स्वर्गिक सेनाओं के प्रभु, स्वामी ने मेरे कान में यह भेद प्रकट किया, “निस्सन्देह इनके इस अधर्म का कोई प्रायश्चित नहीं है, केवल इनकी मृत्यु!”
लैव्यव्यवस्था 11:24 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) ‘इन पशुओं के कारण तुम अशुद्ध होगे। इनकी लोथ का स्पर्श करने वाला व्यक्ति सन्ध्या तक अशुद्ध रहेगा। पवित्र बाइबल वे कीट पतंगे तुमको असुद्ध करेंगे। कोई व्यक्ति जो मरे कीट पतंगे को छूएगा, सन्ध्या तक अशुद्ध रहेगा। Hindi Holy Bible और इनके कारण तुम अशुद्ध ठहरोगे; जिस किसी से इनकी लोथ छू जाए वह सांझ तक अशुद्ध ठहरे। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) “इनके कारण तुम अशुद्ध ठहरोगे; जिस किसी से इनकी लोथ छू जाए वह साँझ तक अशुद्ध ठहरे। नवीन हिंदी बाइबल “इनके कारण तुम अशुद्ध ठहरोगे; जो कोई इनकी लोथ को छुए वह साँझ तक अशुद्ध ठहरेगा। सरल हिन्दी बाइबल “ ‘इन सभी जीवों के कारण भी तुम अशुद्ध हो जाओगे; जो कोई इनके शव को छू लेगा, वह संध्या तक अशुद्ध रहेगा, इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 “इनके कारण तुम अशुद्ध ठहरोगे; जिस किसी से इनकी लोथ छू जाए वह साँझ तक अशुद्ध ठहरे। |
स्वर्गिक सेनाओं के प्रभु, स्वामी ने मेरे कान में यह भेद प्रकट किया, “निस्सन्देह इनके इस अधर्म का कोई प्रायश्चित नहीं है, केवल इनकी मृत्यु!”
ये तुम्हारे लिए सब रेंगने वाले जन्तुओं में अशुद्ध हैं। इनकी लोथ का स्पर्श करने वाला व्यक्ति सन्ध्या तक अशुद्ध रहेगा।
तुम इनके माँस को नहीं खाना। इनकी लोथ को स्पर्श भी मत करना। ये तुम्हारे लिए अशुद्ध हैं।
इसके अतिरिक्त, घर के बन्द रहने की अवधि में प्रवेश करने वाला व्यक्ति सन्ध्या तक अशुद्ध रहेगा।
स्राव-ग्रस्त व्यक्ति के नीचे की वस्तु का स्पर्श करने वाला सन्ध्या तक अशुद्ध माना जाएगा। ऐसी वस्तु को उठाकर ले जाने वाला व्यक्ति अपने वस्त्र धोएगा और जल से स्नान करेगा। वह सन्ध्या तक अशुद्ध माना जाएगा।
यदि स्राव-ग्रस्त व्यक्ति जल में बिना हाथ धोए किसी मनुष्य का स्पर्श करेगा, तो ऐसा मनुष्य अपने वस्त्र धोएगा और जल से स्नान करेगा। वह सन्ध्या तक अशुद्ध माना जाएगा।
पुरोहित उनमें से एक को पाप-बलि के लिए और दूसरे को अग्नि-बलि के लिए अर्पित करेगा। पुरोहित उसके स्राव के हेतु उसके लिए प्रभु के सम्मुख प्रायश्चित्त करेगा।
उसकी शय्या का स्पर्श करने वाला व्यक्ति अपने वस्त्र धोएगा और जल से स्नान करेगा। वह सन्ध्या तक अशुद्ध माना जाएगा।
जिस चौकी पर वह बैठी थी, उसका स्पर्श करने वाला व्यक्ति अपने वस्त्र धोएगा और जल से स्नान करेगा। वह सन्ध्या तक अशुद्ध रहेगा।
जिस वस्तु पर वह बैठती है, चाहे वह शय्या हो, उसका स्पर्श करने वाला व्यक्ति सन्ध्या तक अशुद्ध माना जाएगा।
उनका स्पर्श करने वाला व्यक्ति अशुद्ध माना जाएगा। वह अपने वस्त्र धोएगा और जल से स्नान करेगा। वह सन्ध्या तक अशुद्ध रहेगा।
जो मनुष्य उसकी शय्या का स्पर्श करेगा, वह अपने वस्त्र धोएगा और जल से स्नान करेगा। वह सन्ध्या तक अशुद्ध माना जाएगा।
