जब परमेश्वर अधर्मी व्यक्ति का अन्त कर देता है, जब परमेश्वर उसका प्राण ले लेता है तब उसके लिए आशा कहाँ शेष रही?
रोमियों 5:5 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) आशा व्यर्थ नहीं होती, क्योंकि परमेश्वर ने हमें पवित्र आत्मा प्रदान किया है और उसके द्वारा परमेश्वर का प्रेम ही हमारे हृदय में उंडेला गया है। पवित्र बाइबल और आशा हमें निराश नहीं होने देती क्योंकि पवित्र आत्मा के द्वारा, जो हमें दिया गया है, परमेश्वर का प्रेम हमारे हृदय में उँडेल दिया गया है। Hindi Holy Bible और आशा से लज्ज़ा नहीं होती, क्योंकि पवित्र आत्मा जो हमें दिया गया है उसके द्वारा परमेश्वर का प्रेम हमारे मन में डाला गया है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) और आशा से लज्जा नहीं होती, क्योंकि पवित्र आत्मा जो हमें दिया गया है उसके द्वारा परमेश्वर का प्रेम हमारे मन में डाला गया है। नवीन हिंदी बाइबल आशा हमें लज्जित नहीं करती, क्योंकि जो पवित्र आत्मा हमें दिया गया है उसके द्वारा परमेश्वर का प्रेम हमारे मनों में उंडेला गया है। सरल हिन्दी बाइबल और आशा लज्जित कभी नहीं होने देती क्योंकि हमें दी हुई पवित्र आत्मा द्वारा परमेश्वर का प्रेम हमारे हृदयों में उंडेल दिया गया है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 और आशा से लज्जा नहीं होती, क्योंकि पवित्र आत्मा जो हमें दिया गया है उसके द्वारा परमेश्वर का प्रेम हमारे मन में डाला गया है। |
जब परमेश्वर अधर्मी व्यक्ति का अन्त कर देता है, जब परमेश्वर उसका प्राण ले लेता है तब उसके लिए आशा कहाँ शेष रही?
प्रभु, अपने वचन के अनुसार मुझे संभाल ताकि मैं जीवित रहूं, मुझे लज्जित न होने देना; क्योंकि मैंने तेरी आशा की है।
राजा तेरे बच्चों के पालक-पिता होंगे; रानियाँ उनको दूध पिलानेवाली धाइयाँ बनेंगी। वे भूमि की ओर सिर झुकाकर तुझे प्रणाम करेंगे, वे तेरे पैरों की धूल चाटेंगे। तब तुझे अनुभव होगा कि निस्सन्देह मैं ही प्रभु हूं; जो लोग मेरी प्रतीक्षा करते हैं, वे निराश नहीं होंगे।
मैं तुम्हें शुद्ध करने के लिए तुम पर शुद्ध जल छिड़कूंगा। तब तुम अपनी समस्त अशुद्धता से शुद्ध हो जाओगे। मैं तुम्हें तुम्हारी सब मूर्तियों से मुक्त करूंगा, और तुम्हें शुद्ध करूंगा।
पतरस के साथ आये हुए यहूदी विश्वासी यह देख कर चकित रह गये कि पवित्र आत्मा का वरदान गैर-यहूदियों पर भी उण्डेला गया;
परमेश्वर यह कहता है : ‘मैं अन्तिम दिनों में सब मनुष्यों पर अपना आत्मा उंडेलूंगा। तुम्हारे पुत्र और पुत्रियाँ नबूवत करेंगे, तुम्हारे नवयुवक दिव्य दर्शन पायेंगे और तुम्हारे बड़े-बूढ़े स्वप्न देखेंगे।
