उन्होंने मुझे यह बताया, ‘निष्कासन से लौटे हुए यहूदी जो जीवित हैं, यहूदा प्रदेश में बड़े संकट और शोचनीय स्थिति में हैं। यरूशलेम की शहरपनाह गिरी हुई है; उसके प्रवेश-द्वार जले हुए पड़े हैं।’
विलापगीत 5:1 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) हे प्रभु, स्मरण कर कि हम पर क्या-क्या बीता है? जो हमारी निन्दा हुई है, उस पर दृष्टिपात कर! पवित्र बाइबल हे यहोवा, हमारे साथ जो घटा हैं, याद रख। हे यहोवा, हमारे तिरस्कार को देख। Hindi Holy Bible हे यहोवा, स्मरण कर कि हम पर क्या क्या बीता है; हमारी ओर दृष्टि कर के हमारी नामधराई को देख! पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) हे यहोवा, स्मरण कर कि हम पर क्या क्या बीता है; हमारी ओर दृष्टि करके हमारी नामधराई को देख! सरल हिन्दी बाइबल याहवेह, स्मरण कीजिए हमने क्या-क्या सहा है; हमारी निंदा पर ध्यान दीजिए. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 हे यहोवा, स्मरण कर कि हम पर क्या-क्या बिता है; हमारी ओर दृष्टि करके हमारी नामधराई को देख! |
उन्होंने मुझे यह बताया, ‘निष्कासन से लौटे हुए यहूदी जो जीवित हैं, यहूदा प्रदेश में बड़े संकट और शोचनीय स्थिति में हैं। यरूशलेम की शहरपनाह गिरी हुई है; उसके प्रवेश-द्वार जले हुए पड़े हैं।’
प्रभु, स्मरण कर अपना यह वचन; तूने अपने सेवक मूसा से यह कहा था : “यदि तुम मेरे प्रति विश्वासघात करोगे तो मैं तुम्हें अन्य कौमों में बिखेर दूंगा;
मैंने यह प्रार्थना की, ‘हे हमारे परमेश्वर, उनकी बातें सुन! वे हमारी निन्दा करते हैं। उनके ये व्यंग-बाण स्वयं उनको ही बेधें। वे अपने देश से निष्कासित हो जाएं, और उन्हें निष्कासित करने वाला देश उनको लूट ले।
‘प्रभु स्मरण कर कि तूने मुझे मिट्टी से बनाया था; अब क्या तू मुझे मिट्टी में ही मिला देगा?
‘हे परमेश्वर, स्मरण कर कि मेरा जीवन हवा का एक झोंका है। मेरी आँखें अब अच्छे दिन नहीं देखेंगी।
हे प्रभु, स्मरण कर कि शत्रु तेरी कैसी निन्दा करता है, मूर्ख तेरे नाम का तिरस्कार करते हैं।
हे स्वामी, जिस निन्दा द्वारा हमारे पड़ोसियों ने तुझको निन्दित किया है, उसका सात गुना उनके माथे पर लौटा।
हम पड़ोसी देशों की निन्दा के पात्र बन गए हैं; हम चारों ओर की कौमों के लिए उपहास और तिरस्कार के पात्र हैं।
ओ यरूशलेम, मैंने तेरी शहरपनाह पर पहरेदारों को बैठा दिया। वे दिन भर और रात भर कभी चुप न रहेंगे। ओ प्रभु को स्मरण करनेवालो, तुम चैन से न बैठो,
प्रभु, तू सब जानता है; मुझे स्मरण रख, मेरी सुधि ले। मेरे प्राण के खोजियों से प्रतिशोध ले। प्रभु, तू सहनशील है, अत: मुझे मरने से बचा ले। प्रभु, तुझे यह मालूम है कि मैंने तेरे कारण ही निन्दा सही है।
कहो : “हमने पराजय के अपमान का घूंट पिया है; हमने अपनी निन्दा सुनी है। अनादर से हमारा मुँह काला हो गया है। प्रभु के भवन के पवित्र स्थानों में विधर्मी घुस आए हैं।” ’
अब उसके सब निवासी कराहते हुए भोजन की तलाश में भटक रहे हैं। वे अपने प्राण बचाने के लिए बहुमूल्य वस्तुओं के बदले में भोजन खरीद रहे हैं। ‘हे प्रभु, मेरे कष्ट को देख, मुझ पर ध्यान दे! क्योंकि मैं कितनी तिरस्कृत हो गई हूं।’
‘हे प्रभु, देख; क्योंकि मैं संकट में हूं। मेरी अंतड़ियाँ ऐंठ रही हैं। मेरा हृदय व्याकुल हो उठा है; क्योंकि मैंने तेरे वचन से बहुत विद्रोह किया है। घर के बाहर तलवार से मैं निर्वंश होती हूं, और घर के भीतर मृत्यु विराज रही है।
उसकी अशुद्धता उसके कपड़ों पर लिपटी है। उसने अपने अंत का विचार भी न किया। अत: वह विस्मित ढंग से पतन के गड्ढे में गिर पड़ी! उसे सांत्वना देनेवाला भी कोई नहीं है। ‘हे प्रभु, मेरे कष्टों को देख; क्योंकि शत्रु मुझ पर प्रबल हो गया!’
मार्ग से गुजरनेवाले तुझे देखकर ताली बजाते हैं। वे यरूशलेम कि पुत्री को देखकर छी-छी करते और मुंह बनाकर यह कहते हैं : ‘क्या यह वही नगरी है, जिसको “विश्व का आनन्द” , “परम-सुन्दरी” कहा जाता था?”
‘हे प्रभु, देख और ध्यान दे! तूने ऐसा व्यवहार किसके साथ किया है? भूख के कारण मांओं को अपने बच्चे खाने पड़े, जो उन्हें अपने प्राण से भी अधिक प्रिय थे! पुरोहित और नबी तुझ-स्वामी के पवित्र-स्थान में मार डाले गए।
हे प्रभु, मेरी पीड़ा और मेरे दु:ख को स्मरण कर, देख, मैं कड़ुवाहट से पूर्ण विष और चिरायता पी चुका हूं।
‘हे प्रभु, जो वे ताना मारते हैं, उनको तूने सुना है; जो षड्यन्त्र उन्होंने मेरे विरुद्ध रचे हैं, उनको तू जानता है।
प्रभु, तूने मुझे जो सुनाया, वह मैंने सुना। प्रभु, तूने जो कार्य किया, वह मैंने देखा। प्रभु, इस कठिन समय में उसे पुन: कर। प्रभु, कठिन समय पर तू स्वयं को प्रकट करता है; क्रोध के समय तू अपनी दया को नहीं भूलता।