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नीतिवचन 4:23 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

23 मेरे पुत्र, सबसे अधिक अपने हृदय की रक्षा कर; क्‍योंकि जीवन के स्रोत उससे ही फूटते हैं।

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पवित्र बाइबल

23 सबसे बड़ी बात यह है कि तू अपने विचारों के बारे में सावधान रह। क्योंकि तेरे विचार जीवन को नियंत्रण में रखते हैं।

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Hindi Holy Bible

23 सब से अधिक अपने मन की रक्षा कर; क्योंकि जीवन का मूल स्रोत वही है।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

23 सबसे अधिक अपने मन की रक्षा कर; क्योंकि जीवन का मूल स्रोत वही है।

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नवीन हिंदी बाइबल

23 सब से अधिक अपने मन की चौकसी कर, क्योंकि जीवन का सोता उसी में है।

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सरल हिन्दी बाइबल

23 सबसे अधिक अपने हृदय की रक्षा करते रहना, क्योंकि जीवन के प्रवाह इसी से निकलते हैं.

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नीतिवचन 4:23
21 क्रॉस रेफरेंस  

परन्‍तु येहू अपने सम्‍पूर्ण हृदय से इस्राएली राष्‍ट्र के प्रभु परमेश्‍वर की व्‍यवस्‍था पर नहीं चला। उसने सावधानी से उसका पालन नहीं किया। जैसे यारोबआम ने इस्राएली जनता से पाप कराए थे वैसे ही येहू ने भी किया। वह यारोबआम के पाप-मार्ग से विमुख नहीं हुआ।


दयालु स्‍त्री का सम्‍मान होता है, और कठोर परिश्रम करनेवाला पुरुष धन प्राप्‍त करता है।


अपनी वाणी पर संयम रखनेवाला मनुष्‍य अपने जीवन की रक्षा करता है; पर व्‍यर्थ गाल बजानेवाला व्यक्‍ति अपने ही पैरों पर कुल्‍हाड़ी मारता है।


बुराई से दूर रहना निष्‍कपट मनुष्‍य का सदाचरण है। जो मनुष्‍य अपने आचरण की चौकसी करता है, वह अपने जीवन की रक्षा करता है।


कुटिल मनुष्‍य के मार्ग में कांटे और जाल बिछे रहते हैं; जो मनुष्‍य अपने प्राण की रक्षा करना चाहता है, वह उनसे दूर रहता है।


मेरी बातों को सुन, और बुद्धिमान बन। सदाचरण पर मन लगा।


जो मनुष्‍य केवल अपने ऊपर भरोसा रखता है, वह मूर्ख है; पर बुद्धि के मार्ग पर चलनेवाला मनुष्‍य बचाया जाएगा।


प्रिय शिष्‍य, खरी बुद्धि और विवेक की रक्षा कर, ये तेरी आंखों से ओझल न हों।


बुद्धि का आरम्‍भ इस प्रकार होता है: बुद्धि को प्राप्‍त कर; समझ को हर कीमत पर प्राप्‍त कर।


मैंने सूर्य के नीचे धरती पर एक दु:खद बुराई देखी : धन का स्‍वामी अपने अनिष्‍ट के लिए धन संग्रह करता है।


‘मनुष्‍य का हृदय छल-कपट से भरा होता है, निस्‍सन्‍देह वह सब से अधिक भ्रष्‍ट होता है। मनुष्‍य के हृदय को कौन समझ सकता है?


परन्‍तु जो मुँह से बाहर निकलता है, वह मन से आता है और वही मनुष्‍य को अशुद्ध करता है।


क्‍योंकि बुरे विचार, हत्‍या, परस्‍त्री-गमन, व्‍यभिचार, चोरी, झूठी गवाही और निन्‍दा − ये सब मन से निकलते हैं।


तुम सब जागते रहो और प्रार्थना करते रहो, जिससे तुम परीक्षा में न पड़ो। आत्‍मा तो तत्‍पर है, परन्‍तु शरीर दुर्बल।”


अच्‍छा मनुष्‍य अपने हृदय के अच्‍छे भण्‍डार से अच्‍छी वस्‍तु निकालता है और जो बुरा है, वह अपने बुरे भण्‍डार से बुरी वस्‍तु निकालता है; क्‍योंकि जो हृदय में भरा है, वही तो मुँह से बाहर आता है।


‘तुम सावधान रहना! अपने प्रति सतर्क रहना! ऐसा न हो कि जो बातें तुम्‍हारी आंखों ने देखी हैं, उनको तुम भूल जाओ। ऐसा न हो कि वे जीवन भर के लिए तुम्‍हारे हृदय से दूर हो जाएं। वरन् तुम उन्‍हें अपने पुत्र-पुत्रियों और पौत्र-पौत्रियों को बताना।


आप सावधान रहें- कोई व्यक्‍ति परमेश्‍वर की कृपा से वंचित न हो। ऐसी कोई कड़वी जड़ फूटने न पाये, जो हानिकर हो और समस्‍त समुदाय को दूषित कर दे।


हमारे पर का पालन करें:

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