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1 शमूएल 1:28 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

28 इसलिए मैं इसे प्रभु को अर्पित करती हूँ कि जब तक यह जीवित रहेगा, तब तक प्रभु को समर्पित रहेगा।’ तब हन्नाह ने वहाँ प्रभु की वंदना की।

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पवित्र बाइबल

28 और अब मैं इस बच्चे को यहोवा को दे रही हूँ। यह पूरे जीवन यहोवा का रहेगा।” तब हन्ना ने बच्चे को वहीं छोड़ा और यहोवा की उपासना की।

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Hindi Holy Bible

28 इसी लिये मैं भी उसे यहोवा को अर्पण कर देती हूं; कि यह अपने जीवन भर यहोवा ही का बना रहे। तब उसने वहीं यहोवा को दण्डवत किया॥

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

28 इसी लिये मैं भी उसे यहोवा को अर्पण कर देती हूँ कि यह अपने जीवन भर यहोवा ही का बना रहे।” तब उसने वहीं यहोवा को दण्डवत् किया।

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सरल हिन्दी बाइबल

28 अब मैं यह बालक याहवेह को ही समर्पित कर रही हूं. आज से यह बालक आजीवन याहवेह के लिए समर्पित है.” फिर उन सभी ने वहां याहवेह की स्तुति की.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

28 इसलिए मैं भी उसे यहोवा को अर्पण कर देती हूँ; कि यह अपने जीवन भर यहोवा ही का बना रहे।” तब उसने वहीं यहोवा को दण्डवत् किया।

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1 शमूएल 1:28
12 क्रॉस रेफरेंस  

सेवक ने सिर झुकाया और प्रभु की वन्‍दना करके


तत्‍पश्‍चात् मैं ने सिर झुका कर प्रभु की वन्‍दना की। मैंने अपने स्‍वामी अब्राहम के परमेश्‍वर प्रभु को धन्‍य कहा, जिसने मेरे स्‍वामी के पुत्र के लिए उसके कुटुम्‍बी की पुत्री प्राप्‍त करने के लिए सफलतापूर्वक मेरा मार्ग-दर्शन किया।


जब अब्राहम के सेवक ने उनके ये शब्‍द सुने तब उसने भूमि की ओर झुककर प्रभु की वन्‍दना की।


मां ने कहा, “मेरे पुत्र, मेरे गर्भ से जन्‍मे पुत्र, मेरी मन्नतों के पुत्र, मैं तुझसे क्‍या कहूं?


वह समर्पण-व्रत की सम्‍पूर्ण अवधि में मुझ-प्रभु के हेतु पवित्र रहेगा।


और यह कि तुम बचपन से पवित्र आलेखों से परिचित हो। ये पवित्र आलेख तुम्‍हें उस मुक्‍ति का ज्ञान दे सकते हैं, जो येशु मसीह में विश्‍वास करने से प्राप्‍त होती है।


जब गिद्ओन ने स्‍वप्‍न की बातें और उसका अर्थ सुना तब भूमि पर झुककर प्रभु की वन्‍दना की। वह इस्राएली-पड़ाव को लौट गया। उसने इस्राएलियों से कहा, ‘उठो! प्रभु ने मिद्यानी पड़ाव को तुम्‍हारे हाथ में सौंप दिया है।’


उसने प्रभु से यह स्‍पष्‍ट मन्नत मानी, ‘हे स्‍वर्गिक सेनाओं के प्रभु, यदि तू अपनी सेविका के दु:ख पर निश्‍चय ही दृष्‍टि करेगा, मेरी सुधि लेगा, अपनी सेविका को नहीं भूलेगा, और मुझे, अपनी सेविका को एक पुत्र प्रदान करेगा तो मैं उसे जीवन भर के लिए तुझ-प्रभु की सेवा में अर्पित कर दूँगी। उसके सिर पर उस्‍तरा कभी नहीं फेरा जाएगा।’


परन्‍तु हन्नाह नहीं गई। उसने अपने पति से कहा, ‘जब बच्‍चा दूध पीना छोड़ देगा, तब मैं उसको लाऊंगी कि वह प्रभु के सम्‍मुख उपस्‍थित हो सके, और वहाँ सदा के लिए रहे।’


तत्‍पश्‍चात् हन्नाह अपने घर रामाह नगर चली गईं। बालक शमूएल पुरोहित एली की उपस्‍थिति में प्रभु की सेवा करने लगा।


पुरोहित एली एलकानाह और उसकी पत्‍नी हन्नाह को आशीर्वाद देता, और यह कहता था, ‘जो पुत्र इस स्‍त्री ने प्रभु को अर्पित किया है, उसके स्‍थान पर प्रभु तुम्‍हें इस स्‍त्री के द्वारा संतति प्रदान करे।’ उसके बाद वे अपने घर चले जाते थे।


दाऊद ने आकीश से कहा, ‘जैसी आपकी आज्ञा! उस स्‍थिति में जो कार्य आपका सेवक कर सकता है, वह आप जान लेंगे।’ आकीश ने दाऊद से कहा, ‘बहुत अच्‍छा! मैं तुम्‍हें अपना स्‍थायी अंगरक्षक नियुक्‍त करता हूँ।’


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