उसने अग्नि में अपने पुत्र की बलि चढ़ाई। वह सगुनियों, भविष्यफल बताने वालों, प्रेत-साधकों और जादू-टोना करने वालों से सम्बन्ध रखता था। उसने प्रभु की दृष्टि में और अधिक दुष्कर्म किये, और प्रभु के क्रोध को भड़काया।
यिर्मयाह 7:6 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) यदि तुम विदेशियों, अनाथों और विधवाओं पर अत्याचार नहीं करोगे, इस स्थान पर निर्दोष मनुष्य की हत्या नहीं करोगे; यदि तुम अन्य देवताओं का अनुसरण नहीं करोगे जिससे तुम्हारा अनिष्ट होता है; पवित्र बाइबल तुम्हें अजनबियों के साथ भी निष्ठावान होना चाहिये। तुम्हें विधवा और अनाथ बच्चों के लिये उचित काम करना चाहिये। निरपराध लोगों को न मारो। अन्य देवताओं का अनुसरण न करो। क्यों क्योंकि वे तुम्हारे जीवन को नष्ट कर देंगे। Hindi Holy Bible परदेशी और अनाथ और विधवा पर अन्धेर न करो; इस स्थान में निर्दोष की हत्या न करो, और दूसरे देवताओं के पीछे न चलो जिस से तुम्हारी हानि होती है, पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) परदेशी और अनाथ और विधवा पर अन्धेर न करो; इस स्थान में निर्दोष की हत्या न करो, और दूसरे देवताओं के पीछे न चलो जिससे तुम्हारी हानि होती है, सरल हिन्दी बाइबल यदि तुम परदेशी, पितृहीन तथा विधवा पर अत्याचार न करोगे, इस स्थान पर निःसहायक का रक्तपात न करोगे और परकीय देवताओं का अनुसरण न करोगे, जो तुम्हारे अपने ही विनाश का कारण है, इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 परदेशी और अनाथ और विधवा पर अंधेर न करो; इस स्थान में निर्दोष की हत्या न करो, और दूसरे देवताओं के पीछे न चलो जिससे तुम्हारी हानि होती है, |
उसने अग्नि में अपने पुत्र की बलि चढ़ाई। वह सगुनियों, भविष्यफल बताने वालों, प्रेत-साधकों और जादू-टोना करने वालों से सम्बन्ध रखता था। उसने प्रभु की दृष्टि में और अधिक दुष्कर्म किये, और प्रभु के क्रोध को भड़काया।
इनके अतिरिक्त मनश्शे ने बड़ी संख्या में निर्दोष लोगों का रक्त बहाया था। उसने यरूशलेम के एक छोर से दूसरे छोर तक निर्दोष रक्त की नदी बहाई थी। प्रभु ने उसको क्षमा नहीं किया था।
उन्होंने निर्दोष रक्त बहाया, अपने ही पुत्र-पुत्रियों का रक्त, जिन्हें कनान की मूर्तियों पर उन्होंने चढ़ाया; धरती रक्त से अपवित्र हो गई।
दूसरे की भूमि को हड़पने के लिए पुराना सीमा-चिह्न मत हटाना; और न अनाथ बच्चे के खेतों को हड़पना।
उनके पैर बुराई की ओर दौड़ते हैं, वे निर्दोष व्यक्ति का रक्त बहाने को भागकर जाते हैं। उनके विचार अधर्म के विचार हैं, उनकी योजनाएं केवल हिंसा और विनाश के लिए हैं।
यह दुष्कर्मी जाति है। ये मेरी बात सुनने से इन्कार करते हैं, और हठपूर्वक अपने हृदय के अनुसार आचरण करते हैं। ये अन्य कौमों के देवी-देवताओं की सेवा करने के लिए उनके अनुयायी बन गए हैं, और उनकी पूजा करते हैं। अत: यह कौम भी लुंगी के समान किसी काम की नहीं रहेगी।
क्योंकि तुम लोगों ने मुझ-प्रभु की आराधना त्याग कर इस स्थान में अन्य देवी-देवताओं को सुगन्धित धूप-द्रव्य जलाए हैं, और यों मेरे निवास-स्थान को अपवित्र कर दिया है। इन देवी-देवताओं की उपस्थिति का अनुभव न तुम्हें, न तुम्हारे पूर्वजों और न यहूदा प्रदेश के राजाओं को हुआ है। तुम ने निर्दोष बच्चों के खून से इस स्थान को भर दिया है।
‘मैंने व्यर्थ ही तुम्हारे बच्चों को मारा, वे मेरी ताड़ना से सुधरे नहीं; तुमने अपनी तलवार से अपने नबियों को चीर-फाड़ डाला, जैसे गरजता हुआ सिंह अपने शिकार को फाड़ता है!