अब वह परमेश्वर के दाहिने हाथ से उन्नत हुए और उन्हें पिता से पवित्र आत्मा प्राप्त हुआ, जिसकी प्रतिज्ञा की गई थी। उन्होंने उसे उंडेल दिया, जैसा कि आप देख और सुन रहे हैं।
आप-सब के नाम, जो रोम नगर में परमेश्वर के प्रिय हैं और संत होने के लिए बुलाये गये हैं। हमारा पिता परमेश्वर और प्रभु येशु मसीह आप को अपनी कृपा और शान्ति प्रदान करें।
हम जानते हैं कि जो लोग परमेश्वर से प्रेम करते हैं और उसके उद्देश्य के अनुसार बुलाये गये हैं, परमेश्वर उनके कल्याण के लिए सभी बातों में उनकी सहायता करता है;
जैसे कि धर्मग्रन्थ में लिखा है, “देखो, मैं सियोन में ठोकर का पत्थर, लोगों को गिराने वाली शिला रख रहा हूँ। परन्तु जो उस पर विश्वास करता है, उसे लज्जित नहीं होना पड़ेगा।”
परमेश्वर ने हम पर अपनी मुहर लगायी और अग्रिम राशि के रूप में हमारे हृदयों को पवित्र आत्मा प्रदान किया है।
जहां तक हम-सब का प्रश्न है, हमारे मुख पर परदा नहीं है और हम-सब दर्पण की तरह प्रभु का तेज प्रतिबिम्बित करते हैं। इस प्रकार हम धीरे-धीरे प्रभु के तेजोमय प्रतिरूप में रूपान्तरित हो जाते हैं और वह रूपान्तरण प्रभु अर्थात् आत्मा का कार्य है।
परमेश्वर ने आदेश दिया था कि “अन्धकार में प्रकाश हो जाये।” उसी ने हमारे हृदय को अपनी ज्योति से आलोकित कर दिया है, जिससे हम परमेश्वर का वह तेज जान जायें, जो येशु मसीह के मुखमण्डल पर चमकता है।
आप लोग संतान ही हैं। इसका प्रमाण यह है कि परमेश्वर ने हमारे हृदय में अपने पुत्र का आत्मा भेजा है, जो पुकार कर यह कहता है, “अब्बा! पिता!”
परन्तु पवित्र आत्मा का फल है : प्रेम, आनन्द, शान्ति, सहनशीलता, दयालुता, हितकामना, ईमानदारी,
आप लोगों ने भी सत्य का वचन, अपनी मुक्ति का शुभ समाचार, सुनने के बाद मसीह में विश्वास किया है और आप पर उस पवित्र आत्मा की मुहर लग गयी, जिसकी प्रतिज्ञा की गयी थी।
परमेश्वर ने विमोचन-दिवस के लिए आप लोगों पर पवित्र आत्मा की मुहर लगायी है। आप परमेश्वर के उस पवित्र आत्मा को दु:ख नहीं दें।
मेरी हार्दिक अभिलाषा और आशा यह है कि मुझे किसी बात पर लज्जित नहीं होना पड़े, वरन् मैं पूर्ण निर्भीकता से बोलूँ, जिससे सदा की भांति अब भी-चाहे मैं जीवित रहूँ या मर जाऊं-मसीह मेरी देह द्वारा महिमान्वित हों।
इसलिए जो इस आदेश का तिरस्कार करता है, वह मनुष्य का नहीं, बल्कि परमेश्वर का तिरस्कार करता है जो आप को अपना पवित्र आत्मा प्रदान करता है।
स्वयं हमारे प्रभु येशु मसीह तथा हमारा पिता परमेश्वर, जिसने हमसे इतना प्रेम किया और हमें चिरस्थायी सान्त्वना तथा उज्ज्वल आशा का वरदान दिया है,
इस कारण मैं यहाँ यह कष्ट सह रहा हूँ, किन्तु मैं इस से लज्जित नहीं हूँ; क्योंकि मैं जानता हूँ कि मैंने किस पर भरोसा रखा है। मुझे निश्चय है कि वह मुझे सौंपी हुई निधि को उस दिन तक सुरक्षित रखने में समर्थ है।