विलापगीत 2:19 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) रात के हर पहर के आरम्भ में तू उठ, और प्रभु को पुकार, स्वामी के सम्मुख जल के सदृश अपना हृदय उण्डेल। अपने बच्चों की प्राण-रक्षा के लिए जो गलियों के नुक्कड़ पर भूख से मूर्च्छित पड़े हैं, प्रभु की ओर हाथ फैला। पवित्र बाइबल जाग उठ! रात में विलाप कर! रात के हर पहर के शुरु में विलाप कर! आँसुओ में अपना मन बाहर निकाल दे जैसा वह पानी हो! अपना मन यहोवा के सामने निकाल रख! यहोवा की प्रार्थना में अपने हाथ ऊपर उठा। उससे अपनी संतानों का जीवन माँग। उससे तू उन सन्तानों का जीवन माँग ले जो भूख से बेहोश हो रहें है। वे नगर के हर कूँचे गली में बेहोश पड़ी है। Hindi Holy Bible रात के हर पहर के आरम्भ में उठ कर चिल्लाया कर! प्रभु के सम्मुख अपने मन की बातों को धारा की नाईं उण्डेल! तेरे बाल-बच्चे जो हर एक सड़क के सिरे पर भूख के कारण मूर्च्छित हो रहे हैं, उनके प्राण के निमित्त अपने हाथ उसकी ओर फैला। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) रात के हर पहर के आरम्भ में उठकर चिल्लाया कर! प्रभु के सम्मुख अपने मन की बातों को धारा के समान उण्डेल! तेरे बाल–बच्चे जो हर एक सड़क के सिरे पर भूख के कारण मूर्च्छित हो रहे हैं, उनके प्राण के निमित्त अपने हाथ उसकी ओर फैला। सरल हिन्दी बाइबल उठो, रात्रि में दोहाई दो, रात्रि प्रहर प्रारंभ होते ही; जल-सदृश उंडेल दो अपना हृदय अपने प्रभु की उपस्थिति में. अपनी संतान के कल्याण के लिए अपने हाथ उनकी ओर बढ़ाओ, उस संतान के लिए, जो भूख से हर एक गली के मोड़ पर मूर्छित हो रही है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 रात के हर पहर के आरम्भ में उठकर चिल्लाया कर! प्रभु के सम्मुख अपने मन की बातों को धारा के समान उण्डेल! तेरे बाल-बच्चे जो हर एक सड़क के सिरे पर भूख के कारण मूर्छित हो रहे हैं, उनके प्राण के निमित्त अपने हाथ उसकी ओर फैला। |
मैं प्रभु के सम्मुख अपनी शिकायत प्रस्तुत करता हूं; उसके समक्ष अपना दु:ख प्रकट करता हूं।
प्रभु, मेरी आत्मा मूर्छित होती है, पर तू मेरे आचरण को जानता है। जिस मार्ग पर मैं चलता हूं, वहां मेरे शत्रुओं ने मेरे लिए फन्दा लगाया है।
जब मैं सहायता के लिए तुझ को पुकारूँ, जब मैं तेरे पवित्र मन्दिर के अन्तर्गृह की ओर हाथ फैलाऊं, तब मेरी विनती सुन।
रात और दिन मेरे आंसू ही मेरा आहार रहे हैं। लोग निरन्तर मुझसे पूछते हैं, “कहां है तेरा परमेश्वर?”
