‘अब हे हमारे परमेश्वर, तू महान, शक्तिशाली और आतंकमय परमेश्वर, अपने विधान का पालन करनेवाला, और करुणा सागर है! जो महा संकट के बादल हम पर, हमारे राजाओं, शासकों, पुरोहितों, नबियों और पूर्वजों पर, तेरे समस्त निज लोगों पर असीरियाई राजाओं के समय से आज तक हम पर बरसते आए हैं, उन्हें अपनी दृष्टि में कम न जान!
‘हे प्रभु, देख और ध्यान दे! तूने ऐसा व्यवहार किसके साथ किया है? भूख के कारण मांओं को अपने बच्चे खाने पड़े, जो उन्हें अपने प्राण से भी अधिक प्रिय थे! पुरोहित और नबी तुझ-स्वामी के पवित्र-स्थान में मार डाले गए।