जिस चौकी पर स्रावग्रस्त व्यक्ति बैठा था, उस पर बैठनेवाला मनुष्य भी अपने वस्त्र धोएगा और जल से स्नान करेगा। वह सन्ध्या तक अशुद्ध माना जाएगा।
स्रावग्रस्त व्यक्ति के शरीर का स्पर्श करनेवाला मनुष्य अपने वस्त्र धोएगा और जल से स्नान करेगा। वह सन्ध्या तक अशुद्ध माना जाएगा।
यदि स्राव-ग्रस्त व्यक्ति किसी शुद्ध मनुष्य पर थूकता है तो शुद्ध मनुष्य अपने वस्त्र धोएगा और जल से स्नान करेगा। वह सन्ध्या तक अशुद्ध माना जाएगा।
अजाजेल के पास बकरा ले जानेवाला व्यक्ति अपने वस्त्र धोएगा और जल में स्नान करेगा। इसके पश्चात् ही वह पड़ाव में प्रवेश कर सकेगा।
उनको जलाने वाला व्यक्ति अपने वस्त्र धोएगा और जल में स्नान करेगा। इसके पश्चात् ही वह पड़ाव में प्रवेश कर सकेगा।
हारून के वंश का कोई व्यक्ति, जो कुष्ठ-जैसे रोग से पीड़ित अथवा स्राव-ग्रस्त है, जब तक वह शुद्ध न हो जाए तब तक पवित्र वस्तुएं नहीं खाएगा। जो शव के कारण अथवा मनुष्य के वीर्यपात के कारण अशुद्ध होता है, उसका स्पर्श करने वाला
अथवा वह व्यक्ति जो उस रेंगनेवाले जीव-जन्तु का स्पर्श करेगा, जिसके कारण मनुष्य अशुद्ध होता है, अथवा जो व्यक्ति उस मनुष्य का स्पर्श करेगा जिससे वह अशुद्ध हो सकता है, चाहे उसकी अशुद्धता किसी भी प्रकार की क्यों न हो−
तो जो व्यक्ति इनमें से किसी का भी स्पर्श करेगा, वह सन्ध्या तक अशुद्ध रहेगा। जब तक वह जल में स्नान नहीं करेगा तब तक पवित्र वस्तुओं को नहीं खाएगा।
अथवा यदि कोई व्यक्ति किसी अशुद्ध वस्तु को, चाहे वह अशुद्ध वनपशु, अशुद्ध पालतू पशु या अशुद्ध रेंगनेवाले जीव-जन्तु की लोथ हो, स्पर्श करता है और उससे यह बात छिपी रहती है तो वह अशुद्ध और दोषी हो जाएगा।
यदि कोई व्यक्ति अशुद्ध वस्तु का स्पर्श करता है, फिर चाहे वह मनुष्य की अशुद्धता हो, अथवा अशुद्ध पशु या कोई घृणित तथा अशुद्ध वस्तु हो, और प्रभु को अर्पित सहभागिता-बलि के पशु का मांस खाता है तो वह व्यक्ति भी अपने लोगों के मध्य से नष्ट किया जाएगा।’
उसके बाद पुरोहित अपने वस्त्र धोएगा और जल में स्नान करेगा। तब वह पड़ाव में आएगा, किन्तु वह सन्ध्या समय तक अशुद्ध रहेगा।
इसलिए दूसरों के बीच में से निकल कर अलग हो जाओ— यह प्रभु का कहना है। और किसी अपवित्र वस्तु का स्पर्श मत करो, तब मैं तुम्हें अपनाऊंगा।
जो व्यर्थ के काम लोग अन्धकार में करते हैं, उन में आप सम्मिलित न हों, वरन् उनकी बुराई प्रकट करें।
यदि आप मसीह के साथ मर कर संसार के तत्वों से मुक्त हो गये हैं, तो आप उसके आदेशों का पालन क्यों करें, मानो आपका जीवन अब तक संसार के अधीन हो?
यदि ऐसा होता तो संसार के प्रारम्भ से उन्हें बार-बार दु:ख भोगना पड़ता, किन्तु अब युग के अन्त में वह एक ही बार प्रकट हुए जिससे वह आत्मबलिदान द्वारा पाप को मिटा दें।
परन्तु यदि हम ज्योति में चलते हैं-जिस तरह वह स्वयं ज्योति में है − तो हमारी एक-दूसरे से सहभागिता है और उसके पुत्र येशु का रक्त हमें हर पाप से शुद्ध कर देता है।