़ितों की चीख-पुकार सुनी।
व्यवस्थाविवरण 15:9 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) तू सावधान रहना। ऐसा न हो कि यह अधम विचार तेरे हृदय में आए, “सातवां वर्ष, ऋण-मुक्ति का वर्ष निकट है” , और तू अपने गरीब भाई-बहिन को अनुदार दृष्टि से देखने लगे, और उसे कुछ न दे। वह तेरे विरुद्ध प्रभु की दुहाई दे सकता है, और यह तेरे लिए एक पाप-कर्म होगा। पवित्र बाइबल “किसी को सहायता देने से इसलिए इन्कार न करो, क्योंकि ऋण को खत्म करने का सातवाँ वर्ष समीप है। इस प्रकार का बुरा विचार अपने मन में न अने दो। तुम्हें उस व्यक्ति के प्रति बुरे विचार नहीं रखने चाहिए जिसे सहायता की आवश्यकता है। तुम्हें उसकी सहायता करने से इन्कार नहीं करना चाहिए। यदि तुम उस गरीब व्यक्ति को कुछ नहीं देते तो वह यहोवा से तुम्हारे विरुद्ध शिकायत करेगा और यहोवा तुम्हें पाप करने का उत्तरदायी पाएगा। Hindi Holy Bible सचेत रह कि तेरे मन में ऐसी अधम चिन्ता न समाए, कि सातवां वर्ष जो छुटकारे का वर्ष है वह निकट है, और अपनी दृष्टि तू अपने उस दरिद्र भाई की ओर से क्रूर करके उसे कुछ न दे, और वह तेरे विरुद्ध यहोवा की दुहाई दे, तो यह तेरे लिये पाप ठहरेगा। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) सचेत रह कि तेरे मन में ऐसी अधम चिन्ता न समाए, कि सातवाँ वर्ष जो छुटकारे का वर्ष है वह निकट है, और अपनी दृष्टि तू अपने उस दरिद्र भाई की ओर से क्रूर करके उसे कुछ न दे, और वह तेरे विरुद्ध यहोवा की दोहाई दे, तो यह तेरे लिये पाप ठहरेगा। सरल हिन्दी बाइबल सावधान रहना कि तुम्हारे हृदय में इस अवसर पर यह घृणित, हीन और स्वार्थ-भरा विचार न आ जाए: “सातवां साल! ऋण मुक्त करने का साल निकट है!” और तुम्हारी अभिवृत्ति उस गरीब इस्राएली भाई के प्रति द्वेष भरी हो जाए, परिणामस्वरूप तुम उसे कुछ भी न दो. उस स्थिति में वह तुम्हारे विरुद्ध याहवेह की दोहाई देगा और तुम खुद पर पाप ले आओ. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 सचेत रह कि तेरे मन में ऐसी अधर्मी चिन्ता न समाए, कि सातवाँ वर्ष जो छुटकारे का वर्ष है वह निकट है, और अपनी दृष्टि तू अपने उस दरिद्र भाई की ओर से क्रूर करके उसे कुछ न दे, और वह तेरे विरुद्ध यहोवा की दुहाई दे, तो यह तेरे लिये पाप ठहरेगा। |
उनके द्वारा सताए गए गरीबों की दुहाई परमेश्वर तक पहुँची, और उसने पीड़ितों की चीख-पुकार सुनी।
मैं अधम बातों को अपने नेत्रों के समक्ष नहीं रखूंगा। मैं पथभ्रष्टों के काम से घृणा करता हूं, मैं दुष्कर्म में लिप्त नहीं हूंगा।
प्रभु यह कहता है, “पीड़ित लुट गए, दरिद्र विलाप करते हैं। इस कारण अब मैं उठूंगा; मैं उसे सुरक्षित रखूंगा, जो सुरक्षा चाहता है।”
प्रभु पीड़ित को स्मरण रखता है। वह उसकी आह नहीं भूलता है। क्योंकि वह हत्या का प्रतिशोध लेने वाला प्रभु है!
यदि तू उनको पीड़ा पहुँचाएगा और वे मेरी दुहाई देगें तो मैं निश्चय ही उनकी दुहाई सुनूंगा।
प्रभु ने कहा, ‘मैंने निश्चय ही अपनी प्रजा की, जो मिस्र देश में है, दु:ख-पीड़ा देखी है। उनसे बेगार कराने वालों के कारण उत्पन्न उनकी दुहाई सुनी है। मैं उनके दु:ख को जानता हूं।
जो मनुष्य अपने पड़ोसी से घृणा करता है, वह पापी है; पर गरीबों पर दया करनेवाला व्यक्ति धन्य है।
जो मनुष्य गरीब की दुहाई सुनकर कान बन्द कर लेता है, वह जब स्वयं सहायता के लिए पुकारेगा तब उसकी दुहाई भी नहीं सुनी जाएगी।
कंजूस मनुष्य धन कमाने के लिए तड़पता है; परन्तु वह नहीं जानता है कि वह फिर अभाव का जीवन बिताएगा।
केवल मैं हृदय की जांच करता हूँ; मैं प्रभु, मनुष्य के मन को परखता हूँ, और हर एक मनुष्य को उसके आचरण के अनुकूल उसके कर्मों के फल के अनुसार पुरस्कार देता हूं।
“प्रत्येक छ: वर्ष के पश्चात् तुम अपने जाति-बन्धु इब्रानी गुलाम को मुक्त कर देना जो तुम्हें बेचा गया है, और जो छ: वर्ष तक तुम्हारी गुलामी कर चुका है! तुम उसको गुलामी के बन्धन से अवश्य मुक्त कर देना।” किन्तु तुम्हारे पूर्वजों ने मेरी बात नहीं सुनी। उन्होंने मेरे आदेश पर ध्यान नहीं दिया।
क्योंकि बुरे विचार, हत्या, परस्त्री-गमन, व्यभिचार, चोरी, झूठी गवाही और निन्दा − ये सब मन से निकलते हैं।
जो मेरा है, क्या मैं अपनी इच्छा के अनुसार उस का उपयोग नहीं कर सकता? क्या मेरा उदार होना तुम्हारी आँखों में खटकता है?’
तू सूर्यास्त के पूर्व उसकी मजदूरी प्रतिदिन चुका दिया करना (क्योंकि वह निर्धन व्यक्ति है और अपनी मजदूरी के लिए विकल रहता है)। ऐसा न हो कि वह तेरे विरुद्ध प्रभु की दुहाई दे और यह तेरे लिए एक पाप सिद्ध हो।
मूसा ने उन्हें यह आदेश दिया, ‘प्रत्येक सातवें वर्ष के अन्त में, ऋण-मुक्ति-वर्ष के निर्धारित समय पर, मण्डप-पर्व के अवसर पर,
क्या तुम समझते हो कि धर्मग्रन्थ अकारण कहता है कि परमेश्वर ने जिस आत्मा को हम में समाविष्ट किया, उस को वह बड़ी ममता से चाहता है?
मजदूरों ने तुम्हारे खेतों की फसल लुनी और तुमने उन्हें मजदूरी नहीं दी। वह मजदूरी पुकार रही है और लुनने वालों की दुहाई स्वर्गिक सेनाओं के प्रभु के कानों तक पहुँच गयी है।
भाइयो और बहिनो! एक दूसरे की शिकायत नहीं कीजिए, जिससे आप पर दोष न लगाया जाये। देखिए, न्यायकर्ता द्वार पर खड़े हैं।