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लैव्यव्यवस्था 27:3 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

3 यदि वह पुरुष है और उसकी आयु बीस वर्ष से साठ वर्ष तक है, तो पवित्र स्‍थान की तौल के अनुसार उसका मूल्‍य चांदी के पचास सिक्‍के होंगे।

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पवित्र बाइबल

3 बीस से साठ वर्ष तक की आयु के पुरुष का मूल्य पचास शेकेल चाँदी होगी। (तुम्हें चाँदी को तोलने के लिए पवित्र स्थान से प्रामाणिक शेकेल का उपयोग करना चाहिए।)

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Hindi Holy Bible

3 इसलिये यदि वह बीस वर्ष वा उससे अधिक और साठ वर्ष से कम अवस्था का पुरूष हो, तो उसके लिये पवित्रस्थान के शेकेल के अनुसार पचास शेकेल का रूपया ठहरे।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

3 इसलिये यदि वह बीस वर्ष या उससे अधिक और साठ वर्ष से कम अवस्था का पुरुष हो, तो उसके लिये पवित्रस्थान के शेकेल के अनुसार पचास शेकेल का रुपया ठहरे।

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नवीन हिंदी बाइबल

3 बीस वर्ष से लेकर साठ वर्ष की आयु के पुरुष का मूल्य पवित्रस्थान के शेकेल के अनुसार चाँदी के पचास शेकेल हो।

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सरल हिन्दी बाइबल

3 बीस वर्ष से साठ वर्ष तक की आयु के पुरुष के लिए पवित्र स्थान के शेकेल के अनुसार चांदी के पचास शेकेल;

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लैव्यव्यवस्था 27:3
10 क्रॉस रेफरेंस  

एक दिन योआश ने पुरोहितों को आदेश दिया, ‘जो चांदी के सिक्‍के पवित्र भेंट के रूप में प्रभु के भवन में चढ़ाए जाते हैं, वे सिक्‍के जो प्रत्‍येक व्यक्‍ति निर्धारित मन्‍दिर-कर के रूप में, अथवा स्‍वेच्‍छा से उत्‍प्रेरित होकर प्रभु के भवन में चढ़ाता है,


जिस व्यक्‍ति की गणना की गई है, वह यह देगा : पवित्र स्‍थान की तौल के अनुसार चाँदी का आधा सिक्‍का (एक सिक्‍के में प्राय: बारह ग्राम है)। वह प्रभु को आधा सिक्‍का भेंट के रूप में देगा।


जो सोना पवित्र-स्‍थान के निर्माण कार्य में, उसके समस्‍त कार्य में प्रयुक्‍त हुआ, जो भेंट के रूप में दिया गया, वह पवित्र-स्‍थान की तौल के अनुसार लगभग एक हजार दो किलो था।


‘यदि कोई व्यक्‍ति अपने घर की मन्नत मानता है कि उसका घर मुझ-प्रभु के लिए पवित्र हो, तो पुरोहित उसका मूल्‍यांकन करेगा कि वह अच्‍छा घर है अथवा बुरा। जैसा मूल्‍यांकन पुरोहित करेगा, वैसा ही माना जाएगा।


प्रत्‍येक मूल्‍यांकन पवित्र-स्‍थान की तौल में होगा। चांदी का एक सिक्‍का प्राय: बारह ग्राम का होगा।


परन्‍तु यदि वह स्‍त्री है तो तुम उसका मूल्‍य तीस सिक्‍के आंकना।


‘यदि कोई व्यक्‍ति विश्‍वास-भंग करता है और प्रभु की किसी पवित्र भेंट के सम्‍बन्‍ध में अनजाने में पाप करता है, तो वह अपनी दोष-बलि के रूप में रेवड़ से एक निष्‍कलंक मेढ़ा प्रभु के पास लाएगा। उसका मूल्‍य पवित्र स्‍थान की तौल के अनुसार चांदी के सिक्‍के में निश्‍चित किया जाएगा। यह दोष-बलि है।


वह अपनी दोष-बलि के रूप में रेवड़ में से एक निष्‍कलंक मेढ़ा पुरोहित के पास प्रभु के सम्‍मुख लाएगा। मेढ़ा उतने ही मूल्‍य का होगा जितना पुरोहित दोष-बलि का निश्‍चित करेगा।


मनुष्‍य की छुड़ायी जाने वाली संतान को तू एक माह की आयु में निर्धारित मूल्‍य पर छोड़ना। तू उसका विमोचन-मूल्‍य पवित्र स्‍थान की तौल के अनुसार पांच चांदी के सिक्‍के निश्‍चित करना। (एक सिक्‍के में प्राय: बारह ग्राम चांदी होती है।)


तू प्रति व्यक्‍ति के लिए चांदी के पांच सिक्‍के लेना। ये पवित्र-स्‍थान की तौल के अनुसार हों, अर्थात् एक सिक्‍के में प्राय: बारह ग्राम हो।


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