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लैव्यव्यवस्था 27:2 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

‘इस्राएली समाज से बोलना; तू उनसे यह कहना : यदि किसी ने विशेष मन्नत में किसी व्यक्‍ति को अर्पित किया है, तो तुम प्रभु के लिए उसका मूल्‍य इस प्रकार आंकना :

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पवित्र बाइबल

“इस्राएल के लोगों से कहो: कोई व्यक्ति यहोवा को विशेष वचन दे सकता है। वह व्यक्ति यहोवा को किसी व्यक्ति को अर्पित करने का वचन दे सकता है। वह व्यक्ति यहोवा की सेवा विशेष ढंग से करेगा। याजक उस व्यक्ति के लिए विशेष मूल्य निश्चित करेगा। यदि लोग उसे यहोवा से वापस खरीदना चाहते हैं तो वे मूल्य देंगे।

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Hindi Holy Bible

इस्त्राएलियों से यह कह, कि जब कोई विशेष संकल्प माने, तो संकल्प किए हुए प्राणी तेरे ठहराने के अनुसार यहोवा के होंगे;

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

“इस्राएलियों से यह कह कि जब कोई विशेष संकल्प माने, तो संकल्प किए हुए प्राणी तेरे ठहराने के अनुसार यहोवा के होंगे;

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नवीन हिंदी बाइबल

“इस्राएलियों से यह कह कि जब कोई किसी विशेष मन्‍नत के द्वारा यहोवा के लिए लोगों को समर्पित करे तो उनका मूल्यांकन इस प्रकार हो :

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सरल हिन्दी बाइबल

“इस्राएल के घराने को यह आज्ञा दो: ‘जब कोई किसी व्यक्ति को याहवेह के लिए भेंट करने की विशेष मन्नत माने, तो उस व्यक्ति के ठहराए हुए मूल्य को इस प्रकार तय किया जाए:

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

“इस्राएलियों से यह कह कि जब कोई विशेष संकल्प माने, तो संकल्प किया हुआ मनुष्य तेरे ठहराने के अनुसार यहोवा के होंगे;

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लैव्यव्यवस्था 27:2
14 क्रॉस रेफरेंस  

वे आप लें। इसके अतिरिक्‍त, आप अपने परिचित लोगों से भी चन्‍दा लीजिए। जिस-जिस स्‍थान पर भवन की मरम्‍मत की जरूरत है, वहां आप इस धन से मरम्‍मत कराइए।’


जैसे कार्य की अधिकता के कारण व्यक्‍ति स्‍वप्‍न देखता है, वैसे ही बहुत बकवास से मूर्ख की मूर्खता प्रकट होती है।


इस्राएलियों ने प्रभु से यह मन्नत मानी और कहा, ‘यदि तू इन लोगों को हमारे हाथ में दे देगा, तो हम इनके नगरों को पूर्णत: ध्‍वस्‍त कर देंगे।’


यदि कोई स्‍त्री अपनी किशोरावस्‍था में, अपने पिता के घर में रहते हुए प्रभु के लिए मन्नत मानती है अथवा व्रत लेती है,


‘इस्राएली समाज से बोलना; तू उनसे यह कहना : जब स्‍त्री अथवा पुरुष विशेष व्रत, प्रभु के लिए स्‍वयं को समर्पित करने हेतु “समर्पण-व्रतधारी” का व्रत लेगा


‘जब तू अपने पड़ोसी के अंगूर-उद्यान में जाएगा, तब वहाँ जितनी खाने की इच्‍छा हो, उतनी मात्रा में पेट-भर अंगूर खा सकता है, किन्‍तु अपनी टोकरी में एक भी अंगूर-मत रखना।


दो महीने के अन्‍त में वह अपने पिता के पास लौट आई। जो मन्नत उसके पिता ने मानी थी उसके अनुसार उसने उसके साथ किया। उसकी पुत्री ने पुरुष के साथ कभी सम्‍भोग नहीं किया था। अत: इस्राएली समाज में यह प्रथा प्रचलित है :


उसने प्रभु से यह स्‍पष्‍ट मन्नत मानी, ‘हे स्‍वर्गिक सेनाओं के प्रभु, यदि तू अपनी सेविका के दु:ख पर निश्‍चय ही दृष्‍टि करेगा, मेरी सुधि लेगा, अपनी सेविका को नहीं भूलेगा, और मुझे, अपनी सेविका को एक पुत्र प्रदान करेगा तो मैं उसे जीवन भर के लिए तुझ-प्रभु की सेवा में अर्पित कर दूँगी। उसके सिर पर उस्‍तरा कभी नहीं फेरा जाएगा।’


इसलिए मैं इसे प्रभु को अर्पित करती हूँ कि जब तक यह जीवित रहेगा, तब तक प्रभु को समर्पित रहेगा।’ तब हन्नाह ने वहाँ प्रभु की वंदना की।