जब मुझे ये बातें स्मरण आती हैं तब मेरे हृदय में तीव्र भाव उमड़ आते हैं: मैं लोगों के साथ गया था। मैंने उन्हें परमेश्वर के भवन तक पहुंचाया था। जनसमूह जयजयकार और स्तुति के साथ पर्व मना रहा था।
दिन में प्रभु अपनी करुणा भेजता है। मैं रात में उसका गीत गाता हूँ, और अपने जीवन के परमेश्वर से प्रार्थना करता हूँ।
लोगो, हर समय परमेश्वर पर ही भरोसा करो। उसके सम्मुख अपना हृदय उण्डेल दो, परमेश्वर ही हमारे लिए शरण-स्थल है। सेलाह
जब तक मैं जीवित हूँ, तुझ को धन्य कहता रहूँगा; मैं तेरी ओर अपने हाथ फैलाऊंगा, और तेरे नाम से प्रार्थना करूंगा।
मेरे प्राण रात में तेरे लिए तरसते हैं, मेरी आत्मा मेरे अन्त: में तुझे ढूंढ़ती है। जब तेरे न्याय-सिद्धान्त पृथ्वी पर प्रबल होते हैं, तब संसार के निवासी धर्म को सीखते हैं।
तेरे पुत्र मूर्छित पड़े हैं, वे जाल में फंसे हिरण के सदृश प्रत्येक गली के छोर पर पड़े हैं। प्रभु के प्रकोप की मार से, तुम्हारे परमेश्वर की डांट से वे आहत हैं।
अगर मैं मैदान में जाता हूं तो मुझे वहां तलवार की मारकाट दिखाई देती है। यदि नगर में प्रवेश करता हूं तो मुझे वहां अकाल की महामारी दिखाई देती है। नबी और पुरोहित देश में रोजगार की तलाश में मारे-मारे फिर रहे हैं। वे समझ नहीं पा रहे हैं कि क्या करें।” ’
ओ मातम मनानेवाली स्त्रियो, प्रभु का यह आदेश सुनो; स्वयं प्रभु के मुंह से निकला हुआ वचन ध्यान से सुनो। तुम अपनी पुत्रियों को शोक-गीत, और अपनी पड़ोसिन को विलाप-गीत सिखाना;
सुनो, तुम्हारे मध्य रहनेवाले पिता अपने पुत्रों का मांस खाएंगे, और पुत्र अपने पिता का! मैं तुम्हें यही दण्ड दूंगा। और जो लोग बच जाएंगे, उनको मैं चारों दिशाओं में बिखेर दूंगा।
मैं तुझे नष्ट करने के लिए, तुझ पर अकाल के घातक तीर चलाऊंगा, विनाश के बाण मारूंगा, तुझ पर भयंकर से भयंकर अकाल लाऊंगा और तेरी “रोटी का आधार” तोड़ दूंगा।
अपने प्रिय पुत्रों के लिए सिर मुंड़ा; गिद्ध के सदृश अपने सिर मुंड़ा; क्योंकि वे बन्दी होकर अपने देश से निष्कासित होंगे।
फिर भी शत्रु नो-आमोन नगरी को कैद कर ले गए, वह बन्दिनी बनी और अपने देश से निर्वासित हुई। प्रत्येक सड़क के छोर पर शिशुओं को पटक-पटक कर मारा गया। नगरी के प्रतिष्ठित व्यक्तियों को गुलाम बनाने के लिए उनके नाम पर चिट्ठी डाली गई। उसके बड़े लोग जंजीरों में जकड़े गए।
प्रात:काल, जब अंधेरा ही था, येशु उठे और घर से बाहर निकले। वह किसी एकान्त स्थान जा कर प्रार्थना करने लगे।
तुम नहीं जानते कि घर का स्वामी कब आएगा−शाम को, आधी रात को, मुर्गे के बाँग देते समय अथवा प्रात:काल। इसलिए जागते रहो।
उन दिनों येशु प्रार्थना करने एक पहाड़ी पर चढ़े और वे रात भर परमेश्वर की प्रार्थना में लीन रहे।
मैं चाहता हूँ कि सब जगह पुरुष, बैर तथा विवाद छोड़कर, श्रद्धापूर्वक हाथ ऊपर उठा कर प्रार्थना करें।
पड़ाव की सीमा-चौकी पर रात के दूसरे पहर के आरम्भ में पहरेदार नियुक्त हुए ही थे कि गिद्ओन और उसके साथ एक सौ पुरुष वहाँ पहुँच गए। उन्होंने नरसिंघे फूँके और हाथ में रखे घड़ों को फोड़ दिया।
हन्नाह ने उत्तर दिया, ‘नहीं, मेरे स्वामी, मैं ऐसी स्त्री हूँ, जिसके दिन कठिनाई से बीत रहे हैं। न मैंने अंगूर का रस पीया है, और न शराब। मैं प्रभु के सम्मुख अपने प्राण को उण्डेल रही थी।
अत: वे मिस्पाह में एकत्र हुए। उन्होंने पानी भरा और उसको प्रभु के सम्मुख उण्डेला। उन्होंने उस दिन उपवास किया। उन्होंने वहाँ यह स्वीकार किया, ‘हमने प्रभु के विरुद्ध पाप किया है।’ इस प्रकार शमूएल मिस्पाह में इस्राएलियों पर शासन करने लगा।