तेरे आंचल में निर्दोष गरीबों का रक्त लगा है। यद्यपि तूने उन्हें सेंध लगाते हुए नहीं पकड़ा था। इन सब अपराधों के होते हुए भी
पर यह अच्छी तरह समझ लो कि अगर तुम मुझे प्राण-दण्ड दोगे, तो तुम निर्दोष मनुष्य की हत्या करने के कारण दोषी ठहरोगे, और मेरी हत्या का दोष तुम पर, इस नगर पर और नगर-निवासियों के मत्थे पड़ेगा। क्योंकि यह सच है कि प्रभु ने मुझे तुम्हें यह वचन सुनाने के लिए भेजा है।’
वे ऊरीयाह को मिस्र देश से पकड़ कर लाए, और उसको राजा यहोयाकीम के सामने पेश किया। राजा यहोयाकीम ने अपनी तलवार से उसका सिर धड़ से अलग कर दिया, और शव को जन-साधारण के कब्रिस्तान में फेंक दिया।
मैंने बार-बार तुम्हारे पास अपने सेवक नबियों को भेजा, और उनके माध्यम से मैंने तुमसे कहा, “प्रत्येक व्यक्ति अपने बुरे आचरण को छोड़ दे, अपने व्यवहार को सुधारे, अन्य जाति के देवताओं का अनुसरण न करे, उनकी पूजा न करे। तब तुम इस देश में निश्चिन्त निवास करोगे, जो मैंने तुम्हारे पूर्वजों को, और तुम्हें दिया है।” लेकिन तुमने मेरी बातों पर ध्यान नहीं दिया, एक कान से सुन कर दूसरे कान से निकाल दिया।
वे मोटे हो गए हैं, उनके शरीर पर चर्बी चढ़ गई है। उनके लिए दुष्कर्म करने की कोई सीमा नहीं है वे निष्पक्ष होकर न्याय नहीं करते। वे अनाथों के न्याय की उपेक्षा कर अपना उल्लू सीधा करते हैं। वे गरीबों के हक की रक्षा नहीं करते।
‘यदि तुम सचमुच अपना आचरण सुधारोगे, अपना व्यवहार ठीक करोगे, एक-दूसरे के साथ न्यायपूर्ण व्यवहार करोगे;
तुम चोरी करते हो, हत्या करते हो, व्यभिचार करते हो, झूठी शपथ खाते हो, बअल देवता की मूर्ति के सामने लोबान जलाते हो; अनजान देवताओं का अनुसरण करते हो।
परन्तु यह यरूशलेम के नबियों के पापों के कारण; उसके पुरोहितों के दुष्कर्मों के कारण संभव हुआ; क्योंकि नबियों और पुरोहितों ने धार्मिकों का रक्त नगर में बहाया था।
वह पहाड़ी शिखर की वेदी के सम्मुख बलि-पशु का मांस नहीं खाता। वह इस्राएल के कुल द्वारा अपनायी गयी देव-मूर्तियों की ओर सहायता के लिए आंखें नहीं उठाता। वह अपने पड़ोसी की पत्नी के साथ व्यभिचार नहीं करता। वह ऋतुमति स्त्री के साथ सम्भोग नहीं करता।
तेरे निवासी अपने माता-पिता का आदर नहीं करते। तुझ में अस्थायी रूप से प्रवास करनेवाले विदेशियों पर अत्याचार होता है। अनाथ बच्चों और विधवाओं को न्याय नहीं मिलता है।
‘यदि कोई प्रवासी तुम्हारे साथ तुम्हारे देश में निवास करता है तो तुम उस पर अत्याचार मत करना।
तुम एक दूसरे पर अन्धेर मत करना; वरन् अपने परमेश्वर से डरना; क्योंकि मैं प्रभु, तुम्हारा परमेश्वर हूँ।
स्वर्गिक सेनाओं का प्रभु यों कहता है, ‘तब मैं अदालत में तुम्हारे सम्मुख उपस्थित होऊंगा। मैं इन सब लोगों के विरुद्ध तुरन्त साक्षी दूंगा: झाड़-फूंक करनेवाले ओझा, व्यभिचारी, झूठी शपथ खानेवाले, मजदूर की मजदूरी दबानेवाले, विधवाओं और अनाथों पर अत्याचार करनेवाले, प्रवासी के अधिकारों को छीननेवाले और मुझसे न डरनेवाले।
“मैंने निर्दोष रक्त का सौदा कर पाप किया है।” उन्होंने उत्तर दिया, “हमें इस से क्या! तुम जानो।”
किन्तु यदि तुम अपने प्रभु परमेश्वर की आज्ञाओं को नहीं सुनोगे, और उस मार्ग से भटक जाओगे, जिस पर चलने का आदेश आज मैं तुम्हें दे रहा हूँ, और उन देवताओं का अनुसरण करोगे, जिन्हें तुम नहीं जानते हो, तो तुम्हें परमेश्वर श्राप देगा!
‘तू प्रवासी अथवा पितृहीन व्यक्ति के मुकदमों में न्याय को भ्रष्ट मत करना। ऋण के बदले में विधवा के वस्त्र गिरवी में मत रखना।
“प्रवासी, पितृहीन और विधवा के न्याय को भ्रष्ट करने वाला व्यक्ति शापित है।” सब लोग प्रत्युत्तर में कहेंगे, “ऐसा ही हो!”
पर यदि तू अपने प्रभु परमेश्वर को भूल जाएगा, और दूसरे देवताओं का अनुसरण करेगा, उनकी पूजा और वन्दना करेगा, तो मैं आज तुझे गम्भीर चेतावनी देता हूँ कि तू निश्चय ही नष्ट हो जाएगा।
पिता परमेश्वर की दृष्टि में शुद्ध और निर्मल धर्म यह है : विपत्ति में पड़े हुए अनाथों और विधवाओं की सहायता करना और अपने को संसार के दूषण से बचाये रखना।